“Groww की एंकर बुक को ₹50,000 करोड़ की बोलियाँ मिलीं” यह Billionbrains Garage Ventures Ltd. (जो फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म Groww की पैरेंट कंपनी है) के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) के एंकर निवेशक हिस्से में मिली ज़बरदस्त प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
मुख्य विवरण:
- एंकर बुक साइज: वास्तविक एंकर बुक साइज लगभग ₹2,950–3,000 करोड़ का था।
- ओवरसब्सक्रिप्शन: एंकर हिस्से में ₹50,000 करोड़ से अधिक की बोलियाँ आने का मतलब है कि यह हिस्सा 15 गुना से अधिक ओवरसब्सक्राइब हुआ, जो संस्थागत निवेशकों की मज़बूत मांग को दिखाता है।
- मुख्य निवेशक: इसमें कई बड़े वैश्विक और घरेलू निवेशकों ने भाग लिया, जिनमें Norges Bank, Abu Dhabi Investment Authority (ADIA), Sequoia Capital, Coatue, Dragoneer, और SBI Mutual Fund शामिल हैं।
एंकर बुक क्या है?
“एंकर बुक” (Anchor Book) किसी भी IPO का वह हिस्सा होता है जो बड़े संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित किया जाता है। यह IPO को जनता के लिए खोलने से पहले जारी किया जाता है ताकि मजबूत निवेशक आधार (strong investor base) तैयार हो सके।
इतिहास: अमेरिका में 1950 के दशक में “एंकर बुक” शब्द का इस्तेमाल दिनभर के ट्रेड रिकॉर्ड रखने के लिए किया जाता था। भारत में 2009 में SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने “एंकर इन्वेस्टर” की अवधारणा शुरू की।
एंकर बुक का उद्देश्य:
- किसी भी कंपनी के IPO को स्थिरता और विश्वसनीयता प्रदान करना।
- बड़े और भरोसेमंद निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस कंपनियां, विदेशी संस्थागत निवेशक आदि IPO में निवेश करते हैं, जिससे छोटे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।
- जितने प्रमुख नाम एंकर बुक में शामिल होते हैं, उतना ही उस IPO की साख और लोकप्रियता बढ़ जाती है।
4 नवंबर Groww का IPO ओपन हुआ:
4 नवंबर को Billionbrains Garage Ventures Ltd., जोकि Groww की पैरेंट कंपनी है, का नया IPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया। इस IPO का प्राइस बैंड ₹95 से ₹100 प्रति शेयर तय किया गया है। निवेशक इस IPO का लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे।
ग्रे मार्केट (GMP) में IPO के लिए ज़बरदस्त जोश देखने को मिल रहा है। IPO खुलते ही GMP में तेज़ी दर्ज की गई। कंपनी इस IPO के ज़रिए ₹6,632.30 करोड़ जुटाना चाहती है।
एनएसई पर दोपहर 12:48 बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के आईपीओ को 10,42,97,559 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं, जबकि प्रस्तावित शेयरों की संख्या 36,47,76,528 थी, खुदरा निवेशकों के कोटे को 1.16 गुना पूर्ण अभिदान मिला, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी को 27 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ।
IPO से जुटाई गई राशि का उपयोग: कंपनी आईपीओ से मिलने वाले पैसों का उपयोग कई अहम क्षेत्रों में करेगी –
- ₹152.50 करोड़: क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में।
- ₹225 करोड़: ब्रांड बिल्डिंग और मार्केटिंग के लिए।
- ₹205 करोड़: अपनी सब्सिडियरी GCS (NBFC) में पूंजी बढ़ाने के लिए।
- ₹167.50 करोड़: सब्सिडियरी GIT में MTF बिजनेस (Margin Trading Facility) के विस्तार के लिए।
- बाकी राशि: संभावित अधिग्रहण (acquisitions) और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट उपयोगों के लिए खर्च की जाएगी।
FY25 के वित्तीय परिणाम:
FY25 के लिए, बेंगलुरु स्थित इस फिनटेक कंपनी ने 4,056 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 1,899 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। इसमें नेट मार्जिन 44.85% रहा। कई न्यू इकोनॉमी कंपनियों के उलट, ग्रो एक प्रॉफिटेबल फिनटेक कंपनी के रूप में मार्केट में आ रही है।
