भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को नया अध्यक्ष मिल गया है। दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास को रविवार को मुंबई में हुई 94वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में सर्वसम्मति से BCCI का 37वां अध्यक्ष चुना गया। 45 साल के मन्हास ने रोजर बिन्नी की जगह ली है, जिन्होंने पिछले महीने 70 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद पद छोड़ दिया था। खास बात यह है कि वह लगातार तीसरे ऐसे क्रिकेटर हैं, जो इस अहम पद पर पहुंचे हैं। उनसे पहले सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी अध्यक्ष रह चुके हैं।
मिथुन मन्हास के BCCI अध्यक्ष बनने पर हरभजन सिंह और सौरव गांगुली ने खुशी जताई। हरभजन पंजाब के प्रतिनिधि और गांगुली CAB के अध्यक्ष के रूप में AGM में मौजूद थे। निर्विरोध चुने गए मन्हास अब भारतीय क्रिकेट प्रशासन की कमान संभालेंगे।

लोढा समिति की सिफारिश के अनुसार हुई नियुक्ति:
28 सितंबर को BCCI की वार्षिक आम बैठक (AGM) में मिथुन मन्हास को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने 21 सितंबर को नामांकन दाखिल किया था। उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट की लोढा समिति की सिफारिश के अनुसार हुई, जिसमें कहा गया है कि बोर्ड का अध्यक्ष कोई पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी होना चाहिए।
मन्हास को ही क्यों चुना गया?
मिथुन मन्हास को अनुभव, स्वभाव और संबंध बनाने की क्षमता के संतुलन के कारण चुना गया। वे चतुर और सिद्धांतवादी हैं, मिलनसार और दृढ़ भी हैं, और खिलाड़ियों के प्रदर्शन सुधारने का अच्छा रिकॉर्ड रखते हैं। पर्यवेक्षक उन्हें कठोर, जमीन से जुड़े और लोगों के प्रति मिलनसार बताते हैं—ये सभी गुण उनकी नई भूमिका के लिए जरूरी हैं।
उनकी नियुक्ति सिर्फ़ निरंतरता का सवाल नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने का भी है कि खेल का शीर्ष प्रशासक खिलाड़ियों, दबाव और राजनीति को समझे। मन्हास का पिछला अनुभव इसे संभालने के लिए उन्हें तैयार करता है।
BCCI के नए पदाधिकारी के रूप में चुने गए सदस्य:
- मिथुन मन्हास: अध्यक्ष
- राजीव शुक्ला: उपाध्यक्ष (दोबारा चुने गए)
- देवजीत सैकिया: सचिव (दोबारा चुने गए)
- प्रभतेज सिंह भाटिया: संयुक्त सचिव (रोहन गौंस देसाई की जगह)
- ए. रघुराम भट: कोषाध्यक्ष
- जयदेव निरंजन शाह: एपेक्स काउंसिल (Apex Council)
- अरुण सिंह धूमल और एम. खैरुल जमाल मजरूमदार: गवर्निंग काउंसिल (Governing Council)
इसके अलावा, पूर्व भारतीय खिलाड़ी आरपी सिंह और प्रज्ञान ओझा को सीनियर चयन पैनल में शामिल किया गया। वहीं एस. शरथ को फिर से जूनियर चयन पैनल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
मन्हास के पास गांगुली, बिन्नी जैसी सुविधा नहीं:
पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी खिलाड़ी के रूप में प्रसिद्ध थे, इसलिए उन्हें सम्मान जल्दी मिला और मुश्किल सवालों से निपटना आसान रहा। मन्हास के पास ऐसी सुविधा नहीं है। राज्य स्तर के अनुभव के बावजूद अब उन्हें BCCI के जटिल प्रशासन में अपनी जगह बनानी होगी और कई जिम्मेदारियों को संभालना होगा।
कौन हैं मिथुन मन्हास ?
