टाटा मोटर्स की कॉमर्शियल व्हीकल (CV) यूनिट के शेयर, 12 नवंबर 2025 को BSE और NSE पर ₹335 के भाव पर लिस्ट हुए, जो इसकी डिस्कवर्ड प्राइस ₹260.75 से लगभग 28% ज्यादा है।
कंपनी ने हाल ही में अपने पैसेंजर व्हीकल (PV) और कॉमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस को अलग-अलग इकाइयों में बांटा था।
डिमर्जर के बाद नई संरचना
डिमर्जर 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हुआ। अब टाटा मोटर्स के दो अलग-अलग लिस्टेड एंटिटी हैं —
- टाटा मोटर्स लिमिटेड (CV यूनिट)
- टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) — जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल और Jaguar Land Rover (JLR) बिजनेस शामिल हैं।
गिरीश वाघ नई कॉमर्शियल व्हीकल कंपनी के प्रमुख होंगे।
डिमर्जर (Demerger) क्या होता हैं?
डिमर्जर (Demerger) का मतलब होता है किसी बड़ी कंपनी के एक या एक से ज़्यादा बिजनेस हिस्सों को अलग करके, उन्हें स्वतंत्र (independent) कंपनी के रूप में काम करने देना। साधारण शब्दों में — जब एक कंपनी अपने अलग-अलग बिजनेस को बाँटकर, उनसे नई कंपनियाँ बनाती है,
उदाहरण से समझिए
टाटा मोटर्स के दो बड़े बिजनेस हैं — 1. कॉमर्शियल व्हीकल (ट्रक, बस आदि) 2. पैसेंजर व्हीकल (कार, EV, JLR आदि) पहले ये दोनों एक ही कंपनी में थे। अब टाटा मोटर्स ने इन्हें डिमर्जर के ज़रिए दो अलग कंपनियों में बाँट दिया — · टाटा मोटर्स लिमिटेड (CV यूनिट) · टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) अब दोनों की अपनी मैनेजमेंट टीम, शेयर, और रणनीति (strategy) होगी।
ऐसा क्यों किया जाता है? कंपनियाँ डिमर्जर इसलिए करती हैं ताकि — · हर बिजनेस पर अलग फोकस किया जा सके, · निवेशक यह तय कर सकें कि वे किस सेगमेंट में निवेश करना चाहते हैं, · वैल्यू (Value) “अनलॉक” हो सके यानी कंपनी की असली कीमत मार्केट में दिखे, · और दोनों कंपनियों की ग्रोथ अपनी स्पीड से हो सके।
डिमर्जर के फायदे · निवेशकों को नए शेयर फ्री में मिलते हैं (जैसे टाटा मोटर्स में 1:1 रेश्यो)। · दोनों कंपनियों की वैल्यू अलग-अलग तय होती है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है। · बिजनेस स्पेशलाइजेशन और फोकस के साथ आगे बढ़ते हैं। |
शेयरहोल्डर्स को 1:1 रेश्यो में शेयर
रिकॉर्ड डेट 14 अक्टूबर 2025 तय की गई थी। टाटा मोटर्स के हर एक शेयर पर निवेशकों को CV यूनिट का एक शेयर फ्री मिला है। कुल 368.23 करोड़ शेयर अलॉट किए गए, जो अब डीमैट अकाउंट्स में क्रेडिट हो चुके हैं। लिस्टिंग के साथ अब इनकी ट्रेडिंग शुरू हो गई है।
टैक्स पर राहत
डिमर्जर के तहत मिले शेयरों पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। टैक्स तभी लागू होगा जब निवेशक अपने CV या PV शेयर बेचेंगे। अगर शेयर 12 महीने से ज्यादा होल्ड किए गए हैं, तो 12.5% LTCG टैक्स लागू होगा (₹1.25 लाख से अधिक गेन पर)।
डिमर्जर की वजह
कंपनी का कहना है कि दोनों बिजनेस की ग्रोथ साइकिल अलग-अलग है।
- CV बिजनेस का मार्केट शेयर 37% से अधिक है।
- PV बिजनेस का फोकस EV और JLR सेगमेंट पर है।
अलग-अलग कंपनियों के रूप में काम करने से दोनों को बेहतर मैनेजमेंट, कैपिटल अलोकेशन और ग्रोथ के अवसर मिलेंगे। कंपनी चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के अनुसार, यह कदम EV, ऑटोनॉमस व्हीकल्स और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में सहयोग बढ़ाएगा।
आगे की राह
- CV यूनिट की तुलना अब अशोक लेलैंड जैसे प्योर CV प्लेयर्स से होगी।
- PV यूनिट की तुलना मारुति सुजुकी और महिंद्रा जैसी कंपनियों से की जाएगी।
- दोनों कंपनियों की अलग डिविडेंड पॉलिसी होगी।
- विश्लेषकों का मानना है कि इस डिमर्जर से “वैल्यू अनलॉकिंग” होगी और शेयरधारकों को फायदा मिलेगा।
टाटा मोटर्स एक नजर में
- स्थापना: 1945
- सालाना बिक्री: 10 लाख से अधिक वाहन
- कर्मचारी: 81,000+
- मार्केट कैप: ₹3.85 लाख करोड़
- टच-पॉइंट्स: 2,600+
- देशों में उपस्थिति: 44
- मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज: 23
