तमिल एक्टर और TVK चीफ विजय की करूर रैली में बड़ा हादसा हो गया. भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है और इनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। 51 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

करूर में विजय कार्यक्रम में भगदड़ के पीछे मुख्य कारण:
करूर में हुए विजय के कार्यक्रम में भीड़ बेकाबू हो गई, जिसका मुख्य कारण कार्यक्रम के प्रबंधन में खामियां और भीड़ का अनुमान से अधिक होना था।
- विजय का कार्यक्रम तय समय से लगभग 6 घंटे देरी से शुरू हुआ, जिससे दर्शकों में उत्सुकता और बेचैनी बढ़ गई।
- भीड़ में संयम बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस या वॉलंटियर्स मौजूद नहीं थे, जिससे कंट्रोल खो गया।
- प्रशासन ने कार्यक्रम के लिए 30 हजार लोगों का अनुमान लगाया था, लेकिन 60 हजार से ज्यादा लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जिससे सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई।
- भीड़ में धक्का-मुक्की और गर्मी के कारण लोग बेहोश हुए, बच्चों के परिवार से बिछड़ने और भीड़ में दबने की घटनाएं हुईं।
- बस और मंच के पास बढ़ती भीड़ के कारण स्थिति और खतरनाक हो गई, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।
इस तरह, अत्यधिक भीड़, सुरक्षा कमज़ोरी और आयोजन में देरी मिलकर इस हादसे का मुख्य कारण बनी।
करूर हादसे पर तमिलनाडु सीएम की नजर:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने करूर की घटना पर चिंता जताई है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने पूर्व मंत्री वी. सेंथिलबालाजी, स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमणियन और जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि बेहोश होकर अस्पताल में भर्ती लोगों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जाए।
सीएम ने तिरुचिरापल्ली के मंत्री अन्बिल महेश को भी राहत कार्यों में हर संभव मदद करने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने एडीजीपी से भी हालात को नियंत्रित करने के लिए तेजी से कार्रवाई करने को कहा. उन्होंने जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की।
विजय ने घटना पर क्या कहा?
रैली में मची भगदड़ के बाद विजय ने एक्स पर पोस्ट करके दुख जताया है- उन्होंने लिखा, “मेरा दिल टूट गया है. मैं असहनीय दर्द और दुख में हूं, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. करूर में जान गंवाने वाले अपने प्रिय भाइयों और बहनों के परिवारों के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करता हूं. मैं अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। “

हादसे के बाद एक्टर विजय करूर से सीधे त्रिची हवाई अड्डे पहुंचे और वहां से चेन्नई रवाना हो गए। वे न ही घायलों से मिले और न ही सार्वजनिक तौर पर कोई सांत्वना दी।
प्रधानमंत्री ने भी जताया दुख-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है- उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया है. मैं इस कठिन समय में उन्हें शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये देने का ऐलान:
करूर भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए एक्टर विजय ने मुआवजा देने का ऐलान किया है. एक्टर विजय ने कहा कि पीड़ित परिवारों को वह 20-20 लाख रुपये की आर्थिक मदद करेंगे।
सीएम स्टालिन ने 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था, जबकि घायलों को एक-एक लाख रुपये देने को कहा था।
केंद्र सरकार ने भी किया मुआवजा का ऐलान:
