ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को 27 साल की सजा: तख्तापलट की साजिश में पाए गए दोषी, जानिए पूरी खबर..

देश के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को अपने ही उत्तराधिकारी के खिलाफ तख्तापलट की साजिश रचने के मामले में 27 साल की सजा सुनाई है। लंबे समय से जारी जांच, बयानों और कानूनी लड़ाइयों के बाद आया यह निर्णय न सिर्फ ब्राज़ील के लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि बोल्सोनारो के राजनीतिक करियर पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा देता है। यह फैसला ब्राज़ील की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है।

former brazilian president bolsonaro sentenced to 27 years in prison

बोल्सोनारो कौन है ?

जायर बोल्सोनारो (जन्म 1955) ब्राज़ील के राजनीतिज्ञ और पूर्व सैन्य अधिकारी हैं, जो 2019 से 2023 तक देश के 38वें राष्ट्रपति रहे। इससे पहले वे लगातार 27 साल तक सांसद रहे। सेना में सेवा के बाद उन्होंने राजनीति शुरू की और रूढ़िवादी सोच के लिए पहचाने गए।

 

राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आर्थिक सुधार और अपराध कम करने पर ध्यान दिया, लेकिन अमेज़न जंगल की सुरक्षा घटाने और COVID-19 महामारी को हल्के में लेने के कारण उनकी काफी आलोचना हुई। वे कई सामाजिक मुद्दों—जैसे समान-लिंग विवाह, गर्भपात और नशीली दवाओं की वैधीकरण के कड़े विरोधी रहे। विदेश नीति में उन्होंने अमेरिका और इज़राइल से नज़दीकी बढ़ाई। 2022 के चुनाव में वे लूला डी सिल्वा से हार गए। 8 जनवरी 2023 को उनके समर्थकों ने सरकारी भवनों पर हमला किया, जिसके बाद उनके खिलाफ तख्तापलट की साजिश के मामले में कार्रवाई शुरू हुई।

 

बोल्सोनारो पर क्या है आरोप ?

जायर बोल्सोनारो पर आरोप है कि 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद भी वे सत्ता छोड़ना नहीं चाहते थे और इसके लिए उन्होंने अपनी ही सरकार को अवैध तरीके से बनाए रखने की योजना बनाई। ब्राज़ील के सरकारी वकीलों के अनुसार उन पर तीन बड़े आरोप हैं:

 

  1. सुप्रीम कोर्ट पर हमला करने की साजिश: ताकि न्यायपालिका चुनाव परिणामों को बदल न सके।
  2. राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा और जज एलेक्जेंडर डी मोरेस की हत्या की योजना: ताकि नई सरकार और अदालत दोनों को कमजोर किया जा सके।
  3. सैन्य तख्तापलट की कोशिश: सेना की मदद से चुनाव के नतीजों को पलटकर खुद को सत्ता में बनाए रखने की योजना बनाई गई।

 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को तख्तापलट की साजिश मामले में दोषी पाए जाने के बाद उसी संघीय पुलिस मुख्यालय में 27 साल रखा जाएगा, जहाँ उन्हें शनिवार को भागने की आशंका के चलते गिरफ्तार किया गया था। सामान्य तौर पर, 70 वर्ष की उम्र के व्यक्ति को किसी सुधार गृह या सैन्य सुविधा के कारागार में भेजा जा सकता था, लेकिन अदालत ने ऐसा न करने का फैसला किया।

 

  • सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एलेक्जेंडर डी मोरेस ने कहा कि बोल्सोनारो की सभी कानूनी अपीलें समाप्त हो चुकी हैं।
  • उनके वकीलों ने स्वास्थ्य कारणों से उन्हें घर में नज़रबंद रखने की मांग की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
  • अदालत ने माना कि बोल्सोनारो के घर के बाहर उनके बेटे द्वारा की गई एक सभा के दौरान उनके भागने की योजना से जुड़े संकेत मिले थे।
  • न्यायाधीश ने यह भी कहा कि बोल्सोनारो के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी दूतावास से घनिष्ठ संबंध थे, इसलिए संभव है कि वे राजनीतिक शरण मांग सकते थे।

 

बोल्सोनारो के सह-आरोपियों को भी सजा:

पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो के सह-आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है। उनके पांच सहयोगी, जिनमें सैन्य जनरल और पूर्व मंत्री शामिल हैं, 19 से 26 साल की जेल की सजा काट रहे हैं।

 

