एनसीईआरटी (NCERT) ने कक्षा 3 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए ऑपरेशन सिंदूर पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया है। इसमें न केवल इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी गई है, बल्कि यह भी समझाया गया है कि यह भारत की सुरक्षा, शांति और राष्ट्रीय सम्मान के लिए कितना महत्वपूर्ण था। मॉड्यूल में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान की सेना और राजनीतिक नेतृत्व के निर्देश पर हुआ था। साथ ही यह भी रेखांकित किया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि शहीदों के सम्मान और शांति की रक्षा का संकल्प था।
NCERT का नया शैक्षणिक मॉड्यूल: ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमला
एनसीईआरटी ने कक्षा 3 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े विशेष मॉड्यूल तैयार किए हैं।
- कक्षा 3 से 8: “ऑपरेशन सिंदूर – वीरता की गाथा” जिसमें साहस, सहानुभूति और मिशन के मानवीय पहलुओं पर जोर दिया गया है।
- कक्षा 9 से 12: “ऑपरेशन सिंदूर – सम्मान और वीरता का मिशन” जिसमें रणनीतिक उद्देश्यों, तकनीकी प्रगति और भारत की सैन्य शक्ति पर गहन जानकारी दी गई है।
इसके अलावा, मॉड्यूल में अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का भी उल्लेख है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इसमें बताया गया है कि आतंकियों का मकसद धार्मिक तनाव और भय का वातावरण बनाना था, लेकिन इस बार स्थानीय लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाकर शांति का समर्थन किया।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली पर्यटक भी शामिल था। एनसीईआरटी मॉड्यूल और आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार यह हमला पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के आदेश पर हुआ था। इसके बाद भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
ऑपरेशन सिंदूर की खास बातें:
- नामकरण का भाव: इस ऑपरेशन का नाम “सिंदूर” रखा गया ताकि शहीद सैनिकों की पत्नियों के त्याग और पीड़ा को सम्मान दिया जा सके।
- जवाबी कार्रवाई: भारत ने पाकिस्तान और PoJK (पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर) में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और एयर स्ट्राइक की।
- 7 टारगेट भारतीय सेना ने नष्ट किए।
- 2 टारगेट (मुरीदके व बहावलपुर) एयरफोर्स ने तबाह किए।
- आतंकी संगठन निशाने पर: जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविर ध्वस्त किए गए।
- सटीक और सीमित समय की कार्रवाई: पूरा ऑपरेशन सिर्फ 22 मिनट चला और इसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए, लेकिन किसी भी आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा।
- 9 ठिकाने तबाह: बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, कोटली और मुजफ्फराबाद समेत कई इलाकों में आतंकी ठिकाने खत्म कर दिए गए।
- 24 मिसाइल हमले: पाकिस्तानी सेना ने खुद माना कि भारत ने इस ऑपरेशन में 24 सटीक हमले किए।
- बालाकोट के बाद दूसरी बड़ी कार्रवाई: यह 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में भारत की दूसरी बड़ी जवाबी कार्रवाई थी।
- अंतरराष्ट्रीय संदेश: भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों को तुरंत इस कार्रवाई की जानकारी दी।
- सुरक्षा इंतज़ाम: जम्मू संभाग के पाँच जिलों (जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ) में एहतियातन स्कूल-कॉलेज बंद रखे गए।
- संयुक्त सैन्य शक्ति का प्रदर्शन: थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर यह संयुक्त ऑपरेशन अंजाम दिया।

पाकिस्तान की नाकाम कोशिश:
भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और एयरबेस अटैक की कोशिश की, लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम (S-400, आकाश, MRSAM) ने सब विफल कर दिया।
भारतीय सेना की ताकत: इस ऑपरेशन में राफेल, सुखोई-30MKI, मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमान इस्तेमाल हुए। ISRO के 10 सैटेलाइट्स से रियल-टाइम जानकारी मिली।
‘मेक इन इंडिया’ तकनीक की मिसाल भी दिखी –
- ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलें
- स्मार्ट आर्टिलरी सिस्टम
- भारतीय ड्रोन (Hawk, Scout, Eagle)
नागरिक सुरक्षा तैयारियां: ऑपरेशन के दौरान पूरे देश में “ऑपरेशन अभ्यास” के तहत ब्लैकआउट और ड्रिल कराई गईं, ताकि नागरिक आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार रहें।
पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने: 59 सांसदों का विदेश दौरा-
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हकीकत और भारत की रणनीति दुनिया के सामने रखने के लिए 59 सांसदों को 33 देशों में भेजा था। ये सांसद 7 सर्वदलीय डेलिगेशन का हिस्सा थे।
इनका मकसद पाकिस्तान के आतंकी कार्यों को दुनिया के सामने रखना था जैसे-
पहला, भारत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है और ऑपरेशन सिंदूर केवल आतंकी गुटों व उनके ढांचों को निशाना बनाने के लिए किया गया था।
दूसरा, पाकिस्तान आतंक का समर्थक है और पहलगाम हमले में पाक समर्थित आतंकी संगठन TRF की भूमिका के सबूत सांसद दुनिया को दिखाएंगे।
तीसरा, भारत ने कार्रवाई के दौरान भी जिम्मेदारी और संयम का परिचय दिया और यह सुनिश्चित किया कि किसी निर्दोष पाकिस्तानी नागरिक को नुकसान न पहुंचे।
चौथा, सांसद अन्य देशों से अपील करेंगे कि आतंकवाद को सिर्फ भारत-पाक विवाद न मानकर इसे वैश्विक खतरे के रूप में देखें और इसके खिलाफ एकजुट होकर सहयोग करें।
पांचवां, सांसद यह भी बताएंगे कि पाकिस्तान को लेकर भारत का दृष्टिकोण बदल चुका है। अब भारत उदासीन रहने के बजाय प्रो-एक्टिव रवैया अपनाएगा और सीमा पार से पैदा होने वाले खतरों को पहले ही निष्क्रिय करेगा। इस तरह यह विदेश दौरा भारत की रणनीति और आतंकवाद के खिलाफ उसके अडिग संकल्प का स्पष्ट संदेश देगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का बयान:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने बयान जारी करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई और दंड की आवश्यकता पर जोर दिया। एनसीईआरटी के इस मॉड्यूल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्द भी शामिल किए गए हैं, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि यह शांति की रक्षा और शहीदों के सम्मान का संकल्प है।
