पाकिस्तान के हालिया हवाई हमलों में अफगानिस्तान के तीन घरेलू क्रिकेटरों की मौत हो गई है, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। ये हमले कंधार के स्पिन बोल्डक ज़िले के रिहायशी इलाकों पर किए गए, मंगलवार से अब तक हुए हमलों में 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। टोलो न्यूज़ के मुताबिक, मारे गए लोगों में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं।
पीड़ितों को स्पिन बोल्डक जिले के केंद्रीय कब्रिस्तान में दफनाया गया, जहां सैकड़ों स्थानीय लोग नम आँखों से उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस दुखद घटना के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने पाकिस्तान में होने वाली ट्राई टी-20 सीरीज से हटने का ऐलान किया है।

ACB ने कहा,
ACB ने बताया कि इस दर्दनाक घटना में उरगुन जिले के तीन खिलाड़ी “कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून” सहित आठ अफगान नागरिक मारे गए और सात लोग घायल हो गए। ये खिलाड़ी पक्तिका प्रांत की राजधानी शाराना में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेलने गए थे। मैच के बाद जब वे उरगुन लौटे और एक सभा में शामिल थे, तभी उन पर हमला किया गया।

हवाई हमलों में नागरिक घरों को बनाया निशाना:
स्थानीय अफगान अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान के हवाई हमलों में सीधे नागरिक घरों को निशाना बनाया गया। स्पिन बोल्डक के जन स्वास्थ्य प्रमुख करीमुल्लाह ज़ुबैर आगा ने टोलो न्यूज़ को बताया कि इन हमलों में बड़ी संख्या में आम लोग मारे गए हैं। मंगलवार से अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है और 170 से ज़्यादा लोग घायल हैं। इन हमलों के कारण अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है, जिसकी हर तरफ निंदा और चिंता की जा रही है।
हवाई हमलों के साथ-साथ, सीमा पार से तोपखाने की गोलाबारी भी की गई, जिससे नोकली, हाजी हसन केले, वर्दक, कुचियन, शोराबक और शहीद जैसे इलाकों में नागरिक क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुँचा है। कई घर और संपत्तियाँ तबाह हो गई हैं।
जीवित बचे लोगों ने क्या आरोप लगाया?
प्रत्यक्षदर्शियों और जीवित बचे लोगों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर आम लोगों और उनके घरों को निशाना बनाया।
- बचे हुए लोगों में से एक, हाजी बहराम ने कहा: मैंने ऐसा अत्याचार पहले कभी नहीं देखा। जो देश खुद को मुस्लिम कहता है, उसने हमारी महिलाओं, बच्चों और घरों पर बम गिराए। ऐसे मामलों को बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए, न कि हिंसा से।
- एक अन्य जीवित बचे अब्दुल ज़हीर ने कहा: उन्होंने मुस्लिम महिलाओं और बच्चों पर बेरहमी से बमबारी की। पाकिस्तान ने यह काम पूरी ढिठाई से किया।
- हमले में घायल नूरघाली ने बताया: यहां कोई सैनिक नहीं था सिर्फ आम लोग और एक स्थानीय बाजार था। फिर भी हम पर हमला किया गया।
अफ़ग़ानिस्तान ने किया त्रिकोणीय टी-20 श्रृंखला से हटने का फैसला:
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच होने वाली आगामी त्रिकोणीय टी-20 श्रृंखला से हटने का फैसला किया है। यह कदम इस दर्दनाक घटना के बाद उठाया गया, जिसमें पाकिस्तान के कथित हवाई हमले में अफगानिस्तान के तीन घरेलू क्रिकेटरों की मौत हो गई।
ACB ने कहा कि यह अफगानिस्तान के खेल समुदाय, उसके खिलाड़ियों और क्रिकेट परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है। बोर्ड ने अपने बयान में कहा, “इस दुखद घटना के बाद और पीड़ितों के प्रति सम्मान जताते हुए, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने 5 से 29 नवंबर तक लाहौर और रावलपिंडी में होने वाली त्रिकोणीय टी-20 सीरीज़ में भाग न लेने का फैसला किया है।” इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका की टीमें हिस्सा लेने वाली थीं।
अफगानिस्तान क्रिकेट के कप्तान राशिद खान ने X पर लिखा,
अफगानिस्तान पर हुए पाकिस्तानी हवाई हमलों से गहरा दुख हुआ है। इन हमलों में महिलाओं, बच्चों और उन युवा क्रिकेटरों की जान गई, जो अपने देश का नाम दुनिया में रोशन करने का सपना देख रहे थे। यह बहुत दुखद है।
राशिद ने आगे लिखा, “नागरिक इलाकों और बुनियादी ढांचों को निशाना बनाना पूरी तरह से गलत और अमानवीय है। ऐसे अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी हमले मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।”

