1 अक्टूबर, 2025 से अमेरिकी सरकार का शटडाउन शुरू हो गया है, क्योंकि कांग्रेस और व्हाइट हाउस फंडिंग बिल पर सहमत नहीं हो पाए हैं। यह लगभग सात सालों में पहली बार है जब अमेरिकी सरकार के संचालन बंद हो गए हैं ऐसे तब हुआ जब सीनेट एक अस्थायी फंडिंग बिल को मंजूरी देने में नाकाम रही।
मंगलवार देर रात बिल पर वोटिंग हुई। बिल के समर्थन में 55 और विरोध में 45 वोट पड़े। इसे पास कराने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी। एसे मे ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को विपक्षी डेमोक्रेट्स सांसदों का समर्थन जरूरी था। लेकिन डेमोक्रेट्स ने बिल के खिलाफ वोट किया।

अमेरिका में शटडाउन: क्यों बनी स्थिति-
अमेरिका में शटडाउन की स्थिति कांग्रेस में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के बीच असहमति के कारण बनी है। डेमोक्रेटिक पार्टी चाहती थी कि स्वास्थ्य बीमा की सब्सिडी बढ़ाई जाए और ट्रंप के ‘बिग ब्यूटीफुल’ विधेयक में शामिल स्वास्थ्य व्यय में कटौती के फैसले को पलटा जाए। वहीं रिपब्लिकन पार्टी का तर्क था कि इससे सरकारी खर्च बढ़ेगा और अन्य सरकारी कामकाज प्रभावित होंगे।
सहमति बनाने के लिए दोनों पार्टियों के नेताओं ने बैठक की, लेकिन यह बेनतीजा रही। इसके बाद व्यय विधेयक (Spending Bill) पर मतदान हुआ। इसमें समर्थन में केवल 55 वोट पड़े, जबकि बहुमत के लिए 60 वोट जरूरी थे। परिणामस्वरूप, बजट पारित नहीं हो सका और कई सरकारी विभागों का कामकाज बाधित हो गया।
अमेरिका में शटडाउन से कई सेवाएं होंगी प्रभावित:
अमेरिका में संभावित सरकारी शटडाउन का व्यापक असर विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ेगा। कई सरकारी सेवाएं बंद हो जाएंगी और लाखों कर्मचारियों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
- आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन बिना वेतन: सैन्यकर्मी, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और अस्पताल कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर बने रहेंगे। हालांकि, शटडाउन खत्म होने तक उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा।
- नॉन-एसेंशियल कर्मचारियों को फर्लो: कांग्रेस बजट ऑफिस (CBO) के अनुसार, लगभग5 लाख संघीय (फेडरल) कर्मचारियों को अस्थायी फर्लो पर भेजा जा सकता है। यानी, वे काम पर नहीं आएंगे और उन्हें इस अवधि में वेतन नहीं मिलेगा। कुल मिलाकर, लगभग 40% सरकारी कर्मचारी बिना वेतन छुट्टी पर रहेंगे।
- सरकारी सेवाओं पर असर:
- नेशनल पार्क बंद कर दिए गए हैं।
- लेबर डिपार्टमेंट के ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स का कामकाज भी बंद है।
- ट्रांसपोर्ट सेवाओं में देरी की आशंका है।
- वित्तीय बाजारों और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
- कुछ सेवाएं जारी रहेंगी: सेना, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सोशल सिक्योरिटी जैसी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी, ताकि बुनियादी सरकारी कामकाज बाधित न हो।
क्या है ‘शटडाउन’?
अमेरिका में सरकार चलाने के लिए हर साल कांग्रेस को बजट पारित करना होता है। अगर सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स किसी वजह से फंडिंग बिल पर सहमति नहीं बना पाते, तो सरकारी एजेंसियों के पास खर्च करने के लिए फंड नहीं रहता और वेतन भुगतान रुक जाता है।
हर साल 1 अक्टूबर से अमेरिका का नया वित्तीय वर्ष (Fiscal Year) शुरू होता है। इसे सरकार का आर्थिक साल कहा जाता है, जिसमें यह तय किया जाता है कि किन क्षेत्रों में खर्च करना है और किन में नहीं। अगर इस तारीख तक नया बजट पास नहीं हो पाता, तो कई सरकारी विभागों का कामकाज रुक जाता है और इसे ही “सरकारी शटडाउन” कहा जाता है। इस दौरान नॉन-एसेंशियल सेवाएं और दफ्तर बंद कर दिए जाते हैं।
शटडाउन कैसे खत्म होता है?
