भारतीय खनन कंपनी अडानी ने पर्यावरण कार्यकर्ता बेन पेनिंग्स के खिलाफ साढ़े पांच साल से चल रही कानूनी लड़ाई को समाप्त करने की सहमति दी है। क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले को बंद करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद गुरुवार को पेनिंग्स ने अपनी जीत की घोषणा की।
मामले का निपटारा
कोर्ट के आदेश के अनुसार, पेनिंग्स को अडानी की गोपनीय जानकारी हासिल करने या दूसरों से ऐसा करने के लिए कहने से रोक दिया गया है। हालांकि, कंपनी ने हर्जाने की मांग वापस ले ली है, जो एक समय 60 करोड़ डॉलर (लगभग 5,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई थी।
यह निर्णय अडानी की ऑस्ट्रेलियाई कारमाइकल कोयला खदान परियोजना के खिलाफ सबसे लंबे और सबसे महंगे कानूनी संघर्षों में से एक का अंत करता है।
मामले की शुरुआत: 2020 में निगरानी और घर की तलाशी
यह मामला 2020 में शुरू हुआ था। जून 2020 में अडानी ने पेनिंग्स के परिवार के घर की बिना सूचना के तलाशी लेने के लिए आवेदन किया था। कंपनी का आरोप था कि पेनिंग्स के पास कारमाइकल कोयला खदान से संबंधित गोपनीय जानकारी के संभावित सबूत हो सकते हैं। हालांकि, यह आवेदन असफल रहा।
कोर्ट के दस्तावेजों से पता चला कि अडानी ने एक निजी जासूस को काम पर रखा था, जिसने कार्यकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों की निगरानी की। इस निगरानी में पेनिंग्स की तब नौ साल की बेटी को स्कूल ले जाते समय उनकी तस्वीरें खींचना भी शामिल था।
इस घटना ने मामले को और अधिक विवादास्पद बना दिया और कार्यकर्ताओं के अधिकारों और कॉर्पोरेट शक्ति के बारे में बहस छिड़ गई।
अडानी के आरोप और मुकदमा
अडानी ने गैलीली ब्लॉकेड समूह के राष्ट्रीय प्रवक्ता पेनिंग्स के खिलाफ दीवानी मुकदमा दायर किया। कंपनी के आरोप थे:
- व्यवसाय में बाधा: कंपनी ने आरोप लगाया कि पेनिंग्स ने कारमाइकल कोयला खदान, उसके आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों के संचालन में बाधा डालने की कोशिश की।
- गोपनीय जानकारी की चोरी: अडानी का दावा था कि पेनिंग्स ने कंपनी की गुप्त जानकारी अवैध रूप से हासिल की थी। हालांकि, 2023 में कंपनी ने अपने मुकदमे के इस हिस्से को वापस ले लिया।
- व्यवस्थित अभियान: कंपनी ने आरोप लगाया कि पेनिंग्स ने कारमाइकल परियोजना के खिलाफ एक “व्यवस्थित अभियान” चलाया, जिसमें कर्मचारियों को गुप्त जानकारी लीक करने के लिए उकसाना और इस जानकारी का उपयोग ठेकेदारों को परेशान करने के लिए करना शामिल था।
- व्यावसायिक नुकसान: अडानी ने दावा किया कि पेनिंग्स की गतिविधियों से उनके व्यवसाय को नुकसान हुआ। कंपनी का कहना था कि उनकी कार्रवाइयों के कारण कई ठेकेदारों ने काम छोड़ दिया, जिसमें ड्रिलिंग कंपनी डाउनर भी शामिल थी।
SLAPP सूट का आरोप
पेनिंग्स ने लगातार कंपनी की कानूनी कार्रवाई को SLAPP सूट (Strategic Lawsuit Against Public Participation – सार्वजनिक भागीदारी के खिलाफ रणनीतिक मुकदमा) बताया है।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा, सबसे लंबा और सबसे महंगा SLAPP सूट था।
- पेनिंग्स का आरोप: उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने उनकी परियोजना के अन्य विरोधियों को डराने के लिए उन्हें एक उदाहरण बनाया। उन्होंने कहा, “कॉर्पोरेट द्वारा चलाए जाने वाले SLAPP सूट लोकतंत्र के लिए एक अपमान हैं।”
- कानूनी सुधार की मांग: पेनिंग्स ने सरकार से SLAPP सूटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, जैसा कि अमेरिकी राज्यों और यूरोप में किया गया है। उनका तर्क है कि ये मुकदमे बड़ी कंपनियों को आलोचकों और कार्यकर्ताओं को चुप कराने के लिए अपनी वित्तीय शक्ति का उपयोग करने की अनुमति देते हैं।
अडानी का पक्ष
ब्रेवस माइनिंग एंड रिसोर्सेज (अडानी के ऑस्ट्रेलियाई खनन व्यवसाय) के मुख्य परिचालन अधिकारी मिक क्रो ने कहा कि कंपनी खुश है कि पेनिंग्स ने प्रतिबद्धता देने पर सहमति जताई है।
- क्रो का बयान: “हमने सुप्रीम कोर्ट में यह कानूनी कार्रवाई श्री पेनिंग्स को हमारे कर्मचारियों और ठेकेदारों को परेशान करने और धमकाने से रोकने के लिए शुरू की थी।”
“यह हर्जाने का दावा कभी पैसे के बारे में नहीं था। हम बस चाहते थे कि श्री पेनिंग्स हमारी गोपनीय जानकारी प्राप्त करने की कोशिश बंद करें और इसका उपयोग हमारे ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं को परेशान करने और हमारे साथ काम करना बंद करने के लिए दबाव डालने के लिए करना बंद करें।”
