कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के कार्यकारी बोर्ड ने अक्टूबर 2025 में 2030 के शताब्दी कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारत के अहमदाबाद शहर को मेजबानी के लिए प्रस्तावित किया है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि भारत को 2010 में दिल्ली के बाद, 20 साल में दूसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करने का अवसर मिल सकता है। इस प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी के लिए 26 नवंबर 2025 को ग्लासगो में होने वाली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की महासभा में रखा जाएगा।

24वीं कॉमनवेल्थ गेम्स 2030:
24वीं कॉमनवेल्थ गेम्स मल्टी-स्पोर्ट महोत्सव के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित की जाएगी, जिसकी शुरुआत पहली बार ओंटारियो, कनाडा में हुई थी। एग्जीक्यूटिव बोर्ड की सिफारिश के बाद अहमदाबाद को मेज़बान शहर के रूप में प्रस्तावित किया गया है और इसे अब पूरे कॉमनवेल्थ स्पोर्ट सदस्य देशों के सामने पेश किया जाएगा। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के जनरल असेंबली में अंतिम निर्णय 26 नवंबर 2025 को ग्लासगो में लिया जाएगा।
भारत ने अगस्त में लगाई थी बोली:
भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेज़बानी के लिए इस साल 29 अगस्त को लंदन में बोली लगाई थी। इस अवसर पर गुजरात सरकार के खेल मंत्री हर्ष सांघवी ने प्रस्ताव कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद कॉम्पैक्ट सिटी मॉडल पर गेम्स की मेज़बानी करेगा, यानी खेल स्थलों, प्रशिक्षण सुविधाओं और खिलाड़ियों के आवास सभी एक-दूसरे के पास होंगे। इससे खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
इसके दो दिन पहले, 27 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट ने कॉमनवेल्थ बिडिंग प्रपोजल को मंजूरी दी थी।

भारत के साथ अन्य देशों ने भी लगाई थी बोली:
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारत और नाइजीरिया ने औपचारिक बोली प्रस्तुत की। मूल्यांकन के बाद, कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने अहमदाबाद, भारत को अबुजा, नाइजीरिया के प्रस्ताव पर मेज़बान शहर के रूप में सिफारिश की।
अहमदाबाद, भारत:
- सिफारिश: एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने अहमदाबाद को सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया है; अंतिम मंजूरी नवंबर 2025 में ग्लासगो में आयोजित जनरल असेंबली में अपेक्षित है।
- बोली विवरण: भारत के प्रस्ताव को “Games Reset” सिद्धांतों के अनुरूप माना गया, जिसमें सस्ती, समावेशी और स्थायी मेज़बानी पर जोर है।
- रणनीतिक महत्व: सेंटीनेरी गेम्स की मेज़बानी भारत के 2036 समर ओलिंपिक्स को अहमदाबाद में आयोजित करने के लक्ष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
अबुजा, नाइजीरिया:
- सिफारिश: नाइजीरिया का प्रस्ताव चयनित नहीं हुआ, लेकिन कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने शहर की “दृष्टि और महत्वाकांक्षा” की सराहना की।
- बोली विवरण: संगठन ने भविष्य में नाइजीरिया के साथ संभावित मेज़बानी अवसरों पर काम करने का वादा किया, जिसमें 2034 गेम्स पर विचार शामिल हो सकता है।
अन्य संभावित बोलीदाता:
- कनाडा: प्रारंभ में बहु-प्रांत बोली पर विचार किया, लेकिन बाद में 2023 में हैमिल्टन ने योजना रद्द कर दी।
- ऑस्ट्रेलिया: 2030 बोली के लिए विचार किया गया था, लेकिन 2032 समर ओलिंपिक्स, ब्रिसबेन की मेज़बानी के कारण 2030 बोली से बाहर रहा।
अहमदाबाद को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए क्यों चुना गया?
