आज देश में लाखों लोग रात में छह घंटे से भी कम सो रहे हैं। ज्यादातर लोग इसके लिए काम का बोझ, मोबाइल की लत या देर रात तक सोशल मीडिया चलाने को जिम्मेदार मानते हैं। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि शरीर इसकी जितनी भारी कीमत चुकाता है, उसका अंदाजा ज्यादातर लोगों को नहीं होता।
हाल ही में एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि लगातार नींद की कमी दिमाग, दिल, पाचन और लंबे समय की सेहत को कैसे बिगाड़ती है।
डॉक्टरों के मुताबिक, नींद सिर्फ “आराम” नहीं है, यह एक जरूरी प्रक्रिया है जिसके बिना शरीर सही तरीके से काम नहीं कर सकता।
डॉक्टरों का कहना है, “छह घंटे से कम नींद लेना शरीर के सभी सिस्टम पर भारी दबाव डालता है। नींद वह वक्त है जब दिमाग खुद को ठीक करता है, हार्मोन संतुलित होते हैं, शरीर की मरम्मत होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जब हम खुद को इससे वंचित करते हैं, तो बाकी सब कुछ धीमा पड़ जाता है।”
दिमाग पर असर: भूलना, ध्यान न लगना और सोचने में दिक्कत
नींद की कमी से सबसे पहले दिमाग पर असर पड़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि शारीरिक लक्षण दिखने से बहुत पहले ही दिमाग काम करना कम कर देता है।
“सबसे पहले दिमाग का काम प्रभावित होता है। ध्यान लगाना, याद रखना और फैसले लेना मुश्किल हो जाता है क्योंकि दिमाग को जानकारी को सहेजने और गंदगी साफ करने का पूरा समय नहीं मिलता,” डॉक्टरों ने बताया।
यही वजह है कि जो लोग कम सोते हैं, वे अक्सर भटके हुए, परेशान, भूलने वाले और धीमे महसूस करते हैं, भले ही उन्हें लगे कि वे कम नींद के “आदी” हो गए हैं।
मूड खराब होना और घबराहट बढ़ना
दिमाग के अलावा, मूड पर भी बुरा असर पड़ता है।
“नींद की कमी से गुस्सा ज्यादा आता है, घबराहट बढ़ती है और अचानक मूड बदल जाता है,” डॉक्टरों ने कहा।
रिसर्च बताती है कि लगातार कम नींद लेने वालों में लंबे समय तक घबराहट, डिप्रेशन और थकावट की समस्या होने का खतरा ज्यादा होता है।
हार्मोन बिगड़ना: ज्यादा भूख लगना, मोटापा बढ़ना
नींद शरीर के संतुलन में बहुत जरूरी है। जब हम कम सोते हैं, तो भूख वाले हार्मोन बिगड़ जाते हैं।
“नींद की कमी से भूख ज्यादा लगती है और वजन तेजी से बढ़ता है,” डॉक्टरों ने कहा।
यह बदलाव लोगों को ज्यादा खाने, बेवक्त स्नैक्स खाने और मीठे, तले हुए खाने की तलब बढ़ाता है, जिससे वजन और ज्यादा बढ़ता है।
खासतौर पर, नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाला हार्मोन बढ़ता है और पेट भरा महसूस कराने वाला हार्मोन कम होता है, जिससे लोग हमेशा भूखे रहते हैं।
दिल पर बोझ: ब्लड प्रेशर बढ़ना और हार्ट अटैक का खतरा
नींद की कमी से दिल पर भी काफी बुरा असर पड़ता है।
“नींद की कमी में शरीर ज्यादा स्ट्रेस हार्मोन बनाता है, जो ब्लड प्रेशर को लंबे समय तक बढ़ा रखता है,” डॉक्टरों ने चेतावनी दी। “समय के साथ, यह हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाता है।”
रात में दिल की धड़कन कम होनी चाहिए। जब ऐसा नहीं होता, तो दिल की नसें लगातार तनाव में रहती हैं। इससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर इम्युनिटी और बीमारी जल्दी होना
कम नींद शरीर को बीमारियों के प्रति कमजोर बना देती है।
“जब नींद पूरी नहीं होती तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। आप जल्दी बीमार पड़ते हैं और ठीक होने में ज्यादा समय लगता है,” डॉक्टरों ने बताया।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इम्युनिटी सेल्स गहरी नींद के दौरान दोबारा बनते हैं, और यह प्रक्रिया तब बिगड़ जाती है जब नींद छह घंटे से कम हो। इससे सर्दी-जुकाम, बुखार और दूसरे इन्फेक्शन जल्दी होते हैं।
शुगर की समस्या और डायबिटीज का खतरा
नींद की कमी से शरीर एनर्जी का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता।
“कम नींद से शरीर की एनर्जी इस्तेमाल करने की क्षमता कम होती है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल खराब होता है और आगे चलकर डायबिटीज का खतरा बढ़ता है,” डॉक्टरों ने समझाया।
महीनों या सालों तक कम सोने से इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है, जो डायबिटीज की शुरुआत है। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए खतरनाक है जिनके घर में पहले से डायबिटीज की बीमारी है।
नुकसान धीरे-धीरे लेकिन गहरा होता है
कुछ रात कम सोना हानिरहित लग सकता है, लेकिन लगातार कम सोने का असर चुपके से बढ़ता रहता है।
“शुरुआत में थोड़ा असर होता है, लेकिन समय के साथ शरीर कमजोर होता जाता है। ध्यान कम लगता है, बीमारी से उबरने में देर लगती है और पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ता है,” डॉक्टरों ने कहा।
डॉक्टर साफ कहते हैं कि छह घंटे की नींद “लगभग काफी” नहीं है, यह लंबे समय की सेहत के लिए जरूरी कम से कम नींद से भी कम है।
क्या है हल?
लगातार कम नींद लेना सिर्फ थकान नहीं है, यह पूरे शरीर पर असर डालता है – दिमाग, दिल, इम्युनिटी, हार्मोन और पाचन सब पर। डॉक्टरों का कहना है कि इसका हल परफेक्ट होने में नहीं, बल्कि नियमित होने में है।
- एक निश्चित समय पर सोना-उठना – रोज एक ही समय पर सोएं और उठें, छुट्टी वाले दिन भी।
- रात में फोन-लैपटॉप कम चलाएं – सोने से कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल, लैपटॉप और टीवी बंद कर दें। स्क्रीन की रोशनी नींद लाने वाले हार्मोन को रोकती है।
- तनाव कम करें – मेडिटेशन, योगा या गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करें।
- शाम को चाय-कॉफी न पिएं – दोपहर 2 बजे के बाद चाय या कॉफी न लें, क्योंकि इसका असर घंटों तक रहता है।
- कम से कम 7-8 घंटे सोएं – इसे चॉइस नहीं, बल्कि सेहत की जरूरत समझें।
- सोने का माहौल बनाएं – कमरा अंधेरा, शांत और ठंडा रखें। आरामदायक गद्दा और तकिया इस्तेमाल करें।
- रात का खाना जल्दी खाएं – सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खा लें, ताकि पेट भारी न रहे।
नींद कोई लग्जरी नहीं है, यह जिंदा रहने की बुनियादी जरूरत है। जितनी जल्दी हम इसे अहमियत देना शुरू करेंगे, हमारा शरीर और दिमाग उतना ही बेहतर काम करेगा। अच्छी नींद आपकी सेहत में किया गया सबसे अच्छा निवेश है।
