जेपी एसोसिएट्स के अधिग्रहण की दौड़ में अडानी एंटरप्राइजेज आगे, वेदांता को पीछे छोड़ा

जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण की दौड़ में अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड सबसे आगे निकलती दिख रही है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी की ओर से दो वर्षों में संपूर्ण भुगतान करने की पेशकश को लेनदारों की समिति (CoC) ने सबसे अधिक व्यावहारिक और लाभदायक माना है। इसके विपरीत, वेदांता ग्रुप ने पांच वर्षों में भुगतान का प्रस्ताव दिया था।

Adani Enterprises leads race to acquire Jaypee Associates

वेदांता से आगे निकले अडानी

सितंबर की शुरुआत में आयोजित नीलामी में वेदांता समूह ने ₹12,505 करोड़ की नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) की पेशकश के साथ सबसे ऊंची बोली लगाई थी। हालांकि, CoC की हालिया बैठक में अडानी एंटरप्राइजेज की संशोधित बोली को सर्वोच्च अंक मिले हैं।
CoC ने सभी प्रस्तावों का मूल्यांकन व्यवहार्यता (Feasibility) और व्यावहारिकता (Viability) के आधार पर किया, जिसमें अडानी की योजना को सर्वश्रेष्ठ पाया गया। अब यह प्रस्ताव दो सप्ताह के भीतर CoC के मतदान के लिए पेश किया जा सकता है।

 

कर्ज और संकट की कहानी

जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड, जो रियल एस्टेट, सीमेंट, पावर, होटल और सड़क निर्माण जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है, भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है। कंपनी पर लगभग 60,000 करोड़ का कर्ज है और इसे जून 2024 में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT), इलाहाबाद बेंच ने कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के तहत भेजा था।

मुख्य ऋणदाता नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) है, जिसने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सहित अन्य बैंकों से JAL के बकाया ऋण खरीदे हैं।

 

कई खिलाड़ियों ने दिखाई रुचि

अप्रैल 2024 में JAL को खरीदने के लिए 25 कंपनियों ने रुचि दिखाई थी, लेकिन अंतिम रूप से केवल पाँच कंपनियों – अडानी एंटरप्राइजेज, डालमिया सीमेंट (भारत), वेदांता ग्रुप, जिंदल पावर और पीएनसी इंफ्राटेक – ने बिड्स दाखिल कीं। 14 अक्टूबर को सभी कंपनियों ने अपनी संशोधित योजनाएँ सीलबंद लिफाफों में जमा कीं।

डालमिया सीमेंट की बोली में भुगतान सुप्रीम कोर्ट में लंबित YEIDA विवाद के फैसले पर निर्भर बताया गया है, जिससे उसकी योजना अनिश्चित मानी जा रही है।

 

पूर्व प्रमोटरों की कोशिश नाकाम

सूत्रों के मुताबिक, जेपी एसोसिएट्स के पूर्व प्रमोटरों ने भी दिवाला कानून की धारा 12A के तहत ऋणदाताओं के साथ समझौते का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उसमें फंडिंग का कोई स्पष्ट स्रोत नहीं बताया गया। ऐसे प्रस्तावों को आमतौर पर प्रक्रिया को विलंबित करने की रणनीति के रूप में देखा जाता है। अदालत ने भी उनकी याचिका पर कोई स्थगन नहीं दिया।

 

अगले दो हफ्तों में हो सकती है वोटिंग

सूत्रों के अनुसार, लेनदारों की समिति (CoC) अब अगले दो हफ्तों में विभिन्न रिजॉल्यूशन प्लान्स पर मतदान (Voting) करा सकती है। डालमिया सीमेंट के प्रस्ताव में भुगतान की शर्तें फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित JAL और YEIDA विवाद के फैसले पर निर्भर हैं। यानी इस योजना में भुगतान की कोई निश्चित समय-सीमा नहीं है।

इसके विपरीत, अडानी समूह ने लेनदारों को दो वर्षों के भीतर भुगतान का प्रस्ताव दिया है, जबकि वेदांता ने इसे अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध (बैक-एंडेड) भुगतान के रूप में पेश किया है।

 

जेपी एसोसिएट्स: एक नजर में

  • स्थापना: रियल एस्टेट, सीमेंट, पावर, होटल, और सड़क निर्माण जैसे क्षेत्रों में कारोबार
  • CIRP में प्रवेश: 3 जून 2024 को एनसीएलटी, इलाहाबाद बेंच के आदेश से
  • ऋणदाताओं का दावा: लगभग ₹60,000 करोड़
  • मुख्य ऋणदाता: नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL), जिसने एसबीआई समूह के नेतृत्व वाले बैंकों से जेएएल के ऋण खरीदे
  • अटके प्रोजेक्ट्स: 1,000 से अधिक होमबायर्स विभिन्न परियोजनाओं में फंसे
  • मुख्य प्रोजेक्ट्स: जेपी ग्रीन्स (ग्रेटर नोएडा), विशटाउन (नोएडा), जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी (जेवर एयरपोर्ट के पास)
  • होटल संपत्तियां: दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में 5 होटल
  • सीमेंट प्लांट्स: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 4, वर्तमान में गैर-परिचालन