रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब किसी भी माध्यम जैसे; ऑनलाइन, काउंटर या एजेंट से तत्काल टिकट लेते समय यात्री के मोबाइल नंबर पर भेजा गया OTP अनिवार्य रूप से सत्यापित करना होगा। नई व्यवस्था 1 दिसंबर की रात 12 बजे से पूरे देश में लागू हो गई है।
आपको बता दें कि OTP वाली यह प्रणाली 17 नवंबर को सबसे पहले ट्रेन संख्या 12009/12010, मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस में लागू की गई थी, फिर बाद में बढ़ाकर 52 ट्रेनों तक कर दिया गया। मंत्रालय ने कहा है कि आने वाले दिनों में इसे बाकी सभी ट्रेनों में भी लागू कर दिया जाएगा।
तत्काल टिकट बुकिंग क्या है?
तत्काल योजना भारतीय रेलवे की एक विशेष टिकट बुकिंग सुविधा है, जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब बहुत कम समय में यात्रा करनी हो। यह सुविधा लगभग सभी ट्रेनों और सभी आरक्षित श्रेणियों में उपलब्ध है। रेलवे ने इसे 1997 में शुरू किया था, जब नीतीश कुमार रेल मंत्री थे। तत्काल टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बुक किए जा सकते हैं।
प्रीमियम तत्काल सेवा:
1 अक्टूबर 2014 को रेलवे ने प्रीमियम तत्काल सेवा शुरू की। यह केवल कुछ चुनी हुई ट्रेनों में लागू होती है और इनके टिकट सिर्फ ऑनलाइन ही खरीदे जा सकते हैं। शुरुआत में यह सुविधा करीब 80 ट्रेनों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू की गई थी। प्रीमियम तत्काल और सामान्य तत्काल टिकट एक ही तरीके से काम करते हैं, लेकिन प्रीमियम तत्काल टिकट की कीमत सामान्य तत्काल टिकट से काफी ज्यादा होती है- कई बार दोगुनी या उससे भी अधिक।
तत्काल टिकट की मुख्य बातें:
- तत्काल टिकट ट्रेन के मूल स्टेशन से चलने से एक दिन पहले बुक होते हैं।
- AC कोच की बुकिंग सुबह 10 बजे और Non-AC की 11 बजे शुरू होती है।
- ऐप से बुकिंग भी यात्रा से एक दिन पहले खुलती है।
- खाली बची तत्काल सीटें वेटिंग लिस्ट यात्रियों को दे दी जाती हैं।
- कन्फर्म तत्काल टिकट पर रिफंड नहीं, लेकिन वेटिंग वाली तत्काल टिकट पर रिफंड मिलता है।
- जिन ट्रेनों में तत्काल टिकटों की मांग 80% से ज्यादा रहती है, वहाँ व्यस्त सीजन वाला शुल्क पूरे साल लगता है।
- अब ट्रेन के प्रस्थान से 8 घंटे पहले चार्ट तैयार किया जाएगा और सुरक्षा के लिए आधार सत्यापन जरूरी होगा।
कैसे कर सकते है तत्काल बुकिंग ?
- पहले से लॉग इन करें: तत्काल बुकिंग शुरू होने से पहले ही अपने IRCTC खाते या किसी अधिकृत बुकिंग प्लेटफॉर्म पर लॉग इन कर लें, ताकि समय बचे।
- यात्रा विवरण भरें: यात्रा की तारीख, प्रस्थान स्टेशन और गंतव्य स्टेशन दर्ज करें।
- ‘तत्काल’ विकल्प चुनें: ट्रेनों की खोज करते समय ‘तत्काल’ श्रेणी चुनें और पसंद की ट्रेन सेलेक्ट करें।
- यात्री की जानकारी भरें: नाम, उम्र और लिंग जैसी जरूरी जानकारी दर्ज करें। बार-बार यात्रा करने वालों के लिए “मास्टर लिस्ट” में विवरण सेव कर सकते हैं, जिससे अगली बार बुकिंग जल्दी हो सके।
- जल्दी भुगतान करें: टिकट तेजी से भरते हैं, इसलिए नेट बैंकिंग, कार्ड या डिजिटल वॉलेट से तुरंत भुगतान करके बुकिंग पूरी करें।
तत्काल टिकट बुकिंग की नई प्रक्रिया:
मंत्रालय के अनुसार अब आरक्षण काउंटर पर तत्काल टिकट लेते समय यात्री के दिए गए मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा। यह OTP सही तरह से सत्यापित होने के बाद ही टिकट कन्फर्म होगा। यानी टिकट तभी जारी किया जाएगा जब सिस्टम द्वारा भेजे गए वन टाइम पासवर्ड (OTP) को दर्ज कर दिया जाए। मंत्रालय ने यात्रियों से यह भी कहा है कि टिकट बुक करते समय हमेशा अपना वैध और सक्रिय मोबाइल नंबर ही दें, ताकि बुकिंग में कोई परेशानी न आए।
इस कदम का उद्देश्य:
मंत्रालय के मुताबिक इस नई व्यवस्था का मकसद यात्रियों के लिए काउंटर बुकिंग को और आसान, सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। रिपोर्टों में बताया गया है कि कई बार तत्काल टिकटों का गलत इस्तेमाल किया जाता था, इसलिए आखिरी समय की बुकिंग में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए यह OTP-आधारित प्रक्रिया शुरू की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि इससे एजेंटों द्वारा तत्काल टिकट सुविधा के दुरुपयोग पर रोक लगेगी और असली यात्रियों को टिकट पाने का बेहतर मौका मिलेगा। कुल मिलाकर, यह कदम बुकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता, सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया गया है।
दुरुपयोग रोकने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए हालिया कदम:
हाल के महीनों में, रेलवे ने टिकट बुकिंग में गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। जुलाई में, ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए OTP के जरिए आधार सत्यापन की सुविधा शुरू की गई। 1 अक्टूबर से, केवल आधार-प्रमाणित यात्रियों को ही बुकिंग खुलने के पहले 15 मिनट में IRCTC वेबसाइट या ऐप पर सामान्य टिकट बुक करने की अनुमति दी गई। अधिकारियों का कहना है कि इन उपायों का मकसद असली यात्रियों को टिकट पाने का बेहतर मौका देना है।
भारतीय रेलवे के बारे में:
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जिसकी शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को मुंबई–ठाणे के बीच पहली ट्रेन से हुई थी। 2024 तक यह लगभग 68,584 किलोमीटर में फैला है और देशभर में 22,000 से ज्यादा ट्रेनें चलती हैं, जिनमें यात्री और मालगाड़ियां शामिल हैं। हर दिन करीब 2.4 करोड़ लोग ट्रेन से सफर करते हैं, जबकि 8,000 से ज्यादा मालगाड़ियां रोज लगभग 30 लाख टन सामान ढोती हैं। भारतीय रेलवे में 14,000 से अधिक लोकोमोटिव, हजारों कोच और लाखों वैगन हैं, वही इसमें 1.2 मिलियन से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, जिससे यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बनता है।
निष्कर्ष:
तत्काल टिकट बुकिंग में OTP सत्यापन की अनिवार्यता से प्रक्रिया अब अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और यात्री-हितैषी बन गई है। नई व्यवस्था से फर्जी बुकिंग, ग़लत तरीकों से टिकट लेने और दलाली जैसी समस्याओं पर काफी हद तक रोक लगेगी। आने वाले समय में सभी ट्रेनों में इसके प्रभाव से तत्काल टिकट व्यवस्था पहले से अधिक विश्वसनीय और सुव्यवस्थित होने की उम्मीद है।