अहमदाबाद को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए प्रस्तावित किया गया है। शहर को चुनने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- उन्नत खेल बुनियादी ढांचा:
- अहमदाबाद में विश्व स्तरीय खेल परिसर मौजूद हैं, जिनमें दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम शामिल है।
- सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव में अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण भी जारी है।
- अंतरराष्ट्रीय अनुभव: 2023 के ICC क्रिकेट विश्व कप जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की सफल मेज़बानी ने शहर की क्षमता साबित की है।
- मजबूत सरकारी समर्थन:
- भारत सरकार और गुजरात सरकार दोनों ने अहमदाबाद की बोली का पूरा समर्थन किया।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2030 गेम्स की मेज़बानी के लिए बोली को मंजूरी देते हुए अहमदाबाद को आदर्श स्थल बताया।
- आर्थिक और विकास अवसर:
- आयोजन से रोजगार सृजन, पर्यटन को बढ़ावा और खेल से जुड़े उद्योगों के विकास की उम्मीद है।
- यह भारत के लिए खेल के मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान बनाने का अवसर भी है।
- टिकाऊ आयोजन पर जोर: भारत की बोली सस्टेनेबिलिटी (टिकाऊपन) पर केंद्रित है और राष्ट्रमंडल खेलों के सिद्धांतों के अनुरूप है।
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी का चयन प्रक्रिया क्या है?
कॉमनवेल्थ गेम्स का मेज़बान शहर कॉमनवेल्थ स्पोर्ट, जो इस आयोजन का शासक निकाय है, द्वारा एक विस्तृत बोली और मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है। अंतिम चयन जनरल असेंबली में पूरी सदस्यता द्वारा अनुमोदित किया जाता है, जो आमतौर पर गेम्स से कई साल पहले होता है। हाल ही में यह प्रक्रिया अधिक सहयोगात्मक और लचीली बन गई है, पारंपरिक कठोर बोली प्रारूप से हटकर।
चरणवार प्रक्रिया:
- रुचि व्यक्त करना (Expression of Interest):
- कोई शहर या देश, अपने कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन (CGA) के साथ मिलकर, गेम्स की मेज़बानी के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करता है।
- बोली में दृष्टि, प्रस्तावित इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय योजना और कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के मूल्यों के साथ अनुरूपता को स्पष्ट किया जाता है।
- मूल्यांकन समिति का आकलन (Evaluation Committee Assessment):
- समिति उम्मीदवार शहरों का विभिन्न मानदंडों के आधार पर मूल्यांकन करती है:
- तकनीकी क्षमता: बड़े मल्टी-स्पोर्ट आयोजन की मेज़बानी की क्षमता।
- खिलाड़ी अनुभव: खिलाड़ियों के लिए स्थल, आवास और सेवाओं की गुणवत्ता।
- इंफ्रास्ट्रक्चर: स्थल, परिवहन और अन्य आवश्यक सुविधाओं की तत्परता।
- प्रबंधन क्षमता: आयोजन के प्रभावी संचालन और संगठन की क्षमता।
- रणनीतिक अनुरूपता: बोली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की दीर्घकालिक दृष्टि के साथ कैसे मेल खाती है।
- समिति अपने निष्कर्ष कॉमनवेल्थ स्पोर्ट एग्जीक्यूटिव बोर्ड को प्रस्तुत करती है, जो फिर एक ही उम्मीदवार शहर की औपचारिक सिफारिश 74 सदस्य देशों और क्षेत्रों के सामने करता है।
- जनरल असेंबली मतदान (General Assembly Vote): अंतिम निर्णय कॉमनवेल्थ स्पोर्ट जनरल असेंबली में लिया जाता है, जहाँ पूरी सदस्यता एग्जीक्यूटिव बोर्ड की सिफारिश पर मतदान करती है। हालांकि असेंबली सिफारिश को अस्वीकार कर सकती है, लेकिन व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद इसे आमतौर पर औपचारिकता माना जाता है।
