इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की सबसे चर्चित और लोकप्रिय टीमों में से एक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) एक बार फिर सुर्खियों में है। खबर है कि टीम के मौजूदा मालिक डियाजियो (Diageo) अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं। इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने सोशल मीडिया पर किए एक पोस्ट से संकेत दिए हैं कि वे RCB में हिस्सेदारी खरीद सकते हैं।

उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट लिखा, “सही वैल्यूएशन पर @RCBTweets एक शानदार टीम है”.

मौजूदा मालिक क्यों बेचना चाहते है फ्रेंचाइजी?
RCB अभी यूनाइटेड स्पिरिट्स के पास है, जो ब्रिटेन की कंपनी डियाजियो (Diageo) के कंट्रोल में है। कई सालों से टीम की बिक्री की बातें होती रही हैं, लेकिन हर बार कंपनी ने इसे खारिज कर दिया। अब हालात बदले हैं—टीम की पहली खिताबी जीत, उसका बड़ा फैनबेस और हाल ही में हुए विवादों की वजह से मालिकाना हक बदलने की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है।
कितने में हो सकती है डील?
खबरों के मुताबिक, डियाजियो लगभग 2 अरब डॉलर की डील पर विचार कर रहा है। इस डील में खरीदारों को लंपसम और सेकेंडरी डील के जरिए थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, डियाजियो ने इस पर अभी कोई साफ बयान नहीं दिया है और कंपनी का कहना है कि वे बाज़ार की अटकलों पर टिप्पणी नहीं करते। इसी तरह, अदार पूनावाला की ओर से भी अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
USL ने विजय माल्या से खरीदी थी RCB:
RCB के पहले मालिक शराब कारोबारी विजय माल्या थे। उन्होंने 2008 में टीम को 111.6 मिलियन डॉलर यानी उस समय करीब 476 करोड़ रुपए में खरीदा था। यह IPL की दूसरी सबसे महंगी टीम थी। माल्या की कंपनी USL के जरिए RCB का मालिकाना हक था।
2014 में ब्रिटिश कंपनी डियाजियो ने USL में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी और 2016 तक, जब माल्या कंपनी से बाहर हो गए, RCB की पूरी मालिकियत डियाजियो के पास आ गई।
- डियाजियो (Diageo): यह लंदन स्थित एक ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय कंपनी है और दुनिया की अग्रणी शराब बनाने और बेचने वाली कंपनियों में से एक है।
- USL (United Spirits Limited): यह डियाजियो की भारतीय सहायक कंपनी है और भारत की सबसे बड़ी शराब कंपनियों में से एक है, जिसके पास मैक्डॉवेल्स नंबर 1 और रॉयल चैलेंज जैसे लोकप्रिय ब्रांड हैं।
हादसे के बाद RCB की बिक्री की अटकलें तेज:
रजत पाटीदार की कप्तानी में RCB ने IPL के 18वें सीजन में पहली बार खिताब जीता था। फाइनल में टीम ने पंजाब किंग्स IX को हराया। जीत का जश्न मनाने के लिए 4 जून को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर करीब 3 लाख लोग जमा हुए थे। लेकिन इस दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए।
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) ने इस हादसे की जिम्मेदारी RCB पर डाली। इसी वजह से टीम के मैनेजमेंट पर सवाल उठ रहे हैं। फैंस का समर्थन और विराट कोहली की लोकप्रियता होने के बावजूद, इस घटना के बाद टीम की बिक्री की अटकलें और तेज हो गई हैं। अब अदार पूनावाला का पोस्ट, IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की पोस्ट के बाद, इस चर्चा को और हवा मिल रही है।
ललित मोदी के पोस्ट से मिली अटकलों को हवा:
पूर्व IPL अध्यक्ष ललित मोदी के एक पोस्ट ने RCB की बिक्री की अटकलों को और हवा दे दी है। उन्होंने लिखा कि पहले सिर्फ अफवाहें थीं, लेकिन अब साफ लग रहा है कि मालिकों ने RCB को अपनी बैलेंस शीट से हटाकर बेचने का मन बना लिया है। मोदी का मानना है कि इस टीम में कोई बड़ा ग्लोबल फंड या सॉवरेन फंड निवेश कर सकता है और इससे बेहतर निवेश का मौका फिलहाल और कहीं नहीं है। उन्होंने बोली लगाने वालों को शुभकामनाएँ भी दीं।
कथित तौर पर सिटीबैंक संभाल रहा पूरी प्रक्रिया:
खबरों के मुताबिक, RCB की बिक्री की पूरी प्रक्रिया सिटीबैंक देख रहा है। मोदी ने भी इशारा किया कि यह बैंक इस सौदे में अहम भूमिका निभा सकता है और उस पर भरोसा जताया। उन्होंने इंस्टाग्राम और ट्विटर पर लिखा कि संभावित खरीदारों के लिए टीम की नीलामी करवाने में सिटीबैंक बेहतरीन काम करेगा।

