चीन में सेना के 7 अफसर बर्खास्त:देश के नंबर दो जनरल समेत 7 सैन्य अफसरों को किया बर्खास्त, भ्रष्टाचार के कारण कार्रवाई हुई

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और सेना में बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई के तहत राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नौ वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें देश के दूसरे सबसे वरिष्ठ जनरल भी शामिल हैं। यह कदम शी जिनपिंग के व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का हिस्सा है।

 

आधिकारिक बयान के अनुसार, इन अधिकारियों को “गंभीर पार्टी अनुशासन उल्लंघन” और “अत्यधिक बड़ी राशि से जुड़े गंभीर पद संबंधी अपराधों” के आरोप में निष्कासित किया गया है। अब इन सभी के खिलाफ सैन्य अभियोजन की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

 

निष्कासित अधिकारियों में प्रमुख नाम जनरल हे वेइदोंग (He Weidong) का है, जो केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के उपाध्यक्ष हैं। इनके अलावा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की नेवी, रॉकेट फोर्स, और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस सूची में शामिल हैं।

 

यह कदम राष्ट्रपति शी जिनपिंग के उस अभियान को और आगे बढ़ाता है, जिसके तहत वे पिछले एक दशक से पार्टी, सेना और प्रशासनिक ढांचे में भ्रष्टाचार उन्मूलन और निष्ठा सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

7 army officers dismissed in China

रक्षा मंत्रालय ने की नौ शीर्ष सैन्य अधिकारियों की जांच और सजा की पुष्टि:

 

चीन में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत सेना में की गई बड़ी कार्रवाई का आधिकारिक रूप से खुलासा करते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि नौ वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की जांच कर उन्हें दंडित किया गया है।

मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शियाओगांग ने एक नियमित मीडिया ब्रीफिंग में बताया, “जांच के बाद यह पाया गया है कि इन नौ व्यक्तियों ने पार्टी अनुशासन का गंभीर उल्लंघन किया और कथित रूप से गंभीर कर्तव्य-संबंधी अपराध किए। इसमें शामिल राशियाँ विशेष रूप से बहुत बड़ी हैं, अपराधों की प्रकृति बेहद गंभीर है, और प्रभाव अत्यंत नकारात्मक है।”

इन अधिकारियों को न केवल कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित किया गया है, बल्कि अब उनके खिलाफ सैन्य अभियोजन भी शुरू किया जाएगा। इस कार्रवाई में शामिल प्रमुख नामों में केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के उपाध्यक्ष जनरल हे वेइदोंग भी हैं, जिन्हें चीन का दूसरा सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी माना जाता है।

 

नौ लोगों पर की गई कार्रवाई:

 

वेइदोंग के अतिरिक्त, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें मियाओ हुआ, सीएमसी के पूर्व सदस्य जो सेना के राजनीतिक, विचारधारा और कार्मिक कार्यों के प्रभारी हैं; हे होंगजुन, मियाओ के डिप्टी और पूर्व कार्यकारी; और वांग शियुबिन, सीएमसी संयुक्त संचालन कमान केंद्र के पूर्व कार्यकारी उप निदेशक।

पूर्वी थिएटर कमान के पूर्व कमांडर लिन जियांगयांग; सेना के पूर्व राजनीतिक कमिश्नर किन शुतोंग; नौसेना के पूर्व राजनीतिक कमिश्नर युआन हुआझी; रॉकेट फोर्स के पूर्व कमांडर वांग हूबिन। पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के पूर्व कमांडर वांग चुनिंग की भी जांच की जा रही है।

 

हे वेइडोंग: शी जिनपिंग के विश्वासपात्र जनरल

 

जनरल हे वेइडोंग, जो हाल तक केंद्रीय सैन्य आयोग (Central Military Commission – CMC) के उपाध्यक्ष थे, को शी जिनपिंग का करीबी सहयोगी माना जाता है। दोनों ने 1990 के दशक में फुजियान और झेजियांग प्रांतों में साथ काम किया था, जब शी जिनपिंग वहां प्रांतीय प्रशासन में पदस्थ थे।

