दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को पूर्व रेल मंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और 11 अन्य के खिलाफ कथित IRCTC घोटाले में आरोप तय कर दिए। अदालत ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने साजिश रची और अपने पद का दुरुपयोग किया, जबकि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव आपराधिक षड्यंत्र में शामिल पाए गए। यह आदेश सभी आरोपियों की उपस्थिति में पारित किया गया, जिससे मामले की पूर्ण सुनवाई का रास्ता साफ हो गया।

मामले पर राजनीति तेज:
IRCTC घोटाले के मामले में आरोप तय होने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा ने राजद पर तीखा हमला करते हुए कहा कि घोटाले, सरकारी ठेकों में हेराफेरी और नौकरी के नाम पर लोगों की जमीन हड़पना ही राजद का शासन मॉडल है। वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तेजस्वी यादव बिहार को बदलने जा रहे हैं, क्योंकि अब उनके खिलाफ अदालत ने धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत आरोप तय किए हैं।
वहीं, राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित बताया और कहा कि न्याय की विफलता ने कानून के शासन को कमजोर किया है तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का भरोसा कम हो गया है।
IRCTC घोटाला क्या है?
CBI के अनुसार, जब लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे, तब IRCTC(भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) के दो होटल- एक रांची (झारखंड) और दूसरा पुरी (ओडिशा) में स्थित- को एक निजी कंपनी सुजाता होटल्स को हेराफेरी से किए गए टेंडर के ज़रिए पट्टे पर दिया गया। बदले में, सुजाता होटल्स के मालिकों ने पटना में करोड़ों की ज़मीन को राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से जुड़ी कंपनी के नाम बहुत कम दाम(1.5 करोड़ रुपये) पर बेच दी।
जाँच एजेंसियों का कहना है कि इस सौदे में सरकार को नुकसान हुआ और लालू यादव के परिवार को फायदा पहुंचाया गया। इसी वजह से यह मामला IRCTC घोटाले के रूप में जाना जाता है।
CBI की कार्यवाही:
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले की जांच 2006 में शुरू की, लेकिन जुलाई 2017 तक लालू प्रसाद यादव के खिलाफ औपचारिक मामला दर्ज नहीं किया गया। जांच के दौरान, CBI ने पटना, दिल्ली, रांची और गुरुग्राम में लालू यादव और उनके परिवार से जुड़े करीब एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की।
CBI ने इस मामले में 5 जुलाई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की और अप्रैल 2018 में आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने 30 जुलाई 2018 को इस पर संज्ञान लिया और जुलाई 2020 में मुकदमे की अनुमति दे दी।
CBI के पास पर्याप्त सबूत:
जज विशाल गोगने ने कहा कि CBI ने आरोपियों को जोड़ने वाले मजबूत सबूतों की एक श्रृंखला पेश की है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला “सड़ांध की दुर्गंध” से भरा प्रतीत होता है। साथ ही, उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि CBI के पास आपराधिक षड्यंत्र के पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिससे अब देश के सबसे चर्चित राजनीतिक भ्रष्टाचार मामलों में से एक की पूर्ण सुनवाई शुरू हो गई है।
यादव परिवार के आलावा अन्य मुख्य आरोपी:
आरोप पत्र में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें IRCTC के पूर्व समूह महाप्रबंधक वी.के. अस्थाना सहित चार अफसर, आर.के. गोयल, और सुजाता होटल्स के निदेशक विजय कोचर व विनय कोचर भी हैं। ये दोनों पटना के चाणक्य होटल के मालिक भी बताए जाते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता हैं, जो लालू के करीबी माने जाते हैं। उनकी पत्नी सरला गुप्ता ही सुजाता होटल्स की मालकिन हैं।
इसके अलावा, दो कंपनियां — सुजाता होटल्स और डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (जिसका नाम बाद में लारा प्रोजेक्ट्स LLP रखा गया) — को भी आरोपियों की सूची में शामिल किया गया है।
अदालत ने क्या आदेश दिया?
जाँच पूरी होने के बाद लालू प्रसाद यादव और 11 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। जज के अनुसार, लालू प्रसाद यादव की पद की शक्ति और प्रभाव इस साजिश को जोड़ने वाला मुख्य तत्व (गोंद) था। अदालत ने माना कि शुरू से ही यह कई लोगों के बीच रची गई बड़ी साजिश थी।
अदालत ने आदेश दिया है कि लालू प्रसाद यादव पर लोक सेवक रहते हुए धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगेगा। वहीं उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और उसकी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया जाएगा। अदालत ने अगली सुनवाई 27 अक्टूबर 2025 के लिए तय की है, जब अभियोजन पक्ष अपने सबूत पेश करेगा।
आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्यवाही:
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 120B (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय किए गए हैं। इसके साथ ही, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) (पद का दुरुपयोग कर अनुचित लाभ लेना) और धारा 13(2) (भ्रष्ट आचरण के लिए दंड) भी लागू की गई हैं।
अदालत ने कहा कि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर IPC की धारा 120B और 420 के तहत मुकदमा चलेगा। जबकि लालू प्रसाद यादव, उस समय रेल मंत्री होने के कारण, उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत भी ट्रायल चलेगा।
लालू यादव के खिलाफ पहले से चल रहे कई केस:
लालू प्रसाद यादव पहले ही कुख्यात चारा घोटाले से जुड़े कई मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं। यह घोटाला 1990 के दशक में हुआ था, जब अविभाजित बिहार के सरकारी खजाने से करीब 950 करोड़ रुपये का गबन किया गया था। हालांकि वे फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं, लेकिन इन सज़ाओं की वजह से वे चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए हैं और उनकी राजनीतिक छवि और विरासत पर सवाल उठे हैं।
इसके अलावा, लालू यादव और उनके परिवार पर “ज़मीन के बदले नौकरी” घोटाले की भी CBI और ED द्वारा जांच चल रही है। आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए, रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले लोगों से सस्ती जमीन खरीदी गई थी। इस मामले में अभी तक कोई आरोप तय नहीं किए गए हैं, लेकिन लगातार चल रही जांच के कारण लालू यादव और उनके परिवार पर कानूनी दबाव बढ़ता जा रहा है।
लालू प्रसाद यादव के बारे में:
लालू प्रसाद यादव का जन्म 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज में हुआ। वे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उन्होंने 1990–1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री और 2004–2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में कार्य किया।
लालू ने पटना विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति शुरू की और 1977 में लोकसभा सांसद बने। 1990 में वे पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने और उनके नेतृत्व में 1990 के दशक में बिहार की राजनीति और समाज में बड़ा बदलाव देखने को मिला।
लालू यादव पर चारा घोटाले का आरोप लगा, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया और उन्होंने 17 अप्रैल 2021 तक जेल की सज़ा काटी। इसके बाद उन्हें हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई। लेकिन जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत वे रिहाई के छह साल बाद तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं।
लालू यादव अपनी लोकप्रिय शैली, हाजिरजवाबी और ग्रामीण जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं और आज भी बिहार की राजनीति में उनका प्रभाव बना हुआ है।
निष्कर्ष:
चूंकि यह निर्णय बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया है, इसलिए इससे राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन और नीतीश कुमार-भाजपा गठबंधन के बीच राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है। यह मामला न केवल कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि बिहार की राजनीति पर भी इसका व्यापक असर पड़ने की संभावना है।