कुछ दिन पहले ही बदला गुजरात टाइटंस का मालिकाना हक:
हाल ही में IPL की टीम गुजरात टाइटंस का मालिकाना हक बदला है। हेल्थकेयर और पावर सेक्टर में सक्रिय टॉरेंट ग्रुप ने टीम की 67% हिस्सेदारी खरीद ली, जबकि इरेलिया ने अपनी 33% माइनॉरिटी हिस्सेदारी बरकरार रखी है। इस डील ने IPL फ्रेंचाइजी के वैल्यूएशन को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। माना जा रहा है कि अगर RCB बिकती है, तो यह सौदा इस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ सकता है। इसकी बड़ी वजह है विराट कोहली, जिनकी वजह से RCB की फैन फॉलोइंग सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है।
पूनावाला के RCB अधिग्रहण का संभावित असर:
यदि एडिल्ट सौदा पूरा होता है, तो यह सिर्फ एक महंगा अधिग्रहण नहीं बल्कि क्रिकेट और मीडिया दुनिया में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
- ट्रॉफी और ब्रांड वैल्यू का उछाल: RCB अब IPL का खिताब जीत चुकी है, टीम अब मजबूत ब्रांड, फैन बेस और अंतरराष्ट्रीय पहचान के साथ एक आकर्षक मीडिया संपत्ति बन चुकी है।
- कॉर्पोरेट दुनिया में नया ट्रेंड: IPL टीम का मालिक बनना भारत के बड़े उद्योगपतियों के लिए सांस्कृतिक और ब्रांडिंग पावर का नया माध्यम बन गया है। यह सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं, बल्कि ब्रांड डाइवर्सिफिकेशन, मीडिया विज़िबिलिटी और सामाजिक प्रभाव का साधन है। पूनावाला की एंट्री उन्हें मुकेश अंबानी और एन. श्रीनिवासन जैसे बड़े नामों के साथ जोड़ सकती है।
- नियम और जटिलताएँ: सौदा पूरा करने के लिए IPL के ओनरशिप नियम, डायजियो की कॉर्पोरेट गवर्नेंस नीतियाँ, और भारत में खेलों में शराब विज्ञापन से जुड़े कानून का पालन करना अनिवार्य होगा।
अब आगे क्या होगा ?
अगर RCB की बिक्री होती है, तो यह IPL के इतिहास का सबसे बड़ा सौदा साबित होगा और यह दिखाएगा कि इस लीग में वैश्विक निवेशकों की रुचि कितनी बढ़ चुकी है। माना जा रहा है कि इस कदम से अन्य टीमों के मूल्यांकन का आधार भी बदल जाएगा और उन पर व्यावसायिक प्रदर्शन और स्पॉन्सरशिप बेहतर करने का दबाव बढ़ेगा।
डियाजियो के लिए यह भारतीय क्रिकेट से जुड़े रिश्तों में एक बड़ा मोड़ होगा, वहीं विदेशी पूंजी और बड़े निवेश फंड्स की मौजूदगी भी और मजबूत होगी। ऐसे में अब सबकी नजर इस पर है कि क्रिकेट की सबसे चर्चित फ्रेंचाइजी RCB का अगला मालिक कौन होगा।