अमेरिकी सांसद एमी बेड़ा के अनुसार, शटडाउन तभी समाप्त होगा जब:
- कांग्रेस नया Appropriation बिल पास करे, और
- राष्ट्रपति उस पर हस्ताक्षर करें।
राष्ट्रपति अकेले शटडाउन खत्म नहीं कर सकते। इसके लिए हाउस में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच किसी न किसी समझौते पर पहुँचना जरूरी है, जो इस समय चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है।
वर्तमान स्थिति:
- रिपब्लिकन पार्टी सीनेट में देर रात एक बार फिर फंडिंग बिल पर वोट कराने की तैयारी में है।
- पार्टी ने स्पष्ट किया है कि जब तक डेमोक्रेट्स बिल को समर्थन नहीं देंगे, तब तक रोजाना इसे दोहराया जाएगा।
- पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस शटडाउन के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है।
अमेरिका में पिछले 20 साल के बड़े शटडाउन: जाने इतिहास-
पिछले 20 साल में अमेरिका में कुल 6 बार शटडाउन हुआ है, जिसमें तीन बड़े शटडाउन शामिल हैं। अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबा शटडाउन 35 दिनों तक चला, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में हुआ। इसके अलावा जनवरी 2018 में 3 दिनों और फरवरी 2018 में 1 दिन के लिए शटडाउन लागू हुआ।
बिल क्लिंटन के नाम है दूसरा सबसे बड़ा शटडाउन:
ट्रंप से पहले, बिल क्लिंटन के नाम यह रिकॉर्ड था। उनके पहले कार्यकाल के अंत में 1995 में कुल 21 दिन का शटडाउन हुआ था। इसके पहले नवंबर 1995 में 5 दिन के लिए शटडाउन लगा था। उस समय रिपब्लिकन पार्टी ने कांग्रेस पर नियंत्रण हासिल कर लिया था और ऐसे बजट को पारित करना चाहा जिसमें मेडिकेयर पर खर्च सीमित किया गया था।
बराक ओबामा के कार्यकाल में भी 16 दिन का शटडाउन: राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अक्टूबर 2013 में 16 दिन का शटडाउन हुआ। यह उनके प्रस्तावित स्वास्थ्य देखभाल कानून के कारण हुआ और 16 दिनों तक सरकारी कामकाज बाधित रहा।
1981 से अब तक कुल 16 बार शटडाउन:
अमेरिका में 1981 से अब तक कुल 16 बार शटडाउन हो चुका है। सबसे पहले नवंबर 1981 में 2 दिनों के लिए शटडाउन हुआ। इसके बाद सितंबर 1982 में 1 दिन, दिसंबर 1982 में 3 दिन, नवंबर 1983 में 3 दिन, सितंबर 1984 में 2 दिन, अक्टूबर 1984 में 1 दिन, अक्टूबर 1986 में 1 दिन, दिसंबर 1987 में 1 दिन, अक्टूबर 1990 में 3 दिन, नवंबर 1995 में 5 दिन, दिसंबर 1995 में 21 दिन, सितंबर 2013 में 16 दिन, जनवरी 2018 में 3 दिन, फरवरी 2018 में 1 दिन और दिसंबर 2018 में 35 दिन के लिए शटडाउन हुआ।
अमेरिका में 1976 से कब और कितने दिनों तक चला शटडाउन:
साल | कितने दिन तक चला शटडाउन | तब कौन थे राष्ट्रपति |
9 फरवरी 2018 | 1 | ट्रंप |
19 दिसंबर 1987 | 1 | रीगन |
17 अक्टूबर 1986 | 1 | रीगन |
4 अक्टूबर 1984 | 1 | रीगन |
1 अक्टूबर 1982 | 1 | रीगन |
20 जनवरी 2018 | 2 | ट्रंप |
1 अक्टूबर 1984 | 2 | रीगन |
21 नवंबर 1981 | 2 | रीगन |
6 अक्टूबर 1990 | 3 | बुश |
11 नवंबर 1983 | 3 | रीगन |
18 दिसंबर 1982 | 3 | रीगन |
14 नवंबर 1995 | 5 | क्लिंटन |
1 दिसंबर 1977 | 8 | कार्टर |
1 नवंबर 1976 | 8 | कार्टर |
1 अक्टूबर 1976 | 10 | फोर्ड |
1 अक्टूबर 1979 | 1 | कार्टर |
13 अक्टूबर 1977 | 12 | कार्टर |
1 अक्टूबर 2013 | 16 | ओबामा |
13 अक्टूबर 1978 | 17 | कार्टर |
16 दिसंबर 1995 | 1 | क्लिंटन |
22 दिसंबर 2018 | 34 | ट्रंप |
अमेरिका मे बार-बार शटडाउन क्यों?