करूर भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुआवजा देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि पीएम राहत कोष से पीड़ित परिवारों को 2-2 लाख रुपये की मदद की जाएगी।
तमिलनाडु सरकार ने जांच कमीशन बनाया:
मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस हादसे की जांच के लिए जस्टिस अरुणा जगदीसन की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया। CM स्टालिन देर रात को ही करूर पहुचें और हालात का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
करूर भगदड़ के लिए TVK की लापरवाही जिम्मेदार:
तमिलनाडु की डीएमके सरकार के सूत्रों ने करूर भगदड़ के लिए टीवीके (TVK) की लापरवाही और नियमों के उल्लंघन को मुख्य कारण बताया है। आरोप है कि विजय के पांच घंटे देर से आने, वाहन की लाइट बंद कर भीड़ के बीच गुजरने, भीड़ की संख्या अनुमति से अधिक होने और सुरक्षा व मेडिकल इंतजामों की अनदेखी ने हालात को बिगाड़ा।
रैली में अनुमान से अधिक लोग जुट गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और पर्याप्त मेडिकल टीम मौजूद नहीं थी।
TVK नेताओं पर केस:
इस मामले में पुलिस ने टीवीके के दो बड़े नेताओं के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या, लापरवाही और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत टीवीके हर सप्ताहांत रैलियां आयोजित कर रही थी, लेकिन करूर की इस त्रासदी ने सुरक्षा इंतजाम और आयोजन की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोर्ट पहुंची विजय की पार्टी:
एक्टर थलपति विजय की पार्टी टीवीके ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर करूर भगदड़ में साजिश का आरोप लगाया है।
टीवीके ने इस भगदड़ की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। याचिका में पथराव और पुलिस के लाठीचार्ज का भी जिक्र है।
गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से मांगी रिपोर्ट:
करूर में हुए हादसे पर अब गृह मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इसमें यह जानकारी मांगी गई है कि यह हादसा किन हालात में हुआ और मौके पर बचाव एवं राहत के लिए क्या-क्या इंतज़ाम किए गए थे, राज्य सरकार को जल्द ही यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपनी होगी।
विजय कौन हैं?
विजय, जिनका असली नाम जोसेफ विजय चंद्रशेखर है, 51 वर्ष के हैं और तमिलनाडु के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक हैं। वह एक फिल्मी परिवार से आते हैं, जिनके पिता फिल्म निर्देशक और माता गायिका हैं, और उन्होंने बचपन में ही कई फिल्मों में अभिनय किया।
विजय ने 1992 में अपने पिता द्वारा निर्देशित फिल्म Naalaiya Theerpu से मुख्य भूमिका में अभिनय की शुरुआत की। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन इसने विजय का “तमिलनाडु की समस्याओं का समाधान करने वाला नायक” वाला स्क्रीन व्यक्तित्व स्थापित किया।
उन्होंने रोमांस, कॉमेडी और एक्शन थ्रिलर जैसी फिल्मों में काम करके पहचान बनाई। उनकी डांस मूव्स और ऑन-स्क्रीन आकर्षण ने उन्हें खासा लोकप्रिय बनाया। उनकी कुछ प्रमुख हिट फिल्मों में Ghilli (2004), Pokkiri (2007), Thuppakki (2012), और Kaththi (2014) शामिल हैं, जिनमें उन्होंने एक्शन और सह-कलाकारों के साथ कैमिस्ट्री दिखाकर दर्शकों को प्रभावित किया।
विजय को उनके प्रशंसकों ने इल्याथलपति (Young Commander) का नाम दिया है, जो तमिल सितारों के लिए आम प्रशंसक-नामों में से एक है। उनकी फिल्मों के रिलीज़ पर सिनेमा हॉलों में भारी भीड़ जुटती है, और दर्शक उन्हें समर्थन देने के लिए उत्सव की तरह आते हैं।
विजय ने राजनीति में क्यों कदम रखा?