ग्रो (Groww) के बारे में:
ग्रो एक भारतीय वित्तीय सेवा कंपनी है जो लोगों को ऑनलाइन निवेश की सुविधा देती है। इसमें स्टॉक, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव्स, ईटीएफ और बॉन्ड जैसे कई विकल्प शामिल हैं। इसे 2017 में फ्लिपकार्ट के पूर्व कर्मचारियों द्वारा स्थापित किया गया था, और आज यह भारत का सबसे बड़ा और लोकप्रिय निवेश प्लेटफॉर्म बन चुका है।
यह प्लेटफॉर्म खास तौर पर शुरुआती निवेशकों के लिए बनाया गया है, ताकि निवेश की प्रक्रिया को सरल, सुरक्षित और सुलभ बनाया जा सके। ग्रो न केवल निवेश की सुविधा देता है, बल्कि वित्तीय शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जिससे उपयोगकर्ता निवेश के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकें।
ग्रो (Groww) की मुख्य विशेषताएँ:
- आसान इंटरफ़ेस: इसका मोबाइल ऐप और वेबसाइट यूज़र-फ्रेंडली हैं, जिससे निवेश करना बहुत आसान हो जाता है।
- फ्री अकाउंट: ग्रो पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना पूरी तरह मुफ्त है, और इसके लिए कोई वार्षिक शुल्क नहीं लिया जाता।
- विविध निवेश विकल्प: म्यूचुअल फंड, स्टॉक (भारतीय और अमेरिकी), फ्यूचर और ऑप्शन (F&O), ईटीएफ, और आईपीओ सभी में निवेश की सुविधा।
- वित्तीय शिक्षा: ब्लॉग और अन्य माध्यमों के ज़रिए निवेशकों को जागरूक और शिक्षित किया जाता है।
- डिजिटल प्रोसेस: खाता खोलने से लेकर निवेश करने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पेपरलेस होती है।
ग्रो की सेवाएं:
- म्यूचुअल फंड: एकमुश्त या एसआईपी (SIP) के माध्यम से 5,000 से अधिक डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में निवेश।
- स्टॉक ट्रेडिंग: भारतीय शेयर बाज़ार (NSE और BSE) में स्टॉक खरीदने और बेचने की सुविधा, साथ ही इंट्राडे ट्रेडिंग का विकल्प।
- F&O ट्रेडिंग: अनुभवी निवेशकों के लिए फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग की सुविधा।
- आईपीओ निवेश: नए आईपीओ में सीधे निवेश करने की सुविधा।
- अन्य निवेश: डिजिटल गोल्ड, यूएस स्टॉक्स और फिक्स्ड डिपॉजिट में भी निवेश की सुविधा।
ग्रो सेबी (SEBI) और स्टॉक एक्सचेंज (NSE, BSE) के साथ रजिस्टर्ड है, और सीडीएसएल (CDSL) का डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है। इसका अर्थ है कि यह सभी कानूनी और नियामक मानकों का पालन करता है और निवेश के लिए पूरी तरह सुरक्षित मंच है।
IPO क्या है?
IPO (Initial Public Offering) वह प्रक्रिया है जब कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता को बेचने के लिए पेश करती है। इसके माध्यम से कंपनी निजी (Private) से पब्लिक (Public) कंपनी बन जाती है और स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है। IPO के जरिए कंपनियां निवेशकों से पूंजी (Capital) जुटाती हैं, और आम लोग कंपनी के शेयर खरीदकर उसके हिस्सेदार बन सकते हैं।
भारत में IPO कैसे लिस्ट होता है?
- SEBI में फाइलिंग: कंपनी को अपनाऑफर डॉक्यूमेंट (Offer Document) SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) में जमा करना होता है।
- ऑफर डॉक्यूमेंट में शामिल जानकारी:
- कंपनी और उसके प्रमोटर्स का पूरा विवरण।
- कंपनी कावित्तीय इतिहास और भविष्य के व्यावसायिक लक्ष्य।
- पूंजी जुटाने का उद्देश्य औरIPO की संरचना – जैसे Fresh Issue और Offer for Sale (OFS)।
- SEBI की स्वीकृति: SEBI द्वारा समीक्षा (Review) के बाद यदि मंजूरी मिलती है, तो कंपनीIPO लिस्टिंग प्रक्रिया (IPO Listing Process) शुरू कर सकती है। इसमें प्राइस बैंड तय करना, अंडरराइटर्स नियुक्त करना, और निवेशकों के लिए इश्यू खोलना शामिल होता है।
पात्रता: कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक है और जिसके पास एक ब्रोकरेज अकाउंट है, वह IPO में आवेदन कर सकता है।
