पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी से निलंबित कर दिया है। वड़िंग ने रविवार को नवजोत कौर की प्राथमिक सदस्यता को निलंबित करने का महज दो पंक्तियों का आदेश जारी किया और उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा कर दिया। इस निर्णय में निलंबन का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।
विवादास्पद बयानबाजी की पृष्ठभूमि
पिछले कुछ समय से नवजोत कौर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ सीधे और आक्रामक बयान दे रही थीं, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष और विरोध का माहौल बन गया था। उनके इन टिप्पणियों ने पार्टी संगठन में हलचल मचा दी थी। नवजोत कौर को जवाब देने के प्रयास में पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उनके पति नवजोत सिद्धू के पिता तक का जिक्र कर दिया। रंधावा ने सवाल उठाया कि नवजोत कौर यह बताएं कि उनके पति ने मंत्री बनने के लिए कितनी राशि दी थी।
निलंबन के बाद नवजोत कौर की प्रतिक्रिया
पार्टी से निलंबित किए जाने के तुरंत बाद नवजोत कौर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने राजा वड़िंग के बूटा सिंह पर दिए गए एक पुराने बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “मैं एक असंवेदनशील, गैर-जिम्मेदार, नैतिकता से रहित और भ्रष्ट अध्यक्ष के साथ खड़े होने से साफ इनकार करती हूं। मैं अपने उन सभी भाइयों और बहनों के साथ हूं, जिन्हें उनकी विफलता और गैर-जिम्मेदाराना रवैये से आघात पहुंचा है। मैं उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मानने से इनकार करती हूं। मुझे यह समझ नहीं आता कि मुख्यमंत्री उनकी रक्षा क्यों कर रहे हैं।”
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने इस पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पंजाब में झाड़ू (आम आदमी पार्टी का चुनाव चिह्न) के बिखरने से पहले ही कांग्रेस बिखर गई है।
वे चार विवादास्पद बयान जिन्होंने मचाया बवाल
पहला बयान: मुख्यमंत्री बनने के लिए 500 करोड़ की अटैची
नवजोत कौर सिद्धू ने दो दिन पूर्व चंडीगढ़ में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से भेंट की थी। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या उनसे किसी राजनीतिक दल ने धनराशि की मांग की है, तो उन्होंने उत्तर दिया, “नहीं, हमसे किसी ने ऐसी मांग नहीं की। लेकिन मुख्यमंत्री वही व्यक्ति बनता है जो 500 करोड़ रुपये की अटैची देता है।”
दूसरा बयान: कांग्रेस में पांच-पांच मुख्यमंत्री पहले से तैयार
राजभवन से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बातचीत में नवजोत कौर ने अपने पति के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, “यदि कांग्रेस पंजाब में सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करेगी तभी वे सक्रिय होंगे। सिद्धू कांग्रेस और प्रियंका गांधी से जुड़े हुए हैं। फिर भी मुझे यह विश्वास नहीं होता कि सिद्धू को आगे बढ़ने दिया जाएगा, क्योंकि यहां (कांग्रेस में) तो पांच-पांच मुख्यमंत्री पहले से ही तैयार बैठे हैं और वे कांग्रेस को पराजित करवाने में लगे हैं। हां, यदि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को समझ आ जाए तो बात अलग है।”
तीसरा बयान: 5 करोड़ में टिकटों की बिक्री का आरोप
सोमवार को एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान नवजोत कौर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने काउंसलर की टिकट 5 करोड़ रुपये में बेची। राजा वड़िंग, चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रताप सिंह बाजवा – ये चारों नेता पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की चाहत रखते हैं। इस महत्वाकांक्षा के चलते ये चारों कांग्रेस को नष्ट करने में जुटे हुए हैं।”
चौथा बयान: अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा
कुछ महीने पूर्व नवजोत कौर ने घोषणा की थी कि वे 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं और अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा था, “चुनाव लड़ने के लिए टिकट आवंटित करना या न करना पार्टी के उच्च नेतृत्व का अधिकार है, परंतु मैंने अपनी ओर से तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। जनता मुझे पसंद करती है और यदि पार्टी चाहे तो सर्वेक्षण करवा सकती है।” उल्लेखनीय है कि अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से स्वयं नवजोत सिद्धू चुनाव लड़ते रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में वे आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी जीवनजोत कौर से पराजित हो गए थे।
यू-टर्न और फिर नया बयान
