अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इस आदेश के अनुसार अगर कतर पर किसी भी तरह का हमला होता है, तो उसे अमेरिका की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा माना जाएगा। इस आदेश में ट्रंप ने कतर को सुरक्षा की गारंटी दी है और वादा किया है कि अगर कतर पर भविष्य में हमला करता है, तो अमेरिका उसकी रक्षा करेगा।

अमेरिका का कतर के प्रति सुरक्षा प्रतिबद्धता:
आदेश में कहा गया है कि अमेरिका कतर की क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा को बाहरी हमलों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह संबंध दोनों देशों की दशकों पुरानी साझेदारी और सुरक्षा सहयोग को ध्यान में रखकर लिया गया है।
आदेश में यह भी जोड़ा गया है कि हमले की स्थिति में अमेरिका सभी तरह के उपाय करने के लिए तैयार रहेगा, चाहे वो राजनयिक हों, आर्थिक हों या फिर जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई ही क्यों न करनी पड़े।
अमेरिका-कतर सुरक्षा सहयोग मजबूत:
डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद, कतर का विदेश मंत्रालय इसे दोनों देशों के सुरक्षा और रक्षा संबंधों को मजबूत करने वाला कदम बताया।
कतर के समाचार चैनल ने इसे ऐसे समय में महत्वपूर्ण करार दिया जब इजराइली हमलों के बाद कतर की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे थे। चैनल ने इसे अमेरिकी सुरक्षा गारंटी के रूप में पेश किया।
कतर और इजरायल-हमास संघर्ष:
यह कदम उस समय सामने आया है जब पिछले महीने इजरायल ने दोहा में हमास के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। इस हमले में किसी वरिष्ठ हमास नेता की मौत की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार खलील अल-हय्या के बेटे की मौत हुई थी।
खलील को 7 अक्टूबर 2023 के इजरायल हमले की योजना से जोड़ा गया था। इस कार्रवाई के बाद अमेरिका समेत कई देशों ने इजरायल की कार्रवाई की निंदा की। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले को सही ठहराते हुए कतर पर आरोप लगाया कि वह हमास के नेताओं को सुरक्षित पनाहगाह दे रहा है। वहीं कतर लंबे समय से गाजा संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभाता आया है और इसे क्षेत्रीय राजनीति में एक अहम खिलाड़ी माना जाता है।
कतर पर हमले के बाद नेतन्याहू ने माफी मांगी:
बीते 9 सितंबर को कतर पर इजरायल के हमले के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू काफी दबाव में आ गए थे। एक तरफ दुनियाभर के मुस्लिम नेताओं ने इस हमले की निंदा की, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस हमले की निंदा की।
इस बढ़ते दबाव के बीच, नेतन्याहू ने कतर से माफी मांगी। उन्होंने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सामने बैठकर कतर के अमीर शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से औपचारिक तौर पर माफी मांगी।

कतर अमेरिका के लिए क्यों अहम है
कतर फारस की खाड़ी में स्थित एक छोटा लेकिन अमीर देश है, जिसके पास विशाल प्राकृतिक गैस भंडार हैं। मिडिल ईस्ट में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य बेस (अल-उदीद) कतर में स्थित है, जहां लगभग 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। 2022 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कतर को ‘प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी’ का दर्जा दिया, जो इसकी रणनीतिक अहमियत को दर्शाता है।
कतर संघर्ष में मध्यस्थ के रूप में:
कूटनीतिक रूप से, कतर ने खुद को विश्वसनीय मध्यस्थ के रूप में स्थापित किया है। कतर ने अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता की मेज़बानी की, जिसके परिणामस्वरूप फरवरी 2020 में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की मौजूदगी में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
कतर की प्रमुख मध्यस्थता भूमिकाएँ:
कतर ने पिछले वर्षों में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में मध्यस्थता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है:
- हमास और इज़राइल: गाजा युद्ध के दौरान बंधकों की रिहाई और युद्धविराम के प्रयासों में कतर ने मध्यस्थता की।
- अमेरिका और तालिबान: तालिबान की वापसी और शांति वार्ता को सुविधा प्रदान करने में कतर ने अहम भूमिका निभाई।
- लेबनान और यमन: संघर्षों में शांति समझौते कराने में मदद।
- दारफुर: शांति प्रक्रिया में कतर की मध्यस्थता महत्वपूर्ण रही।
- अफगान शांति वार्ता: काबुल में तालिबान के राजनीतिक कार्यालयों की मेजबानी, अफगान शांति वार्ता को बढ़ावा देना।
- रवांडा और पूर्वी कांगो: संघर्ष समाधान में बातचीत का समर्थन।
- यूक्रेन (2023): यूक्रेनी बच्चों की रिहाई और प्रत्यावर्तन में मध्यस्थता, जिसमें दो साल से 17 साल तक के बच्चे शामिल थे। कतर की मध्यस्थता से पहले चार बच्चे अपने परिवारों के साथ फिर से मिल पाए, और आगे छह और बच्चों के लौटने की प्रक्रिया जारी है।
मध्यस्थता के पीछे कारण:
- आर्थिक हित: एलएनजी जैसे प्राकृतिक संसाधनों की निर्यात आधारित समृद्धि के कारण क्षेत्रीय स्थिरता कतर की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- नरम कूटनीति: कतर अपने वित्तीय संसाधनों और राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करके बातचीत को सुगम बनाता है।
- भू-राजनीतिक स्थिति: विभिन्न राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं के साथ संबंधों का लाभ उठाकर कतर खुद को विश्वसनीय मध्यस्थ के रूप में स्थापित करता है।
- धार्मिक और नैतिक दायित्व: कुरान में मुसलमानों के बीच सुलह की आवश्यकता बताई गई है; कतर इसे नैतिक और धार्मिक दायित्व मानता है।
अमेरिका की मध्य पूर्व रणनीति में अहम सहयोगी:
कतर का अमेरिका के लिए सहयोग मध्य पूर्व में जटिल और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक तरफ अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है, तो दूसरी तरफ हमास जैसे समूहों के साथ इसके संबंध अमेरिकी हितों के लिए चुनौतीपूर्ण भी हैं।
अमेरिकी सैन्य मौजूदगी: कतर में अल-उदीद एयर बेस स्थित है, जो अमेरिका का मध्य पूर्व में सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। इस बेस पर हजारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और यह पूरे क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य अभियानों का प्रमुख केंद्र है।