आइए जानते है- राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ गेम्स) के बारे में:
राष्ट्रमंडल खेल, या कॉमनवेल्थ गेम्स, एक अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिता है जिसमें राष्ट्रमंडल देशों के एथलीट हिस्सा लेते हैं। यह आयोजन पहली बार 1930 में आयोजित हुआ था और तब से हर चार साल पर आयोजित किया जाता है।
इतिहास और नाम बदलना:
- 1930–1950: ब्रिटिश एंपायर गेम्स
- 1954–1966: ब्रिटिश एंपायर एंड कॉमनवेल्थ गेम्स
- 1970–1974: ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स
समावेशिता और समानता: विकलांग एथलीटों को उनकी राष्ट्रीय टीमों के पूर्ण सदस्यों के रूप में पहली बार मान्यता दी गई। यह दुनिया का पहला बहु-खेल कार्यक्रम है जिसमें महिलाओं और पुरुषों के पदक घटनाओं की समान संख्या शामिल की गई, जिसे 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में लागू किया गया।
मुख्य बातें:
- सदस्य: राष्ट्रमंडल में 56 सदस्य देश हैं, लेकिन खेलों में 72 से अधिक टीमें भाग लेती हैं, क्योंकि कई निर्भर क्षेत्र अपने झंडे के तहत प्रतिस्पर्धा करते हैं।
- मुख्यालय: राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (Commonwealth Games Federation – CGF) की देखरेख में खेल आयोजित होते हैं; इसका मुख्यालय लंदन, इंग्लैंड में है।
- भारत की भागीदारी: भारत ने 1934 में अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया और तब से सक्रिय रूप से हिस्सा लेता रहा है।
- मेज़बानी: भारत ने 2010 में नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी भी की थी।
राष्ट्रमंडल खेलों के मेज़बान देश और शहर की सूची:
वर्ष | मेज़बान शहर | देश |
1930 | हैमिल्टन | कनाडा |
1934 | लंदन | इंग्लैंड |
1938 | सिडनी | ऑस्ट्रेलिया |
1950 | ऑकलैंड | न्यूज़ीलैंड |
1954 | वैंकूवर | कनाडा |
1958 | कार्डिफ | वेल्स |
1962 | पर्थ | ऑस्ट्रेलिया |
1966 | किंग्स्टन | जमैका |
1970 | एडिनबर्ग | स्कॉटलैंड |
1974 | क्राइस्टचर्च | न्यूज़ीलैंड |
1978 | एडमोंटन | कनाडा |
1982 | ब्रिस्बेन | ऑस्ट्रेलिया |
1986 | एडिनबर्ग | स्कॉटलैंड |
1990 | ऑकलैंड | न्यूज़ीलैंड |
1994 | विक्टोरिया | कनाडा |
1998 | कुआलालंपुर | मलेशिया |
2002 | मैनचेस्टर | इंग्लैंड |
2006 | मेलबर्न | ऑस्ट्रेलिया |
2010 | दिल्ली | भारत |
2014 | ग्लासगो | स्कॉटलैंड |
2018 | गोल्ड कोस्ट | ऑस्ट्रेलिया |
2022 | बर्मिंघम | इंग्लैंड |
2026 | ग्लासगो (होने वाला) | स्कॉटलैंड |
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी (होस्ट देश):
ऑस्ट्रेलिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स की सबसे अधिक बार मेज़बानी की है, कुल पांच बार। कनाडा ने चार बार और इंग्लैंड ने तीन बार मेज़बानी की है। न्यूजीलैंड ने भी तीन बार मेज़बानी की है। अब तक कुल नौ देशों ने गेम्स की मेज़बानी की है:
- ऑस्ट्रेलिया: 5 बार
- कनाडा: 4 बार
- इंग्लैंड: 3 बार
- न्यूजीलैंड: 3 बार
- स्कॉटलैंड: 3 बार (एडिनबरा – दो बार, ग्लासगो – एक बार)
- भारत: 1 बार (दिल्ली, 2010)
- अन्य देश: अब तक कुल नौ देशों ने गेम्स की मेज़बानी की है, जिनमें मलेशिया, साउथ अफ़्रीका और वेल्स शामिल हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों की पदक तालिका:
Rank | CGA | Gold | Silver | Bronze | Total |
1 | Australia | 1,001 | 832 | 763 | 2,596 |
2 | England | 773 | 783 | 766 | 2,322 |
3 | Canada | 510 | 548 | 589 | 1,647 |
