भारत में ChatGPT की चार गुना तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के बीच OpenAI ने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने भारत में अपनी स्थानीय यूनिट रजिस्टर कर ली है और इस साल के अंत तक नई दिल्ली में पहला ऑफिस खोलने की योजना बनाई है।
OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा कि भारत के पास विश्वस्तरीय टेक टैलेंट, मजबूत डेवलपर इकोसिस्टम और सरकार का सहयोग है, जो उसे वैश्विक AI लीडर बना सकता है। उन्होंने कहा “भारत में पहला दफ्तर खोलना और स्थानीय टीम बनाना, हमारे इस संकल्प की शुरुआत है कि हम भारत के लिए और भारत के साथ मिलकर उन्नत AI को सुलभ बनाएंगे।”
भारत बना ChatGPT का दूसरा सबसे बड़ा और तेजी से बढ़ता बाज़ार:
OpenAI के अनुसार, भारत दुनिया भर में ChatGPT का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला बाज़ार बनकर सामने आया है। पिछले एक साल में भारत में साप्ताहिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या चार गुना बढ़ गई है। भारत OpenAI प्लेटफ़ॉर्म पर वैश्विक स्तर पर शीर्ष पाँच डेवलपर मार्केट्स में शामिल है। इतना ही नहीं, दुनिया में सबसे अधिक छात्र आबादी भी ChatGPT का इस्तेमाल भारत से ही करती है।
भारत में मजबूत होगी OpenAI की मौजूदगी:
भारत में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने के लिए OpenAI ने एक आधिकारिक भारतीय इकाई (India Unit) स्थापित की है और स्थानीय टीम की भर्ती भी शुरू कर दी है। यह टीम सरकार, व्यवसायों, डेवलपर्स और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगी। वहीं, नई दिल्ली में अपने पहले कार्यालय की जगह को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया भी जारी है।
भारत एआई क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तैयार: अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में अपनी मौजूदगी स्थापित करने का ओपनएआई का निर्णय डिजिटल नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अपनाने में देश की बढ़ती नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, एआई टैलेंट और एंटरप्राइज-स्तरीय समाधान में मजबूत निवेश के चलते भारत एआई आधारित अगले बड़े परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए विशेष रूप से सक्षम है।
वैष्णव ने यह भी बताया कि इंडिया एआई मिशन के तहत भारत समावेशी एआई के लिए एक मज़बूत इकोसिस्टम बना रहा है। उन्होंने कहा, “हम ओपनएआई की साझेदारी का स्वागत करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई के लाभ देश के हर नागरिक तक पहुंचें।”
एआई में भारत की संभावनाएं:
दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर नियम, उपयोग और संभावित जोखिमों पर चर्चा तेज़ है। ऐसे माहौल में OpenAI की भारत में एंट्री को गेमचेंजर माना जा रहा है। भारत की युवा आबादी, तकनीकी दक्षता, स्टार्टअप कल्चर और सरकारी सहयोग मिलकर एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं, जहां एआई आर्थिक और सामाजिक बदलावों का बड़ा माध्यम बन सकता है।
भारत में पहले से ही कई स्टार्टअप्स ChatGPT और GPT API का इस्तेमाल कर प्रोडक्ट्स बना रहे हैं और उन्हें स्केल कर रहे हैं। OpenAI की लोकल टीम के जुड़ने से न सिर्फ़ तकनीकी सपोर्ट बेहतर होगा बल्कि नवाचार और प्रयोगों की गति भी और तेज़ होने की संभावना है।

भारत को कैसे मिलेगा फायदा?
- रोज़गार के अवसर: OpenAI की हायरिंग से एआई और टेक सेक्टर के युवाओं को ग्लोबल कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा।
- ग्लोबल एक्सपोज़र: भारतीय डेवलपर्स को लोकल टीम और इंटरनेशनल नेटवर्क से जुड़कर वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिभा साबित करने का अवसर मिलेगा।
- स्टार्टअप्स को सहयोग: एआई-आधारित प्रोडक्ट्स बनाने वाले स्टार्टअप्स को अब OpenAI से सीधा तकनीकी मार्गदर्शन और संसाधन मिल सकेंगे।
- शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट: OpenAI के टूल्स शिक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाकर छात्रों को वैश्विक एआई मानकों के अनुरूप तैयार कर सकते हैं।
- गवर्नेंस में सुधार: कृषि, स्वास्थ्य, रोजगार और सरकारी सेवाओं में तकनीक के जरिए अधिक स्मार्ट और कुशल समाधान संभव होंगे।
ओपनएआई (OpenAI) के बारे में:
ओपनएआई (OpenAI) एक प्रमुख कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान प्रयोगशाला है, जिसकी स्थापना दिसंबर 2015 में सैम ऑल्टमैन, ग्रेग ब्रॉकमैन, इल्या सुत्सकेवर, जॉन शुलमैन और वोज्शिएक ज़रेम्बा जैसे प्रख्यात तकनीकी दूरदर्शियों ने की थी। इसका उद्देश्य कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (AGI) को इस तरह विकसित करना है कि उसका लाभ पूरी मानवता को समान रूप से मिल सके।
संगठन अपने अनुसंधान में सुरक्षा, निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्राथमिकता देता है और मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, रीइन्फोर्समेंट लर्निंग जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक शोध करता है। ओपनएआई की सबसे चर्चित उपलब्धियों में जीपीटी (Generative Pre-trained Transformer) श्रृंखला जैसे भाषा मॉडल शामिल हैं, जिन्होंने प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और संवादात्मक एआई को नई दिशा दी है।
ओपनएआई सहयोग और पारदर्शिता के सिद्धांतों पर काम करता है। यह अपने शोध और खोजों को वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के साथ साझा करता है ताकि एआई तकनीक में सामूहिक प्रगति हो सके। साथ ही, संगठन यह भी सुनिश्चित करता है कि एआई या एजीआई का उपयोग किसी भी प्रकार से मानवता को नुकसान पहुँचाने या शक्ति के अनुचित केंद्रीकरण के लिए न किया जाए।
निष्कर्ष:
इस घोषणा से साफ़ है कि भारत वैश्विक AI क्रांति का एक अहम केंद्र बन रहा है। ओपनएआई का पहला भारतीय दफ़्तर नई दिल्ली में खुलना न सिर्फ़ भारत के बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम की पहचान है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश विश्व स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और नवाचार का बड़ा बाज़ार बन चुका है। इससे भारत में रोजगार, रिसर्च, स्टार्टअप्स और तकनीकी साझेदारियों के नए अवसर खुलेंगे और देश की स्थिति “AI पावरहाउस” के रूप में और मज़बूत होगी।