अडाणी समूह ने जनवरी 2023 से अब तक कुल 86,000 करोड़ रुपए मूल्य की 33 अधिग्रहण (एक्विजिशन) सफलतापूर्वक पूर्ण की हैं। इसका अर्थ है कि समूह ने 33 कंपनियों अथवा परियोजनाओं को खरीदा है। इन सौदों में मुख्यतः बंदरगाह, सीमेंट और विद्युत क्षेत्र में सर्वाधिक पूंजी निवेश किया गया है।
विशेष बात यह है कि समूह ने ये व्यावसायिक सौदे ऐसे समय में संपन्न किए हैं, जब 2023 की शुरुआत में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से समूह को गंभीर आघात लगा था और बाजार में समूह की कंपनियों पर निवेशकों का विश्वास कम हुआ था।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट का संकट
24 जनवरी 2023 को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म ने गौतम अडाणी और उनके समूह की कंपनियों – जैसे अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर – पर शेयर बाजार में हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए थे।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लेखांकन में खामियों और स्टॉक मैनिपुलेशन से संबंधित बड़े आरोप प्रस्तुत किए गए थे। इसके अतिरिक्त, समूह पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन तक के अनेक आरोप लगाए गए थे।
इन आरोपों के परिणामस्वरूप 25 जनवरी तक समूह के शेयरों की बाजार मूल्य में लगभग 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) की कमी आई थी। समूह ने निरंतर इन आरोपों को खारिज किया और अंततः इसी वर्ष 18 सितंबर को बाजार नियामक SEBI ने आरोपों को अस्वीकार करते हुए समूह को स्वच्छ प्रमाणपत्र प्रदान कर दिया।
सेक्टरवार निवेश विवरण
अडाणी समूह द्वारा संपन्न 33 सौदों में सर्वाधिक निवेश बंदरगाह क्षेत्र में किया गया। इस क्षेत्र में कुल 28,145 करोड़ रुपए व्यय किए गए। सीमेंट उद्योग में 24,710 करोड़ रुपए, विद्युत क्षेत्र में 12,251 करोड़ रुपए, ट्रांसमिशन और वितरण में 2,544 करोड़ रुपए तथा नवीन व्यवसाय में 3,927 करोड़ रुपए का निवेश किया गया।
उल्लेखनीय है कि इस सूची में जेपी (Jaypee) समूह की 13,500 करोड़ रुपए की प्रस्तावित अधिग्रहण सम्मिलित नहीं है, क्योंकि यह सौदा अभी भी वार्ता चरण में है। इसके अलावा, समूह कुछ अन्य सौदों पर भी चर्चा कर रहा है।
बंदरगाह क्षेत्र का प्रमुख सौदा
इसी वर्ष अप्रैल में अडाणी पोर्ट्स ने ऑस्ट्रेलिया का नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल (NQXT) 21,700 करोड़ रुपए में अधिग्रहीत किया। ये 33 सौदों में समूह का सबसे वृहद व्यावसायिक समझौता है।
इसके अतिरिक्त, अप्रैल 2023 में 1,485 करोड़ रुपए में कराईकल बंदरगाह, मार्च 2024 में 3,080 करोड़ रुपए में गोपालपुर बंदरगाह, अगस्त 2024 में 1,550 करोड़ रुपए में एस्ट्रो ऑफशोर और मई 2024 में तंजानिया का दार एस सलाम बंदरगाह 330 करोड़ रुपए में खरीदा गया।
सीमेंट उद्योग में निरंतर विस्तार
सीमेंट व्यवसाय में अंबुजा सीमेंट्स ने अगस्त 2023 में संघी इंडस्ट्रीज में 56.74 प्रतिशत हिस्सेदारी 5,000 करोड़ रुपए में प्राप्त की। ACC ने जनवरी 2024 में एशियन कंक्रीट्स एंड सीमेंट्स को 775 करोड़ रुपए में अधिग्रहीत किया।
अप्रैल 2024 में माई होम समूह की तूतीकोरिन ग्राइंडिंग यूनिट 413.75 करोड़ रुपए में खरीदी गई। जून 2024 में पेन्ना सीमेंट को 10,422 करोड़ रुपए में, अक्टूबर 2024 में ओरिएंट सीमेंट को 8,100 करोड़ रुपए में और अप्रैल 2025 में ITD सीमेंटेशन में 5,757 करोड़ रुपए से नियंत्रक हिस्सेदारी अधिग्रहीत की गई।
विद्युत क्षेत्र की खरीदारी
विद्युत उद्योग में लैंको अमरकंटक को 4,101 करोड़ रुपए में, विदर्भ इंडस्ट्रीज को 4,000 करोड़ रुपए में और कोस्टल एनरजन को 3,335 करोड़ रुपए में खरीदा गया। शेष व्यावसायिक सौदे डेटा सेंटर, विद्युत संप्रेषण, सड़क निर्माण और रियल एस्टेट क्षेत्रों में संपन्न हुए।
संकट के बाद वित्तीय सुदृढ़ीकरण
संकट के पश्चात समूह ने अपनी बैलेंस शीट सुधारने, ऋण कम करने और पूंजी आवंटन पर कठोरता बरतने का निर्णय लिया। नेट डेट-टू-EBITDA अनुपात लगभग 3x पर है, जो समूह की मार्गदर्शिका 3.5x से 4.5x की तुलना में कम है।
न्यायिक प्रक्रिया
इस मामले की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने छह सदस्यीय समिति का गठन किया था और SEBI ने भी मामले की विस्तृत जांच संचालित की थी। अडाणी समूह ने किसी भी प्रकार के अनुचित कार्य के आरोपों से निरंतर इनकार किया था।
न्यायालय के निर्णय के पश्चात गौतम अडाणी ने कहा था, “न्यायालय के फैसले से स्पष्ट होता है कि सत्य की विजय हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन समस्त लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ दृढ़ता से खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा योगदान निरंतर जारी रहेगा। जय हिन्द।”
हिंडनबर्ग का बंद होना
जनवरी 2025 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपना परिचालन बंद करने की घोषणा की। इस घोषणा के बाद अडाणी समूह के शेयरों में 3 से 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
वर्तमान में हिंडनबर्ग अपनी शोध पद्धति को सार्वजनिक करने की योजना बना रहा है। नवंबर 2024 में अमेरिकी अधिकारियों ने अडाणी पर 2,337 करोड़ रुपए की रिश्वत और धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिन्हें समूह ने खारिज किया था।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम
सितंबर 2024 में स्विस अधिकारियों ने 2,734 करोड़ रुपए के फंड्स को फ्रीज किया था। नवंबर 2024 में अमेरिकी आरोपों के बाद अडाणी की संपत्ति में 1.05 लाख करोड़ रुपए की कमी आई और बाजार पूंजीकरण 2.38 लाख करोड़ रुपए घटा।
हालांकि, सितंबर 2025 में SEBI ने अडाणी को स्वच्छ प्रमाणपत्र प्रदान कर दिया और हिंडनबर्ग के आरोपों को अस्वीकार कर दिया।
यह संपूर्ण प्रकरण दर्शाता है कि अडाणी समूह ने गंभीर संकट के बावजूद अपने विस्तार की योजना को जारी रखा और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश जारी रखा।