- व्यावसायिक प्रभाव: क्रो ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में कई हाई-प्रोफाइल व्यवसायों ने उनके अभियान के कारण हमसे किनारा कर लिया। जो हमारे साथ बने रहे, उन्हें विरोध प्रदर्शनों, लॉक-ऑन और कार्यालय पर आक्रमणों से खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पर पैसा खर्च करना पड़ा।”
निपटारे की शर्तें
कोर्ट के आदेश के तहत:
पेनिंग्स की प्रतिबद्धता:
- अडानी की गोपनीय जानकारी प्राप्त नहीं करेंगे
- दूसरों से ऐसी जानकारी प्राप्त करने के लिए नहीं कहेंगे
अडानी की छूट:
- 60 करोड़ डॉलर के हर्जाने की मांग वापस ली गई
- पांच साल का निषेधाज्ञा समाप्त
आगे की योजना: प्रत्यक्ष कार्रवाई की वापसी
पांच साल के निषेधाज्ञा के खत्म होने के साथ, जो उन्हें कंपनी के खिलाफ अभियान चलाने से रोकता था, पेनिंग्स ने कहा कि वे तुरंत खदान के खिलाफ प्रत्यक्ष कार्रवाई में वापस लौटने का इरादा रखते हैं।
यह घोषणा इस बात का संकेत है कि कारमाइकल कोयला खदान के खिलाफ विरोध जारी रहेगा, हालांकि अब कानूनी प्रतिबंधों के बिना।
कारमाइकल कोयला खदान परियोजना
कारमाइकल परियोजना अडानी की ऑस्ट्रेलिया में सबसे विवादास्पद खनन परियोजनाओं में से एक है। यह क्वींसलैंड के गैलीली बेसिन में स्थित है और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के लिए लंबे समय से विरोध का केंद्र रही है।
विरोध के मुख्य कारण:
- जलवायु परिवर्तन में योगदान
- स्थानीय पर्यावरण पर प्रभाव
- पानी की आपूर्ति पर खतरा
- ग्रेट बैरियर रीफ के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जोखिम
SLAPP सूट: लोकतंत्र के लिए खतरा?
SLAPP सूट का उद्देश्य आलोचकों को चुप कराना और सार्वजनिक भागीदारी को हतोत्साहित करना माना जाता है। ये मुकदमे आमतौर पर:
विशेषताएं:
- बड़ी कंपनियों द्वारा व्यक्तियों या छोटे समूहों के खिलाफ
- भारी वित्तीय मांग जो कार्यकर्ताओं को डराने के लिए डिज़ाइन की गई हैं
- लंबी कानूनी प्रक्रिया जो कार्यकर्ताओं के समय और संसाधनों को खत्म कर देती है
- जीतने के बजाय चुप कराने पर केंद्रित
वैश्विक प्रतिक्रिया: कई अमेरिकी राज्यों और यूरोपीय देशों ने SLAPP सूट के खिलाफ कानून बनाए हैं। ये कानून आम तौर पर:
- ऐसे मुकदमों को जल्दी खारिज करने की अनुमति देते हैं
- प्रतिवादियों को कानूनी खर्च वसूलने की अनुमति देते हैं
- कॉर्पोरेट दुरुपयोग के लिए दंड प्रदान करते हैं
मामले का महत्व
यह मामला कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- कार्यकर्ताओं के अधिकार: यह कॉर्पोरेट शक्ति और नागरिक विरोध के अधिकार के बीच संतुलन का सवाल उठाता है।
- पर्यावरण आंदोलन: कारमाइकल खदान ऑस्ट्रेलिया में जलवायु और कोयला विरोधी आंदोलन का प्रतीक बन गई है।
- कानूनी मिसाल: साढ़े पांच साल की इस लड़ाई ने दिखाया कि बड़े निगम कैसे आलोचकों पर दबाव डालने के लिए कानूनी प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं।
- गोपनीयता और निगरानी: निजी जासूसों द्वारा परिवारों की निगरानी ने गोपनीयता और कॉर्पोरेट जवाबदेही के बारे में सवाल उठाए।
आगे की चुनौतियां
जबकि पेनिंग्स ने इस मामले में “जीत” की घोषणा की है, बहस जारी है:
- SLAPP कानून की जरूरत: कार्यकर्ता और कानूनी विशेषज्ञ ऑस्ट्रेलिया में SLAPP-विरोधी कानून की मांग कर रहे हैं।
- कॉर्पोरेट जवाबदेही: सवाल उठता है कि क्या कंपनियों को आलोचकों पर भारी वित्तीय दबाव डालने की अनुमति दी जानी चाहिए।
- पर्यावरण बनाम विकास: कारमाइकल खदान आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच बड़ी बहस का हिस्सा बनी हुई है।
- विरोध का भविष्य: निषेधाज्ञा समाप्त होने के साथ, खदान के खिलाफ सक्रियता का अगला चरण क्या होगा, यह देखना बाकी है।
निष्कर्ष:
अडानी और पेनिंग्स के बीच यह साढ़े पांच साल का कानूनी संघर्ष ऑस्ट्रेलिया में कॉर्पोरेट शक्ति, पर्यावरण सक्रियता और नागरिक अधिकारों के बीच तनाव को उजागर करता है। जबकि मामला अदालत में समाप्त हो गया है, कारमाइकल कोयला खदान के आसपास की बहस और व्यापक सवाल जारी रहने की संभावना है।
पेनिंग्स की तत्काल सक्रियता में वापसी की घोषणा और SLAPP-विरोधी कानूनों के लिए उनकी अपील बताती है कि यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है।