4 | India | 203 | 190 | 171 | 564 |
5 | New Zealand | 179 | 232 | 296 | 707 |
6 | South Africa | 137 | 132 | 147 | 416 |
7 | Scotland | 132 | 143 | 227 | 502 |
8 | Kenya | 91 | 80 | 87 | 258 |
9 | Nigeria | 82 | 84 | 105 | 271 |
10 | Wales | 75 | 104 | 155 | 334 |
भारत ने 1934 में लंदन में राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण किया था और तब से लेकर अब तक कुल 564 पदक अपने नाम किए हैं। शुरुआती खेलों में भारतीय दल में सिर्फ छह एथलीट शामिल थे, जिन्होंने 10 ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं और एक कुश्ती स्पर्धा में भाग लिया। भारत ने अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में ही पहला पदक जीता।
भारत के टॉप मेडल विनर: जसपाल राणा सबसे आगे–
कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए सबसे ज्यादा मेडल जीतने वाले खिलाड़ी जसपाल राणा हैं। शूटिंग के इस दिग्गज खिलाड़ी ने कुल 15 पदक अपने नाम किए हैं, जिनमें 9 गोल्ड, 4 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज शामिल हैं। राणा ने 1990 के दशक और 2000 के शुरुआती वर्षों में भारत को शूटिंग में नई पहचान दिलाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय शूटिंग को मजबूती दी।
शरत कमल: टेबल टेनिस के बादशाह
जसपाल राणा के बाद दूसरा नाम आता है टेबल टेनिस स्टार अचंता शरत कमल का। उन्होंने अब तक 13 मेडल जीते हैं- 7 गोल्ड, 4 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज। शरत कमल ने 2006 मेलबर्न से लेकर 2022 बर्मिंघम तक लगातार भारत का परचम लहराया और टेबल टेनिस में देश का भरोसेमंद नाम बने।
महिलाओं में अंजलि भागवत का जलवा: भारत की सबसे सफल महिला खिलाड़ी शूटर अंजलि भागवत हैं। उन्होंने 10 मेडल अपने नाम किए हैं, जिनमें 6 गोल्ड, 3 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज शामिल हैं।
अन्य प्रमुख खिलाड़ी
- शूटर विजय कुमार: 8 पदक
- संजीव राजपूत: 7 पदक (3 गोल्ड, 3 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज)
2026 राष्ट्रमंडल खेल के बारे में:
2026 के XXIII राष्ट्रमंडल खेल, जिसे ग्लासगो 2026 भी कहा जाएगा, 23 जुलाई से 2 अगस्त 2026 तक स्कॉटलैंड के सबसे बड़े शहर ग्लासगो में आयोजित होंगे। यह स्कॉटलैंड में चौथी बार राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी होगी, पहले 1970 और 1986 में एडिनबर्ग, और 2014 में ग्लासगो में खेल हुए थे।
मेजबान चयन का पृष्ठभूमि:
- विक्टोरिया की वापसी: ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य को मूल रूप से मेजबानी का अधिकार दिया गया था, लेकिन अनुमानित लागत में बड़े इजाफे के कारण जुलाई 2023 में राज्य सरकार ने इसे रद्द कर दिया।
- नए मेजबान की खोज: विक्टोरिया की वापसी के बाद, राष्ट्रमंडल खेल संघ ने मलेशिया और सिंगापुर समेत कई देशों से संपर्क किया, लेकिन ये प्रस्ताव अस्वीकृत हुए।
- ग्लासगो ने संभाला: सितंबर 2024 में स्कॉटलैंड ने ग्लासगो में खेलों की मेजबानी स्वीकार कर ली, और अक्टूबर 2024 में इसे औपचारिक रूप से मंजूरी दी गई।
मार्केटिंग और एम्बेसडर:
- मास्कॉट: आधिकारिक मास्कॉट फिन्नी है, एक ग्लासगो यूनिकॉर्न जिसका सिर ट्रैफिक कोन से सजाया गया है। इसे जुलाई 2025 में सार्वजनिक किया गया।
- किंग्स बैटन रिले: मार्च 2025 में शुरू हुआ यह रिले राष्ट्रमंडल के 74 देशों और क्षेत्रों का दौरा कर रहा है। रिले के तहत समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए रॉयल कॉमनवेल्थ सोसाइटी के साथ साझेदारी की गई है।
