श्रीलंका में तूफान दितवाह ने भारी तबाही मचा दी है। अब तक कम से कम 123 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं। राहत-बचाव टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बाढ़ से हुई तबाही के कारण उत्पन्न आपातकालीन स्थिति को देखते हुए पूरे द्वीप में आपातकाल की घोषणा कर दी है।
इस बीच, चक्रवात दितवाह अब भारत की ओर बढ़ रहा है, जिससे तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में 30 नवंबर की सुबह इसके टकराने की आशंका जताई गई है। भारतीय मौसम विभाग ने कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया है।
चक्रवात क्या है ?
चक्रवात वह तूफान है जिसमें कम दबाव वाले क्षेत्र के चारों ओर हवा तेजी से अंदर की ओर घूमती है। उत्तरी गोलार्ध में हवा वामावर्त (घड़ी की सूइयों के विपरीत) और दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त (घड़ी की दिशा में) घूमती है। इसके साथ आमतौर पर तेज तूफान और खराब मौसम आता है।
“चक्रवात” शब्द ग्रीक शब्द साइक्लोस से लिया गया है, जिसका अर्थ है साँप की कुंडलियाँ। इसे हेनरी पेडिंगटन ने गढ़ा था क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आने वाले उष्णकटिबंधीय तूफान समुद्र में कुंडलित साँपों की तरह प्रतीत होते हैं।
चक्रवातों का नामकरण:
वर्ष 2000 में WMO/ESCAP (विश्व मौसम विज्ञान संगठन/एशिया-प्रशांत आयोग) के तहत 13 देशों ने इस क्षेत्र में चक्रवातों के नाम रखना शुरू किया। शुरुआती देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल थे। 2018 में इसमें पांच और देश शामिल हुए: ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन। हर देश 13-13 नाम सुझाता है और WMO/ESCAP पैनल (PTC) सूची को अंतिम रूप देता है। अप्रैल 2020 में IMD ने 169 चक्रवात नामों की सूची जारी की।
इस बार चक्रवात का नाम यमन द्वारा सुझाया गया था और संभवतः यह सोकोत्रा के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित डेटवा लैगून से लिया गया है। ‘डिटवा‘(दितवाह) नाम, जिसका अर्थ लैगून होता है।
नामकरण के लिए दिशानिर्देश:
- नाम राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक या लिंग पक्षपाती नहीं होना चाहिए।
- दुनिया में किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचे।
- असभ्य, क्रूर या आपत्तिजनक न हो।
- संक्षिप्त और उच्चारण में आसान हो, अधिकतम 8 अक्षर का।
- इस्तेमाल होने के बाद नाम दोबारा नहीं आएगा।
चक्रवाती तूफान दितवाह की उत्पत्ति:
चक्रवात दितवाह 24 नवंबर से श्रीलंका के आसपास सक्रिय हुआ। यह धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और 26 नवंबर को श्रीलंका के पूर्वी तट पर लैंडफॉल कर गया। इसके बाद 28 नवंबर को तेज हवाओं (50-70 किमी/घंटा) के साथ भारी बारिश शुरू हुई, जो कुछ जगहों पर 24 घंटों में 300 मिमी से अधिक रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गई। इससे भूस्खलन और बाढ़ पूरे द्वीप में फैल गई।
श्रीलंका में भारी तबाही:
आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) के अनुसार, तूफान दितवाह ने श्रीलंका में भारी तबाही मचा दी है। यहाँ अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है और 130 लोग लापता हैं। हफ़्ते भर की मूसलाधार बारिश और चक्रवात की वजह से भीषण बाढ़ और भूस्खलन हुआ। 43,900 से ज़्यादा लोग सरकारी आश्रय केंद्रों में पहुँचाए गए हैं। 600 से अधिक घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं। मौतों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। लापता लोगों में कई भूस्खलन में फंसे हुए हैं। DMC प्रमुख प्रदीप कोटुवेगोदा ने कहा कि चक्रवात अब भारत की ओर बढ़ रहा है।
भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन सागर बंधु‘:
भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका में तुरंत राहत सामग्री और मानवीय मदद भेजी है। राष्ट्रीय आपदा सुरक्षा बल (NDRF) की दो टीमों में 80 जवान (जिसमें 4 महिला और 4 स्निफर डॉग शामिल हैं) शनिवार तड़के हिंदन एयर बेस से कोलंबो भेजे गए। ये जवान विशेष उपकरणों के साथ बचाव कार्य में जुटे हैं। भारतीय वायुसेना ने C-130 और IL-76 विमानों से 21 टन राहत सामग्री (खाने-पीने का सामान, दवाइयां, कंबल आदि) और 8 टन विशेष उपकरण एयरलिफ्ट किए हैं।
जयशंकर ने एक्स पर लिखा:
जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि “#ऑपरेशनसागरबंधु शुरू हो गया है। भारतीय वायुसेना का C-130J विमान लगभग 12 टन मानवीय सहायता लेकर कोलंबो पहुंचा। इसमें टेंट, तिरपाल, कंबल, स्वच्छता किट और खाने-पीने की तैयार सामग्री शामिल है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के लोगों के प्रति संवेदना और चक्रवात में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया। भारत ने तुरंत राहत सामग्री और आपदा राहत उपकरण भेजे हैं। मोदी ने कहा कि स्थिति के अनुसार और मदद देने के लिए तैयार हैं और यह भारत की पड़ोसी-प्रथम नीति के अनुरूप है।
चक्रवाती तूफान दितवाह की वर्तमान स्थिति:
आईएमडी ने बताया कि चक्रवाती तूफान दितवाह पिछले 6 घंटों में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है। सुबह 5:30 बजे इसका केंद्र जाफना से लगभग 80 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, कराईकल से 190 किमी, पुदुचेरी से 300 किमी और चेन्नई से 400 किमी दक्षिण में था। यह तटीय श्रीलंका और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है।
भारत में भारी वर्षा, जलभराव और फसल नुकसान की संभावना:
आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में दोबारा प्रवेश करने के बाद चक्रवात और तेज़ हो सकता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भारी से अत्यधिक भारी बारिश से शहरों में बाढ़, पहाड़ी इलाकों में अचानक बाढ़ और जलभराव हो सकता है। तेज़ हवाएँ पेड़ उखाड़ सकती हैं, कच्चे घर और होर्डिंग्स को नुकसान पहुँच सकता है, और पकी हुई फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं।
उड़ान और रेलवे सेवाओं पर असर:
चेन्नई हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। चेन्नई-थूथुकुडी-त्रिची-मदुरै के बीच 16 उड़ानें और 16 वापसी सेवाएँ निलंबित हैं। त्रिची, मदुरै और पुदुचेरी से बेंगलुरु और हैदराबाद जाने वाली 22 अन्य उड़ानें भी रद्द की गई हैं। तमिलनाडु के प्रमुख हवाई अड्डों से सभी छोटी विमान सेवाएँ रविवार तक बंद रहेंगी।
उड़ानों के रद्द होने के अलावा, ज़मीनी परिवहन भी प्रभावित हुआ है। दक्षिण रेलवे ने 28 और 29 नवंबर 2025 को कुछ ट्रेन सेवाओं को रद्द, आंशिक रूप से रद्द और अल्पकालिक रूप से समाप्त करने की घोषणा की है।
स्कूल और कॉलेज में अवकाश:
छात्रों की सुरक्षा के लिए तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई जिलों में अवकाश घोषित किया गया है। पेरम्बलुर, तिरुवरुर, नागापट्टिनम, मयिलादुथुराई, कुड्डालोर, कल्लाकुरिची, पुदुकोट्टई, पुडुचेरी, कराईकल, विल्लुपुरम, तंजावुर और तिरुचि जैसे रेड-अलर्ट जोन में 29 नवंबर को स्कूल और कॉलेज बंद रहे।
पांडिचेरी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भारी बारिश और चक्रवात की चेतावनी के कारण शनिवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को रद्द करने का औपचारिक नोटिस जारी किया है।
निष्कर्ष:
श्रीलंका में भारी तबाही मचाने के बाद चक्रवात दितवाह अब भारत की ओर बढ़ रहा है। हालात गंभीर हैं, इसलिए तटीय क्षेत्रों में सतर्कता और तैयारियाँ बेहद जरूरी हैं। भारत द्वारा श्रीलंका को की गई त्वरित सहायता दोनों देशों के मजबूत संबंधों को दर्शाती है। मौसम विभाग के अलर्ट का पालन करते हुए एकजुट प्रयास ही इस आपदा के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
