भारत और मोरक्को ने रक्षा उद्योग में सहयोग बढ़ाने के लिए रबात में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लौदीई ने कल रबात में रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन बढ़ती साझेदारी के लिए मज़बूत संस्थागत ढाँचा प्रदान करता है और रक्षा उद्योग, संयुक्त अभ्यास, सैन्य प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है।

India and Morocco sign MoU in Rabat to enhance cooperation in the defence industry

दोनों नेताओं ने रक्षा उद्योग में सहयोग को और तेज़ करने का निर्णय लिया और आतंकवाद-रोधी, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, शांति अभियानों, सैन्य चिकित्सा और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को शामिल करते हुए एक व्यापक रूप रेखा पर सहमति व्यक्त की। दोनों मंत्रियों के बीच हुई चर्चाओं में भारत और मोरक्को के बीच दीर्घकालिक मित्रता को और मज़बूत करने के साझा संकल्प को दर्शाया गया।

भारत-मोरक्को रक्षा मंत्रियों की बैठक: मुख्य बातें और परिणाम

 

किन विषयों पर हुई चर्चा

  • दोनों देशों ने रक्षा उद्योग में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया।
  • आतंकवाद-निरोध, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, शांति अभियान, सैन्य चिकित्सा और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को शामिल करते हुए व्यापक रोडमैप पर सहमति।
  • दीर्घकालिक दोस्ती और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर साझा संकल्प।
  • सशस्त्र बलों के बीच अदान-प्रदान बढ़ाना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुगम बनाना
  • रक्षा क्षेत्र में सह-विकास और सह-उत्पादन के अवसर तलाशने का महत्व।
  • वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता।
  • हिंद महासागर और अटलांटिक गलियारों में समुद्री सुरक्षा के लिए घनिष्ठ समन्वय।

 

क्या रहे परिणाम

  • रबात स्थित भारतीय दूतावास में नई रक्षा विंग का उद्घाटन।
  • भारतीय रक्षा उद्योग की परिपक्वता और आधुनिक क्षमताओं, जैसे ड्रोन और ड्रोन-रोधी तकनीकों, पर प्रकाश।
  • मोरक्को को आश्वस्त किया गया कि भारतीय कंपनियां उनकी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार हैं
  • भारत ने मोरक्को के रक्षा मंत्री को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण दिया।
  • यह बैठक द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई और रणनीतिक हितों में बढ़ते सामंजस्य को दर्शाती है।

 

भारत-मोरक्को रक्षा सहयोग: पहला रक्षा निर्माण संयंत्र की स्थापना-

रक्षा मंत्री की मोरक्को यात्रा के दौरान, वे बेर्रचिद में Tata Advanced Systems Maroc के नए उत्पादन संयंत्र का उद्घाटन किया, जहां व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म का निर्माण होगा।

यह संयंत्र अफ्रीका में भारत का पहला रक्षा निर्माण संयंत्र है और यह भारत की रक्षा उद्योग की वैश्विक उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह कदम आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारतीय रक्षा उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने का प्रतीक भी है।

 

रक्षा मंत्री ने लौदियी को भारत आने का निमंत्रण दिया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा सहयोग बढ़ाने पर आगे चर्चा के लिए लौदियी को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण भी दिया। राजनाथ की मोरक्को यात्रा किसी भारतीय रक्षा मंत्री की उस देश की पहली यात्रा है। साल 2015 में मोरक्को के राजा मोहम्मद षष्ठम की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भारत में मुलाकात के बाद से दोनों देशों के संबंध मजबूज हुए हैं।

 

PoK पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) एक दिन भारत का हिस्सा अपने आप बन जाएगा, बिना किसी लड़ाई या हमले के। उन्होंने बताया कि PoK के लोग खुद आजादी की मांग कर रहे हैं और एक दिन कहेंगे, मैं भी भारत हूं।”

यह टिप्पणी राजनाथ सिंह ने मोरक्को में भारतीय समुदाय से बातचीत के दौरान की। उन्होंने याद दिलाया कि पांच साल पहले कश्मीर में सेना के एक कार्यक्रम में भी उन्होंने यही बात कही थी।

 

Operation Sindoor पर राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत ने आतंकियों को उनके धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि उनके कर्म (अपराध) देखकर मार गिराया। उन्होंने कहा, “आतंकवादी हमारे लोगों को धर्म पूछकर मारते हैं, लेकिन भारत ने उनका धर्म नहीं देखा, सिर्फ उनके बुरे काम देखकर जवाब दिया है।”

