अमेरिका ने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसके सहयोगी संगठनों को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर कड़ा संदेश दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम है और इसके जरिए आतंकी गतिविधियों के समर्थन को रोका जा सकेगा। 2019 में वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल BLA हाल ही में क्वेटा–पेशावर ट्रेन को हाईजैक करने और दर्जनों यात्रियों व सैनिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार रही है।
अमेरिका ने यह फैसला संशोधित आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के तहत लिया है. इस घोषणा के बाद बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की अमेरिका में सभी संपत्ति जब्त हो जाएंगी और अमेरिकी नागरिकों तथा संस्थाओं को इनके साथ किसी भी तरह का लेनदेन करने से मना किया जाएगा.
बलूचिस्तान के बारे:
बलूचिस्तान पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के बीच विभाजित एक भौगोलिक क्षेत्र है। इसका सबसे बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में स्थित है, जहाँ यह देश का सबसे बड़ा प्रांत है। पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित यह प्रांत पश्चिम में ईरान, उत्तर-पश्चिम में अफगानिस्तान और दक्षिण-पूर्व में सिंध प्रांत से सीमा साझा करता है। दक्षिण में अरब सागर के किनारे इसकी लंबी तटरेखा है।

बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा है, जिसकी आबादी लगभग 15 लाख है और यह पाकिस्तान का दसवां सबसे बड़ा शहर है।
बलूच लिबरेशन आर्मी क्या है?
BLA एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन है, जो बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग करता है। इसका गठन 2000 के दशक की शुरुआत में हुआ, जिसका उद्देश्य बलूच लोगों के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक अधिकार और अंततः एक स्वतंत्र बलूचिस्तान की स्थापना था।
BLA पर आरोप है कि यह राजनीतिक हाशिए पर डालने, आर्थिक शोषण और सैन्य दमन के खिलाफ हिंसक गतिविधियों में संलिप्त है। पाकिस्तान और पश्चिमी देशों द्वारा इसे पहले ही आतंकवादी संगठन माना जाता रहा है; अब अमेरिका ने भी इसे आधिकारिक रूप से विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है।
BLA का गठन और नेतृत्व:
- 2000 के दशक की शुरुआत में वरिष्ठ बलूच राष्ट्रवादी नेता बलाच मर्री (नवाब खैर बख्श मर्री के पुत्र) के नेतृत्व में गठन।
- 2006 में प्रमुख नेता नवाब अकबर बुगती की हत्या के बाद विद्रोह तेज हुआ।
- 2007 में बलाच मर्री की भी हत्या कर दी गई, जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने BLA पर प्रतिबंध लगा दिया।
- हाल के वर्षों में BLA ने खुद को बलूचिस्तान की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध संगठन के रूप में स्थापित किया है।
बलूचिस्तान का स्वतंत्रता इतिहास:
बलूचिस्तान, भारत और पाकिस्तान से पहले स्वतंत्र हुआ था। भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने से चार दिन पूर्व, बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र देश घोषित किया गया था। वहीं, 1947 में पाकिस्तान को एक अलग राष्ट्र के रूप में स्थापित किया गया। लेकिन पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना वही वकील थे, जिन्होंने बलूचिस्तान के शासक खान मीर अहमद यार खान (जिन्हें खान ऑफ कलात) के नाम से भी जाना जाता है,की ओर से ब्रिटिश शासन के सामने केस लड़ा था। हालाँकि, बलूचिस्तान केवल 227 दिनों तक ही स्वतंत्र राष्ट्र रह सका। यह ऐतिहासिक सत्य दशकों तक दबा रहा
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा, लेकिन सबसे उपेक्षित प्रदेश
पाकिस्तान का 44% भूभाग समेटे बलूचिस्तान न सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों, तेल, सोना, तांबा और खनिज से भरा पड़ा है, बल्कि अपनी अलग संस्कृति और पहचान के कारण बाकी पाकिस्तान से भी अलग है।
सदियों से यहां बसने वाली बलूच जनजाति इसे अपनी मातृभूमि मानती है, जो ईरान के सिस्तान प्रदेश के लोगों से गहरे सांस्कृतिक रिश्ते रखती है।
भारत पर ब्रिटिश शासन के समय यह इलाका ईरान और वर्तमान पाकिस्तान के बीच बंट गया था, लेकिन आज भी इसकी पहचान और संघर्ष, दोनों, पाकिस्तान के लिए चुनौती बने हुए हैं।
