अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और पूर्व सलाहकार जेरेड कुश्नर ने युद्ध से तबाह हो चुके गाजा पट्टी को एक आधुनिक तकनीकी और पर्यटन केंद्र बनाने की बड़ी योजना पेश की है। इस प्रस्ताव की कुल लागत 112.1 अरब डॉलर बताई गई है, जो दस साल की अवधि में पूरी की जाएगी। यह जानकारी सबसे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दी, जिसके बाद इस पर दुनिया भर में चर्चा शुरू हो गई है।
कुश्नर, जो 44 साल के हैं, अमेरिका के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ के साथ मिलकर यह योजना क्षेत्रीय देशों को दिखा रहे हैं। इनमें तुर्की, मिस्र और अमीर खाड़ी देश शामिल हैं। योजना का नाम प्रोजेक्ट सनराइज: बिल्डिंग ए न्यू एंड यूनिफाइड गाजा है और यह एक 32 स्लाइड वाली पावरपॉइंट प्रस्तुति के रूप में तैयार की गई है। इसमें गाजा को एक चमकदार तटीय शहर के रूप में दिखाया गया है, जहां तेज रफ्तार रेल, एआई आधारित ऊर्जा सिस्टम और शानदार बीच रिसॉर्ट होंगे।
इस योजना में अमेरिका सीधे फंडिंग का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा देगा, साथ ही लोन गारंटी और अन्य वित्तीय मदद से उसकी कुल भागीदारी करीब 60 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। प्रस्ताव में गाजा को निवेश और पर्यटन के लिए आकर्षक जगह बताया गया है, लेकिन शासन व्यवस्था या लंबे समय की राजनीतिक व्यवस्था पर ज्यादा विस्तार नहीं है।
युद्ध के दौरान विस्थापित हुए करीब 20 लाख फिलिस्तीनियों के लिए पुनर्निर्माण के समय रहने की जगह पर सिर्फ “अस्थायी आश्रय, फील्ड अस्पताल और मोबाइल क्लिनिक” का जिक्र है, कोई साफ योजना नहीं।
व्हाइट हाउस ने इस प्रस्ताव पर सीधे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन “शांतिपूर्ण और समृद्ध गाजा” की आधारशिला रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
योजना की मुख्य विशेषताएं और चुनौतियां
यह प्रस्ताव गाजा को चार चरणों में विकसित करने की बात करता है। पहले दक्षिणी इलाकों जैसे रफाह और खान यूनिस से शुरूआत, फिर बीच के कैंप और आखिर में गाजा सिटी। इसमें 68 मिलियन टन मलबा साफ करना, बिना फटे बम और लैंडमाइन हटाना और युद्ध में मारे गए लोगों के शव निकालना शामिल है। खान यूनिस जैसे इलाकों की तस्वीरें बताती हैं कि कितनी बड़ी तबाही हुई है – पूरा का पूरा मोहल्ला जमीनदोज हो चुका है।
मध्य पूर्व के विशेषज्ञों ने इस योजना को व्यावहारिक मानने से इनकार किया है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के वरिष्ठ फेलो स्टीवन कुक ने कहा कि बिना हमास के हथियार डालने के यह आगे नहीं बढ़ सकती, और यह संभावना बहुत कम है। खुद प्रस्तुति में यह शर्त साफ लिखी है कि योजना हमास के निरस्त्रीकरण पर निर्भर है। हमास ने अब तक हथियार रखने से इनकार किया है, जिससे आगे की प्रगति रुकी हुई है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी चेतावनी दी कि अगर कुछ सालों में फिर युद्ध का खतरा रहा तो कोई निवेशक पैसा नहीं लगाएगा। “अगर लोग सोचें कि दो-तीन साल में फिर लड़ाई शुरू हो जाएगी, तो गाजा में निवेश कौन करेगा?” रूबियो ने कहा।
कुश्नर और विटकॉफ पहले भी निजी कारोबारी रिश्तों का इस्तेमाल कूटनीति में कर चुके हैं, जैसे इजरायल-हमास बातचीत और रूस-यूक्रेन वार्ता में। लेकिन यह चमकदार योजना पावरपॉइंट स्लाइड से आगे बढ़कर हकीकत बनेगी या नहीं, यह अभी बहुत अनिश्चित है।
क्या है इस योजना का भविष्य?
यह प्रस्ताव गाजा को निवेश का आकर्षक केंद्र बनाने की कल्पना करता है, लेकिन राजनीतिक और व्यावहारिक बाधाएं बहुत बड़ी हैं। हमास का निरस्त्रीकरण मुख्य शर्त है, जो अभी दूर की कौड़ी लगती है। साथ ही, विस्थापित लोगों की व्यवस्था और शासन का सवाल अनसुलझा है। फिर भी, कुछ अमेरिकी अधिकारी इसे गाजा के भविष्य के लिए सबसे विस्तृत और आशावादी योजना मानते हैं।
ट्रंप प्रशासन क्षेत्रीय देशों से फंडिंग की उम्मीद कर रहा है, लेकिन निवेशक सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं। अगर राजनीतिक रुकावटें दूर हुईं तो यह योजना गाजा को नया जीवन दे सकती है, लेकिन अभी यह सिर्फ एक प्रस्ताव है जो कागजों से आगे बढ़ने की राह देख रहा है।
