इंटरनेशनल एमी अवॉर्ड्स 2025 के नॉमिनेशन घोषित हो गए हैं। भारत के लिए यह गर्व का पल है क्योंकि पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ को नेटफ्लिक्स फिल्म अमर सिंह चमकीला में दमदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर कैटेगरी में जगह मिली है। यही नहीं, इस फिल्म को टीवी मूवी/मिनी-सीरीज़ श्रेणी में भी नॉमिनेशन मिला है। इन नॉमिनेशन्स की घोषणा 25 सितंबर, गुरुवार को इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ टेलीविज़न आर्ट्स एंड साइंस ने की।

“Best Performance By An Actor” में कितने चयनित:
इंटरनेशनल एमी अवॉर्ड्स 2025 में बेस्ट परफॉर्मेंस बाय एन एक्टर कैटेगरी में दिलजीत दोसांझ को अमर सिंह चमकीला के लिए नॉमिनेशन तो मिला है, लेकिन इस श्रेणी में उनके साथ डेविड मिशेल (इन लूडविग), ओरियल प्ला (न यो, एडिक्टो) और डिएगो वासक्वेज (इन वन हंड्रेड इयर्स ऑफ सोलीट्यूड) भी शामिल हैं। यानी दिलजीत इन इंटरनेशनल स्टार्स के साथ कड़ी टक्कर देंगे।
24 नवंबर को होगी विजेताओं की घोषणा:
इंटरनेशनल एमी अवॉर्ड्स 2024 का आयोजन 24 नवंबर को न्यूयॉर्क में होगा, जहां सभी विजेताओं की घोषणा की जाएगी। दिलजीत दोसांझ को पहली बार इंटरनेशनल स्तर पर नॉमिनेशन मिला है। इस बार कुल 16 कैटेगरी में 64 नॉमिनेशन हुए हैं, जिनमें 26 देशों की फिल्में और कलाकार शामिल हैं।
दिलजीत के अब तक के अचीवमेंट्स:
- 2019 में मैडम तुसाद्रस, नई दिल्ली में पहले पगड़ीधारी सिख कलाकार के रूप में वैक्स स्टैच्यू स्थापित हुआ
- 2020 में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर पहले पंजाबी कलाकार के रूप में फीचर हुए
- 2024 में द टुनाइट शो स्टारिंग जिमी फॉलन पर परफॉर्म किया
- 2016 से 2020 तक टाइम्स ऑफ इंडिया की मोस्ट डिजायरेबल मेन्स लिस्ट में शामिल रहे
- 2019 में चंडीगढ़ टाइम्स मोस्ट डिजायरेबल मैन बने
- 2025 में मेट गाला में डेब्यू किया, जहां वोग पोल में बेस्ट ड्रेस्ड सेलिब्रिटी चुने गए
फिल्म अमर सिंह चमकीला के बारे में:
फिल्म अमर सिंह चमकीला साल 2024 में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। यह एक बायोग्राफिकल ड्रामा है, जो मशहूर पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म को इम्तियाज अली ने लिखा और डायरेक्ट किया है। इसमें दिलजीत दोसांझ ने अमर सिंह चमकीला का किरदार निभाया है, जबकि परिणीति चोपड़ा ने उनकी पत्नी अमरजोत का रोल किया है। इस फिल्म को काफी सराहना मिली और यह फिल्मफेयर ओटीटी अवॉर्ड्स में 9 अवॉर्ड भी जीत चुकी है।
गरीब परिवार में जन्मे थे अमर सिंह चमकीला:
21 जुलाई 1960 को अमर सिंह चमकीला का जन्म लुधियाना के पास स्थित गांव डुगरी के एक दलित परिवार में हुआ था। असली नाम धनीराम था। सिंगर बनने के बाद उनका नाम अमर सिंह चमकीला पड़ा था। गरीब परिवार में जन्मे अमर सिंह चमकीला ने कम उम्र में ही पढ़ाई छोड़कर कमाई करनी शुरू कर दी थी।
इलेक्ट्रिशियन बनने का था सपना:
