1971 में भारत के सहयोग से पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद बांग्लादेश ने एक लंबा सफर तय किया है—राजनीतिक अस्थिरता से लेकर आर्थिक प्रगति तक। एक समय यह देश शेख हसीना के नेतृत्व में तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में देखा गया, लेकिन 2024 के बाद राजनीतिक संक्रमण और अंतरिम सरकार के दौर ने भारत से संबंधों में खटास के साथ-साथ आर्थिक चुनौतियों को भी जन्म दिया है।
इस लेख में हम बांग्लादेश के भूगोल, इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और कृषि से जुड़ी प्रमुख जानकारियों का समावेश करेंगे।
- भूगोल एवं भौगोलिक स्थिति
- स्थान: दक्षिण एशिया में स्थित, गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना डेल्टा पर बसा एक नदीमुख देश।
- क्षेत्रफल: 1,48,460 वर्ग किमी।
- अक्षांश-देशांतर: 23.6850°N, 90.3563°E
- सीमाएं:
- ज़मीनी सीमाएँ: भारत और म्यांमार से घिरा।
- समुद्री सीमाएँ: बंगाल की खाड़ी से जुड़ा।
- जलवायु: उष्णकटिबंधीय मानसूनी, बाढ़ और चक्रवात जैसी आपदाएं आम।
- राजधानी: ढाका
- जनसंख्या: 17.15 करोड़ (2023)
- आधिकारिक भाषा: बांग्ला
- मुद्रा: बांग्लादेशी टका
- औसत आयु: 73.70 वर्ष (2022)

- इतिहास: बांग्लादेश एक समय पर भारत का ही हिस्सा हुआ करता था तब इसे बंगाल कहा जाता था और इसका इतिहास मुस्लिम शासन से शुरू होता है जब 1204 में बंगाल पर मुस्लिमों का अधिकार हुआ।
- 14वीं सदी में सोनारगांव, सतगांव और लखनौती जैसे नगर-राज्यों का उदय हुआ, जिन्हें 1352 में शम्सुद्दीन इलियास शाह ने मिलाकर बंगाल सल्तनत बनाई।
- बाद में मुग़ल साम्राज्य और फिर 18वीं सदी में नवाबों का शासन रहा।
- 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल पर कब्जा किया।
- 1947 में भारत विभाजन के बाद यह पूर्वी पाकिस्तान बना
- 1971 में भारत के सहयोग से पश्चिम पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध कर स्वतंत्र बांग्लादेश बना।
- 1973 में पहले चुनाव में अवामी लीग ने जीत हासिल की, लेकिन 1975 में शेख मुजीब की हत्या से सैन्य शासन शुरू हुआ।
- 1979 में ज़ियाउर रहमान की पार्टी सत्ता में आई, लेकिन 1981 में उनकी हत्या हुई। 1982 में जनरल इर्शाद ने तख्तापलट किया।
- 1991 में देश ने फिर से लोकतंत्र अपनाया। 2006-08 में राजनीतिक संकट और 2014-17 के बीच उग्रवादियों द्वारा धर्मनिरपेक्ष लोगों पर हमले हुए।
- 2017 के बाद बांग्लादेश ने रोहिंग्या संकट, धार्मिक हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का सामना किया
- 2024 की “जुलाई क्रांति” के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा दिया और मोहम्मद यूनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी। इसके बाद व्यापक सुधारों की शुरुआत हुई, अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा और 2025 में “ऑपरेशन डेविल हंट” व एक घातक विमान दुर्घटना ने देश को फिर से विरोध प्रदर्शनों के दौर में पहुँचा दिया।
- प्रकृति और जैव विविधता: बांग्लादेश जैव विविधता से भरपूर एक देश है, जो इंडो-हिमालयन और इंडो-चाइनीज उपक्षेत्र के संगम पर स्थित है। यहाँ गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा और विविध पारिस्थितिक तंत्रों में हजारों प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें लगभग 1952 अकशेरुकी, 653 मछलियाँ, 690 पक्षी और 6000 से अधिक पौधों की प्रजातियाँ शामिल हैं।
- सुंदरबन के जंगलों में बंगाल टाइगर और विश्व का सबसे बड़ा खारे पानी का मगरमच्छ पाया जाता है।
- देश की उष्णकटिबंधीय जलवायु और दलदली भूमि इसे विविध वनस्पति और जीव-जंतुओं के लिए आदर्श बनाती है।
- लोग और संस्कृति: बांग्लादेश की संस्कृति विविध और समृद्ध है, जो उसकी वास्तुकला, नृत्य, साहित्य, संगीत, चित्रकला और पहनावे में स्पष्ट रूप से झलकती है। हिन्दू, बौद्ध और इस्लाम धर्मों का इस संस्कृति पर गहरा प्रभाव रहा है। यहाँ का साहित्य हजार साल पुराना है और मध्यकाल में चंडी दास, दौलत काज़ी और आलाओल जैसे कवियों ने इसे समृद्ध किया।
- संगीत को शास्त्रीय, आधुनिक और लोकगीतों में बाँटा गया है; उस्ताद अयेत अली खान और उस्ताद अलाउद्दीन जैसे कलाकार विश्व प्रसिद्ध हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में लोकनृत्य और जनगीत जैसे शारी और जारी बहुत लोकप्रिय हैं।
पारंपरिक वस्त्रों में महिलाएं साड़ी और पुरुष धार्मिक अवसरों पर धोती पहनते हैं, हालांकि आजकल पुरुष प्रायः शर्ट और पैंट पहनते हैं।
- अर्थव्यवस्था: बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था ने पिछले दशकों में कृषि आधारित समाज से एक तेज़ी से बढ़ती औद्योगिक और सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलाव किया है। दक्षिण एशिया की दूसरी सबसे बड़ी और एशिया-पैसिफिक की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ, बांग्लादेश विश्व में तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसका औसत GDP वृद्धि दर लगभग 7% है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी इसने सकारात्मक वृद्धि दर बनाए रखी।
- बांग्लादेश की वर्तमान अर्थव्यवस्था धीमी हुई है, जहाँ मुद्रास्फीति, ट्रेड बाधाएं, ऊर्जा संकट, बेरोजगारी और वित्तीय अस्थिरता जैसी चुनौतियाँ प्रमुख हैं।
- कृषि: बांग्लादेश में कृषि सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र है, जो 2022-23 में देश की जीडीपी का लगभग 12% योगदान देती है और लगभग 43% श्रमिक इससे जुड़े हैं।
- प्रमुख फसलें: चावल और जूट हैं, जबकि मक्का, सब्जियाँ और चाय की खेती भी तेजी से बढ़ रही है
- बांग्लादेश दुनिया का नौवां सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है।
निष्कर्ष:
बांग्लादेश एक ऐसा देश है जिसने राजनीतिक उथल-पुथल, प्राकृतिक आपदाओं और आंतरिक संघर्षों के बावजूद उल्लेखनीय प्रगति की है। यह देश न केवल आर्थिक रूप से उभर रहा है, बल्कि सांस्कृतिक और जैविक विविधता में भी समृद्ध है।
हालांकि वर्तमान समय में यह राजनीतिक संक्रमण, भारत के साथ बदलते संबंधों और आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है, फिर भी इसकी जनता की जीवटता, समाजिक जागरूकता और सुधार की दिशा में किए गए प्रयास इसे एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करते हैं।