शी के नेतृत्व में हे वेइडोंग का करियर तेजी से बढ़ा और 2022 में उन्हें सीधे CMC के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया, एक ऐसा पद जो आमतौर पर उच्च सैन्य सेवा के लंबे अनुभव के बाद दिया जाता है।

 

जनरल मियाओ हुआ: शी जिनपिंग की पसंद:

 

जनरल मियाओ हुआ चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के सदस्य और पॉलिटिकल वर्क डिपार्टमेंट के निदेशक थे। उन्हें नवंबर 2024 से भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच के दायरे में रखा गया है।

मियाओ PLA में कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा और राजनीतिक कार्यों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे- यानी सेना में पार्टी की निष्ठा और विचारधारा सुनिश्चित करने की अहम जिम्मेदारी उन्हीं पर थी। मियाओ को राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने व्यक्तिगत रूप से चुना था, और उनका करियर शी के सत्ता में आने के बाद तेजी से आगे बढ़ा था।

 

शी जिनपिंग का “क्लीनिंग हाउस” मिशन:

 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का चल रहा “क्लीनिंग हाउस” मिशन (Cleaning House Mission) उनके व्यापक और निरंतर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान तथा राजनीतिक शुद्धिकरण (Political Purge) का हिस्सा है, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) दोनों पर केंद्रित है।

 

अभियान के मुख्य उद्देश्य:

 

  • भ्रष्टाचार पर अंकुश: शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार को पार्टी के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है।
  • सत्ता का केंद्रीकरण: राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और असंतुष्ट अधिकारियों को हटाकर पार्टी नेतृत्व में अपनी पकड़ मजबूत करना।
  • निष्ठा सुनिश्चित करना: सुनिश्चित करना कि सभी अधिकारी, विशेषकर सेना में, “पार्टी और शी जिनपिंग के प्रति पूरी तरह वफादार और भरोसेमंद” हों।

 

अभियान की प्रमुख विशेषताएँ और हालिया घटनाक्रम:

 

  • व्यापक दायरा: यह अभियान उच्च पदस्थ नेताओं से लेकर निम्न स्तर के नौकरशाहों तक को निशाना बना रहा है।
  • सेना पर विशेष फोकस: PLA इस अभियान का मुख्य केंद्र रही है, विशेषकर उस समय जब भ्रष्टाचार के कारण सैन्य क्षमता और आधुनिकीकरण पर सवाल उठे- जैसे ईंधन के बजाय पानी से भरे मिसाइलों की रिपोर्टें सामने आईं।
  • नियंत्रण की प्रणाली: इस अभियान का मुख्य संचालन सेंट्रल कमीशन फॉर डिसिप्लिन इंस्पेक्शन (CCDI) द्वारा किया जाता है- जो पार्टी की शक्तिशाली अनुशासन-निगरानी इकाई है, और गुप्त जांच प्रक्रियाओं के लिए जानी जाती है।

हालांकि इसे आधिकारिक तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान बताया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसका एक प्रमुख उद्देश्य शी जिनपिंग की राजनीतिक पकड़ को मजबूत करना और पार्टी तथा सेना में पूर्ण अनुशासन और आज्ञाकारिता का वातावरण तैयार करना है।

 

भ्रष्टाचार पर चीन की सर्जिकल स्ट्राइक: नेवी चीफ, न्यूक्लियर डिप्टी चीफ और रक्षा मंत्री तक पर कार्रवाई:

 

चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान लगातार तेज होता जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक कई शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जिनमें नेवी के चीफ ऑफ स्टाफ और नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन के डिप्टी चीफ इंजीनियर भी शामिल हैं।

 

नेवी और न्यूक्लियर सेक्टर के वरिष्ठ अधिकारी बर्खास्त:

 

भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते चीन ने नेवी के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल ली हानजुन और चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन (CNNC) के डिप्टी चीफ इंजीनियर लियू शिपेंग को उनके पदों से हटा दिया। यह कार्रवाई शी जिनपिंग की 2023 में शुरू की गई “मिलिट्री एंटी-करप्शन ड्राइव” का हिस्सा है।

चीन की चिंता यह रही है कि भ्रष्टाचार के कारण सेना की कार्यक्षमता और युद्धक क्षमता कमजोर हो रही है, इसलिए इस पर सख्ती जरूरी है।

