YouTube में आया नया फीचर: यूजर्स को अनलिमिटेड स्क्रॉलिंग रोकने में मदद मिलेगी, जानिए पूरी खबर..

आजकल, छोटे वीडियो यानी YouTube शॉर्ट्स हमारे समय को चुपचाप निगल लेते हैं। आप सिर्फ एक वीडियो देखने की सोचते हैं, और अचानक कई घंटे निकल जाते हैं। इसे रोकने के लिए, YouTube ने अब एक नया टाइमर फ़ीचर लॉन्च किया है। यह फीचर आपको यह तय करने की सुविधा देता है कि आप हर दिन कितनी देर शॉर्ट्स देख सकते हैं, और समय पूरा होते ही ऐप आपको सूचित कर देता है।

youtube introduce new feature help users stop endless scrolling

सुविधा को पैरेंटल कंट्रोल तक विस्तारित करने की योजना:

 

यह सुविधा फिलहाल YouTube ऐप के पैरेंटल कंट्रोल से जुड़ी नहीं है। यानी, माता-पिता अभी तय नहीं कर सकते कि उनके बच्चे कितने शॉर्ट वीडियो देख सकते हैं। लेकिन YouTube का कहना है कि वह इस साल के अंत तक इसे पैरेंटल कंट्रोल में भी शामिल करेगा। इसके बाद माता-पिता अपने अकाउंट से बच्चों के लिए शॉर्ट्स देखने की सीमा तय कर सकेंगे, और सीमा पूरी होने के बाद बच्चों को दिखने वाला संदेश हटाया नहीं जा सकेगा।

 

संभावित चुनौतियाँ:

  • टाइमर वैकल्पिक और बंद किया जा सकता है, इसलिए कई यूज़र्स इसे नजरअंदाज कर सकते हैं या ओवरराइड कर सकते हैं, जिससे असली बदलाव सीमित रह सकता है।
  • यह फीचर धीरे-धीरे जारी किया जा रहा है और सभी यूज़र्स या क्षेत्रों में अभी उपलब्ध नहीं हो सकता है।
  • फिलहाल यह केवल शॉर्ट्स फ़ीड पर काम करता है; ऐप के अन्य हिस्सों में लंबे वीडियो देखने की संभावना बनी रहती है।
  • अभिभावकीय नियंत्रण अभी पूरी तरह लागू नहीं है, इसलिए माता-पिता को बच्चों की निगरानी के लिए अन्य उपकरणों पर भी ध्यान देना चाहिए।

 

शॉर्ट वीडियो क्या है?

YouTube शॉर्ट्स छोटे वर्टिकल वीडियो होते हैं, जिनकी लंबाई 180 सेकंड तक होती है। इनमें उपयोगकर्ता इंटरैक्शन के लिए कई सुविधाएँ मौजूद होती हैं। पहले, यानी सितंबर 2024 से पहले, इनकी अधिकतम लंबाई 60 सेकंड थी।

मई 2024 तक, शॉर्ट्स ने कुल मिलाकर 5 ट्रिलियन से ज्यादा व्यूज हासिल किए हैं। YouTube शॉर्ट्स फीचर 13 जुलाई 2021 को आम जनता के लिए उपलब्ध हुआ था। इसकी बढ़ती लोकप्रियता ने खासकर किशोरों में लत की चिंता को जन्म दिया है।

 

शॉर्ट वीडियो का प्रभाव:

एक अध्ययन में पता चला कि शॉर्ट-वीडियो की लत छात्रों की पढ़ाई में देरी (academic procrastination) बढ़ा सकती है। साथ ही ध्यान केंद्रित करने की क्षमता (attentional control) को प्रभावित करके अप्रत्यक्ष रूप से भी पढ़ाई में देरी बढ़ाती है। अगर किसी छात्र को जल्दी बोर होने की आदत (boredom proneness) है, तो इसका असर और ज्यादा होता है, क्योंकि यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को कमजोर कर देता है।

इससे यह समझ आता है कि शॉर्ट-वीडियो की लत न सिर्फ सीधे, बल्कि मानसिक प्रक्रियाओं के जरिए भी पढ़ाई पर नकारात्मक असर डाल सकती है। इसलिए छात्रों में पढ़ाई की देरी को कम करने के लिए शॉर्ट-वीडियो की लत और ध्यान नियंत्रण पर ध्यान देना जरूरी है।

 

सोशल मीडिया ऐप्स पर डूमस्क्रॉलिंग को बढ़ावा देने का आरोप:

सोशल मीडिया ऐप्स पर लंबे समय तक बिना रुके स्क्रॉल करने यानी ‘डूमस्क्रॉलिंग’ को बढ़ावा देने का आरोप पहले भी लगता रहा है। शोधों के अनुसार, इससे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, जैसे ध्यान भटकना, सीखने की क्षमता कम होना और चिंता बढ़ना। ऐसा कहा जाता है कि यह मस्तिष्क की पुरस्कार प्रणाली को बदल देता है, जिससे हम लगातार नई खबर या कंटेंट देखने के लिए उत्साहित रहते हैं, और हमारे आवेग को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।