- राजनीतिक गतिरोध: डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टी के बीच गहरे मतभेद शटडाउन की अहम वजह है।
- बजट को लेकर विवाद: खर्चे की सीमा, कर नीतियों और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सहमति न बन पाने के कारण फंडिंग बिल पास नहीं होना।
- राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल: विपक्षी पार्टी अक्सर बजट पास न करके सरकार पर दबाव बनाती है।
शटडाउन का अर्थव्यवस्था पर संभावित असर:
अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर:
विशेषज्ञों के अनुसार शटडाउन का अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर हो सकता है। नेशनवाइड की कैथी बोस्टजैंसिक और ओरेन क्लाचकिन का अनुमान है कि शटडाउन से हर हफ्ते अमेरिकी GDP वृद्धि दर में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। स्टैनफोर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च के डैनियल हॉर्नंग का कहना है कि मुख्य जोखिम यह है कि अर्थव्यवस्था पहले से ही अनिश्चित स्थिति में है। श्रम बाजार कमजोर है और टैरिफ के कारण मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि अर्थव्यवस्था कितने समय तक इस स्थिति को सहन कर पाएगी।
वित्तीय बाजार पर असर:
ऐतिहासिक रूप से शटडाउन का वित्तीय बाजारों पर कम असर पड़ा है क्योंकि निवेशक इसे अल्पकालिक मानते हैं। हॉर्नंग के अनुसार, आम तौर पर इक्विटी और बांड बाजारों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि निवेशक मानते हैं कि शटडाउन खत्म होने के बाद अस्थायी मंदी भी खत्म हो जाएगी। हालांकि इस बार स्थिति अलग हो सकती है, क्योंकि सरकार कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजने के बजाय नौकरियों में कटौती करने की योजना बना रही है, जिससे बाजार और निवेशक अधिक सतर्क हैं।
बेरोजगारी बढ़ने का खतरा: अगर यह लंबा चला (जैसे हफ्तों या महीनों), तो बेरोजगारी बढ़ सकती है।
यातायात और हवाई सेवाएं बाधित: FAA के कर्मचारी अस्थायी अवकाश पर भेजे जाते हैं। इससे हवाई यातायात में देरी और सुरक्षा जांच में रुकावट आती है।
ट्रंप उठा सकते हैं मौके का फायदा:
ट्रंप मौजूदा संघीय शटडाउन का राजनीतिक रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। 2025 में पहले ही लगभग 3 लाख संघीय नौकरियों में कटौती की जा चुकी है, जो उनकी नीतियों का हिस्सा रही है। शटडाउन के दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर बिना वेतन पर भेजा जा सकता है या नौकरी से निकाला जा सकता है, और ट्रंप इसे डेमोक्रेट्स पर दोष डालने के अवसर के रूप में देख रहे हैं।
व्हाइट हाउस द्वारा फेडरल एजेंसियों को डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराने का निर्देश देना नैतिकता से जुड़ी कानूनी चिंताओं को जन्म देता है, क्योंकि शासन तंत्र को राजनीतिक प्रचार के औजार के रूप में इस्तेमाल करना नियमों के खिलाफ हो सकता है।
शटडाउन के बाद क्या होता है?
शटडाउन खत्म होने के बाद संघीय सरकार का काम धीरे-धीरे सामान्य हो जाता है। जिन कर्मचारियों को फर्लो (अवैतनिक छुट्टी) पर भेजा गया था, उन्हें पिछली तारीख यानी शटडाउन की अवधि का भी वेतन दिया जाता है, क्योंकि 2019 में पारित एक कानून के बाद यह अनिवार्य हो गया है।
वेतन और कामकाज की बहाली:
- सभी फर्लो कर्मचारियों को शटडाउन के दौरान की सैलरी मिलती है, भले ही वे उस दौरान काम पर न हों।
- अनिवार्य (essential) सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को भी पिछला वेतन दिया जाता है, बशर्ते फंडिंग बिल पास हो जाए।
प्रशासनिक प्रक्रिया:
- प्रत्येक संघीय एजेंसी के पास अपनी शटडाउन-प्लान होती है जिसमें तय होता है कि आवश्यक और गैर-आवश्यक कर्मचारियों को कैसे ट्रीट किया जाएगा।
- शटडाउन खत्म होने के बाद, एजेंसियां अपनी सेवाएं और कार्यशैली सामान्य करती हैं और लंबित सेवाओं को प्राथमिकता के साथ संपन्न किया जाता है।
निष्कर्ष:
शटडाउन जितना लंबा चलेगा, उसका दुष्प्रभाव उतना ही ज़्यादा होगा। इससे संघीय सरकार के लाखों कर्मचारी बिना वेतन छुट्टियों पर भेजे जाएंगे, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी। सरकारी विभाग बंद हो जाएंगे, जिससे छोटे व्यवसायों, निवेश और आर्थिक गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। बाजारों में अस्थिरता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।