मुख्यमंत्री पद के लिए 500 करोड़ रुपये की अटैची देने के बयान पर जब विवाद बढ़ने लगा, तो नवजोत कौर ने सोमवार सुबह अपना रुख बदल लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण देते हुए लिखा, “मैं यह देखकर आश्चर्यचकित हूं कि हमारे सरल बयान को किस प्रकार गलत दिशा दी गई है। मैंने तो केवल इतना कहा था कि हमारी कांग्रेस पार्टी ने हमसे कभी कुछ नहीं मांगा। जब मुझसे पूछा गया कि क्या नवजोत किसी अन्य राजनीतिक दल से मुख्यमंत्री का चेहरा बन सकते हैं, तो मैंने कहा था कि हमारे पास मुख्यमंत्री पद के बदले देने के लिए कोई धनराशि नहीं है। कृपया ध्यान से सुनें।”
हालांकि, अपनी इस स्पष्टीकरण वाली पोस्ट के मात्र कुछ घंटों बाद ही उन्होंने एक नया विवादास्पद बयान जारी करके सभी को चौंका दिया।
रंधावा का पलटवार
नवजोत कौर के धनराशि देकर मंत्री बनने से संबंधित दावों का जवाब देते हुए पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सीधे सिद्धू परिवार को निशाना बनाया। रंधावा ने नवजोत कौर से सवाल किया, “आपके पति ने कांग्रेस सरकार में नंबर दो मंत्री बनने के लिए कितनी धनराशि दी? पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए कितने रुपये दिए? सिद्धू के पिता भी पंजाब में एडवोकेट जनरल बने थे। क्या वे भी धनराशि देकर बने थे?”
रंधावा ने आगे कहा कि कांग्रेस को किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं बल्कि इस प्रकार के लोगों से ही खतरा है। उन्होंने कहा, “साढ़े तीन वर्षों तक कांग्रेस का कार्यकर्ता कठिनाइयां झेलता रहा, अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो ये लोग इस तरह के बयान देने लगे हैं।”
भाजपा की प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने इस मामले पर कहा, “पंजाब कांग्रेस के नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने गंभीर आरोप लगाया है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री का पद कम से कम 500 करोड़ रुपये अटैची में देने पर ही संभव है। यह आरोप नया नहीं है।”
त्रिवेदी ने याद दिलाया कि इससे पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा ने अपनी पुस्तक ‘करेज एंड कमिटमेंट’ में लिखा था कि 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सीटों की खुली बोली लग रही थी। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार में डूबी कांग्रेस के भीतर भ्रष्टाचार का रोग संगठन स्तर तक फैला हुआ है।”
पंजाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रविवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि कांग्रेस में एक मुख्यमंत्री ने 350 करोड़ रुपये देकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की थी।
नवजोत कौर का राजनीतिक सफर
15 जून 1963 को जन्मीं नवजोत कौर सिद्धू पटियाला, पंजाब की रहने वाली हैं। पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू उनके पति हैं। दंपत्ति के एक बेटा करण और एक बेटी राबिया है। नवजोत कौर ने पंजाब स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सक के रूप में कार्य किया। 2012 में राजनीति में प्रवेश के लिए उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
नवजोत कौर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2012 में भारतीय जनता पार्टी से की और अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं। 2016 में 1 अप्रैल को पंजाब में भाजपा की इकाई और शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। 2017 में वे अपने पति नवजोत सिंह सिद्धू के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गईं। 2019 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और घोषणा की कि वे अब किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगी।
कैंसर से लड़ाई और वापसी
अप्रैल 2022 में नवजोत कौर को स्टेज-4 इनवेसिव कैंसर का पता चला, जिसके लिए उन्होंने सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी सहित व्यापक उपचार करवाया। नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया था कि उनकी पत्नी ने आयुर्वेदिक उपचार और जीवनशैली में परिवर्तन के साथ कैंसर को मात दी, हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस दावे को खारिज कर दिया था। नवंबर 2023 में पीईटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर नवजोत कौर को कैंसर-मुक्त घोषित किया गया। उन्होंने अपने बाल कैंसर रोगियों को दान किए।
कैंसर से जंग जीतने के बाद 2025 में वे फिर से सक्रिय राजनीति में लौट आईं और 8 दिसंबर को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया।
यह पूरा प्रकरण पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रहे आंतरिक संघर्ष और गुटबाजी को उजागर करता है, जो आगामी चुनावों से पहले पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