अमर सिंह चमकीला बचपन से इलेक्ट्रिशियन बनना चाहते थे। पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्हें एक कपड़ा मिल में काम मिल गया। काम के दौरान जब भी फुर्सत मिलती, वह गुनगुनाया करते और संगीत में समय बिताते थे। आसपास की घटनाओं से प्रेरणा लेकर उन्होंने गाने शुरू कर दिए। धीरे-धीरे उनकी संगीत में रुचि बढ़ने लगी। उन्होंने गांव में हार्मोनियम और ढोलकी बजाना भी सीख लिया। जब भी गांव में कोई शादी होती, अमर दोस्तों के साथ ढोलकी लेकर वहां पहुंच जाया करते थे।
कैसे मिला स्टेज शोज में गाने का मौका:
अमर सिंह चमकीला को स्टेज शोज में गाने का मौका तब मिला जब उन्होंने सुरिंदर शिंदा से मुलाकात की। अमर ने उन्हें बताया कि वह भी गायक बनना चाहते हैं और मौके पर अपनी गायकी का नमूना पेश किया। सुरिंदर शिंदा उनकी आवाज से बहुत प्रभावित हुए और 18 साल के अमर सिंह चमकीला को अपने साथ काम करने के लिए ले गए।
अमर ने सुरिंदर के लिए गाने लिखे और धुन बनाई, जिसे सुरिंदर स्टेज पर गाया करते थे। धीरे-धीरे सुरिंदर ने उन्हें साथ गाने का मौका भी दिया। स्टेज शोज करते हुए अमर को मशहूर पंजाबी फोक सिंगर्स जैसे के. दीप और मोहम्मद सादिक के साथ परफॉर्म करने का भी अवसर मिला।
अमर सिंह चमकीला के गानों की थीम कैसी होती थी?
अमर सिंह चमकीला अपने गाने खुद लिखा और कम्पोज करते थे। उनके गानों की थीम अक्सर शराब, पंजाब में बढ़ता ड्रग्स का इस्तेमाल, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और घरेलू रिश्तों की परेशानियों पर होती थी। कई गाने डबल मीनिंग वाले होते थे। लोग कहते थे कि उनके गाने कभी-कभी अश्लील भी लगते थे, लेकिन यही गाने उनकी पहचान बने।
“टकुए ते टाकुआ” से मिला पहचान:
अमर सिंह चमकीला को पहचान तब मिली जब उन्होंने 1980 में सुरिंदर सोनिया के साथ अपना एल्बम टकुए ते टाकुआ रिलीज किया। इसमें दोनों ने 8 डुएट गाने गाए। यह एल्बम पूरे पंजाब में बहुत हिट हुआ।
इस एल्बम की सफलता के बाद अमर सिंह चमकीला को प्रोग्राम्स और स्टेज शोज के कई ऑफर मिलने लगे। उनके और सुरिंदर सोनिया की जोड़ी पंजाब में खूब लोकप्रिय हुई और इसी एल्बम से अमर सिंह चमकीला को अपनी अलग पहचान मिली।
पहली पार्टनरशिप में मिला धोखा:
अमर सिंह चमकीला की पहली पार्टनरशिप में सोनिया से उन्हें धोखा मिला। उनके गाने हिट थे, लेकिन उनके मैनेजर, जो सोनिया के पति थे, अमर सिंह चमकीला को सही फीस नहीं देते थे। हर प्रोग्राम में अमर को 200 रुपए मिलते थे, जबकि सोनिया को 600 रुपए मिलते थे। जब अमर ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाई, तो झगड़ा हो गया और टीम टूट गई।
ग्रुप की सिंगर से शादी, लेकिन कई कारणों से घिरे विवादों में:
टीम टूटने के बाद अमर सिंह चमकीला हार नहीं माने और अलग-अलग फीमेल सिंगर्स के साथ परफॉर्म करने लगे। वे एक स्थायी फीमेल सिंगर की तलाश में थे और इसी दौरान उनकी मुलाकात अमरजोत से हुई। उन्हें अमरजोत की आवाज बहुत पसंद आई और दोनों ने साथ गाना शुरू किया। दोनों प्रोग्राम के दौरान एक-दूसरे को पसंद करने लगे अमर सिंह चमकीला और अमरजोत ने शादी की, जो कई कारणों से विवादों में रही।
