टाटा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी टाटा कैपिटल अपना IPO लाने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 2 अरब डॉलर (17,200 करोड़ रुपये) का यह इश्यू 22 सितंबर से शुरू होने वाले हफ्ते में लॉन्च होगा। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 30 सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंज में होने की संभावना है।

2025 का सबसे बड़ा IPO बनने की संभावना
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि, टाटा कैपिटल अपने आईपीओ के जरिए 17,200 करोड़ रुपये जुटा सकती है, जो साल 2025 का सबसे बड़ा आईपीओ बनने वाला है। इस इश्यू में कंपनी 21 करोड़ नए शेयर जारी करेगी, जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 26.58 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे। दोनों को मिलाकर कुल 47.58 करोड़ शेयर बाजार में आएंगे। यह जानकारी कंपनी के अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) पर आधारित है, जिसे 4 अगस्त 2025 को सब्मिट किया गया था।
निवेशकों से मिल रहा जबरदस्त रिस्पॉन्स:
IPO से पहले कंपनी ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए हांगकांग, सिंगापुर, लंदन, न्यूयॉर्क और भारत के प्रमुख शहरों में रोडशो आयोजित किए। इन रोडशो में बड़ी संख्या में वैश्विक और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने हिस्सा लिया।
IPO में 47.58 करोड़ शेयरों की बिक्री
टाटा कैपिटल के आगामी IPO में कुल 47.58 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे। इसमें 21 करोड़ इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और 26.58 करोड़ शेयर ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के तहत शामिल होंगे।
टाटा संस और IFC का बड़ा हिस्सा
इस इश्यू में टाटा संस अपनी हिस्सेदारी कम करते हुए 23 करोड़ शेयर OFS के तहत बेचेगी, जबकि इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) लगभग 3.58 करोड़ शेयर ऑफर-फॉर-सेल के जरिए बेचेगा। टाटा कैपिटल आईपीओ से मिले पैसे का इस्तेमाल टियर-1 कैपिटल बढ़ाने और कारोबार के विस्तार के लिए करेगी।
NBFC में शामिल होने के बाद अनिवार्य हुई लिस्टिंग
टाटा कैपिटल को सितंबर 2022 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपर लेयर NBFC की कैटेगरी में रखा था। इस श्रेणी की कंपनियों को तीन साल के भीतर शेयर बाजार में लिस्ट होना अनिवार्य होता है।
- RBI नियमों के तहत सितंबर 2025 तक की समयसीमा: RBI के नियमों के मुताबिक, टाटा कैपिटल को सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्टिंग पूरी करनी होगी। यही कारण है कि कंपनी ने अब IPO लाने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है, ताकि तय समय सीमा से पहले लिस्टिंग हो सके।
निवेशकों के लिए बड़ा मौका
फ्रेश इश्यू से जुटाई गई पूंजी कंपनी के विस्तार और कारोबारी मजबूती के लिए इस्तेमाल होगी, जबकि OFS मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी में कमी का संकेत देता है। इससे नए निवेशकों को कंपनी में हिस्सेदारी लेने का महत्वपूर्ण अवसर मिलेगा।
टाटा ग्रुप की दूसरी बड़ी लिस्टिंग:
टाटा कैपिटल का IPO, टाटा ग्रुप की हालिया दूसरी बड़ी लिस्टिंग होगी। इससे पहले नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies) की ऐतिहासिक लिस्टिंग हुई थी।
- टाटा टेक्नोलॉजीज का ऐतिहासिक पदार्पण: टाटा ग्रुप का पहला IPO लगभग दो दशकों बाद आया था, जब 29 नवंबर 2023 को टाटा टेक्नोलॉजीज शेयर बाजार में लिस्ट हुआ। लिस्टिंग के दिन कंपनी का मार्केट कैप 56,000 करोड़ रुपये तक पहुँच गया था, जिसने निवेशकों का जबरदस्त उत्साह दर्शाया।
जून तिमाही में टाटा कैपिटल का शानदार प्रदर्शन–
कारोबारी साल 2025-26 की जून तिमाही में टाटा कैपिटल का प्रदर्शन जबरदस्त रहा। कंपनी का नेट प्रॉफिट 1,041 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले दोगुने से अधिक है। इसी तरह कंपनी की टोटल इनकम 6,557 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,692 करोड़ रुपये हो गई।