अन्य अफगान क्रिकेटरों की प्रतिक्रिया:
अफगान क्रिकेटरों ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर फजलहक फारूकी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “इन अपराधियों ने निर्दोष नागरिकों और हमारे घरेलू खिलाड़ियों को मारना एक भयानक और गलत काम है।” वहीं अन्य खिलाड़ी मोहम्मद नबी ने कहा कि “यह घटना सिर्फ पक्तिका के लिए नहीं, बल्कि पूरे अफगान क्रिकेट परिवार और पूरे देश के लिए एक बड़ी दुखद घटना है।”
आइये जानते है तीनों क्रिकेटरों के बारे में:
- कबीर: कबीर, जिन्हें कबीर आगा के नाम से भी जाना जाता था, पक्तिका के उरगुन जिले के एक उभरते हुए प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे। उन्होंने स्थानीय क्लबों का प्रतिनिधित्व किया और एसीबी की दक्षिणी क्रिकेट समिति द्वारा आयोजित युवा टूर्नामेंटों में भी हिस्सा लिया। अपने आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए प्रसिद्ध कबीर को ज़िला लीग में लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण 2026 में अफगानिस्तान अंडर-23 प्रांतीय शिविर में चुने जाने की उम्मीद थी।
- सिबगतुल्लाह: सिबगतुल्लाह पक्तिका के एक तेज़ गेंदबाज़ थे, जो उरगुन वॉरियर्स क्लब के लिए खेलते थे। वे अपनी तेज़ इनस्विंग के लिए जाने जाते थे और पिछले साल पक्तिका प्रीमियर लीग में कप्तानी के दावेदार थे। कोचों के अनुसार, वे अनुशासित खिलाड़ी थे और जूनियर गेंदबाज़ों को प्रशिक्षित करने का जुनून रखते थे।
- हारून: हारून एक होनहार ऑलराउंडर थे, जिन्होंने स्थानीय टी-20 और टेप-बॉल लीग में खेलकर अपनी पहचान बनाई। वे दाएं हाथ के बल्लेबाज और ऑफ-स्पिनर थे। हारून हाल ही में प्रांतीय विकास शिविर में शामिल हुए थे और उन्हें उरगुन जिले के सबसे बहुमुखी युवा खिलाड़ियों में से एक माना जाता था। वह क्रिकेट के साथ-साथ एक स्थानीय कॉलेज में भी पढ़ाई कर रहे थे।
युद्धविराम समझौते का उल्लंघन:
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे का सीजफायर शुक्रवार शाम 6 बजे खत्म हुआ था। दोनों देशों ने इसे बढ़ाने पर सहमति जताई थी, लेकिन कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान ने पक्तिका प्रांत में हवाई हमला कर दिया, जिसमे कई नागरिक मारे गए और घायल हुए।
ये हमले ऐसे समय पर हुए हैं जब दोनों देश दोहा में चल रही शांति वार्ता के खत्म होने तक इस नाजुक युद्धविराम को बढ़ाने पर सहमत हुए थे। इस वार्ता का उद्देश्य सीमा पर लगातार हो रही झड़पों और बढ़ते तनाव को कम करना था। बताया जा रहा है कि अफगान और पाकिस्तानी प्रतिनिधियों के बीच नई बातचीत शनिवार को होने वाली थी, लेकिन अब काबुल ने पाकिस्तान पर सीमा क्षेत्र में शांति प्रयासों को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा विवाद में 2025 में बढ़ी तनातनी: हवाई हमले, ड्रोन स्ट्राइक और शांति प्रयासों में विफलता
पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे विवाद में 2025 में तीव्र बढ़ोतरी हुई है। दोनों देशों के बीच प्रमुख सीमा संघर्ष, हवाई और ड्रोन हमले हुए हैं और समझौते आधारित शांति प्रयास विफल रहे हैं। विवाद का मूल कारण 1893 की डुरंड लाइन है, जिसे अफ़ग़ान सरकार मान्यता नहीं देती।
अक्टूबर 2025 की बढ़ी तनातनी:
- सीमा संघर्ष: पाकिस्तान ने काबुल में एक हवाई हमले को अंजाम दिया, जिसमें उसने दावा किया कि यह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के नेता नूर वली मेहसूद को निशाना बना रहा था। इसके जवाब में अफ़ग़ान तालिबान बलों ने स्पिन बोल्दक जैसे जिलों में सीमा पर हमला किया, जिससे दोनों पक्षों में दर्जनों लोगों की मौत हुई।
- शांति समझौते में विफलता: क़तर और सऊदी अरब की मध्यस्थता में 48 घंटे की शांति स्थापित हुई थी, लेकिन पाकिस्तान द्वारा पक्तिका प्रांत में अतिरिक्त स्ट्राइक के बाद यह तोड़ दी गई। इस हमले में कम से कम 10 लोग मारे गए और अफ़ग़ान सरकार ने प्रतिशोध की चेतावनी दी।
- राजनयिक प्रभाव: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 17 अक्टूबर 2025 को कहा कि अब पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान के साथ अपने पुराने रिश्ते नहीं निभा सकता और अफ़ग़ान नागरिकों के देश लौटने की मांग दोहराई।
संघर्ष के मुख्य कारण:
- विवादित सीमा (डुरंड लाइन): डुरंड लाइन के वैधता पर लंबे समय से असहमति बनी हुई है, जो पास्तून जातीय समूह को विभाजित करती है।

- सशस्त्र समूहों के ठिकाने: पाकिस्तान का आरोप है कि अफ़ग़ान तालिबान TTP और बलूच अलगाववादी समूहों को आश्रय देते हैं, जो पाकिस्तान में हमले करते हैं। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद TTP का हिंसक अभियान बढ़ा है।
- अफ़ग़ान शरणार्थियों की प्रत्यावृत्ति: 2023 के अंत से पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर अवैध अफ़ग़ान नागरिकों को जबरन देश लौटाया। 2025 में यह नीति पंजीकृत शरणार्थियों तक बढ़ा, जिसे UN ने आलोचना की।
- क्षेत्रीय सुरक्षा दबाव: भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच बढ़ती सहयोग ने भी पाकिस्तान की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाया है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और जटिल हो गए हैं।
निष्कर्ष:
इस दुखद घटना ने पूरे अफगानिस्तान में शोक और आक्रोश फैलाया है। निर्दोष लोगों की मौत ने सुरक्षा की गंभीर स्थिति उजागर की है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान में होने वाली ट्राई टी-20 सीरीज से हटकर अपने विरोध और दुख को व्यक्त किया है।