2025 की पहली छमाही में मास्को भारतीय पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा जगह बन गई है। इस दौरान रूस की राजधानी ने भारत से आए 40.8 हज़ार पर्यटकों का स्वागत किया, जो पिछले साल की तुलना में 40% ज़्यादा है। अब भारत गैर-CIS देशों में मास्को आने वाले पर्यटकों के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। जनवरी से जून 2025 के बीच सीआईएस देशों के बाहर से पाँच लाख से ज़्यादा लोगों ने मास्को का दौरा किया, जो 2024 की इसी अवधि से 10% अधिक है। साथ ही, 2025 के पहले सात महीनों में मास्को के होटलों में ठहरने वाले विदेशी मेहमानों की संख्या में भी 14% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रमंडल (CIS) क्या है?
स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रमंडल (CIS) यूरेशिया का एक संगठन है, जिसमें कई पूर्व सोवियत संघ के देश शामिल हैं। इसका गठन 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद किया गया था। इसका क्षेत्रफल करीब 2 करोड़ वर्ग किलोमीटर है और इसमें लगभग 24.6 करोड़ लोग रहते हैं।
CIS का मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य सहयोग को बढ़ाना है। यह संगठन व्यापार, वित्त, कानून और सुरक्षा जैसे मामलों में एक-दूसरे की मदद करता है और सीमा पार अपराध रोकने में भी सहयोग करता है।
CIS के वर्तमान सदस्य देश:
आर्मीनिया, आज़रबाइजान, बेलारूस, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, मोल्दोवा (फिलहाल अपनी भागीदारी रोक चुका है), रूस, तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान। वही, तुर्कमेनिस्तान इसका सहयोगी सदस्य है।
CIS के पूर्व सदस्य या प्रतिभागी देश:
- जॉर्जिया ने 2009 में CIS से अपनी सदस्यता वापस ले ली थी।
- यूक्रेन, जो संस्थापक देशों में से एक था, ने कभी CIS चार्टर को मंज़ूरी नहीं दी और 2018 में औपचारिक रूप से इस संगठन से अलग हो गया।
- बाल्टिक देश: एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया – जो पहले सोवियत गणराज्य थे, कभी भी CIS में शामिल नहीं हुए।
आइए जानते हैं पर्यटन के बारे में:
पर्यटन का मतलब है आनंद, घूमने या अनुभव के लिए यात्रा करना, और इससे जुड़ी सेवाएँ या व्यवसाय चलाना। संयुक्त राष्ट्र पर्यटन के अनुसार, पर्यटन सिर्फ छुट्टियों तक सीमित नहीं है – इसमें वे सभी यात्राएँ शामिल हैं, जहाँ लोग अपने सामान्य वातावरण से बाहर किसी जगह पर कम से कम 24 घंटे और एक साल से कम समय के लिए अवकाश, काम या अन्य कारणों से ठहरते हैं।
पर्यटन दो प्रकार का होता है:
- घरेलू पर्यटन: जब व्यक्ति अपने ही देश के अंदर यात्रा करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन: जब व्यक्ति दूसरे देश की यात्रा करता है।
दुनिया में सबसे लोकप्रिय पर्यटन देश:
- फ्रांस: दुनिया का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल, जहाँ एफिल टॉवर, लूवर संग्रहालय, वर्साय पैलेस, डिज़्नीलैंड पेरिस और खूबसूरत गाँव लोगों को आकर्षित करते हैं।
- स्पेन: बार्सिलोना का साग्रादा फमिलिया, अलहम्ब्रा पैलेस, सुंदर समुद्र तट और टेनेरिफ़ का ज्वालामुखी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं।
- इंग्लैंड (UK): लंदन का बिग बेन, बकिंघम पैलेस, ब्रिटिश म्यूज़ियम, स्टोनहेंज और स्कॉटलैंड-वेेल्स के दर्शनीय स्थल इसे खास बनाते हैं।
- तुर्की: हागिया सोफिया, टोपकापी पैलेस, कप्पादोसिया की गुफाएँ और पामुक्काले के झरने इसे एक ऐतिहासिक और प्राकृतिक गंतव्य बनाते हैं।
- थाईलैंड: “मुस्कान की धरती” कहलाने वाला देश, जहाँ बैंकॉक का ग्रैंड पैलेस, खूबसूरत समुद्र तट, मंदिर और हाथियों से भरे राष्ट्रीय उद्यान प्रमुख आकर्षण हैं।
मॉस्को क्यों है भारतीय पर्यटकों की पसंद?
भारतीय पर्यटक कई कारणों से मॉस्को की यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। अब ई-वीज़ा की सुविधा से मॉस्को जाना आसान हो गया है – यात्री बिना किसी निमंत्रण या होटल बुकिंग के, सिर्फ चार दिनों में ऑनलाइन वीज़ा प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, मॉस्को में सालभर चलने वाले त्योहारों और कार्यक्रमों ने भी भारतीयों को आकर्षित किया है।
उदाहरण के लिए, “मॉस्को में ग्रीष्मकाल” परियोजना के दौरान शहर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और भारत उत्सव जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें भारतीय संस्कृति का जश्न मनाया गया। ये आयोजन रूस की स्वागतपूर्ण संस्कृति और भारत-मॉस्को के गहरे सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाते हैं। साथ ही, मॉस्को ने भारतीय पर्यटकों के लिए विशेष पहलें भी शुरू की हैं, जैसे “मॉस्को में इंडियन वाइब्स गाइड”, जिसमें भारतीय भोजन, होटलों और घूमने की जगहों की जानकारी दी गई है।
इन पहलों के मायने क्या है?