 

डूमस्क्रॉलिंग को कम करने के लिए YouTube की पहल:

डूमस्क्रॉलिंग को कम करने के लिए YouTube पहले भी कुछ फ़ीचर्स ला चुका है। उदाहरण के लिए, “Take a Break” फ़ीचर यूज़र्स को हर 15, 30, 60 या 90 मिनट (यूज़र तय कर सकते हैं) में ब्रेक लेने की याद दिलाता है। इसके बाद यूज़र चाहें तो वीडियो देखना जारी रख सकते हैं या ब्रेक ले सकते हैं।

इसी तरह, बेडटाइम रिमाइंडर फ़ीचर यूज़र्स को सोने का समय तय करने की सुविधा देता है। निर्धारित समय के बाद YouTube उन्हें वीडियो बंद करके सोने की याद दिलाता है। इन दोनों फ़ीचर्स में अंतिम निर्णय यूज़र का होता है कि वे वीडियो देखना बंद करें या नहीं।

 

YouTube पर रिमाइंडर कैसे सेट करें?

  • YouTube ऐप खोलें और अपने प्रोफ़ाइल चित्र पर टैप करें।
  • सेटिंग्स में जाएँ और जनरल चुनें।
  • मुझे ब्रेक लेने के लिए याद दिलाएं चालू करें और अपनी पसंद की समय सीमा चुनें।

शॉर्ट्स टाइमर इसी तरह का एक नया फीचर है, जो उपयोगकर्ताओं को स्वस्थ स्क्रीन आदतें अपनाने और छोटे वीडियो देखने के तरीके पर अधिक नियंत्रण देता है।

 

यूट्यूब के बारे में:

यूट्यूब एक अमेरिकी ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म है, जो गूगल का हिस्सा है। इसकी स्थापना 14 फरवरी 2005 को चाड हर्ले, जावेद करीम और स्टीव चेन ने की थी। इसका मुख्यालय सैन ब्रूनो, कैलिफ़ोर्निया में है और यह गूगल के बाद दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेबसाइट है। हालाँकि 13 नवंबर 2006 को गूगल ने इसे 1.65 बिलियन डॉलर में खरीदा था। जनवरी 2024 तक, यूट्यूब के 2.7 बिलियन से ज्यादा मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता थे, जो रोजाना एक बिलियन घंटे से अधिक वीडियो देखते थे।

 

यूट्यूब की उपलब्धियाँ:

यूट्यूब ने विज्ञापनों के अलावा सशुल्क सामग्री जैसे फिल्में और YouTube प्रीमियम जैसी सेवाएँ भी शुरू कीं। Google AdSense के माध्यम से यूट्यूब और कंटेंट क्रिएटर्स दोनों को अधिक राजस्व मिला, और 2023 में इसका विज्ञापन राजस्व 31.7 बिलियन डॉलर था।

यूट्यूब अब केवल वेबसाइट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मोबाइल ऐप, टीवी और अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर भी उपलब्ध है। यहाँ संगीत, वीडियो क्लिप, समाचार, लघु और फीचर फ़िल्में, ट्रेलर, लाइव स्ट्रीम, व्लॉग और अन्य प्रकार की सामग्री देखी जा सकती है। इसके अलावा, यूट्यूब ने लोकप्रिय संस्कृति और इंटरनेट रुझानों को प्रभावित किया और कई हस्तियों को करोड़पति बनने का अवसर प्रदान किया।

 

यूट्यूब के समक्ष चुनौतियाँ:

  • यूट्यूब पर गलत जानकारी और कॉपीराइट सामग्री फैलने की आलोचना हुई है।
  • उपयोगकर्ताओं की निजता का उल्लंघन और अत्यधिक सेंसरशिप भी चिंता का विषय रहे हैं।
  • बच्चों की सुरक्षा और प्लेटफ़ॉर्म नियमों के असंगत पालन को लेकर भी आलोचना हुई है।

 

दुनिया में यूट्यूब यूजर्स:

  • भारत: 46 करोड़ यूजर्स
  • अमेरिका: 24 करोड़ यूजर्स
  • ब्राजील: 14 करोड़ यूजर्स
  • इंडोनेशिया: 13 करोड़ यूजर्स
  • मैक्सिको: 8 करोड़ यूजर्स

 

निष्कर्ष:

YouTube का शॉर्ट्स टाइमर फीचर उपयोगकर्ताओं को शॉर्ट-वीडियो पर बिताए समय को सीमित करने का आसान और प्रभावी तरीका देता है। हालांकि यह पूरी तरह बाध्यकारी नहीं है, फिर भी यह स्क्रीन समय को संतुलित और जागरूक तरीके से इस्तेमाल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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