मनीषा हत्याकांड: न्याय की मांग तेज, साजिश के आरोपों पर बवाल

भिवानी जिले के सिंघानी गांव की 19 वर्षीय महिला शिक्षक मनीषा की मौत का मामला लगातार नए मोड़ ले रहा है। लापता होने से लेकर शव बरामद होने और अंतिम संस्कार तक हर चरण पर विवाद गहराता गया है। अब जांच में नए मोड़ सामने आ रहे हैं, जिनसे पूरे घटनाक्रम पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल सुसाइड नोट को  लेकर हो रहा है, जिसमे कहा जा रहा है की अगर 13 अगस्त को शव मिलने के समय ही यदि सुसाइड नोट बरामद हुआ था, तो उसे पांच दिन तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? पुलिस ने 18 अगस्त को मामले को हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या करार दिया, जिससे रहस्य और गहरा हो गया है और परिजनों समेत ग्रामीणों के शक और बढ़ गए हैं।

 

भिवानी व रोहतक PGI की रिपोर्ट: मनीषा की मौत जहर से

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि मनीषा की मृत्यु जहर (कीटनाशक) के सेवन से हुई है। भिवानी और रोहतक पीजीआई में हुए पोस्टमॉर्टम में यह पुष्टि की गई है कि मौत जहर से हुई है तथा दुष्कर्म की आशंका से पूरी तरह इंकार किया गया है।

 

मनीषा केस की अब तक की टाइमलाइन:

  • 11 अगस्त 2025: मनीषा लापता हो गई।
  • 13 अगस्त 2025: मनीषा का शव खेतों में मिला।
  • 13–17 अगस्त 2025: शव पोस्टमॉर्टम के लिए भिवानी और बाद में रोहतक PGI भेजा गया। परिवार और ग्रामीणों ने हत्या की आशंका जताई, जिसके चलते विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
  • 18 अगस्त 2025: पुलिस ने अचानक बयान दिया कि यह हत्या नहीं बल्कि सुसाइड है। इसी दिन सुसाइड नोट भी सामने आया, जिस पर कई सवाल उठे कि यह पहले क्यों नहीं बताया गया।
  • 18–19 अगस्त 2025: सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट की फोटो कॉपी वायरल हुई, लेकिन ओरिजिनल नोट पर अब भी संदेह बना रहा।
  • 19 अगस्त 2025: प्रशासन ने देर रात दावा किया कि परिजन सुसाइड की थ्योरी पर राज़ी हैं और अंतिम संस्कार के लिए मान गए। इसके बाद देर रात अंतिम संस्कार किया गया।
  • 20 अगस्त 2025: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि मनीषा की मौत ज़हर (कीटनाशक) से हुई है और दुष्कर्म नहीं हुआ।
  • 20 अगस्त 2025 से आगे: पूरे हरियाणा में प्रदर्शन तेज़ हो गए, लोगों ने पुलिस की जांच और सुसाइड थ्योरी पर सवाल उठाए।

 

इंटरनेट बंद और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी:

मनीषा प्रकरण को लेकर बिगड़ते हालात के बीच प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं निलंबित करने का आदेश जारी किया। आदेश में स्पष्ट किया गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर पर गलत सूचना और अफवाहें फैलने से हिंसा भड़क सकती है, जिससे जन-जीवन और संपत्ति को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसी आशंका के चलते इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई।

हत्या की साज़िश के आरोप और बढ़ते प्रदर्शन:

मनीषा प्रकरण को लेकर अब हत्या की साज़िश का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों और संगठनों का गुस्सा और भड़क उठा है। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ आत्महत्या का मामला नहीं बल्कि सोची-समझी साज़िश के तहत की गई हत्या है।

गांव और आसपास के क्षेत्रों में जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। महिलाएं और युवा सड़कों पर उतर आए हैं और जगह-जगह रास्तों को जाम कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की जा रही है।

लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह मामले को आत्महत्या बताकर दबाने की कोशिश कर रहा है, जबकि परिस्थितियां साफ तौर पर हत्या की ओर इशारा करती हैं

 

विपक्ष ने उठाए सवाल, सीबीआई जांच की मांग तेज

मनीषा प्रकरण को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार कानून-व्यवस्था संभालने में पूरी तरह विफल रही है और मामले की निष्पक्ष व पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए।

डॉक्टरों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि मनीषा की मौत जहर के सेवन से हुई, जबकि पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसकी हैंडराइटिंग मैच होने की बात कही जा रही है। रिपोर्ट में यह भी दर्ज किया गया कि शव को जंगली जानवरों ने नुकसान पहुंचाया। रिपोर्ट सामने आने के बाद सोमवार देर रात कमेटी ने शव लेकर अंतिम संस्कार का निर्णय लिया था।

इसी बीच, मामले की सीबीआई जांच की मांग जोर पकड़ रही है। पंचायत और ग्रामीणों ने भिवानी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मनीषा के परिवार को तत्काल न्याय मिलना चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि बिना इंसाफ मिले शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा

 

CM नायब सैनी का बड़ा ऐलान:

भिवानी की बेटी मनीषा प्रकरण पर लगातार बढ़ते आक्रोश के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) के माध्यम से बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले में पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं और मनीषा व उसके परिवार को हर हाल में न्याय दिलाया जाएगा।

सीएम सैनी ने लिखा कि वह स्वयं इस केस की रिपोर्ट लगातार ले रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि परिवार की मांग पर केस की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी, ताकि किसी भी तरह का संदेह न रहे और पूरा न्याय सुनिश्चित हो सके।

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