पूर्व जनरल ऑगस्टो हेलेनो और पूर्व सैन्य अधिकारी पाउलो सर्जियो नोघुएरा को ब्रासीलिया के मिलिट्री सेंटर भेजा गया है। पूर्व जस्टिस मंत्री एंडरसन टोरेस को पापूडा जेल में रखा गया है। एडमिरल अलमिर गार्नियर को नेवी की जेल में रखा जाएगा और पूर्व डिफेंस मिनिस्टर व उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वॉल्टर ब्रागा नेटो को रियो डी जेनेरियो की सैन्य सुविधा में रखा जाएगा। वहीं, सांसद और पूर्व खुफिया प्रमुख अलेक्जांड्रे रामाजेम अमेरिका भाग गए हैं और उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया है।

 

पहले से नजरबंद थे बोल्सोनारो:

अगस्त में ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को नजरबंद करने का आदेश दिया था। न्यायाधीश मोरायस ने कहा कि हाउस अरेस्ट के दौरान बोल्सोनारो ने अपने तीन सांसद बेटों के जरिए सार्वजनिक संदेश भेजकर नियमों का उल्लंघन किया। रियो डी जेनेरियो में उनके समर्थकों की रैली में उन्होंने अपने बेटे के फोन से संदेश दिया और कहा कि यह उनकी आजादी के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे नियमों की अवहेलना माना और उन्हें घर में नजरबंद रखने, इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर पहनने और उनके घर से सभी मोबाइल जब्त करने का आदेश दिया।

 

इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर को जलाने की कोशिश:

पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने दावा किया कि भ्रम की स्थिति में उन्होंने टखने पर लगी इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग डिवाइस को वेल्डर से काटने की कोशिश की। अदालत ने हालांकि कहा कि उन्होंने भागने की योजना के तहत डिवाइस को सोल्डरिंग आयरन से जलाने की कोशिश की थी। अदालत द्वारा जारी किए गए वीडियो में मॉनिटर जलकर क्षतिग्रस्त दिख रहा है, लेकिन यह अभी भी बोल्सोनारो के पैर में बंधा हुआ है। वीडियो में बोल्सोनारो ने भी माना कि उन्होंने डिवाइस पर टूल का इस्तेमाल किया था।

 

ट्रम्प ने किया बोल्सोनारो को बचाने का प्रयास:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बोल्सोनारो को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी कोई तरकीब काम नहीं आई। जुलाई में उन्होंने चिट्ठी लिखकर बोल्सोनारो के खिलाफ चल रहे मुकदमे को खत्म करने की मांग की और इसे “विच हंट” कहा। ट्रंप ने ब्राज़ील पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी भी दी, जिससे दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए। बाद में अक्टूबर में मलेशिया में ASEAN समिट के दौरान ट्रंप और लूला डी सिल्वा की मुलाकात हुई, तब जाकर रिश्ते कुछ सुधरे।

हालांकि ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट के जज मोराएस और कुछ ब्राज़ीलियन अधिकारियों पर प्रतिबंध भी लगाए, लेकिन इसके बावजूद बोल्सोनारो के खिलाफ मुकदमा जारी रहा।

 

बोल्सोनारो के वकील ने क्या कहा ?

बोल्सोनारो के वकील पाउलो कुन्हा ब्यूनो ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति दोषसिद्धि के खिलाफ अपील करेंगे, भले ही अदालत ने उनका फैसला अंतिम कर दिया हो। उन्होंने यह भी बताया कि बोल्सोनारो की गिरफ्तारी अनुचित है और जेल में रहने से उनका स्वास्थ्य खतरे में है।

 

बोल्सोनारो ने क्या कहा ?

पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो का कहना है कि वे निर्दोष हैं और उन पर राजनीतिक उत्पीड़न हो रहा है। उनकी नज़रबंदी के कारण रूढ़िवादी मतदाताओं के पास 2026 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले कोई स्पष्ट नेता नहीं है। वहीं, 80 वर्षीय लूला डी सिल्वा चौथी बार चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। बोल्सोनारो ने कहा है कि वह अगले साल फिर से चुनाव लड़ेंगे और उनका परिवार दक्षिणपंथी राजनीति में अपना प्रभाव बनाए रखने और वैकल्पिक उम्मीदवार चुनने की तैयारी कर रहा है।

 

निष्कर्ष:

ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की दृढ़ता और कानून के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है। जायर बोल्सोनारो को मिली सज़ा यह संदेश देती है कि सत्ता के पद पर रहते हुए भी कोई व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।