एयर इंडिया ने अपने बेड़े के आधुनिकीकरण और संचालन क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक व्यापक अपग्रेडेशन कार्यक्रम शुरू किया है। कंपनी ने घोषणा की है कि उसके बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमानों का अपग्रेड 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 3,340 करोड़ रुपये) की लागत से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विमानों को आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत और अधिक भरोसेमंद बनाना है। इसके साथ ही एयर इंडिया अपने पुराने एयरबस A320neo नैरो-बॉडी जेट विमानों के आधुनिकीकरण पर भी कार्य कर रही है।
ड्रीमलाइनर विमानों का आधुनिकीकरण
कार्यक्रम के तहत 26 ड्रीमलाइनर विमानों में से 7 विमानों की हैवी सर्विसिंग की जाएगी, जिससे लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के समय पर संचालन और सुरक्षा में सुधार होगा। नए बदलावों से पुराने विमान भी आधुनिक विमानों के बराबर सुविधाजनक बन जाएंगे, जिससे यात्रियों को बेहतर आराम और क्रू को अधिक भरोसेमंद संचालन की सुविधा मिलेगी।
कंपनी के अनुसार, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के लिए चल रहे ‘रिलायबिलिटी इनहांसमेंट प्रोग्राम‘ में एवियोनिक्स को अपडेट किया जा रहा है और आवश्यक पुर्जों को बदला जा रहा है, ताकि विमान नवीनतम नियामक मानकों का पालन कर सके।
इसके अंतर्गत 7 विमानों को भारी, निर्धारित मेंटेनेंस (डी-चेक) के लिए विक्टरविल भेजा जाएगा। यह प्रक्रिया विमानों की दीर्घकालिक संचालन क्षमता को बढ़ाएगी।
ड्रीमलाइनर रेट्रोफिट कार्य 2027 के मध्य तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिसके बाद इन विमानों में बिजनेस, प्रीमियम इकोनॉमी और इकोनॉमी तीनों क्लास की सीटिंग उपलब्ध होगी।
अन्य विमानों का रेट्रोफिट
एयर इंडिया अपने 13 लेगेसी बोइंग 777-300ईआर विमानों का रेट्रोफिट कार्य भी 2027 से शुरू करेगी, जिसे अक्टूबर 2028 तक पूरा करने की योजना है। हालांकि, सप्लाई चेन में देरी के कारण इस प्रोजेक्ट की समय-सीमा आगे बढ़ाई गई है। इसी के साथ 27 लेगेसी ए320 नियो विमानों का अपग्रेड कार्य भी जारी है, जिसमें से 16 विमानों का रेट्रोफिट पूरा हो चुका है और शेष कार्य इस वर्ष सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
जून 2025 का हादसा और सख्त जांच प्रक्रिया:
इस वर्ष 12 जून को एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एक फ्लाइट टेक-ऑफ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 242 में से 241 यात्री और क्रू सदस्य मारे गए थे। विमान एयरपोर्ट के बाहर एक इमारत से टकरा गया था, जिससे इमारत में मौजूद कई लोगों की भी जान चली गई थी। इस घटना के बाद एयर इंडिया ने अपने विमानों की जांच और मेंटेनेंस प्रक्रिया को और कड़ा कर दिया था। मामूली तकनीकी समस्या को भी गंभीरता से लिया गया, जिसके चलते कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।

अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं की बहाली
अब कंपनी ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर से उसकी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं पुनः शुरू हो जाएंगी। एयर इंडिया ने 6 अगस्त को बताया था कि हादसे के बाद कम की गई अंतरराष्ट्रीय सेवाओं को अब फिर से पूर्ण रूप से बहाल किया जाएगा।
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के बारे में:
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मध्यम आकार का, ट्विन-इंजन वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग ने विकसित किया है। इसे विशेष रूप से लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और यह पुराने बोइंग 767 मॉडल का प्रतिस्थापन है। अपनी उन्नत तकनीक और ईंधन दक्षता के कारण यह विमान वैश्विक एयरलाइंस की पसंदीदा श्रेणी में आता है।
विशेषताएं
- बेहतर केबिन प्रेशर: केबिन का प्रेशर समुद्र तल से लगभग 1,900 मीटर की ऊंचाई के बराबर रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन का स्तर 8% अधिक रहता है और यात्रियों की थकान कम होती है।
- कम्पोजिट मटेरियल: विमान का लगभग 50% हिस्सा कार्बन फाइबर जैसे कम्पोजिट मटेरियल से बना है, जो इसे हल्का, मजबूत और ईंधन की बचत करने वाला बनाता है।
- बड़े ओवरहेड बिन्स: सामान रखने के लिए पर्याप्त जगह, जहां प्रत्येक यात्री का रोल-अबोर्ड बैग आसानी से फिट हो सकता है।
- LED लाइटिंग: बदलते रंगों वाली LED लाइटिंग सिस्टम, टाइम जोन बदलने से होने वाली जेट लैग की समस्या को कम करने में मदद करती है।
ड्रीमलाइनर 787-8 से जुड़े प्रमुख विवाद:
- लीथियम-आयन बैटरी में आग (2013): जनवरी 2013 में जापान की दो एयरलाइंस के ड्रीमलाइनर विमानों में लीथियम-आयन बैटरी में आग लगी—एक विमान पार्किंग में और दूसरा उड़ान के दौरान। नतीजतन, FAA ने तीन महीने के लिए सभी ड्रीमलाइनर उड़ानों पर रोक लगा दी। बाद में बोइंग ने बैटरी सिस्टम और इंसुलेशन में सुधार किया।
- बॉडी जॉइंट्स में निर्माण दोष (2020–2022): विमान के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने में गैप और झुकाव की खामियां पाई गईं। कार्बन-फाइबर सेक्शन भी सही से फिट नहीं थे। इसके चलते बोइंग ने डिलीवरी रोक दी और FAA ने निगरानी बढ़ाई। बोइंग ने निर्माण खामियों को स्वीकार किया।
- बॉडी जॉइंट तकनीक पर विवाद (2024): बोइंग इंजीनियर सैम सालेह ने दावा किया कि जोड़ों की नई तकनीक के कारण उड़ान के दौरान विमान टूट सकता है। बोइंग ने तकनीकी बदलाव स्वीकार किए लेकिन सुरक्षा पर असर से इनकार किया और विमान को सुरक्षित बताया।
- इंजन और तकनीकी खामियां: जनरल इलेक्ट्रिक GEnx और रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 इंजनों में बार-बार खराबी, इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल्योर, फ्यूल लीकेज, और विंडशील्ड में दरार जैसी समस्याएं आईं। 2024 में जापान में हाइड्रोलिक ऑयल लीक की वजह से एक विमान रनवे पर रोकना पड़ा। इन समस्याओं के कारण कई विमानों को अस्थायी रूप से ग्राउंड किया गया और उड़ानें रद्द हुईं।
- अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट हादसा: एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जाने वाली ड्रीमलाइनर 787-8 फ्लाइट टेक-ऑफ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान एयरपोर्ट के बाहर एक इमारत से टकरा गया, जिससे 242 में से 241 यात्री और क्रू सदस्य मारे गए। इमारत में मौजूद कई लोगों की भी जान गई। यह हादसा ड्रीमलाइनर इतिहास की सबसे घातक घटनाओं में से एक माना जाता है।