12 अक्टूबर 1979 को जम्मू-कश्मीर में जन्मे मन्हास ने 1997-98 में क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्होंने दिल्ली रणजी टीम की कप्तानी की और 2007-08 में टीम को चैंपियन बनाया। युवा विराट कोहली ने भी अपनी घरेलू क्रिकेट की शुरुआत उनकी कप्तानी में की थी।
मन्हास दाएं हाथ के बल्लेबाज थे, कभी-कभी ऑफ-स्पिन गेंदबाजी करते और जरूरत पड़ने पर विकेटकीपर की भूमिका भी निभाते थे। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपने नेतृत्व और बहुमुखी प्रतिभा के लिए खास पहचान बनाई।
मन्हास का घरेलू क्रिकेट में करियर:
मिथुन मन्हास ने घरेलू क्रिकेट में शानदार करियर बनाया। 2000 के दशक में उन्होंने ज़्यादातर समय दिल्ली टीम की कप्तानी की। 2007-08 में दिल्ली ने रणजी ट्रॉफी जीती, उस सीज़न में उन्होंने 57.57 की औसत से 921 रन बनाए। हालांकि सेमीफाइनल और फाइनल में कप्तानी गौतम गंभीर ने की थी। बाद में 2015-16 रणजी सीज़न के लिए मन्हास जम्मू-कश्मीर टीम से जुड़ गए।
बड़े खिलाडियों के साथ खेल चुके है मन्हास:
मिथुन मन्हास ने लगभग दो दशक तक दिल्ली टीम के लिए खेला और उस दौरान दाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में कई बड़े खिलाड़ियों जैसे सहवाग, गौतम गंभीर, आशीष नेहरा, आकाश चोपड़ा, शिखर धवन, विराट कोहली और ऋषभ पंत के साथ रहे। वह कई सीज़न कप्तान रहे और हमेशा टीम में अच्छे संबंध बनाए रखते थे।
IPL में मन्हास का करियर:
मिथुन मन्हास ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी खेला। वह पहले दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा रहे। IPL के चौथे सीज़न में उन्हें पुणे वॉरियर्स ने करीब 2.6 लाख अमेरिकी डॉलर में खरीदा। बाद में सातवें सीज़न में वे चेन्नई सुपर किंग्स से जुड़े। वह IPL के पहले सीज़न से लेकर 2014 तक खेला। इस दौरान उन्होंने 55 मैचों में 514 रन बनाए। उनका औसत 22.34 और स्ट्राइक रेट 109.36 रहा। हालांकि, अपने पूरे IPL करियर में वह एक भी अर्धशतक नहीं बना सके।
प्रतिस्पर्धा के कारण राष्ट्रीय टीम में नहीं मिला मौका:
मिथुन मन्हास ने घरेलू क्रिकेट में कई यादगार पारियां खेलीं, लेकिन उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। इसका कारण यह था कि उनके समय में मिडिल ऑर्डर में खेलने के लिए सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे। इतनी कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण उन्हें राष्ट्रीय टीम में मौका नहीं मिला।
कोच के रूप में मन्हास का करियर:
मिथुन मन्हास ने 2017 में किंग्स इलेवन पंजाब के सहायक कोच के रूप में कोचिंग करियर शुरू किया। उसी साल उन्हें बांग्लादेश अंडर-19 टीम का बल्लेबाजी सलाहकार बनाया गया और 2019 तक इस भूमिका में रहे। बाद में 2019 में वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के सहायक कोच बने। 2022 में मन्हास ने गुजरात टाइटन्स के साथ भी सहायक कोच की जिम्मेदारी निभाई।
जम्मू और कश्मीर में बदला क्रिकेट का बुनियादी ढाँचा:
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में क्रिकेट निदेशक रहते हुए मिथुन मन्हास ने बड़े बदलाव किए। उन्होंने जम्मू और श्रीनगर में क्रिकेट सुविधाओं को बेहतर बनाया, पिचों का पुनर्निर्माण कराया और खिलाड़ियों को बेहतर माहौल दिया। उनकी मेहनत से राज्य का क्रिकेट ढांचा मजबूत हुआ और स्थानीय खिलाड़ियों को नया आत्मविश्वास मिला।
BCCI में चयनकर्ताओं की नियुक्तियाँ:
BCCI ने चार नई वरिष्ठ महिला चयनकर्ताओं की नियुक्ति की है। इनमें अमिता शर्मा (अध्यक्ष), सुलक्षणा नाइक, जया शर्मा और श्रावंती नायडू शामिल हैं। इन नियुक्तियों की सिफारिश क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने की थी, जिसने सात पदों के लिए 15 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था। खास बात यह है कि सुलक्षणा नाइक, जो पहले CAC की सदस्य थीं, ने चयनकर्ता पद के लिए आवेदन करने से पहले पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था।
TRDO को पुनर्जीवित करने को लेकर हुई चर्चा:
वार्षिक आम बैठक में यह चर्चा हुई कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की मदद के लिए TRDO (प्रतिभा अनुसंधान विकास अधिकारी) विंग को फिर से शुरू किया जाए। यह कार्यक्रम 2000 के दशक में नई प्रतिभाओं को खोजने में काफी मददगार साबित हुआ था। इसी सिस्टम में MS धोनी को भी पहली बार देखा गया था।
निष्कर्ष:
मिथुन मन्हास का BCCI अध्यक्ष बनना न केवल उनके व्यक्तिगत करियर की उपलब्धि है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के प्रशासन में पूर्व खिलाड़ियों की बढ़ती भागीदारी को भी दर्शाता है। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और क्रिकेट के प्रति गहरी समझ भारतीय क्रिकेट को नई दिशा और मजबूती प्रदान करने में सहायक साबित होगी।