 

मसूद अजहर के परिवार को नष्ट करने का खुलासा:

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के अगले ही दिन, CDS, तीनों सेनाध्यक्षों और रक्षा सचिव के साथ बैठक में राजनाथ सिंह ने पूछा कि अगर सरकार आदेश दे तो क्या सेना तैयार है।

उन्होंने बताया कि सेना ने तुरंत जवाब दिया कि वे तैयार हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी छूट दी, और नतीजा यह रहा कि सीमा के अंदर 100 किमी तक जाकर आतंकी ठिकाने तबाह किए गए। सिंह ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद का एक बड़ा आतंकी यह कह रहा था कि मसूद अजहर का परिवार भारत ने तबाह कर दिया।

 

भारत- मोरक्को संबंध:

भारत और मोरक्को के संबंध सदियों पुराने हैं। 14वीं शताब्दी में तंगियर के प्रसिद्ध यात्रा लेखक इब्न बतूता ने भारत का दौरा किया। आधुनिक इतिहास में, भारत ने मोरक्को के स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया और 20 जून 1956 को स्वतंत्रता के तुरंत बाद मोरक्को को मान्यता दी। राजनयिक संबंध 1957 में स्थापित हुए। दोनों देशों के बीच हमेशा मित्रतापूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं।

 

उच्च स्तरीय यात्राएँ:

  • भारतीय उपराष्ट्रपति: डॉ. जाकिर हुसैन (1967), श्री के.आर. नारायणन (1993), श्री मोहम्मद हामिद अंसारी (30 मई – 2 जून 2016)
  • प्रधानमंत्री: श्री अटल बिहारी वाजपेयी (1999, मोरक्को की पहली प्रधानमंत्री यात्रा)
  • विदेश मंत्री: श्री सलमान खुर्शीद (2014), सुशमा स्वराज (17-18 फरवरी 2019), डॉ. एस. जयशंकर (वर्चुअल बैठक 22 अक्टूबर 2020, UNGA 24 सितंबर 2022)
  • वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण (IMF-World Bank बैठक, 9-16 अक्टूबर 2023)
  • रक्षा मंत्री: राजनाथ सिंह (22 सितंबर 2025, मोरक्को की पहली रक्षा मंत्री यात्रा)

 

भारत-मोरक्को आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध:

भारत और मोरक्को के बीच द्विपक्षीय व्यापार FY 2024-25 में 2.55 अरब USD रहा, जो FY 2023-24 के 2.4 अरब USD की तुलना में बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में व्यापार में लगातार वृद्धि देखी गई है: 2022-23 में 3.6 अरब USD, 2021-22 में 3.2 अरब USD, 2020-21 में 1.9 अरब USD और 2019-20 में 1.75 अरब USD।

भारत से निर्यात में वृद्धि और प्रमुख वस्तुएं:

पिछले दो वर्षों में भारत से निर्यात में 105% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। मोरक्को भारतीय उत्पादों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गया है, जिसमें मोबाइल फोन, पेट्रोलियम उत्पाद और शहद जैसे नए उत्पाद प्रमुख हैं। इसके अलावा ऑटोमोटिव पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग गुड्स, रसायन और स्पेशलिटी केमिकल्स, प्लास्टिक्स और मसाले भी मुख्य निर्यात वस्तुएं हैं।

मोरक्को से आयात और प्रमुख वस्तुएं: मोरक्को से भारत मुख्य रूप से फॉस्फोरिक एसिड, फॉस्फेट, धातु अयस्क, मेटल स्प्रे और अकार्बनिक रसायन आयात करता है।

 

कृषि सहयोग:

  • 2018-2020 के लिए ICAR और मोरक्को कृषि मंत्रालय के बीच कार्य योजना
  • भारतीय और मोरक्को के वैज्ञानिकों के बीच आदान-प्रदान
  • SIAM 2025 (मेकनेस, 21-27 अप्रैल 2025) में भारत की भागीदारी, NCEL के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा

निष्कर्ष:

भारत और मोरक्को के बीच संबंध रणनीतिक, आर्थिक और कृषि क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे हैं, और आगामी रक्षा मंत्री की यात्रा इसे और मजबूती प्रदान करेगी।

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