वार्षिक नतीजों में भी मजबूत ग्रोथ: वित्त वर्ष 2024-25 में भी टाटा कैपिटल ने शानदार प्रदर्शन किया। कंपनी का नेट प्रॉफिट 3,327 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,655 करोड़ रुपये पहुँच गया। वहीं कुल राजस्व (Revenue) 18,175 करोड़ रुपये से बढ़कर 28,313 करोड़ रुपये हो गया, जो इसके मजबूत बिज़नेस मॉडल और ग्राहक आधार का संकेत है।
तेजी से बढ़ता ग्राहक आधार और सेवाएँ
2007 में स्थापित टाटा कैपिटल अब तक 70 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवाएँ दे चुकी है। कंपनी इंश्योरेंस और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाओं के अलावा प्राइवेट इक्विटी फंड स्पॉन्सर करती है और वेल्थ मैनेजमेंट सेवाएँ भी प्रदान करती है।
टाटा कैपिटल: टाटा कैपिटल लिमिटेड, टाटा संस की सब्सिडियरी कंपनी है और यह एक प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC – ICC) के रूप में कार्यरत है। कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक से सभी जरूरी लाइसेंस लेने की प्रक्रिया में है और इसे देशभर में एक भरोसेमंद फाइनेंशियल सर्विस प्रदाता माना जाता है।
ग्राहक-केंद्रित और वन-स्टॉप फाइनेंशियल सॉल्यूशंस: टाटा कैपिटल और इसकी सब्सिडियरी कंपनियाँ मिलकर ग्राहकों को भरोसेमंद, ग्राहक-केंद्रित और “वन-स्टॉप” फाइनेंशियल सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती हैं। कंपनी का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं को सरल और सुलभ बनाना है, जिससे विभिन्न सेक्टर्स की ज़रूरतें पूरी हो सकें।
विविधीकृत वित्तीय सेवाएँ:
टाटा कैपिटल, रिटेल, कॉर्पोरेट और इंफ्रास्ट्रक्चर ग्राहकों को डाइवर्सिफाइड फाइनेंशियल सर्विसेज प्रदान करती है। इसके बिज़नेस पोर्टफोलियो में शामिल हैं:
- पर्सनल लोन और होम लोन
- बिज़नेस लोन और व्हीकल फाइनेंस
- वेल्थ मैनेजमेंट और इंवेस्टमेंट एडवाइजरी
- इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन
SME और MSME सेक्टर पर फोकस: टाटा कैपिटल केवल बड़े कॉर्पोरेट्स और रिटेल ग्राहकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह SME और MSME सेक्टर को भी सक्रिय रूप से लोन देती है। इससे छोटे और मध्यम कारोबारों को वित्तीय सहायता मिलती है और वे अपने बिज़नेस को बढ़ा पाते हैं।
आइए जानते है, IPO के बारे में-
IPO (Initial Public Offering) वह प्रक्रिया है, जब कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार अपनी हिस्सेदारी (शेयर) आम जनता को बेचती है और एक पब्लिकली ट्रेडेड कंपनी बन जाती है। IPO से कंपनी को बड़ा पूंजी निवेश (कैपिटल) मिलता है, जिसका इस्तेमाल वह बिज़नेस विस्तार, कर्ज चुकाने या नए प्रोजेक्ट्स पर कर सकती है। IPO के बाद कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाते हैं, जहाँ आम लोग उन्हें खरीद और बेच सकते हैं।
कंपनियाँ IPO क्यों लाती हैं?
- पूंजी जुटाना: IPO के जरिए कंपनी बिना कर्ज लिए बिज़नेस विस्तार, नई रिसर्च या रणनीतिक परियोजनाओं के लिए फंड जुटा सकती है।
- शेयरों की बढ़ी हुई तरलता: शेयर बाजार में लिस्ट होने से कंपनी और मौजूदा निवेशकों के शेयरों की खरीद-बिक्री आसान हो जाती है।
- ब्रांड और विज़िबिलिटी में बढ़ोतरी: पब्लिक कंपनी बनने के बाद कंपनी की पहचान और विश्वसनीयता बढ़ती है, जिससे ब्रांड वैल्यू और मार्केट में उसकी स्थिति मजबूत होती है।
- शुरुआती निवेशकों के लिए निकासी: IPO शुरुआती निवेशकों, फाउंडर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट्स को अपनी हिस्सेदारी बेचकर लाभ निकालने का मौका देता है।
- नियामकीय लाभ: IPO के बाद कंपनी पर अधिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की अपेक्षा होती है। नियामकीय निगरानी और मानकीकृत लेखा-प्रथाओं (Standardized Accounting Practices) से कंपनी की साख बढ़ती है।
निष्कर्ष: टाटा कैपिटल का यह आईपीओ न केवल 2025 का सबसे बड़ा आईपीओ बनने जा रहा है, बल्कि यह निवेशकों को बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में मजबूत अवसर भी प्रदान करता है। नए शेयर जारी और ऑफर फॉर सेल के जरिए कुल 47.58 करोड़ शेयर बाजार में आएंगे, जो कंपनी की पूंजी और विस्तार योजनाओं को मजबूत करेंगे। कुल मिलाकर, यह आईपीओ निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश अवसर के रूप में देखा जा रहा है।