भारत अपनी रेल यात्रा को और सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए एक बड़े कदम की ओर बढ़ रहा है। केंद्रीय मत्स्य पालन और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने चंगनास्सेरी में तिरुवनंतपुरम-कन्नूर जन शताब्दी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के कार्यक्रम में कहा कि नई पीढ़ी की ट्रेनों और उन्नत बुनियादी ढांचे की शुरूआत के तहत 2030 तक सभी रेलवे फाटकों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर अंडरब्रिज और ओवरब्रिज से बदल दिया जाएगा। जिससे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी और रेल संचालन और भी दक्ष होगा।
रेलवे फाटक क्या है?
रेलवे फाटक वह जगह होती है जहाँ सड़क और रेलवे ट्रैक एक ही स्तर पर मिलते हैं। यह ट्रेन और सड़क यातायात के सुरक्षित आवागमन के लिए बनाया जाता है। जब ट्रेन आती है, तो फाटक सड़क यातायात को रोकता है और दुर्घटनाओं से सुरक्षा करता है।

रेलवे फाटकों की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
रेलवे फाटकों की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि सड़क पहले से मौजूद थी और रेलवे बाद में आया। तो यह एक नया, बड़ा और तेज उपकरण था इसलिए सड़क और रेल यातायात के बीच टकराव रोकने के लिए फाटक की जरुरत पड़ी। फाटक ट्रेन आने पर सड़क यातायात को रोकते हैं और दुर्घटनाओं से सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
रेलवे फाटकों का विकास:
- मैनुअल गेट: पहले गेटमैन या सिग्नलमैन ट्रेन आने पर फाटक को हाथ से बंद करते थे।
- स्वचालित गेट: अब आधुनिक फाटक सेंसर से ट्रेन का पता लगाते हैं और खुद-ब-खुद बंद हो जाते हैं।
- इंटरलॉक्ड क्रॉसिंग: ये फाटक रेलवे सिग्नल सिस्टम से जुड़े होते हैं। ट्रेन के गुजरते समय गेट नहीं खुलते और मार्ग साफ होने के बाद ही ट्रेन आगे बढ़ती है।
- ग्रेड पृथक्करण: लंबे समय के समाधान के रूप में लेवल क्रॉसिंग को पूरी तरह हटा कर उनकी जगह अंडरपास या ओवरपास बनाए जाते हैं। इसे भारत और कई देशों में अपनाया जा रहा है।
रेलवे फाटक के नियम:
- फाटक के नीचे या साइड से कभी नहीं निकलना चाहिए।
- ट्रेन आने से पहले गेटमैन को गेट खोलने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए; ऐसा करना अपराध है।
- मानव रहित फाटकों को पार करने की जिम्मेदारी नागरिक की होती है।
- पार करने से पहले वाहन रोकें, दोनों तरफ देखें, और ट्रेन आने का इंतजार करें।
- वाहन की ब्रेक जांचें, धुंध-कोहरे में सावधानी बरतें और जानवरों को लाइन के पास न आने दें।
कुरियन के भाषण की अन्य मुख्य बातें:
- भविष्य में लंबी दूरी की और एक्सप्रेस ट्रेनें जनता की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक स्टेशनों पर रुकेंगी।
- भारत का परिवहन क्षेत्र तेजी से बदल रहा है और वंदे भारत और हाई-स्पीड ट्रेनें आधुनिक तकनीक और सुविधाओं के साथ जल्द ही और बढ़ाई जाएँगी।
- सभी रेलवे स्टेशन धीरे-धीरे ‘अमृत भारत’ मानकों के अनुसार उन्नत किए जाएंगे।
- सड़कें और रेलवे भारत की राष्ट्रीय प्रगति के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
- हाल के वर्षों में यात्रियों और राजस्व में बढ़ोतरी हुई है, जो रेल विकास के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है।
2030 तक रेलवे को उन्नत बनाने का लक्ष्य:
भारत सरकार अपने पुराने रेलवे ढांचे को आधुनिक बनाने और सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है। रेल मंत्रालय ने 2030 तक रेलवे को उन्नत बनाने के लिए 2023 में लगभग ₹5400000 करोड़ (US$680 बिलियन) निवेश करने की योजना बनाई है।
इस उन्नयन में शामिल हैं:
- रेलवे का 100% विद्युतीकरण।
- मौजूदा लाइनों को तेज़ और सुविधाजनक बनाना।
- नई रेलवे लाइनों का विस्तार।
- रेलवे स्टेशनों का आधुनिककरण।
- प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला हाई-स्पीड ट्रेन नेटवर्क बनाना।
- माल ढुलाई की लागत कम करने के लिए विशेष माल गलियारों का विकास।