विजय के राजनीति में प्रवेश की अटकलें सालों से चल रही थीं, क्योंकि उनके फैन क्लब ने 2021 के स्थानीय चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था। समय-समय पर उनके कुछ बयान भी राजनीतिक संकेत देने वाले माने गए, जिससे उनके राजनीतिक कदम की संभावना बनी रही।
हालाँकि, उनका पूरे समय के लिए अभिनय छोड़कर राजनीति में आने का फैसला कई प्रशंसकों के लिए अचानक था। उन्होंने घोषणा की है कि उनकी आगामी फिल्म ‘जना नायकन’, जो अगले साल रिलीज़ होगी, उनकी अंतिम फिल्म होगी। और 2 फ़रवरी 2024 को अपनी पार्टी तमिलगा वेत्त्री कज़गम तमिलगा वेत्री कझगम की स्थापना की।
दक्षिण भारत में फिल्म सितारों और राजनीति का जुड़ाव:
दक्षिणी राज्यों में यह आम है कि फिल्म सितारे राजनीति में उतरते हैं, क्योंकि उनकी लोकप्रियता और व्यापक फैन फॉलोइंग चुनावी सफलता में बदल सकती है।
- एम.जी. रामचंद्रन (MGR) इसका प्रमुख उदाहरण हैं। उन्होंने 1962 में DMK जॉइन किया, बाद में 1972 में AIADMK की स्थापना की और 1977–1987 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे।
- जयललिता, MGR की को-स्टार, उनके नक्शेकदम पर चलीं, AIADMK की नेता बनीं और छह बार मुख्यमंत्री रहीं।
हालांकि, हर फिल्म स्टार की राजनीतिक कोशिश सफल नहीं होती:
- कमल हासन ने 2018 में मक्कल नीति मैयम पार्टी शुरू की, लेकिन उनकी पार्टी अभी तक संसदीय या विधानसभा सीट नहीं जीत पाई।
- रजनीकांत ने राजनीति में आने का विचार किया लेकिन 2020 में घोषणा की कि वह इसमें नहीं उतरेंगे।
क्यों दक्षिण भारतीय फिल्म सितारों के फैन फॉलोइंग अधिक हैं?
दक्षिण भारतीय फिल्म सितारों की लोकप्रियता के पीछे कई वजहें हैं- हीरो का larger-than-life व्यक्तित्व, गहरा सांस्कृतिक जुड़ाव और संगठित फैन क्लब संस्कृति।
इनके प्रशंसक सिर्फ अभिनय की सराहना नहीं करते, बल्कि इसे व्यक्तिगत और सांस्कृतिक कनेक्शन के रूप में महसूस करते हैं।
- हीरो का larger-than-life व्यक्तित्व:
- असाधारण किरदार: बॉलीवुड की कई फिल्मों के विपरीत, दक्षिण भारतीय सिनेमा में हीरो को अक्सर सुपरह्यूमन क्षमताओं वाला larger-than-life किरदार दिखाया जाता है।
- महाकाव्य जैसी कहानी: Baahubali और KGF जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बड़े विज़ुअल्स और महाकाव्य हीरो पोर्ट्रेल्स के लिए जानी जाती हैं, जो दर्शकों को सिनेमा का एक अलग, रोमांचक अनुभव देती हैं।
- बड़ी जनता तक पहुँच: यह शैली छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में व्यापक दर्शक वर्ग को आकर्षित करती है।
- गहरा सांस्कृतिक और क्षेत्रीय जुड़ाव:
- स्थानीय परंपराओं का प्रदर्शन: दक्षिण भारतीय फिल्में अक्सर स्थानीय भाषा, रीति-रिवाज और जीवनशैली को दिखाती हैं, जिससे दर्शकों में गौरव और पहचान की भावना मजबूत होती है।
- जाति और राजनीति: कुछ क्षेत्रों में, फैन क्लब और जातिवादी राजनीतिक आंदोलनों के बीच ऐतिहासिक संबंध ने फैंस की वफादारी को और गहरा किया है।
- स्टार का व्यवहार और विनम्रता की धारणा:
- विनम्र और जिम्मेदार छवि: बॉलीवुड सितारों के मुकाबले, कुछ दक्षिण भारतीय सुपरस्टार्स को अधिक विनम्र और जमीन से जुड़े हुए माना जाता है।
- दान और जनसंपर्क: कई अभिनेता चैरिटी और जनता के साथ संवाद के लिए जाने जाते हैं, जो उनके फैंस के साथ संबंध मजबूत करता है।
- सांस्कृतिक मूल्य: उनकी यह विनम्रता और कड़ी मेहनत सांस्कृतिक मूल्यों के अनुकूल मानी जाती है और उन्हें अत्यधिक सम्मान दिलाती है।