मोरक्को में 27 सितंबर से शुरू हुआ युवाओं के नेतृत्व वाला विरोध आंदोलन तेजी से पूरे देश में फैल गया है। ऑनलाइन नेटवर्क ‘GenZ 212’ द्वारा संगठित इन प्रदर्शनों की शुरुआत स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार की मांग से हुई थी, लेकिन अब ये हाल के वर्षों के सबसे बड़े और उग्र प्रदर्शनों में बदल चुके हैं।
प्रदर्शनों के दौरान पुलिस फायरिंग में 3 युवाओं की मौत हो गई, जबकि 1000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 354 लोग घायल हुए हैं, जिनमें अधिकांश सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। मंत्रालय के अनुसार, लगभग 70% प्रदर्शनकारी नाबालिग थे।
विरोध की एक बड़ी वजह यह है कि सरकार 2030 फीफा वर्ल्ड कप और अफ्रीका कप ऑफ नेशंस की तैयारियों पर करीब 10 अरब डॉलर (8.8 लाख करोड़ रुपये) खर्च कर रही है, जबकि देश के सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की भारी कमी लोगों में गुस्सा पैदा कर रही है।

विरोध प्रदर्शनों के पीछे कई गहरे सामाजिक और आर्थिक कारण हैं, जिनमें सबसे अहम हैं–
- सार्वजनिक सेवाओं की कमी: सरकार द्वारा फीफा विश्व कप जैसे बड़े आयोजनों पर भारी खर्च के बावजूद स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं की स्थिति बेहद खराब है।
- अगादिर की घटना: अगादिर के एक सार्वजनिक अस्पताल में इलाज के अभाव में आठ गर्भवती महिलाओं की मौत की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विरोध तेज हुआ।
- उच्च बेरोजगारी: युवाओं में बेरोजगारी की दर बहुत अधिक है, जिससे सरकार के प्रति असंतोष बढ़ा है।
- भ्रष्टाचार और असमानता: क्षेत्रीय असमानताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ भी लोगों में आक्रोश है।
- महंगाई: लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों के गुस्से को और भड़काया है।
मोरक्को मे बेरोजगारी का संकट:
मोरक्को में विरोध प्रदर्शनों के पीछे गहरी आर्थिक परेशानियाँ और सामाजिक असमानताएँ हैं। देश की आधिकारिक बेरोजगारी दर 12.8% है, लेकिन युवाओं में यह बढ़कर 35.8% तक पहुँच जाती है। वहीं, लगभग 20% विश्वविद्यालय स्नातक युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है, जिससे असंतोष और बढ़ गया है।
GenZ 212 क्या है?
GenZ 212 नाम मोरक्को के टेलीफोन कंट्री कोड 212 से प्रेरित है, लेकिन इस आंदोलन की पहचान जानबूझकर गुप्त रखी गई है। इसका कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है और यह किसी राजनीतिक दल या पारंपरिक एक्टिविस्ट समूह से जुड़ा नहीं है।
आंदोलन मे सोशल मीडिया और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जा रहा है:
आयोजक सोशल मीडिया और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स- विशेषकर TikTok, Instagram और Discord पर निर्भर हैं, जहां प्रदर्शन की रणनीतियाँ साझा की जाती हैं और लोगों की शिकायतों को सामने लाया जाता है। सिर्फ एक हफ्ते में ग्रुप के Discord सर्वर के सदस्य 3,000 से बढ़कर 1.3 लाख से अधिक हो गए, जो युवाओं में इसकी तेजी से बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। आंदोलन की गुमनामी को एनीमे अवतार, गेमर हैंडल और बिना चेहरे वाले पोस्ट के ज़रिए प्रतीकात्मक रूप से दिखाया जाता है।
GenZ 212 आंदोलन को मिला व्यापक समर्थन:
GenZ 212 के विरोध प्रदर्शनों ने पारंपरिक कार्यकर्ता समूहों से आगे बढ़कर समाज के अन्य वर्गों तक अपनी गूंज पहुंचाई है। एथलीटों, संगीतकारों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने भी आंदोलन के प्रति एकजुटता जताई है।
फुटबॉल अल्ट्रास ने आगामी राष्ट्रीय टीम के मैचों का बहिष्कार करने की घोषणा की है, जबकि आंदोलन ने दिसंबर में होने वाले अफ्रीका कप ऑफ नेशंस के बहिष्कार की अपील की है ताकि सरकार के खर्च प्राथमिकताओं के खिलाफ विरोध दर्ज कराया जा सके। इस आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है, और इसकी तुलना ब्राज़ील, नेपाल और मेडागास्कर जैसे देशों में हुए युवाओं के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों से की जा रही है।
