पूर्वोत्तर क्रिकेट के लिए बड़ी सौगात: गुवाहाटी भारत का 30वां टेस्ट स्थल बना, लेकिन मैच के समय में भी हुआ बदलाव..

गुवाहाटी शहर ने शनिवार को आखिरकार अपना सपना पूरा करते हुए पहला टेस्ट मैच आयोजित किया और भारत का 30वां टेस्ट स्थल बन गया। बरसापारा स्थित ACA स्टेडियम में लाल गेंद वाले क्रिकेट के इस ऐतिहासिक पल की शुरुआत BCCI अध्यक्ष मिथुन मन्हास और मानद सचिव देवजीत सैकिया ने घंटी बजाकर की।

 

BCCI सचिव और असम के पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर देवजीत सैकिया ने शुक्रवार को कहा, “यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। टेस्ट स्थल के रूप में मान्यता पाना हर क्रिकेट प्रेमी क्षेत्र का सपना होता है और यह कल हो रहा है।”

big gift for Northeast cricket Guwahati becomes India 30th Test venue

असम के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी को नया टेस्ट केंद्र बनाए जाने पर गहरी खुशी जताई। उन्होंने एक्स पर लिखा कि गुवाहाटी ने इतिहास रच दिया है और एसीए स्टेडियम का भारत का 30वां टेस्ट स्थल बनना असम के क्रिकेट के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मील का पत्थर राज्य के युवाओं को प्रेरित करेगा और उनकी खेल महत्वाकांक्षाओं को और मजबूती देगा। उनके अनुसार, यह पल असम की उभरती प्रतिभाओं के लिए नया जोश लेकर आएगा और खेलों में राज्य की एक नई पारी की शुरुआत करेगा।

 

मैदान पर उत्साह का माहौल:

पहली बार टेस्ट मैच की मेजबानी करने वाले इस मैदान पर उत्साह का माहौल था- चाहे वे आयोजक हों, पत्रकार हों या क्रिकेट से प्यार करने वाली आम जनता। टॉस से पहले भारतीय कप्तान ऋषभ पंत और दक्षिण अफ्रीका के टेम्बा बावुमा को खास सोने की परत चढ़े स्मारक टॉस सिक्के भी भेंट किए गए, जिसने इस दिन को और भी यादगार बना दिया।

 

मैच के समय में बदलाव:

इस टेस्ट मैच में समय को लेकर खास बदलाव किए गए हैं, क्योंकि पूर्वोत्तर में सूर्योदय और सूर्यास्त जल्दी होते हैं। इसी वजह से गुवाहाटी में खेल की शुरुआत सुबह 9:30 बजे की जगह 9:00 बजे होगी। आमतौर पर ऐसा बदलाव सिर्फ डे-नाइट टेस्ट मैचों में देखा जाता है। असम की राजधानी में शाम करीब 4:30 बजे ही सूरज डूब जाता है, इसलिए मैच अधिकारियों के लिए यह जरूरी हो गया कि समय पर खेल खत्म कराया जाए और ओवर कम न हों।

समय बदलने के साथ-साथ लंच और चाय के ब्रेक का समय भी बदला गया है, टेस्ट क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में पहली बार, इस मैच में ऐसा हुआ कि लंच से पहले चाय का ब्रेक लिया गया। यह बदलाव सिर्फ स्थानीय दिन के उजाले को ध्यान में रखकर किया गया है। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि “स्थानीय दिन के उजाले को ध्यान में रखते हुए समय और ब्रेक में बदलाव जरूरी था।” इन बदलावों के साथ यह टेस्ट मैच खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए एक अनोखा अनुभव बनने जा रहा है।

 

गुवाहाटी पिच को लेकर दोनों टीमों में अनिश्चितता:

गुवाहाटी में पहली बार टेस्ट मैच हो रहा है, इसलिए पिच का व्यवहार दोनों टीमों के लिए बड़ा सवाल है। खिलाड़ियों को समझ नहीं आ रहा कि शुरुआत में पिच कैसे खेलेगी, स्पिन जल्दी आएगा या बाद में, उछाल कैसा होगा आदि।

दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज उपमहाद्वीप की परिस्थितियों से परिचित हैं, लेकिन नए टेस्ट स्थल पर उन्हें भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं आकाश चोपड़ा के मुताबिक, भारत को घरेलू मिट्टी का फायदा मिलेगा क्योंकि भारतीय खिलाड़ी स्पिन और ऐसी पिचों को बेहतर समझते हैं। कुल मिलाकर, यह टेस्ट दोनों टीमों के लिए चुनौती है, लेकिन अनुभव और घरेलू समझ के कारण भारत थोड़ी बढ़त के साथ मैदान में उतरता नजर आता है।

 

गुवाहाटी 1983 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का हिस्सा:

गुवाहाटी 1983 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का हिस्सा रहा है। शुरू­आत में ज़्यादातर वनडे और बाद में टी20 मैच नेहरू स्टेडियम में खेले जाते थे, जहाँ ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, श्रीलंका, ज़िम्बाब्वे, पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड जैसी बड़ी टीमें आ चुकी हैं।

2017 के बाद से अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी बरसापारा स्थित ACA स्टेडियम में होने लगी। अब गुवाहाटी भारत का 30वां टेस्ट स्थल बन गया है, जो शहर और पूरे पूर्वोत्तर के लिए पाँच दिवसीय लाल गेंद वाले क्रिकेट की नई शुरुआत का बड़ा पल है।

 

बारसापारा क्रिकेट स्टेडियम के बारे में:

बारसापारा क्रिकेट स्टेडियम, जिसे आधिकारिक रूप से डॉ. भूपेन हजारिका क्रिकेट स्टेडियम कहा जाता है और जिसे लोग ACA स्टेडियम भी कहते हैं, गुवाहाटी का प्रमुख क्रिकेट मैदान है। यह भारत का 49वां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्थल है।

यहां पहला इंटरनेशनल मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 हुआ था। स्टेडियम नया है और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के मैचों की मेजबानी करता है। इसकी क्षमता करीब 40,000 दर्शकों की है और यह अपनी आधुनिक सुविधाओं के कारण देश के बेहतरीन स्टेडियमों में गिना जाता है। मैदान के चारों ओर ढकी हुई बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ यहां इनडोर प्रैक्टिस विकेट, स्विमिंग पूल, जिम जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं भी मौजूद हैं।

 

भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम:

अहमदाबाद का नरेंद्र मोदी स्टेडियम 1,32,000 की क्षमता के साथ दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है। इसे पूरी तरह नया बनाकर 2020 में तैयार किया गया। यहां विश्व कप के कई मैच, टेस्ट, वनडे और टी20 मुकाबले हो चुके हैं, और 2021 में भारत–इंग्लैंड का गुलाबी गेंद टेस्ट भी यहीं खेला गया।

वर्त्तमान में दुनिया भर में सबसे ज़्यादा क्रिकेट स्टेडियमों का ताज भारत के नाम है, कुल 53! यह दूसरे स्थान पर मौजूद इंग्लैंड (केवल 23) से 30 ज़्यादा है।

 

भारत में क्रिकेट की शुरुआत:

भारत में क्रिकेट 18वीं शताब्दी में आया, जब यूरोपीय व्यापारी और नाविक इसे अपने साथ लाए। समय के साथ यह खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं रहा, बल्कि देश का जुनून बन गया जिसने करोड़ों भारतीयों को जोड़ दिया।

भारतीय क्रिकेट की शुरुआती कहानी में पटियाला के महाराजा सर भूपिंदर सिंह की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें भारतीय क्रिकेट के शुरुआती दौर का निर्माता भी कहा जाता है। उन्होंने अपने खर्च पर कई क्रिकेट टूर्नामेंट और विदेशी दौरों को सहारा दिया। 1911 में उन्होंने भारत की पहली टीम को इंग्लैंड दौरे पर भेजा। हालांकि वे खुद स्वास्थ्य कारणों से नहीं खेल सके, लेकिन इसी दौरे के साथ भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और आगे चलकर टेस्ट क्रिकेट का सफर शुरू हुआ।

 

निष्कर्ष:

गुवाहाटी के लिए यह अवसर केवल एक मैच नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जिसने शहर को भारतीय क्रिकेट के महत्वपूर्ण मानचित्र पर स्थापित कर दिया है। बरसापारा स्थित एसीए स्टेडियम में आयोजित पहला टेस्ट न केवल असम, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर के लिए गर्व और नई उम्मीदों का क्षण है।