कतर ने अमेरिका को दिया शानदार उपहार:
साल 2025 में कतर के शाही परिवार ने संयुक्त राज्य अमेरिका को एक बोइंग 747-8 विमान उपहार में दिया। इसे अस्थायी एयर फ़ोर्स वन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और इसे “उड़ता हुआ महल” भी कहा जाता है।
विमान की प्रमुख विशेषताएँ:
- कीमत: अनुमानित $400 मिलियन (लगभग 3,400 करोड़ रुपये)।
- विशेषताएँ: बेहतरीन सुविधाएँ और विलासिता के लिए जाना जाता है।
इससे अनुमान लगाया जा सकता है की कतर और अमेरिका के संबंध कितने खास है।
ट्रम्प के क़तर सुरक्षा आदेश पर सवाल:
अमेरिका में आम तौर पर किसी भी रक्षा संधि को कानूनी मान्यता देने के लिए कांग्रेस (संसद) की मंज़ूरी ज़रूरी होती है। हालांकि कई बार राष्ट्रपति खुद ही ऐसे समझौते कर लेते हैं, जैसे बराक ओबामा ने 2015 में ईरान परमाणु समझौते के साथ किया था।
लेकिन सैन्य कार्रवाई का अंतिम फ़ैसला राष्ट्रपति के हाथ में होता है। इसी वजह से ट्रम्प के क़तर सुरक्षा आदेश को लेकर अमेरिका में संदेह और आलोचना दोनों हो रही हैं।
- नाटो जैसे पुराने समझौतों की विश्वसनीयता पर ट्रम्प के पहले के बयानों से भी शंका बढ़ी।
- दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लॉरा लूमर ने सोशल मीडिया पर लिखा: “मैं क़तर के लिए मरना नहीं चाहती, क्या आप चाहते हैं?”
- वॉल स्ट्रीट जर्नल के संपादकीय बोर्ड ने भी इसे बिना सार्वजनिक बहस के अचानक लिया गया निर्णय बताया
अमेरिका की एशिया में बढ़ती पकड़:
वॉल स्ट्रीट जर्नल के सूत्रों के अनुसार, अमेरिका अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए छोटी सैन्य उपस्थिति फिर से स्थापित करने की संभावनाओं पर तालिबान के साथ बातचीत कर रहा है। इस प्रकार मे अमेरिका की मिडिल ईस्ट मे पकड़ और मजबूत हो जाएगी।
बगराम एयरबेस क्या है?
- अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना, काबुल से 40 किमी उत्तर में स्थित।
- चीन और अफगानिस्तान की सीमा के पास होने के कारण रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण।
- अमेरिका ने इसे 20 साल तक इस्तेमाल किया।
- 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यह तालिबान के नियंत्रण में है।
ट्रंप की प्रतिक्रिया: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 21 सितंबर को अफगानिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा: “अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस अमेरिका को नहीं देता है, जिसने इसे बनाया था, तो बुरी चीजें होने वाली हैं।”
निष्कर्ष:
विशेषज्ञों का कहना है कि मिडिल ईस्ट अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए ट्रम्प का आदेश केवल कतर की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में अमेरिका की रणनीतिक मौजूदगी और प्रभाव को मजबूत करने वाला कदम है।