- पहला विवाद: अमर सिंह चमकीला पहले से शादीशुदा थे।
- दूसरा विवाद: अमर सिंह चमकीला दलित थे, जबकि अमरजोत अपर कास्ट जाट थीं।
- धमकियां: कई बार अलग-अलग गुटों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। हालांकि उन धमकियों से उनके रिश्ते पर असर नहीं पड़ा।
अश्लीलता की वजह से सिख मिलिटेंट ग्रुप से मांगी माफी:
जब धमकियां मिलने का सिलसिला बढ़ने लगा तो अमर सिंह चमकीला ने सिख मिलिटेंट के एक गुट से माफी मांगी थी। साथ ही उन्होंने ये भी आश्वासन दिया था कि वो अब से अश्लील गाने नहीं लिखेंगे।
लोगों की डिमांड पर शुरू किया अश्लील गाने गाना:
अमर सिंह चमकीला ने धमकियों के कारण पहले अश्लील और डबल मीनिंग गाने बंद कर दिए और धार्मिक गाने शुरू किए। लेकिन शादियों में लोग उनसे फिर अश्लील गानों की डिमांड करने लगे। शुरुआत में उन्होंने मना किया, लेकिन डिमांड बढ़ने पर उन्होंने फिर से वही गाने लिखना और गाना शुरू कर दिया।
हत्या की घटना:
8 मार्च 1988 को अमर सिंह चमकीला अपनी पत्नी अमरजोत और 3 साथियों के साथ फिल्लौर के पास महमगांव में एक शादी में परफॉर्म करने पहुंचे। जैसे ही वे कार से उतरे, कुछ अज्ञात लोगों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में अमर सिंह चमकीला, उनकी पत्नी अमरजोत, साथी बलदेव और रंजीत की मौत हो गई, जबकि एक साथी जख्मी हुआ।
मौत के बाद की थ्योरी:
- कुछ का मानना था कि अश्लील गानों के कारण खलिस्तानियों ने उनकी हत्या की।
- कुछ लोग मानते थे कि दलित अमर सिंह चमकीला और जाट अमरजोत की शादी लोगों को नागवार लगी।
- एक थ्योरी यह भी है कि उनके जमाने के अन्य सिंगर्स ने उनकी सफलता से जलकर हत्या करवाई।
हत्यारे पकड़े नहीं गए:
अमर सिंह चमकीला की मौत के बाद परिवार ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की और पुलिस ने भी हत्यारों को पकड़ने की कोशिश नहीं की। उनकी असल मौत की वजह आज तक रहस्य ही बनी हुई है।
आइये जानते है अंतर्राष्ट्रीय एमी पुरस्कार के बारे में:
अंतर्राष्ट्रीय एमी पुरस्कार, जिन्हें इंटरनेशनल एम्मीज़ भी कहा जाता है, टेलीविजन उद्योग में कलात्मक और तकनीकी उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए दिए जाते हैं। इन्हें न्यूयॉर्क स्थित इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ टेलीविजन आर्ट्स एंड साइंसेज (IATAS) प्रदान करता है और यह पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर निर्मित और प्रसारित सर्वश्रेष्ठ टेलीविजन कार्यक्रमों के लिए दिए जाते हैं।
यह समारोह हर साल नवंबर में न्यूयॉर्क में आयोजित किया जाता है और 1,200 से अधिक टेलीविजन पेशेवर इसमें हिस्सा लेते हैं। पहला अंतर्राष्ट्रीय एमी पुरस्कार समारोह 1973 में हुआ था।
निष्कर्ष:
दिलजीत दोसांझ के इंटरनेशनल एमी नॉमिनेशन और अमर सिंह चमकीला की जीवनी हमें यह दिखाती है कि कड़ी मेहनत, प्रतिभा और समर्पण किसी भी बाधा के बावजूद पहचान और सफलता दिला सकते हैं। चाहे वह पंजाबी संगीत की दुनिया हो या अंतरराष्ट्रीय मंच, उत्कृष्टता और जुनून हमेशा याद किए जाते हैं।