अलगाववादी आंदोलन का इतिहास:
1948 में बलूचिस्तान को पाकिस्तान में मिलाए जाने के बाद से कई बार विद्रोह हुआ। यह प्रांत खनिज संपदा से समृद्ध है, जिसमें कोयला, सोना, तांबा और गैस शामिल हैं, फिर भी यह पाकिस्तान का सबसे गरीब क्षेत्र है।
- ग्वादर पोर्ट, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का अहम हिस्सा है, इसी प्रांत में स्थित है।
- बलूच लोगों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने प्रांत के संसाधनों का दोहन किया और स्थानीय विकास की उपेक्षा की।
BLA के हालिया हमले: पिछले कुछ वर्षों में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने कई बड़े और घातक आतंकी हमलों को अंजाम दिया है, जिससे पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र की कमजोरियां उजागर हुईं।
- 2024: BLA ने कराची हवाई अड्डे और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स के पास आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली, जिसने क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर चुनौती दी।
- 2025: BLA ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण किया, जिसमें 31 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए, और 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया गया। यह घटना आतंक के साथ-साथ सुरक्षा ढांचे की कमजोरी का भी प्रतीक बनी।
BLA को आतंकवादी संगठन घोषित करने का पाकिस्तान के लिए महत्व:
अमेरिका द्वारा बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) और मजीद ब्रिगेड को आतंकवादी संगठन घोषित करने का निर्णय पाकिस्तान के लिए एक कूटनीतिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घोषणा के माध्यम से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वयं को आतंकवाद का शिकार देश के रूप में प्रस्तुत करेगा।
- पाकिस्तान इस कदम को अपने पक्ष में उपयोग करते हुए यह साबित करने की कोशिश करेगा कि वह न तो अपराधी है और न ही किसी भी प्रकार से आतंकवाद को समर्थन देता है।
- साथ ही, यह कदम पाकिस्तानी सेना को इन संगठनों के विरुद्ध कार्रवाई करने में अतिरिक्त आधार प्रदान करेगा। हालांकि, अब तक पाकिस्तान को अपने आतंकवाद-रोधी अभियानों में उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल पाई है, लेकिन यह घोषणा उसके लिए रणनीतिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकती है।
अमेरिका को बलूचिस्तान में फायदा:
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिका के दौरे के दौरान अमेरिकी नेतृत्व को बलूचिस्तान में मौजूद दुर्लभ खनिज, सोना और अन्य मूल्यवान संसाधनों के दोहन का अवसर प्रस्तुत किया। इसके चलते अमेरिका ने BLA को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया।
इस निर्णय से अमेरिका को कई फायदे हो सकते हैं:
- रणनीतिक बढ़त: क्षेत्र में सुरक्षा और राजनीतिक रूप से अमेरिका का प्रभाव बढ़ सकता है।
- संसाधनों तक पहुंच: बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों में निवेश और उनका लाभ उठाने का रास्ता खुल सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय छवि: अमेरिका खुद को आतंकवाद विरोधी वैश्विक मोर्चे पर सक्रिय देश के रूप में प्रस्तुत कर सकता है।
साथ ही, चीन भी पाकिस्तान की मदद से बलूचिस्तान में सक्रिय है, और अमेरिका इस घोषणा के माध्यम से चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने का अवसर पा सकता है।
निष्कर्ष
बलूचिस्तान का ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व, इसकी प्राकृतिक संपदा और बलूच जनजाति की अलग संस्कृति इसे पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अहम बनाती है। अमेरिका द्वारा BLA को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करना न केवल पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक लाभ का अवसर है, बल्कि अमेरिका को क्षेत्र में रणनीतिक और आर्थिक फायदे भी प्रदान करता है। हालांकि, बलूचिस्तान में असंतोष और अलगाववादी आंदोलन अब भी जारी हैं, जो पाकिस्तान और क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चुनौती बने हुए हैं।
