कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर देश के युवाओं, खासकर जेन-ज़ेड (Gen-Z) को लेकर अपनी तारीफ की और उन्हें लोकतंत्र और संविधान के संरक्षक के रूप में पेश किया।

उन्होंने लिखा कि देश का युवा और छात्र वर्ग संविधान की रक्षा करेगा, लोकतंत्र को मजबूत बनाएगा और वोट चोरी जैसी धांधली को रोकेगा। राहुल गांधी ने कहा, “मैं हमेशा उनके साथ हूं।”

राहुल गांधी का यह संदेश तब आया है जब नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में छात्रों और युवाओं के आंदोलनों ने सरकारों को पीछे हटने पर मजबूर किया है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के जेन-ज़ेड पोस्ट पर किया तीखा हमला:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जेन-ज़ेड को लोकतंत्र और संविधान का संरक्षक बताने वाले ‘एक्स’ पोस्ट के जवाब में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए कहा कि जेन-ज़ेड परिवारवाद के खिलाफ है और इस नई पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी को क्यों बर्दाश्त किया जाए।
दुबे ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में आगे लिखा कि राहुल गांधी देश में गृहयुद्ध भड़काना चाहते हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर वह भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, तो वह इसे रोकने के बजाय देश को क्यों नहीं बचा रहे। दुबे ने भारत, बांग्लादेश और नेपाल के संदर्भ में धर्म आधारित राष्ट्र निर्माण के मुद्दों को भी उठाया और लिखा कि देश को छोड़ने की तैयारी करने वाले लोगों के प्रति सजग रहना होगा।

निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर साधा तंज, ABVP की जीत का जिक्र किया
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में अपनी एक और ‘एक्स’ पोस्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा। दुबे ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए लिखा कि ABVPVoice ने भारी बहुमत से चुनाव जीत लिया, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि जेन-ज़ेड युवा हमारी विचारधारा के साथ है, परिवारवादी पार्टी का समय ख़त्म हो चुका है।
जेन-जी पहली बार वोटिंग बूथ पर, राहुल गांधी का युवा जागरूकता संदेश वायरल:
जेन-जी, जो अब पहली बार बड़े पैमाने पर वोट डालने जा रहे हैं, 2025 और 2026 के विधानसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। कांग्रेस समर्थकों ने राहुल गांधी के हालिया बयान को युवाओं को सक्रिय राजनीति से जोड़ने वाला एक “संकल्प संदेश” बताया है। वहीं, आलोचकों ने इसे महज “राजनीतिक बयानबाजी” करार दिया और कांग्रेस की अब तक की युवा नीति पर सवाल उठाए हैं।
नेपाल में जेन-जेड विरोध प्रदर्शन, केपी शर्मा ओली की सरकार गिरी:
हाल ही में नेपाल में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई। 8 और 9 सितंबर को हुए प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित कुल 72 लोगों की मौत हुई। इस दौरान प्रदर्शनकारी नेताओं के घरों, महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों में आग लगा चुके थे।
8 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शनों में पुलिस की कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई। इसके तुरंत बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने ओली के कार्यालय में घुसकर उनके इस्तीफे की मांग की। इसी दबाव के कारण ओली ने 9 सितंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
काठमांडू में धीरे-धीरे सामान्य हुआ जनजीवन, नुकसान का आकलन शुरू:
इस बीच, काठमांडू में सुरक्षा स्थिति में सुधार के साथ जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो गया है। राजधानी की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही और लोगों की चहल-पहल नजर आने लगी है। विजयादशमी और दीपावली जैसे त्योहारों के करीब आते ही लोग बाजारों में खरीदारी के लिए उमड़ रहे हैं।
नेपाल सरकार ने पुनर्निर्माण और नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। कई मंत्रालयों ने जेन-जेड विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान का आंकलन करना शुरू किया है। पुलिस ने काठमांडू में जलाए गए वाहनों का विवरण भी एकत्र करना शुरू किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 8 और 9 सितंबर को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 121 चार-पहिया और 158 दो-पहिया वाहन आग के हवाले किए गए थे।
आइए जान लेते है, जेनरेशन जेड (Gen Z) के बारे मे:
जेनरेशन जेड उन लोगों के समूह को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए हैं, यानि यह मिलेनियल्स के बाद और जेनरेशन अल्फा से पहले की पीढ़ी है। इन्हें अक्सर “पहले सच्चे डिजिटल नेटिव” कहा जाता है, क्योंकि इनकी प्रारंभिक ज़िंदगी इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के लगातार संपर्क में बीती।
इस पीढ़ी के लिए तकनीक और डिजिटल उपकरण जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, और यही कारण है कि वे तकनीकी रूप से बेहद कुशल हैं।
पीढ़ियों का परिचय: समय, विशेषताएं और ऐतिहासिक संदर्भ-
पीढ़ियाँ (Generations) उन लोगों के समूह को कहा जाता है, जो लगभग एक ही समय में जन्मे हों। हर पीढ़ी के सदस्य खास ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक परिवर्तनों का अनुभव करते हैं, जो उनके दृष्टिकोण और जीवनशैली को आकार देते हैं। यहाँ प्रमुख पीढ़ियों का विवरण दिया गया है:

आइए अब एक-एक करके इनके बारे मे जान लेते है-
द ग्रेटेस्ट जेनरेशन (GI Generation): 1901–1927
इस पीढ़ी ने महान मंदी और विश्व युद्ध I का अनुभव किया। कठिन परिस्थितियों में परिवार और देश की जिम्मेदारी निभाना उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था।
विशेषताएँ:
- कड़ी मेहनत और दृढ़ता में विश्वास
- परिवार और समाज के प्रति प्रतिबद्ध
- जैज़ और स्विंग संगीत को लोकप्रिय बनाया
- जीवन में चुनौतियों का सामना धैर्य और साहस से किया
साइलेंट जेनरेशन: 1928–1945
मैककार्थी युग और कम्युनिज़्म के डर में पली-बढ़ी यह पीढ़ी परंपरागत और अनुशासित मानी जाती है।
विशेषताएँ:
- परंपरागत और संवेदनशील
- कड़ी मेहनत के माध्यम से जीवन में सफल होने का प्रयास
- राजनीतिक विरोध और सार्वजनिक बहस से दूर रहने की प्रवृत्ति
- सामाजिक स्थिरता और अनुशासन को महत्व दिया
बेबी बूमर्स: 1946–1964
WWII के बाद जनसंख्या में बूम हुआ। युवाओं ने वियतनाम युद्ध विरोध, स्वतंत्रता आंदोलनों और “समर ऑफ़ लव” जैसी गतिविधियों में भाग लिया।
विशेषताएँ:
- सामाजिक और राजनीतिक चेतना
- नए तरीके से पालन-पोषण (बच्चों के दृष्टिकोण को समझना)
- परिवार और समाज में सक्रिय भागीदारी
- प्रोटेस्ट कल्चर और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को महत्व दिया
जेनरेशन X: 1965–1980
AIDS महामारी, MTV संस्कृति और LGBTQ+ अधिकारों के उदय के बीच पली-बढ़ी यह पीढ़ी अक्सर “स्लैकर” के रूप में जानी जाती है।
विशेषताएँ:
- बच्चों की शिक्षा और सामाजिक विकास में अधिक संलग्न
- हेलिकॉप्टर पैरेंटिंग का परिचय
- तकनीकी बदलाव और मीडिया के प्रति जागरूक
- स्वतंत्रता और व्यक्तिगत दृष्टिकोण को महत्व देना
मिलेनियल्स (जेनरेशन Y): 1981–1996
9/11, इंटरनेट के उदय और तकनीकी बदलाव के साथ पली-बढ़ी यह पीढ़ी डिजिटल और सामाजिक रूप से जागरूक है।
विशेषताएँ:
- पर्यावरण-सचेत और समुदायोन्मुख
- बच्चों को आत्म-अभिव्यक्ति और व्यक्तिगत स्वतंत्रता देना
- तकनीक का गहरा उपयोग, लेकिन जिम्मेदारी के साथ
- विविधता और समावेशिता को महत्व देना
जेनरेशन Z (iGen): 1997–2012
यह पहली पीढ़ी है जो डिजिटल दुनिया में जन्मी और पली-बढ़ी, हमेशा कनेक्टेड रहने के अनुभव के साथ।
विशेषताएँ:
- पर्यावरण-सचेत और समावेशी
- राजनीतिक और सामाजिक जागरूक
- तकनीकी दक्षता और स्मार्ट उपकरणों का व्यापक उपयोग
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय में सक्रिय
जेनरेशन अल्फा: 2012–2024
सोशल मीडिया और डिजिटल कनेक्टिविटी के बीच जन्मी यह पीढ़ी तकनीकी रूप से सबसे कुशल है। कुछ बच्चे COVID-19 महामारी के दौरान जन्मे।
विशेषताएँ:
- अत्यधिक तकनीकी दक्ष और डिजिटल प्रवीण
- विविधता और समावेशिता में अग्रणी
- शिक्षा और कार्यक्षेत्र के नए दृष्टिकोण अपना सकती है
- ध्यान अवधि और व्यक्तिगत संपर्क में कमी का जोखिम
- सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सहज
जेनरेशन बीटा: 2025–2039
अभी जन्म रही या भविष्य में जन्म लेने वाली यह पीढ़ी अत्यधिक तकनीकी और AI-प्रधान दुनिया में पलेगी। उनकी सामाजिक और व्यक्तिगत प्राथमिकताएँ तकनीक और स्थिरता से जुड़ी होंगी।
विशेषताएँ:
- तकनीकी और AI- प्रधान
- सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूक
- अनुकूलनशीलता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर
- डिजिटल दुनिया में जन्म और बड़े होने के कारण नए सामाजिक व्यवहार
- शिक्षा और कार्यक्षेत्र में नई सोच और नवाचार के लिए तैयार
निष्कर्ष:
हर पीढ़ी अपने समय की ऐतिहासिक और सामाजिक घटनाओं से आकार लेती है। उनके अनुभव, चुनौतियाँ और परिवर्तित परिस्थितियाँ उनके दृष्टिकोण, मूल्यों और प्राथमिकताओं को परिभाषित करती हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, नई पीढ़ियाँ तकनीक, सामाजिक न्याय और वैश्विक मुद्दों के प्रति अधिक जागरूक होती हैं।