4 सितंबर को आई एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताज़ा रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि हमारे देश के लगभग आधे मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपित हैं। ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के कुल 643 मंत्रियों में से 302(करीब 47%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 174 मंत्री हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब केंद्र सरकार ने संविधान (130वाँ संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री किसी गंभीर अपराध में 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें पद से हटना होगा।

आपराधिक मामलों में राज्यों की स्थिति:
- आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी में 60% से ज्यादा मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
- हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड के मंत्रियों पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
किस पार्टी के कितने मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं, इसका विवरण इस प्रकार है–
- भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुल 336 मंत्रियों में से 136 मंत्रियों यानी लगभग 40 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 88 मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में शामिल हैं।
- कांग्रेस पार्टी के 61 मंत्रियों में से 45 मंत्रियों यानी लगभग 74 प्रतिशत पर आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें से 18 मंत्री गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
- द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के कुल 31 मंत्रियों में से 27 मंत्रियों यानी करीब 87 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इनमें से 14 मंत्री गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपित हैं।
- तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 23 मंत्रियों में से 22 मंत्रियों यानी लगभग 96 प्रतिशत पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 13 मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगे हुए हैं।
- आम आदमी पार्टी (AAP) के 16 मंत्रियों में से 11 मंत्रियों यानी 69 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें से 5 मंत्रियों पर गंभीर आरोप हैं।
- तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कुल 40 मंत्रियों में से 13 मंत्रियों यानी लगभग 33 प्रतिशत पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 8 मंत्री गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भी आपराधिक मामलों की स्थिति:
केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भी आपराधिक मामलों की स्थिति चिंताजनक है। राष्ट्रीय स्तर पर कुल 72 केंद्रीय मंत्रियों में से 29 मंत्रियों यानी लगभग 40 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
राज्यों की बात करें तो 11 विधानसभाओं में 60 प्रतिशत से अधिक मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी शामिल हैं। इसके विपरीत हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड के मंत्रियों ने अपने खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला घोषित नहीं किया है।
भारत के मंत्रियों की संपत्ति: औसतन 37 करोड़, कुल 23,929 करोड़ रुपये
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक मंत्री की औसत संपत्ति लगभग 37.21 करोड़ रुपये है। अगर सभी मंत्रियों की संपत्ति को जोड़ा जाए तो 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति करीब 23,929 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। यह आंकड़ा इस ओर संकेत करता है कि राजनीति में आने वाले अधिकांश नेता आर्थिक रूप से बेहद मजबूत हैं और कई मंत्री करोड़ों-अरबों की संपत्ति के मालिक हैं।
किस राज्य में कितने अरबपति मंत्री?
- कर्नाटक: 8 मंत्री
- आंध्र प्रदेश: 6 मंत्री
- महाराष्ट्र: 4 मंत्री
- अरुणाचल प्रदेश: 2 मंत्री
- दिल्ली: 2 मंत्री
- हरियाणा: 2 मंत्री
- तेलंगाना: 2 मंत्री
- गुजरात: 1 मंत्री
- हिमाचल प्रदेश: 1 मंत्री
- मध्य प्रदेश: 1 मंत्री
- पंजाब: 1 मंत्री
केंद्र सरकार
- कुल मंत्री: 72
- अरबपति मंत्री: 6 (लगभग 8%)
किस पार्टी में कितने मंत्री हैं अरबपति?
- भारतीय जनता पार्टी (BJP): 14 अरबपति मंत्री (कुल मंत्रियों का लगभग 4%)
- कांग्रेस (INC): 11 अरबपति मंत्री (कुल मंत्रियों का लगभग 18%)
- तेलुगू देशम पार्टी (TDP): 6 अरबपति मंत्री (कुल मंत्रियों का लगभग 26%)
- अन्य पार्टियाँ (आप, जनसेना, जद(एस), राकांपा और शिवसेना): इनमें भी अरबपति मंत्री मौजूद हैं।
देश के सबसे अमीर मंत्री कौन है?
· डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी (TDP, आंध्र प्रदेश): ₹5,705 करोड़
· डी. के. शिवकुमार (कांग्रेस, कर्नाटक): ₹1,413 करोड़
· एन. चंद्रबाबू नायडू (TDP, आंध्र प्रदेश): ₹931 करोड़
· अन्य धनी मंत्री: नारायण पोंगुरु, नारा लोकेश, गद्दाम विवेकानंद, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, सुरेश बी.एस., मंगल प्रभात लोढ़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया
देश के सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री
· शुक्ला चरण नोतिया (IPFT, त्रिपुरा): ₹2 लाख
· बिरबाहा हंसदा (पश्चिम बंगाल): ₹3 लाख+