तुर्की ने विमानन इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। देश का पहला स्वदेशी मानवरहित लड़ाकू विमान बायरकटर किज़िलेल्मा ने हाल ही में एक परीक्षण में Beyond Visual Range (BVR) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल करके एक जेट-संचालित लक्ष्य विमान को सफलतापूर्वक नष्ट किया। यह पहली बार हुआ है जब किसी UAV (Unmanned Aerial Vehicle) ने ऐसे उच्च तकनीकी युद्धाभ्यास में सफलता हासिल की है, इससे तुर्की की हवाई सुरक्षा और आधुनिक लड़ाकू क्षमताओं में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है।
बायरकटर किज़िलेल्मा क्या है?
बायरकटर किज़िलेल्मा तुर्की का एक स्वदेशी, जेट-संचालित, मानवरहित लड़ाकू विमान है। इसे तुर्की की रक्षा कंपनी बायकर ने विकसित किया है। यह प्रोजेक्ट MIUS का हिस्सा है। किज़िलेल्मा दुनिया का पहला ऐसा मानवरहित लड़ाकू जेट बन गया है, जिसने स्वदेशी रडार और स्वदेशी मिसाइल के साथ BVR हमला और पूरी तरह से स्वायत्त ऑपरेशन का प्रदर्शन किया।
किज़िलेल्मा का अधिकतम टेकऑफ़ वज़न 6,000 किलोग्राम है, जिसमें पेलोड के लिए 1,500 किलोग्राम वज़न उपलब्ध है। कंपनी द्वारा साझा किए गए आँकड़ों के अनुसार, किज़िलेल्मा की परिचालन ऊँचाई 35,000 फीट होगी।
मुख्य बातें:
- स्टील्थ और एकल इंजन वाला, वाहक-सक्षम।
- प्रारंभिक वेरिएंट सबसोनिक, भविष्य के वेरिएंट सुपरसोनिक।
- दिसंबर 2022 में पहली उड़ान पूरी की।
इंजन:
- शुरुआती प्रोटोटाइप AI-25TLT टर्बोफैन इंजन से सबसोनिक गति तक पहुँचेंगे।
- अगले प्रोटोटाइप में AI-322F इंजन का उपयोग करके सुपरसोनिक गति हासिल की जाएगी।
परीक्षण कैसे किया गया ?
तुर्की के मर्ज़ीफ़ोन स्थित 5वें मुख्य जेट बेस कमांड से पाँच F-16 लड़ाकू विमान उड़ान भरकर सिनोप पहुंचे और वहाँ बायरकटर किज़िलेल्मा के साथ जुड़ गए। किज़िलेल्मा ने F-16 विमानों के साथ मिलकर फ़ॉर्मेशन उड़ान भरी, जिसमें मानव और मानवरहित विमान मिलकर भविष्य की हवाई युद्ध रणनीति का प्रदर्शन किया। इस दौरान बायरकटर AKINCI UCAV ने भी फ़ॉर्मेशन में उड़ान भरी और पूरे प्रदर्शन को रिकॉर्ड किया।
परीक्षण के दौरान, एक तेज गति वाला जेट-इंजन संचालित लक्ष्य विमान उड़ाया गया। इसे किज़िलेल्मा के एसेलसन मुराद AEСA रडार ने खोजा और ट्रैक किया। जैसे ही लक्ष्य को सटीक रूप से चिन्हित किया गया, किज़िलेल्मा ने अपने विंग स्टेशन से तुबिटक सेज द्वारा विकसित गोकडोगन BVR (दृश्य सीमा से परे) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी। स्वदेशी मिसाइल ने लक्ष्य विमान को पूरी तरह नष्ट कर दिया।
परीक्षण की लाइव निगरानी:
तुर्की के विमानन इतिहास में इस नए अध्याय के दौरान, वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी और प्रमुख उद्योग प्रतिनिधि इस अभियान को हवा से सीधे देख रहे थे। ये सभी मर्ज़ीफ़ोन से उड़ान भरने वाले F-16 विमानों में सवार होकर कॉकपिट से परीक्षण को लाइव देख रहे थे। उनके नाम है:
- वायु सेना कमांडर जनरल ज़िया सेमल कादियोग्लू
- लड़ाकू वायु सेना कमांडर जनरल राफेत दलकिरन
- एसेलसन के महाप्रबंधक अहमद अकयोल
- बायकर के अध्यक्ष सेल्कुक बायरकटर
- परीक्षण के बाद, प्रतिनिधिमंडल में TÜBİTAK SAGE संस्थान के निदेशक केमल टोपालोमर और ROKETSAN के महाप्रबंधक मुरात इकिंसी भी शामिल हुए।
इस उपलब्धि के मायने क्या है ?
