सुपर टाइफून रागासा ने मचाया कहर! चीन, फिलीपींस और ताइवान में हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

नेशनल मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को बताया की फिलीपीन्स में भारी तबाही मचाने के बाद सुपर टाइफून रागासा अब चीन के गुआंगडोंग प्रांत के यांगजियांग तक पहुच चुका है। कई मौसम पूर्वानुमानकर्ताओं द्वारा इसे तूफानों का राजा” कहा गया है। रगासा ने साउथ चाइना और हांगकांग में तेज हवाएं, भारी बारिश और ऊँचे समुद्री लहरें लायीं।

Super Typhoon Ragasa wreaks havoc

सुपर टाइफून रगासा का रास्ता:

 

  • फिलीपींस: पहले सबसे अधिक प्रभावित हुआ, तेज हवाओं और बाढ़ के साथ व्यापक नुकसान।
  • ताइवान: तूफान के पास से गुजरते हुए भारी बारिश और समुद्री ऊंची लहरें।
  • हांगकांग: तेज हवाएं, बारिश और ऊँची लहरों का सामना।
  • साउथ चाइना (यांगजियांग, गुआंगडोंग): लैंडफॉल स्थान, जहां भारी बारिश और तूफानी लहरें जारी।

 

जानमाल का भारी नुकसान और साउथ चाइना में तबाही:

सुपर टाइफून रगासा, पिछले कई सालों में सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक, ने ताइवान में 14 और फिलिपींस में 4 लोगों की जान ले ली। इसके प्रभाव से साउथ चाइना के तटीय क्षेत्रों में जीवन ठहर गया।

रगासा अब धीरे-धीरे हांगकांग से दूर जा रहा है, लेकिन शहर में हुरिकेन जैसी हवाओं से तबाही जारी है। यह गुआंगडोंग, चीन की ओर बढ़ रहा है, जहां प्राधिकरणों ने स्कूल और व्यवसाय बंद कर दिए हैं और रेल सेवाएं स्थगित कर दी हैं। इस तूफान से दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं, 760 से अधिक लोग अस्थायी शरण स्थलों में रह रहे हैं, और कई फ्लाइट्स और ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई हैं।

 

ताइवान में रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित:

रागासा ने ताइवान के दक्षिणी ताइतुंग और पिंगतुंग काउंटी में भी हाहाकार मचा दिया. स्कूल और कार्यालय बंद कर दिए गए, वहीं ऑर्चिड और ग्रीन द्वीपों की सेवाएं स्थगित की गईं, तूफान की वजह से फेरी सेवाओं और दोपहर की फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं।

स्थानीय अधिकारी नागरिकों से घर के अंदर रहने और बाढ़ व भूस्खलन से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दे रहे हैं, विशेषज्ञों के अनुसार, तेज हवाएं और मूसलधार बारिश प्रभावित क्षेत्रों में रोजमर्रा की जिंदगी और परिवहन को बाधित कर रही हैं. तटीय इलाकों में स्ट्रॉम सर्ज का खतरा है और स्थानीय प्रशासन आपातकालीन तैयारियों में जुटा हुआ है।

 

चीन में टाइफून से जुड़ी स्थिति:

चीन ने गुआंगडोंग प्रांत में टाइफून के खतरे को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। यह तूफान शेनझेन और ग्वांगझोउ जैसे घनी आबादी वाले शहरों की ओर बढ़ रहा है, जहां करीब 12.5 करोड़ लोग रहते हैं। दोपहर तक इसके तट से टकराने की आशंका जताई गई है। एहतियातन अब तक लगभग 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रभावित शहरों में स्कूल, सार्वजनिक परिवहन और हवाई सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। इस साल पहली बार चीन ने ऊंची समुद्री लहरों के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें 2.8 मीटर (लगभग 9 फीट) तक की लहरें उठने का पूर्वानुमान है।

 

185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा रगासा:

रगासा को पिछले कई वर्षो में आए सबसे ताकतवर तूफानों में से एक माना जा रहा है। हांगकांग के मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय तूफान की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है।

 

क्या होता है साइक्लोन?

साइक्लोन यानी चक्रवात वायुमंडल की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो समुद्र की सतह पर तापमान बढ़ने और वायुदाब में बदलाव के कारण बनता है। इसके केंद्र में निम्न वायुदाब और बाहर उच्च वायुदाब होता है, जिसके चलते हवाएं तेजी से घूमती हैं। गर्म हवा हल्की होकर ऊपर उठती है और पृथ्वी के घूमने (कोरिओलिस प्रभाव) के कारण सीधी न चलकर गोलाकार घूमने लगती है। उत्तरी गोलार्ध में चक्रवात एंटी-क्लॉकवाइज और दक्षिणी गोलार्ध में क्लॉकवाइज दिशा में घूमते हैं। इनका आकार 80 से 300 किलोमीटर तक हो सकता है। पहले ये मुख्यतः गर्मियों में आते थे, लेकिन अब ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से सर्दियों में भी आने लगे हैं।

 

साइक्लोन की श्रेणियां:

चक्रवातों का नामकरण क्यों जरूरी है?

 

चक्रवातों को नाम देने से भ्रम की स्थिति से बचा जा सकता है, खासकर जब एक ही समय में कई तूफान बन रहे हों। इससे लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना आसान होता है और आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। नामकरण से जनता में जागरूकता भी बढ़ती है और चेतावनी अधिक प्रभावी ढंग से दी जा सकती है।

 

कैसे किया जाता है नामकरण?

  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को नाम देने की परंपरा शुरू की।
  • हिंद महासागर क्षेत्र के लिए 2004 में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाईलैंड ने मिलकर नामकरण प्रणाली तय की।
  • इन देशों द्वारा पहले से दिए गए नामों की सूची से क्रमवार नाम चुना जाता है।
  • नाम सरल, याद रखने योग्य और उच्चारण में आसान होते हैं।
  • आपत्तिजनक या विवादास्पद नामों से बचा जाता है।

 

चक्रवातों के क्षेत्र और उनके नाम:

चक्रवातों के नाम

क्षेत्र

टाइफून

दक्षिण पूर्व एशिया और चीन

हरिकेन

उत्तरी अटलांटिक पूर्वी प्रशांत क्षेत्र

विली-विली

उत्तर पश्चिम ऑस्ट्रेलिया

साइक्लोन

दक्षिण पश्चिम प्रशांत और हिन्द महासागर

टॉरनैडो
यूएसए

पश्चिम अफ्रीका और दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका
तूफान

 

 

निष्कर्ष:
सुपर टाइफून रागासा ने चीन, फिलीपींस और ताइवान में दिखा दिया कि प्राकृतिक आपदाएं कितनी व्यापक तबाही ला सकती हैं। तेज हवाओं, मूसलधार बारिश और बाढ़ ने न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, बल्कि परिवहन और आर्थिक गतिविधियों को भी ठप कर दिया। यह स्थिति बताती है कि तटीय और द्वीपीय देशों के लिए आपदा प्रबंधन, समय पर अलर्ट सिस्टम और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढांचा तैयार करना अब केवल विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्यता है।