चीन के बाजार नियामक स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फॉर मार्केट रेगुलेशन (SAMR) की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि अमेरिकी चिप दिग्गज Nvidia ने देश के प्रतिस्पर्धा-रोधी कानून (Anti-Monopoly Law) का उल्लंघन किया है। जांच अभी जारी है और नियामक ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि कंपनी ने कानून कैसे तोड़ा।
मेलानॉक्स डील से जुड़ा विवाद:
- यह मामला एनविडिया की 2020 में की गई इजरायली कंपनी Mellanox की खरीद से जुड़ा है, जो डेटा सेंटर और सर्वर के लिए नेटवर्क समाधान विकसित करती है।
- उस समय चीन ने इस अधिग्रहण को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी।
- SAMR की प्रारंभिक रिपोर्ट अब संकेत देती है कि एनविडिया ने उन शर्तों का पालन नहीं किया।

मेलानॉक्स क्या है?
Mellanox Technologies Ltd. एक इजरायली-अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी थी, जो InfiniBand और Ethernet तकनीक पर आधारित कंप्यूटर नेटवर्किंग उत्पादों की आपूर्तिकर्ता थी। कंपनी उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग, डेटा सेंटर, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा स्टोरेज और वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों के लिए एडेप्टर, स्विच, सॉफ्टवेयर, केबल और सिलिकॉन उपलब्ध कराती थी।
मार्च 2019 में Nvidia ने किया था अधिग्रहित:
11 मार्च 2019 को Nvidia ने $6.9 बिलियन में इसे अधिग्रहित करने की घोषणा की और 27 अप्रैल 2020 को यह सौदा EU, अमेरिका और चीन के एंटी-ट्रस्ट प्राधिकरणों की मंजूरी के बाद पूरा हुआ। इसके बाद मेलानॉक्स को एनविडिया के नेटवर्किंग डिवीजन में मिला दिया गया और कंपनी का ब्रांड नाम बंद कर दिया गया।
एनविडिया: ग्राफिक्स कार्ड से एआई क्रांति तक:
एक समय गेमिंग ग्राफिक्स कार्ड के लिए मशहूर Nvidia आज एआई सिस्टम्स के प्रोसेसर की सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता बन चुकी है। इसके चिप्स, खासकर H100, दुनिया भर के डेटा सेंटर्स सिलिकॉन वैली से लेकर शेनझेन तक को शक्ति दे रहे हैं।
कंपनी का बाजार पूंजीकरण 2 ट्रिलियन डॉलर पार कर चुका है, जिससे यह इतिहास की सबसे मूल्यवान सेमीकंडक्टर कंपनी बन गई है। हालांकि, इस सफलता के साथ जांच-पड़ताल भी बढ़ी है। बाइडन और ट्रंप प्रशासन, राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए और चीन की सैन्य एआई क्षमता को सीमित करने के लिए, एनविडिया के सबसे उन्नत चिप्स की चीन को आपूर्ति पर रोक लगा चुके हैं।
चीन की तकनीकी बढ़त रोकने के लिए बाइडेन प्रशासन ने 2022 मे उठाया था बड़ा कदम:
अक्टूबर 2022 में जो बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका ने चीन पर सख्त एक्सपोर्ट कंट्रोल लागू किए। इसका उद्देश्य था चीन को एडवांस्ड चिप्स तक पहुँच से रोकना, ताकि वह टेक्नोलॉजी क्षेत्र में तेजी से बढ़त हासिल न कर सके।
- अमेरिका को आशंका थी कि उन्नत AI चिप्स के सहारे चीन न सिर्फ अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को मजबूत करेगा, बल्कि उन्हें सैन्य तकनीक में भी इस्तेमाल करेगा।
- इन चिप्स का प्रयोग Autonomous Weapons Systems चलाने में किया जा सकता है, जिससे चीन की सेना की क्षमता कई गुना बढ़ सकती है। इन्हीं सुरक्षा चिंताओं के चलते अमेरिका ने Nvidia के H100 और A100 GPU चिप्स की चीन में बिक्री पर रोक लगा दी। ये चिप्स वर्तमान में AI सिस्टम के प्रशिक्षण और संचालन के लिए दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
चीन की एंटीट्रस्ट जांच और एनविडिया:
दिसंबर 2024 में चीन के एंटीट्रस्ट नियामक State Administration for Market Regulation ने एनविडिया के 7 बिलियन डॉलर के मेलानॉक्स टेक्नोलॉजीज अधिग्रहण की जांच शुरू की। यह कदम ऐसे समय आया जब ठीक उससे एक हफ्ते पहले ही बाइडेन प्रशासन ने चीन की हाई-एंड चिप्स तक पहुंच पर सख्त नियंत्रण लगाए थे।
एनविडिया की दुविधा: बाइडेन के एक्सपोर्ट कंट्रोल के बाद एनवीडिया ने H20 चिप को खासकर चीन के बाजार के लिए विकसित किया। लेकिन ट्रंप सरकार ने भी इस साल अप्रैल में इसकी बिक्री रोक दी थी। अमेरिकी निर्यात नियंत्रणों का पालन करते हुए एनविडिया को अपनी उन्नत चिप्स की आपूर्ति चीन को रोकनी पड़ी।
