भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों के लिए पांच वर्षों के अंतराल के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। हालांकि, यह छूट कुछ विशेष शर्तों और प्रतिबंधों के साथ दी गई है। समाचार एजेंसी ANI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नवीन दिशानिर्देशों के अंतर्गत सैनिक इंस्टाग्राम पर रील्स, तस्वीरें और वीडियो देखने तक सीमित रहेंगे, परंतु उन्हें किसी भी पोस्ट पर लाइक या टिप्पणी करने की इजाजत नहीं होगी।
नई पॉलिसी के मुख्य प्रावधान
नए दिशानिर्देशों के तहत सैनिकों को वॉट्सएप और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग एप्लिकेशंस पर केवल गैर-गोपनीय सूचनाओं को साझा करने की अनुमति दी गई है। यूट्यूब और एक्स (पूर्व में ट्विटर) का उपयोग केवल सूचना एकत्रित करने के उद्देश्य से किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, लिंक्डइन, स्काइप और सिग्नल एप्लिकेशंस के लिए भी विशिष्ट मानदंड निर्धारित किए गए हैं।
लिंक्डइन के संदर्भ में, सैनिक इसका प्रयोग केवल अपना रिज्यूमे अपलोड करने और संभावित नियोक्ताओं या कर्मचारियों से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए कर सकेंगे। स्काइप, वॉट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल पर केवल परिचित व्यक्तियों से गैर-संवेदनशील जानकारी साझा करने की छूट है, जबकि अपरिचित लोगों से संवाद करना सख्ती से वर्जित है।
प्रतिबंध और सीमाएं
यूट्यूब, एक्स, कोरा और इंस्टाग्राम पर सैनिक केवल ज्ञानवर्धक सामग्री देख सकेंगे, लेकिन उन्हें यूजर-जनरेटेड कंटेंट या कोई भी पोस्ट अपलोड करने से रोका गया है। इंस्टाग्राम पर फोटो, रील्स और वीडियो देखने की अनुमति तो है, लेकिन किसी भी पोस्ट पर लाइक या कमेंट करना पूर्णतः निषिद्ध है।
सैन्य वर्दी, हथियार, कैंप या किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान की तस्वीरें और वीडियो साझा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है। इसके साथ ही, सैनिकों की लोकेशन या उनकी आवाजाही से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना साझा करना सख्त मना है।
2020 में लगाए गए थे कड़े प्रतिबंध
वर्ष 2020 में सरकार ने संवेदनशील सैन्य सूचनाओं के लीक होने की संभावना को देखते हुए सैनिकों और अधिकारियों को 89 एप्लिकेशंस हटाने का आदेश जारी किया था। इस सूची में फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, जूम और पबजी जैसे लोकप्रिय एप शामिल थे। उस समय इन माध्यमों के जरिए हनी ट्रैप की अनेक घटनाएं प्रकाश में आई थीं।
सैन्य अधिकारियों का दावा था कि इन एप्लिकेशंस के माध्यम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और चीन जैसे पड़ोसी देश महत्वपूर्ण सैन्य सूचनाएं एकत्रित कर रहे थे। इन सूचनाओं का उपयोग कर वे सीमा और नियंत्रण रेखा पर लगातार गड़बड़ी पैदा करने का प्रयास कर रहे थे।
पुराने और नए नियमों में अंतर
पूर्व में केवल सामान्य सलाह और आंतरिक आदेश थे, जबकि अब हर एप्लिकेशन के लिए स्पष्ट और लिखित नियम बनाए गए हैं। पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट न करने की केवल सलाह दी जाती थी, लेकिन अब केवल देखने और निगरानी की अनुमति है तथा किसी भी प्रकार की पोस्टिंग या कमेंटिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
नियमों के उल्लंघन पर अब स्पष्ट जवाबदेही तय की गई है और कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पहले नियम बिखरे हुए थे, परंतु अब सभी प्लेटफॉर्म्स पर एकीकृत और स्पष्ट दिशानिर्देश लागू हैं।
बदलते समय के साथ संतुलन
सेना के एक सूत्र ने बताया कि यह संशोधन हाल ही में किया गया है और यह भारतीय सेना के सभी पदों पर समान रूप से लागू होता है। सूत्र के अनुसार, इस परिवर्तन का मुख्य कारण यह है कि सूचना की दुनिया तेजी से बदल रही है और सशस्त्र बल स्वयं को इससे पूरी तरह अलग नहीं रख सकते।
सोशल मीडिया के माध्यम से जवान वैश्विक और राष्ट्रीय घटनाक्रमों से अवगत रह सकते हैं, जानकारी एकत्रित कर सकते हैं और स्वयं को अपडेट रख सकते हैं। यह नई नीति सुरक्षा और आधुनिक संचार माध्यमों के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए बिना सैनिकों को आवश्यक सूचनाओं तक पहुंच मिल सके।
