पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने शनिवार को एक बार फिर स्वीकार किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में उनके नूरखान एयरबेस पर बड़ा ड्रोन हमला किया था। डार ने कहा:
“भारत ने 36 घंटे के भीतर पाकिस्तान की ओर 80 ड्रोन भेजे थे। इस हमले में कई सैनिक घायल हो गए और सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा।”
साल के आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में डार ने बताया कि भारत ने रावलपिंडी के चकाला इलाके में स्थित नूरखान एयरबेस को निशाना बनाया था। उनके अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने इनमें से 79 ड्रोन मार गिराए, लेकिन एक ड्रोन एयरबेस तक पहुंच गया और क्षति पहुंचाई।
भारत ने 11 एयरबेस को पहुंचाया नुकसान
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। कुल मिलाकर 11 एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी।
डार ने पहले भी हमलों को माना था
इशाक डार ने इससे पहले जून में भी स्वीकार किया था कि भारत ने उनके दो बड़े एयरबेस – नूर खान और शोरकोट एयरबेस पर हमला किया था। डार ने जियो न्यूज को बताया था कि 6-7 मई की रात को पाकिस्तान जवाबी हमला करने की तैयारी कर रहा था, तभी भारत ने फिर से स्ट्राइक कर दी और नूरखान-शोरकोट एयरबेस को निशाना बनाया।
पहले पाकिस्तान सरकार और सेना ने भारत के हमलों की बात को नकारा था। हालांकि, बाद में पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ और अब डिप्टी PM इशाक डार ने हमलों की पुष्टि कर दी है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भी बयान
मई में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी माना था कि भारतीय बैलिस्टिक मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस और अन्य स्थानों पर हमला किया था। 16 मई को पाकिस्तान मॉन्युमेंट पर एक समारोह में शरीफ ने कहा था:
“10 मई को सुबह करीब 2:30 बजे जनरल सैयद आसिम मुनीर ने मुझे सुरक्षित लाइन पर फोन किया और बताया कि भारत की बैलिस्टिक मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस और अन्य इलाकों पर हमला किया है। हमारी वायु सेना ने घरेलू तकनीक का इस्तेमाल कर देश को बचाया।”
भारत ने कौन-कौन से ठिकाने निशाना बनाए
भारत ने पहले ही कह दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नूर खान एयरबेस उन अहम ठिकानों में शामिल था जहां कार्रवाई की गई। भारत का कहना है कि यह जवाबी हमला पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमावर्ती इलाकों पर किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद किया गया था।
भारत ने बताया कि उसने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) के ठिकानों पर हमला किया, जिसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी।
निशाना बनाए गए एयरबेस:
- नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी)
- रफीकी
- मुरिद
- रहीम यार खान
- सुक्कुर
- चुनियन
- स्कर्दू
- भोलारी
- जैकोबाबाद
- सरगोधा
- शोरकोट
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन
भारत ने पाकिस्तान पर हमले की शुरुआत 6 और 7 मई की रात से की। भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया। इन ठिकानों में पाकिस्तान के पंजाब राज्य के बहावलपुर और मुरीदके जैसे इलाके भी शामिल थे।
इसके जवाब में 8 मई की शाम को पाकिस्तान ने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला करने की कोशिश की। उसने तुर्की और चीन के ड्रोन का इस्तेमाल किया, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।
भारत की वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह सक्रिय थी। छोटे हथियारों से लेकर बड़े एयर डिफेंस सिस्टम तक हर हथियार तैयार था। इन हथियारों ने पाकिस्तानी ड्रोन को भारी नुकसान पहुंचाया।
भारतीय सेना ने भी सीमा पर भारी तोपों और रॉकेट लॉन्चरों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह उलझा दिया और भारी क्षति पहुंचाई।
सैटेलाइट तस्वीरों ने दिया सबूत
मैक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा 13 मई को जारी सैटेलाइट तस्वीरों में पाकिस्तान के कई एयरबेस को हुए नुकसान को साफ देखा जा सकता था। तस्वीरों में चार ठिकानों पर नुकसान दिखा:
- नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी)
- PAF बेस मुशाफ (सरगोधा)
- भोलारी एयरबेस
- PAF बेस शहबाज (जैकोबाबाद)
25 अप्रैल और 10 मई को ली गई सैटेलाइट तस्वीरों की तुलना से एयरबेस की सुविधाओं को हुए नुकसान की पुष्टि हुई।
क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’
भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK पर मिसाइलें दागीं। लश्कर और जैश के मुख्यालय समेत 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए गए। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। सरकार ने इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया।
8 मई को सेना के एक अधिकारी ने बताया था कि ऑपरेशन के लिए 5 नाम तय हुए थे। आखिर में 2 नाम – ऑपरेशन मंगलसूत्र या ऑपरेशन सिंदूर चुने गए। पहलगाम में कई महिलाओं के सुहाग उजड़ गए थे। इसलिए PM मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर मंजूरी दी।