दुनिया के अधिकांश मानवरहित लड़ाकू विमान मुख्य रूप से जमीन पर हमले के लिए बनाए गए हैं। अब तक किसी भी अन्य UAV ने हवा से हवा में मार करने की क्षमता नहीं दिखाई है। लेकिन बायरकटर किज़िलेल्मा ने अपने हाल के परीक्षण में यह कर दिखाया और दुनिया का पहला ऐसा UAV बन गया, जिसने हवा से हवा में हमला कर एक जेट विमान को नष्ट किया।
इस परीक्षण ने यह साबित कर दिया कि बायरकटर किज़िलेल्मा में स्वदेशी रडार और स्वदेशी मिसाइल के साथ पूरी तरह से हवा से हवा में मार करने की क्षमता मौजूद है। तुर्की के विमानन इतिहास में यह पहला मौका है जब एक स्वदेशी विमान, स्वदेशी तकनीक से ऐसे मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम हुआ।
तुर्की का लक्ष्य:
पिछले दस वर्षों में तुर्की ने अपने घरेलू ड्रोन उद्योग में बड़े पैमाने पर निवेश किया है, खासकर बायरकटार TB2 जैसे सफल और व्यापक रूप से निर्यात किए जाने वाले ड्रोन के जरिए। अब किज़िलेल्मा कार्यक्रम तुर्की की उस कोशिश को दिखाता है, जिसमें वह साधारण निगरानी ड्रोनों से आगे बढ़कर अधिक उन्नत मानवरहित लड़ाकू विमानों का विकास करना चाहता है। हाल ही में किया गया सफल हवा से हवा में मार करने वाला परीक्षण यह साबित करता है कि तुर्की का लक्ष्य दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल होना है जो पूरी तरह स्वायत्त लड़ाकू ड्रोन बनाने की क्षमता रखते हैं।
पाकिस्तान का निकटतम करीबी है तुर्की:
तुर्की और पाकिस्तान की नज़दीकी भारत के लिए खास तौर पर सैन्य खतरा मानी जाती है। तुर्की पाकिस्तान को उन्नत ड्रोन तकनीक देता है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे संघर्षों में किया। इससे पाकिस्तान की युद्ध क्षमता बढ़ी और भारत को अतिरिक्त सुरक्षा दबाव झेलना पड़ा।
- ड्रोन और रक्षा प्रौद्योगिकी: तुर्की पाकिस्तान को हथियार आपूर्ति करने वाला एक महत्वपूर्ण देश है, जिसमें बेराकटार टीबी2 और सोंगर मॉडल जैसे उन्नत ड्रोन शामिल हैं।
- कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन: तुर्की ने कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का बार-बार समर्थन किया है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा में सार्वजनिक बयान भी शामिल है, जिसे भारत अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है।
तुर्की की रक्षा कंपनी बायकर:
तुर्की की रक्षा कंपनी बायकर दुनिया की सबसे बड़ी UAV निर्माता कंपनियों में से एक है, जिसने 2003 से अपने सभी ड्रोन प्रोजेक्ट अपने संसाधनों से विकसित किए हैं। कंपनी अपनी कमाई का अधिकांश हिस्सा निर्यात से अर्जित करती है और 2023 व 2024 दोनों में 1.8 बिलियन डॉलर का निर्यात हासिल किया।
लगातार चार वर्षों (2021–2024) तक तुर्की के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में शीर्ष निर्यातक रहने वाली बायकर ने 2023 में पूरे सेक्टर के एक-तिहाई और 2024 में एक-चौथाई निर्यात का योगदान अकेले दिया। आज बायकर 37 देशों के साथ UAV निर्यात समझौते कर चुकी है और वैश्विक मानवरहित हवाई वाहन बाजार में तुर्की को अग्रणी स्थान दिला चुकी है।
निष्कर्ष:
इस उपलब्धि से स्पष्ट होता है कि तुर्की ने अत्याधुनिक रक्षा तकनीक में एक बड़ी छलांग लगा ली है। बायरकटर किज़िलेल्मा द्वारा दृश्य सीमा से परे मिसाइल का सफल प्रयोग न केवल UAV क्षमताओं के नए मानक तय करता है, बल्कि भविष्य के हवाई युद्ध की दिशा भी बदल सकता है। यह सफलता तुर्की की स्वदेशी रक्षा शक्ति, नवाचार क्षमता और विमानन तकनीक में बढ़ती आत्मनिर्भरता का मजबूत संकेत देती है।
