ग्लोबल ट्रैवल टेक फर्म ओयो (OYO) अपने लंबे समय से लंबित प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) की ओर बड़ा कदम बढ़ाने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी नवंबर में अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल करने की तैयारी में है।
7-8 अरब डॉलर वैल्यूएशन का टारगेट–
इस IPO के जरिए ओयो का मूल्यांकन 7 से 8 बिलियन डॉलर के बीच आंका जा रहा है। बताया जा रहा है कि कंपनी आने वाले हफ्ते में इस प्रस्ताव को अपने बोर्ड के सामने रखेगी।
पिछले कुछ हफ्तों में इस पर गहन चर्चा हुई है और अब अनुमान लगाया जा रहा है कि कंपनी का मूल्यांकन EBITDA का 25 से 30 गुना तक हो सकता है। बोर्ड की मंजूरी के बाद जब यह दस्तावेज नियामकों के पास दाखिल होगा, तो इसमें ओयो की पहली तिमाही की वित्तीय स्थिति को भी शामिल किया जाएगा, जिसे कंपनी अपनी मजबूत बुनियाद और निरंतर विकास की रफ्तार का प्रतिबिंब मान रही है।
पहले भी रहे प्रयास, 2021 और 2023 में डॉक्युमेंट्स वापस लिए गए”
ओयो द्वारा आईपीओ लाने की कोशिश नई नहीं है। कंपनी ने पहली बार साल 2021 में सेबी के पास 8,430 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए डीआरएचपी दाखिल किया था। हालांकि, कोविड-19 के प्रभाव और अनुकूल परिस्थितियां न होने के कारण यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई और कंपनी को अपने डॉक्युमेंट्स वापस लेने पड़े। इसके बाद 2023 में भी ओयो ने आईपीओ लाने का प्रयास किया, लेकिन उस बार भी कंपनी को दस्तावेज़ वापस लेने पड़े।
DRHP क्या है?
DRHP (Draft Red Herring Prospectus) एक प्रारंभिक दस्तावेज़ होता है जिसे कोई कंपनी IPO (Initial Public Offering) शुरू करने से पहले नियामक संस्था, जैसे कि SEBI (Securities and Exchange Board of India) के पास दाखिल करती है।
इस दस्तावेज़ में संभावित निवेशकों को कंपनी के व्यवसाय, वित्तीय स्थिति, जोखिम और जुटाई जाने वाली पूंजी के उपयोग की योजना जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है। इसे “Red Herring” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें लाल अक्षरों में एक डिस्क्लेमर होता है, जो बताता है कि यह सिर्फ प्रारूप है और इसमें बदलाव किए जा सकते हैं।
आइए जान लेते है, IPO के बारे में-
Initial Public Offering (IPO) वह प्रक्रिया है जिसमें कोई निजी कंपनी पहली बार अपने शेयर सार्वजनिक रूप से पेश करती है। IPO का मुख्य उद्देश्य कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज पर सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनी बनाना होता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से कंपनी निवेशकों से पूंजी जुटाती है, जबकि आम जनता को शेयरधारक बनने का अवसर मिलता है।
भारत में IPO कैसे सूचीबद्ध होता है?
- नियामक फाइलिंग: कंपनी को IPO शुरू करने से पहले SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के पास एक ऑफर डॉक्यूमेंट जमा करना होता है।
- ऑफर डॉक्यूमेंट में शामिल जानकारी:
- कंपनी और उसके प्रमोटर्स का विवरण
- वित्तीय इतिहास और व्यापारिक उद्देश्य
- पूंजी जुटाने का कारण और IPO संरचना
- SEBI की मंजूरी: ऑफर डॉक्यूमेंट की समीक्षा के बाद SEBI IPO सूचीबद्ध प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति देती है।
IPO पात्रता और मूल्य निर्धारण
SEBI नियमों के अनुसार पात्रता:
- पिछले 3 वर्षों में कम से कम ₹3 करोड़ की मूर्त संपत्ति
- हर वर्ष कम से कम ₹1 करोड़ का नेट वर्थ पिछले 3 वर्षों में
- पिछले 5 वर्षों में कम से कम 3 वर्षों में ₹15 करोड़ औसत प्री-टैक्स मुनाफा

IPO की कीमत कैसे तय होती है:
IPO का मूल्य कंपनी और उसके मर्चेंट बैंकिंग पार्टनर मिलकर तय करते हैं, जिसमें कंपनी की संपत्ति, मुनाफा और भविष्य की वृद्धि संभावनाओं को ध्यान में रखा जाता है। SEBI IPO की कीमत निर्धारित नहीं करता।
ओयों (OYO) के बारे में-
OYO Hotels & Homes एक भारतीय बहुराष्ट्रीय तकनीकी और आतिथ्य प्लेटफ़ॉर्म कंपनी है, जिसकी स्थापना 2012 में रितेश अग्रवाल ने की थी। यह कंपनी यात्रियों को किफायती और ब्रांडेड आवास विकल्पों से जोड़ती है, साथ ही छोटे होटल और घर मालिकों को सशक्त बनाती है। OYO एक दो-तरफ़ा तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म संचालित करती है, जो मालिकों को उनके बिखरे हुए संपत्तियों को डिजिटल रूप से सक्षम स्टोरफ्रंट में बदलने में मदद करता है और ग्राहकों को विश्व स्तर पर गुणवत्तापूर्ण, बजट-फ्रेंडली लॉजिंग विकल्प प्रदान करता है।