- एंबेसडर: स्कॉटिश लॉन्ग-डिस्टेंस धावक एलीश मैककोल्गन को जुलाई 2025 में पहला आधिकारिक खेल एम्बेसडर घोषित किया गया।
फिन्नी का डिज़ाइन और प्रतीकवाद:
- सामुदायिक प्रयास: फिन्नी का डिज़ाइन ग्लासगो के 24 स्कूलों के 76 बच्चों की राय के साथ विकसित किया गया, जिन्हें “मास्कॉट मेकर्स” कहा गया।
- नाम का प्रतीक: फिन्नी का नाम फिन्नीस्टन क्रेन से लिया गया, जो ग्लासगो वॉटरफ्रंट का प्रतीकात्मक स्थल है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- यूनिकॉर्न के ट्रैफिक कोन वाले सींग प्रसिद्ध ड्यूक ऑफ वेलिंगटन की मूर्ति का संदर्भ हैं।
- जूते पर सिल्वर फ्लैश, शहर की शिपबिल्डिंग विरासत को दर्शाता है।
- स्टार-स्पैंगल्ड हाथ, बैरोलैंड बॉलरूम से प्रेरित।
- पर्पल माने, द हाइड्रो वेन्यू की लाइट्स का प्रतीक।
- कान का बाली ग्लासगो के कोट ऑफ आर्म्स से प्रेरित।
भारत के लिए ऐतिहासिक जीत: अहमदाबाद 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करेगा
पश्चिमी राज्य गुजरात का अहमदाबाद (अमदावाद) दो दशकों से अधिक समय में पहला भारतीय शहर बनेगा, जो राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करेगा। इससे पहले, 2010 में नई दिल्ली ने इस आयोजन की मेजबानी की थी।
बिड का फोकस: अहमदाबाद की बिड नवाचार, स्थिरता और समावेशिता पर केंद्रित थी। शहर ने इस प्रतिज्ञा के साथ आवेदन किया कि यह खेल भारत के तेज़ी से विकसित हो रहे ढांचे और युवा ऊर्जा का प्रतिबिंब होंगे।
संकल्प और महत्व: राष्ट्रमंडल खेल संघ के अध्यक्ष, डॉ. पी. टी. उषा ने कहा कि सेंचुरी गेम्स की मेजबानी देश के लिए “असाधारण सम्मान” होगी। उन्होंने कहा, “ये खेल न केवल भारत की विश्वस्तरीय खेल और आयोजन क्षमता को प्रदर्शित करेंगे, बल्कि विकास की दिशा में हमारी यात्रा और ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य में भी सार्थक भूमिका निभाएंगे।”
नाइजीरिया को भविष्य के आयोजनों में समर्थन:
कॉमनवेल्थ गेम्स बोर्ड ने नाइजीरिया की प्रभावशाली प्रस्तुति की सराहना की और घोषणा की कि नाइजीरिया को भविष्य के कॉमनवेल्थ गेम्स, विशेष रूप से 2034 संस्करण के लिए मदद और रोडमैप तैयार करने में सहयोग दिया जाएगा। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स ने कहा कि यह संगठन की दीर्घकालिक नीति का हिस्सा है, ताकि भविष्य में अफ्रीका महाद्वीप पर भी कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित हो सकें।
अबुजा की दूसरी बार हार:
नाइजीरिया का शहर अबुजा दूसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी में हार गया। इससे पहले 2014 में अबुजा के बजाय ग्लास्गो को टूर्नामेंट की मेजबानी मिली थी। इसी तरह, 2026 की मेजबानी भी ग्लास्गो को ही मिली है।
भारत की प्रतिक्रिया: गृहमंत्री अमित शाह ने दी बधाई
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में, केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा, “भारत के लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का दिन. अहमदाबाद में 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए भारत की बोली को मंजूरी देने के लिए राष्ट्रमंडल संघ की सराहना के लिए भारत के प्रत्येक नागरिक को बधाई. यह पीएम श्री नरेन्द्र मोदी जी के भारत को विश्व खेल मानचित्र पर स्थापित करने के लिए अथक प्रयासों का एक शानदार समर्थन है. विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण और देश भर में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए मोदी जी ने भारत को एक खेल गंतव्य बना दिया है.”