भारत के लिए रेलवे का महत्त्व:
- आर्थिक रीढ़: भारतीय रेलवे देश की आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाती है। यह उद्योगों और कृषि को माल पहुँचाने में मदद करती है। वर्ष 2022-23 में रेलवे ने 1,512 मिलियन टन माल परिवहन किया। समर्पित माल गलियारों (DFC) से लागत कम होगी।
- पर्यावरण के लिए फायदेमंद: रेल परिवहन सड़क की तुलना में अधिक ऊर्जा कुशल और कम प्रदूषणकारी है। माल को सड़क से रेल पर लाने से भारत के जलवायु लक्ष्यों में मदद मिलेगी।
- सुलभ और वहनीय परिवहन: रेलवे लाखों लोगों को सस्ती और सुविधाजनक यात्रा देती है। इसकी मूल्य प्रणाली सभी आर्थिक स्तरों के लिए उपलब्ध है। अप्रैल-जनवरी 2023 में यात्री राजस्व में 73% वृद्धि हुई।
- राष्ट्रीय सुरक्षा और एकीकरण: रेलवे सैनिकों और उपकरणों के तेजी से आवागमन में मदद करती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में नए रेल मार्ग जैसे बिलासपुर-मनाली-लेह रणनीतिक महत्व रखते हैं। यह पर्यटन और सांस्कृतिक विनिमय को भी बढ़ावा देती है, जैसे भारत गौरव ट्रेनें।
- शहरी जीवन रेखा: मेट्रो और शहरी रेलवे शहरों में यातायात और प्रदूषण कम करने में मदद करती हैं। पिछले 10 वर्षों(2014-24) में 700 किमी नई मेट्रो लाइनें बनीं और 21 शहरों तक मेट्रो सेवाएँ पहुँचीं।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ना: रेलवे दूरदराज के क्षेत्रों को मुख्य शहरों से जोड़ती है।
भारतीय रेलवे में सुधार संबंधित प्रमुख समितियाँ:
- राकेश मोहन समिति (2010): समिति ने सबसे पहले भारतीय GAAP के अनुसार लेखांकन प्रणाली को सुधारने पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने FMCG, IT, कंटेनरीकृत कार्गो और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में रेलवे के विस्तार को बढ़ावा देने की सिफारिश की।
लंबी दूरी की ट्रेनों की गति बढ़ाना और हाई-स्पीड रेल गलियारों को प्राथमिकता देना भी उनके सुझावों में शामिल था। समिति ने उद्योग क्षेत्रों और प्रमुख बंदरगाहों से बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने और मुख्य केंद्रों पर लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिससे रेलवे का परिचालन और आर्थिक योगदान दोनों बढ़ सके।
- विनोद राय समिति (2015): समिति ने स्वतंत्र रेलवे सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना करने की सिफारिश की, ताकि रेलवे संचालन और सुरक्षा मानकों की निगरानी मजबूत हो सके। इसके साथ ही, रेलवे दुर्घटनाओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए रेलवे दुर्घटना अन्वेषण बोर्ड बनाने का सुझाव भी दिया।
समिति ने परिसंपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए अलग रेलवे अवसंरचना कंपनी के गठन की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों के प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन योजना लागू करने की भी सिफारिश की।
भारतीय रेलवे के बारे में:
भारतीय रेलवे भारत सरकार द्वारा नियंत्रित सार्वजनिक रेलवे सेवा है। देश में इसकी कुल लंबाई लगभग 67,956 किलोमीटर है। रेलवे रोजाना लगभग 2.31 करोड़ यात्रियों और 33 लाख टन माल ढोता है। प्रतिदिन 13,523 ट्रेनें चलती हैं, जिनमें 8,702 यात्री ट्रेनें शामिल हैं।
भारतीय रेलवे के पास 300 रेलवे यार्ड, 2,300 माल ढुलाई केंद्र और 700 मरम्मत केंद्र हैं। यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है। 12.27 लाख कर्मचारियों के साथ यह दुनिया का आठवां सबसे बड़ा नियोक्ता है। रेलवे विभाग भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है और इसकी योजना रेलवे बोर्ड द्वारा बनाई जाती है।
निष्कर्ष:
2030 तक सभी रेलवे फाटकों को अंडरब्रिज और ओवरब्रिज से बदलने की योजना न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि रेल संचालन की गति और दक्षता को भी बढ़ाएगी। यह पहल भारत की आधुनिक, सुरक्षित और विश्वस्तरीय रेल सेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।