 

2024 में रक्षा मंत्री भी जांच के घेरे में रहे थे:

 

2024 में चीन के तत्कालीन रक्षा मंत्री डोंग जुन का नाम भी इसी भ्रष्टाचार जांच में सामने आया था, जिसके बाद उनके खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की गई। इससे पहले दो पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू और वेई फेंगहे को भी पद से हटा दिया गया था। इन कार्रवाइयों से स्पष्ट है कि शी जिनपिंग सेना के शीर्ष स्तर तक फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने और निष्ठा सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ हैं।

 

शी जिनपिंग का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान अब सत्ता केंद्रीकरण का जरिया:

 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान अब केवल भ्रष्टाचार पर कार्रवाई तक सीमित नहीं रह गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान राइवल पावर सेंटर्स” यानी संभावित प्रतिद्वंद्वियों को कमजोर करने और सत्ता केंद्रीकरण को सुनिश्चित करने की रणनीतिक कवायद बन चुका है।

विशेषज्ञों के अनुसार, शी जिनपिंग का उद्देश्य है कि 2030 तक पार्टी और नीतिगत ढांचे पर पूर्ण नियंत्रण कायम रहे। इस रणनीति के तहत वे किसी भी तरह की चुनौती या असहमति को प्रारंभिक स्तर पर ही समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

 

केवल चार सदस्य बचे सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) में:

 

CMC (Central Military Commission) चीन की सर्वोच्च सैन्य संस्था है, जिसके अध्यक्ष खुद शी जिनपिंग हैं। 2022 में CMC के सात सदस्य चुने गए थे, लेकिन हालिया कार्रवाईयों के बाद अब केवल चार सदस्य बचे हैं – शी जिनपिंग, झांग यौक्सिया, लियू झेनली और झांग शेंगमिन। विश्लेषकों के अनुसार, यह चीन के इतिहास में सेना के शीर्ष स्तर पर सबसे बड़ा फेरबदल है, जिसने PLA में भय, असमंजस और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।

 

आगामी फोर्थ प्लेनम मीटिंग पर सियासी नजरें

बीजिंग में जल्द होने वाली फोर्थ प्लेनम मीटिंग (Fourth Plenum) इस समय राजनीतिक हलकों में तनाव का केंद्र बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में और भी बर्खास्तगियों और वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियों की घोषणा की जा सकती है। शी जिनपिंग अपने विश्वस्त अधिकारियों को शीर्ष पदों पर लाने की तैयारी में हैं, जिसका असर रक्षा नीति, वैश्विक कूटनीति और आंतरिक सत्ता संतुलन पर सीधे दिखाई देगा।

 

चीन का सैन्य बजट बढ़ा, भारत से तीन गुना अधिक खर्च और अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा:

चीन लगातार अपनी सेना का आधुनिकीकरण और विस्तार कर रहा है। इस वर्ष चीन ने अपने सालाना रक्षा बजट में 7.2% की वृद्धि की है, जो अब 249 अरब डॉलर (1.78 ट्रिलियन युआन) तक पहुँच गया है।

 

कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  • चीन का यह बजट भारत के 79 अरब डॉलर के सैन्य बजट के मुकाबले लगभग तीन गुना अधिक है।
  • विशेषज्ञों का अनुमान है कि चीन का वास्तविक सैन्य खर्च उसकी आधिकारिक रिपोर्ट से 40-50% ज्यादा हो सकता है, क्योंकि चीन विभिन्न सेक्टरों के तहत अपने खर्च को विभाजित करके कम दिखाता है।
  • वैश्विक तुलना में, चीन अमेरिका के बाद सैन्य खर्च में दूसरा स्थान रखता है। अमेरिका का रक्षा बजट लगभग 950 अरब डॉलर है, जो चीन के बजट से चार गुना अधिक है।

निष्कर्ष:

नौ वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की बर्खास्तगी केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे शी जिनपिंग द्वारा सत्ता के और अधिक केंद्रीकरण के रूप में भी देखा जा सकता है। यह संकेत देता है कि पार्टी में नियंत्रण पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गया है और अब निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से शीर्ष नेतृत्व के अधीन नजर आती है।

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