ऐसी पहलें जैसे “मॉस्को में ग्रीष्मकाल” शहर की संस्कृति को और समृद्ध बनाती हैं और यह दिखाती हैं कि मॉस्को कितना मेहमाननवाज़ और खुला शहर है। इन कार्यक्रमों से पर्यटकों और विदेशी मेहमानों को शहर को सिर्फ उसके दर्शनीय स्थलों से नहीं, बल्कि लोगों, सार्वजनिक जगहों और उसकी विविध संस्कृति के ज़रिए भी करीब से जानने का मौका मिलता है। यह पहल इसलिए भी खास है क्योंकि ये उत्सव सड़कों और पार्कों में मनाए जाते हैं, जहाँ गर्मियों में लोग एक साथ समय बिताना पसंद करते हैं।
भारतीय पर्यटकों को क्यों आकर्षित करना चाहता है मास्को?
मॉस्को भारतीय पर्यटकों को इसलिए आकर्षित करना चाहता है ताकि वह भारत के साथ मजबूत और लंबे समय तक चलने वाले पर्यटन संबंध बना सके। इसके लिए मॉस्को सिटी टूरिज़्म कमेटी कई कदम उठा रही है। वह भारत की बड़ी यात्रा प्रदर्शनियों जैसे OTM, SATTE, BLTM और MILT कांग्रेस में हिस्सा लेती है। साथ ही, भारतीय टूर ऑपरेटरों और यात्रा पेशेवरों के लिए मॉस्को में विशेष यात्राओं और व्यावसायिक बैठकों का आयोजन भी करती है।
इन प्रयासों से भारतीय पर्यटन उद्योग में मॉस्को की पहचान बढ़ी है। 2025 में रूस में पहली बार हुए OTOAI कन्वेंशन में 250 से ज़्यादा भारतीय टूर ऑपरेटर, मीडिया प्रतिनिधि और यात्रा विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्हें मॉस्को के पर्यटन, संस्कृति और आतिथ्य से करीब से परिचित होने का मौका मिला। आने वाले समय में मॉस्को मीट ग्लोबल MICE कांग्रेस 2025 जैसे बड़े आयोजनों के ज़रिए भारतीय बाजार में अपनी मौजूदगी और मज़बूत करने की योजना बना रहा है।
मास्को में पर्यटन संबंधित आँकड़े:
मॉस्को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2024 में शहर ने करीब 2.6 करोड़ पर्यटकों का स्वागत किया, जिससे लगभग 235 अरब रूबल (करीब 2.65 अरब अमेरिकी डॉलर) की आय हुई। आने वाले वर्षों में यह रफ्तार और तेज़ होने की उम्मीद है। 2030 तक मॉस्को का लक्ष्य हर साल लगभग 60 लाख अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की मेजबानी करना है, जिनमें ज़्यादातर भारत, चीन, एशिया-प्रशांत क्षेत्र और मध्य पूर्व से आने वाले यात्री होंगे। इस तरह मॉस्को अपनी आकर्षक संस्कृति, आधुनिक सुविधाओं और बढ़ते पर्यटन ढांचे के साथ दुनिया के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में अपनी जगह मजबूत कर रहा है।
भारत में पर्यटन की स्थिति:
भारत का पर्यटन क्षेत्र महामारी के बाद फिर से मजबूत हो गया है। 2023 में इसने देश के जीडीपी में 5% योगदान दिया और करीब 7.6 करोड़ नौकरियां पैदा कीं। 2024 में भारत में 99.5 लाख विदेशी पर्यटक आए, जिससे 2.9 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा आय हुई – जो पिछले साल से 10% अधिक है।
विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (WTTC) के अनुसार, भारत 231.6 अरब डॉलर के साथ दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी पर्यटन अर्थव्यवस्था है। मुख्य पर्यटक स्रोत देश अमेरिका, बांग्लादेश, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया, श्रीलंका, जर्मनी और फ्रांस हैं।
पर्यटन के मुख्य उद्देश्य अवकाश, पारिवारिक मुलाकातें और व्यापारिक यात्राएं हैं। WTTC का अनुमान है कि 2035 तक यह क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में 42 ट्रिलियन रुपये का योगदान देगा और 6.4 करोड़ नई नौकरियां सृजित करेगा। 2047 तक भारत का लक्ष्य 3 ट्रिलियन डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था बनना है।
निष्कर्ष:
मॉस्को भारतीय पर्यटकों के लिए तेजी से एक पसंदीदा गंतव्य बन रहा है। इसकी सांस्कृतिक विविधता, आतिथ्य, स्वादिष्ट भोजन और आसान यात्रा सुविधाएँ भारतीय यात्रियों को आकर्षित कर रही हैं। 2025 की पहली छमाही में भारत से पर्यटकों की संख्या में 40% वृद्धि इसके बढ़ते आकर्षण को दर्शाती है। अपने आधुनिक बुनियादी ढांचे और जीवंत माहौल के साथ, मॉस्को आने वाले समय में वैश्विक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है।