सरकार की प्रतिक्रिया:
सरकार की प्रतिक्रिया में कहा गया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन नागरिकों का अधिकार है, लेकिन कानून व्यवस्था भंग करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। सरकार ने हिंसा की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। साथ ही, स्वास्थ्य और शिक्षा सुधारों पर जल्द ही चर्चा शुरू करने का आश्वासन भी दिया गया।
2025 में विभिन्न देशों में Gen Z के प्रदर्शन:
- 1 सितंबर को नीदरलैंड में Gen Z के युवाओं ने सरकार की इजरायल को मदद देने की नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद सरकार ने नीति बदलने का वादा किया।
- 8 से 13 सितंबर के बीच नेपाल में युवाओं ने सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने संसद का घेराव किया और आगजनी भी की। इस दौरान 72 लोगों की मौत हुई और 2113 लोग घायल हुए।
- 10 सितंबर को फ्रांस में युवाओं ने बजट कटौती के विरोध में हड़तालें कीं। हालांकि, सरकार अभी भी अपनी नीति पर अडिग है।
- 15 से 17 सितंबर के बीच तिमोर-लेस्ते में सांसदों की जीवनभर पेंशन और कारों की योजना के खिलाफ Gen Z ने प्रदर्शन किया। दबाव में सरकार को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा और युवाओं की जीत हुई।
- 21 सितंबर को फिलीपींस में बाढ़ नियंत्रण और भ्रष्टाचार के विरोध में करीब 1 लाख लोग प्रदर्शन में जुटे। इस आंदोलन में दो लोगों की मौत हुई, 205 घायल हुए और 216 गिरफ्तार हुए। दबाव के चलते स्पीकर और सीनेट-चीफ को इस्तीफा देना पड़ा।
- 22 सितंबर को इटली में Gen Z ने गाजा युद्ध के विरोध में रेल और पोर्ट को ठप कर दिया। युवाओं में गुस्सा स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
- 25 सितंबर को मेडागास्कर में बिजली और पानी की समस्या तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। इस दौरान 5 लोगों की मौत हुई और युवा बहुत भड़के हुए हैं।
- मोरक्को में सरकार के 2030 विश्व कप की तैयारी पर अत्यधिक खर्च के विरोध में, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की मांग को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन हुए।
जनरेशन Z क्या है?
जनरेशन Z (जेन Z या ज़ूमर्स) उन लोगों को कहा जाता है जिनका जन्म लगभग 1997 से 2012 के बीच हुआ है। यह पीढ़ी मिलेनियल्स के बाद और जनरेशन अल्फा से पहले आती है।
- डिजिटल नेटिव्स: जेन Z पूरी तरह इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के युग में पली-बढ़ी है। तकनीक इनके जीवन का अहम हिस्सा है- चाहे संचार हो, शिक्षा, खबरें या मनोरंजन।
- सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता: यह पीढ़ी जलवायु परिवर्तन, सामाजिक न्याय और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों के प्रति बेहद जागरूक है। ये अपने विचार खुलकर व्यक्त करते हैं और सामाजिक आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।
- विविधता और समावेशिता का महत्व: जेन Z अब तक की सबसे विविध पीढ़ी मानी जाती है। वे नस्ल, संस्कृति और जातीयता के आधार पर विविध समुदायों से जुड़ी है और समानता व समावेशन को प्राथमिकता देती है।
- व्यावहारिक और उद्यमी सोच: महामंदी और COVID-19 जैसी घटनाओं के कारण यह पीढ़ी आर्थिक रूप से सतर्क है। इनमें उद्यमिता की भावना अधिक है और ये नौकरी की सुरक्षा व बेहतर वेतन को महत्व देते हैं।
- काम करने का नया तरीका: ये लोग सिर्फ वेतन नहीं, बल्कि संतोष और उद्देश्य देने वाले काम की तलाश करते हैं। लचीलेपन और करियर विकास के अवसर इनके लिए अहम होते हैं।
निष्कर्ष:
मोरक्को में Gen Z का यह आंदोलन स्पष्ट संदेश देता है कि युवा अब सरकारी भ्रष्टाचार और अनुचित खर्च को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे चाहते हैं कि सरकार जनता के हित में निर्णय ले, और शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों को प्राथमिकता दे। यह आंदोलन युवा पीढ़ी की सक्रिय और जवाबदेह चेतना का परिचायक है।