सर्दियों में बेघरों के लिए दिल्ली सरकार का बड़ा तोहफा: 3.41 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा जर्मन स्टाइल पैगोडा टेंट, 15 नवंबर से टेंट लगाने का काम शुरू..

दिल्ली सरकार ने सर्दियों से पहले बेघरों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कदम उठाया है। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) ने शहर में 250 जलरोधी और अग्निरोधी पैगोडा टेंट लगाने, स्थापित करने और रखरखाव के लिए निविदा आमंत्रित की है। ये टेंट यूरोपीय और जर्मन शैली के हैंगर होंगे, जिन्हें आमतौर पर शिविरों, मेलों और आयोजनों में इस्तेमाल किया जाता है। इस कार्य की अनुमानित लागत लगभग 3.41 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य अस्थायी आश्रय गृहों को सुरक्षित और टिकाऊ बनाना है। आपको बता दे, दिल्ली के मुख्यमंत्री ही दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होते हैं।

 

पगोडा टेंट में क्या व्यवस्थाए होंगी?

हर पगोडा में लकड़ी का प्लेटफार्म, बिस्तर और गद्दे, बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा किट और पानी का इंतजाम होगा। इसके अलावा, हर पगोडा में चार पोर्टेबल रिचार्जेबल एलईडी लालटेन और आश्रयों के संचालन के लिए जरूरी सभी उपकरण भी होंगे। जो एजेंसी इसे लगाएगी, वह टेंट की आपूर्ति और रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी भी निभाएगी। बोली में हिस्सा लेने के लिए 7 लाख रुपये जमा करने होंगे और यह कार्य 120 दिनों में पूरा करना होगा। DUSIB ने 15 नवंबर से टेंट लगाने का काम शुरू करने की योजना बनाई है।

Delhi government's big gift for the homeless in winter

मानकों पर रखा जाएगा विशेष ध्यान:

मानकों को बनाए रखने के लिए, DUSIB ने उप निदेशक (रैन बसेरा) द्वारा हर दो सप्ताह पर निरीक्षण करना अनिवार्य किया है। निरीक्षण में मिली किसी भी खामी को दो दिनों के भीतर ठीक करना होगा। चयनित एजेंसी सर्दियों के दौरान आश्रयों का रोजाना रखरखाव और अंतिम रसद भी संभालेगी। यह कदम सर्दियों से पहले बेघर लोगों के लिए सुरक्षित, मौसमरोधी और अग्निरोधी आश्रय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

 

ला नीना इफेक्ट के कारण पड़ेगी कड़ाके की ठंड:

दिल्ली में इस बार ला नीना इफेक्ट के कारण ठंड जल्दी और ज्यादा पड़ने की संभावना है। ला नीना एक प्राकृतिक घटना है, जिसमें प्रशांत महासागर का पानी ठंडा हो जाता है। इसके कारण भारत में मानसून में ज्यादा बारिश होती है और सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने बेघरों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए हैं।

 

15 नवंबर से पहले ही टेंट लगाने की मांग:

सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट(CHD) के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार अलेडिया ने कहा है कि हर साल 15 नवंबर से 15 मार्च तक लागू होने वाला विंटर एक्शन प्लान इस बार 15 नवंबर से पहले ही शुरू किया जाना चाहिए। मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक ठंड जल्दी आने वाली है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते तैयारी नहीं हुई, तो हजारों बेघर लोगों को ठंड में खुले आसमान के नीचे सोना पड़ेगा, लेकिन सरकार सही समय पर तैयारी कर इस संकट को टाल सकती है।

 

CHD की तरफ से दिए गए सुझाव:

  • ठंड बढ़ने से पहले सड़कों पर रह रहे बेघर लोगों को खोजने और उन्हें नाइट शेल्टर तक पहुँचाने के लिए आउटरीच और रेस्क्यू टीमों को तैनात किया जाए।
  • स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं के बीच समन्वय मजबूत किया जाए ताकि ठंड से बीमारियों या मौत की घटनाएं न हों।
  • जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को नजदीकी रैन बसेरों और हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी जाए।
  • सभी मौजूदा शेल्टर होम्स की मरम्मत कर उनके हालात सुधारे जाएं।

 

दिल्ली में मौसम से संबंधित मानवाधिकार चिंताएँ:

सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (CHD) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछली सर्दियों में ठंड के कारण दिल्ली में 180 बेघर लोगों की मौत हुई। इसके अलावा, संस्था ने यह दावा किया है कि इस वर्ष जून में कम से कम 192 बेघर लोगों की मौत लू के कारण हुई। इस रिपोर्ट के आधार पर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है और राजधानी में बेघर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।

 

दिल्ली में बेघरों की संख्या और उनके लिए उठाए गए कदम:

दिल्ली में DUSIB 325 आश्रय गृह चला रहा है, जिनमें टेंट और अस्थायी इमारतें शामिल हैं और कुल क्षमता 19,794 है। फिर भी, ये आश्रय शहर के सभी बेघरों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। 2014 में DUSIB के सर्वेक्षण के अनुसार, शहर में 16,670 बेघर व्यक्ति थे, लेकिन गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि यह संख्या असली से कम है।

नवंबर 2024 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को बेघरों का विस्तृत सर्वेक्षण कराने की मांग वाली याचिका पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कानूनी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा आश्रय गृह सेवाओं की प्रभावशीलता का आकलन करने का भी निर्देश दिया।

 

पैगोडा टेंट क्या है?

पैगोडा टेंट एक खास तरह का टेंट है, जो अपने अनोखे डिज़ाइन और आसानी से लगाया या हटाया जा सकने की वजह से लोकप्रिय है। यह जर्मन शैली का हैंगर होता है और आयोजनों, मेलों या प्रदर्शनियों के लिए आदर्श माना जाता है।

पैगोडा टेंट दो तरह का हो सकता है:

  1. सेट टेंट: जिसका निश्चित आकार होता है, और
  2. स्ट्रेच किया हुआ टेंट: जो बड़ा और लचीला होता है। यह छोटे या बड़े स्थान को कवर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और आसानी से आवश्यकतानुसार बढ़ाया या घटाया जा सकता है।

 

DUSIB के बारे में:

दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) दिल्ली सरकार के नियंत्रण में काम करता है और DUSIB अधिनियम, 2010, जिसे 1 अप्रैल 2010 को दिल्ली विधानसभा ने पास किया और 1 जुलाई 2010 को उपराज्यपाल के आदेश के तहत कार्य करता है।

इस अधिनियम के अनुसार, DUSIB उन क्षेत्रों को चिन्हित कर सकता है जहाँ इमारतें पुरानी और जीर्ण-शीर्ण हो गई हों और बुनियादी सुविधाएँ मौजूद न हों। इसके अलावा, DUSIB झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में नागरिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी संभालता है।

 

लक्ष्य और उद्देश्य:

DUSIB का मुख्य लक्ष्य दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी और जेजे बस्तियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को सुधारना है। दिल्ली में इस आबादी का अनुमानित आकार 1.40 करोड़ है, जिसमें से लगभग 30 लाख लोग करीब 6 लाख झुग्गियों में रहते हैं। इन झुग्गियों की आवास और बुनियादी सामाजिक सुविधाओं की समस्याएँ सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन लोगों की संख्या का कोई प्रामाणिक घर-घर सर्वेक्षण नहीं किया गया है; यह केवल मोटे अनुमान पर आधारित आँकड़े हैं।

 

निष्कर्ष:

दिल्ली सरकार की यह पहल बेघर लोगों के लिए सर्दियों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे न केवल उनकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि उन्हें ठंड के मौसम में राहत भी मिलेगी।