बीजिंग ने इसे 2020 की प्रतिबद्धता का उल्लंघन बताया, जिसमें एनविडिया ने चीन को निरंतर आपूर्ति और समान व्यवहार का आश्वासन दिया था।
H20 चिप पर नया विवाद:
जुलाई में ट्रंप प्रशासन ने एनविडिया को अपनी H20 चिप (AI inference के लिए उपयोगी) फिर से चीन में बेचने की अनुमति दी। यह चिप पहले से चीन में लोकप्रिय थी। अमेरिकी सरकार के साथ हुई डील के तहत कंपनी चीन में H20 चिप की बिक्री से होने वाले अपने रेवेन्यू का 15 परसेंट अमेरिकी सरकार को देगी. वहीं, AMD भी अपने MI308 चिप से होने वाले रेवेन्यू का इतना ही हिस्सा देगा।
अनुमति के बाद भी बीजिंग ने साइबर सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए कंपनियों को इसकी खरीद से रोका, जब तक कि एनविडिया नियामकीय समीक्षा पास न कर दे। एनविडिया का कहना है कि उसकी चिप्स में कोई बैकडोर या ट्रैकिंग सिस्टम नहीं है।
उन्नत AI चिप्स की उम्मीद:
अब चीन में कंपनियां और ग्राहक इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि ट्रंप प्रशासन H20 से भी उन्नत एनविडिया AI चिप की मंजूरी देगा। यह मुद्दा संभावित रूप से आगामी व्यापार वार्ताओं में शामिल हो सकता है।
चीन की घरेलू चिप रणनीति:
अमेरिकी तकनीकी प्रतिबंधों के कारण चीन अब तक एनविडिया जैसी ताकतवर चिप्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन नहीं कर पाया है। हालांकि, घरेलू कंपनियां तेजी से स्वदेशी विकल्प विकसित कर रही हैं। हुआवेई अपने AI डेटा सेंटर्स में खुद की चिप्स का इस्तेमाल कर रहा है, जबकि अलीबाबा और बाइडू जैसी दिग्गज कंपनियां भी घरेलू उत्पादों की ओर बढ़ रही हैं।
रणनीतिक संदेश और आत्मनिर्भरता: एनविडिया पर एंटीट्रस्ट एक्शन का संकेत देकर बीजिंग ने यह स्पष्ट किया कि वह अमेरिकी कंपनी की तकनीक पाने के लिए किसी तरह की रियायत देने को तैयार नहीं है। विशेषज्ञ फेंग चूचेंग के अनुसार, चीन का संदेश था “एनविडिया अमेरिका के लिए कोई सौदेबाजी का औजार नहीं है।”
दीर्घकालिक लक्ष्य:
ट्रंप के पहले कार्यकाल से ही चीन अपने घरेलू चिप उद्योग में निवेश को आक्रामक रूप से बढ़ा रहा है। इसका मकसद लंबे समय में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। साथ ही, वह अभी के लिए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से नवीनतम तकनीक तक पहुंच बनाए रखना चाहता है ताकि उसकी कंपनियां वैश्विक टेक रेस में टिक सकें।
एनवीडिया ने इस पूरे विवाद में क्या कहा है?
एनवीडिया के प्रवक्ता ने बयान में कहा, “हम सभी मामलों में कानून का पालन करते हैं। हम सभी संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे, क्योंकि वे वाणिज्यिक बाजारों में प्रतिस्पर्धा पर निर्यात नियंत्रण के प्रभाव का मूल्यांकन कर रही हैं।”
आइए जान लेते है, एनवीडिया के बारे में-
स्थापना और मुख्यालय: एनवीडिया की स्थापना 1993 में जेन्सेन हुआंग, कर्टिस प्रीम और क्रिस मालाचोव्स्की ने की थी। कंपनी का मुख्यालय सांता क्लारा, कैलिफोर्निया (अमेरिका) में स्थित है।
मुख्य पहचान: एनवीडिया दुनिया भर में अपनी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) के डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के लिए जानी जाती है। इसकी GPUs ने कंप्यूटर ग्राफिक्स और गेमिंग की दुनिया में क्रांति ला दी।
प्रमुख उपयोग क्षेत्र
- गेमिंग: उच्च ग्राफिक्स क्वालिटी और रियल-टाइम रेंडरिंग के लिए
- क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग: बिटकॉइन और अन्य डिजिटल करेंसी माइनिंग के लिए
- प्रोफेशनल एप्लिकेशन्स: डिजाइन, रिसर्च और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग के लिए
- ऑटोमोबाइल्स और रोबोटिक्स: सेल्फ-ड्राइविंग कार, स्मार्ट व्हीकल्स और रोबोटिक टेक्नोलॉजी में
- AI और डेटा सेंटर्स: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल्स और बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग के लिए
आज की स्थिति: एनवीडिया अब केवल GPU निर्माता नहीं रही, बल्कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग की वैश्विक दिग्गज कंपनी बन चुकी है।