भारतीय क्रिकेट टीम ने भले ही पिछले महीने एशिया कप का खिताब नहीं जीता हो, लेकिन इस टूर्नामेंट की मेज़बानी से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के खजाने में 100 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध अधिशेष जुड़ने की उम्मीद है। यह प्रतियोगिता बोर्ड के लिए वित्तीय दृष्टि से एक बड़ी सफलता साबित हुई है।
BCCI के 2025-26 के बजट के अनुसार, बोर्ड को इस वित्तीय वर्ष में लगभग 6700 करोड़ रुपये का शुद्ध अधिशेष बनाए रखने की उम्मीद है। हालांकि, IPL के मूल्यांकन में लगातार दूसरे साल गिरावट के कारण इसका भविष्य अनिश्चित बताया जा रहा है।

BCCI के 2025-26 के बजट की मुख्य बातें:
बजट दस्तावेज़ में कहा गया की एशिया कप की मेज़बानी फीस, अधिकार शुल्क और ICC टी20 विश्व कप में भागीदारी शुल्क की वजह से अंतर्राष्ट्रीय मैचों से 109.04 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होने की उम्मीद है। इसके अलावा, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मैचों की संख्या बढ़ने, प्रति मैच मीडिया अधिकार शुल्क में इज़ाफ़ा और एशिया कप की मेज़बानी की आय के कारण मीडिया अधिकारों से 138.64 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अधिशेष मिलने की संभावना है। पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में भारत के तीन मैच हुए थे जो इतनी बड़ी कमाई का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है।
बजट दस्तावेज़ के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में प्रति मैच मीडिया अधिकार शुल्क में लगभग 27% की बढ़ोतरी हुई है। 2025-26 के लिए आवंटन का अनुपात BCCI को 20%, IPL को 76% और WPL को 4% है। जबकि 2024-25 में यह अनुपात BCCI 24%, IPL 72% और WPL 4% था।
8 साल में दस गुना बढ़ा सरप्लस:
इस वित्तीय वर्ष में BCCI का अनुमानित सरप्लस 2017-18 के वास्तविक सरप्लस से 10 गुना ज्यादा होगा। उस समय, 2018 में मेगा आईपीएल मीडिया अधिकार सौदे से पहले, बोर्ड का सरप्लस 222% बढ़ा था। अब BCCI को 2017-18 के 666 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 6700 करोड़ रुपये का सरप्लस मिलने की उम्मीद है।
IPL पर निर्भरता कम करने में कामयाब BCCI:
BCCI 2018-19 से बेहतर मीडिया अधिकार सौदे और ICC से राजस्व हिस्सेदारी के जरिए IPL पर अपनी निर्भरता कम करने में सफल रहा है। 2018-19 में बोर्ड के सरप्लस का केवल 5% हिस्सा ICC से आया, जबकि IPL ने 95% योगदान दिया, जो करीब 2100 करोड़ रुपये था। अब, 6700 करोड़ रुपये के अनुमानित सरप्लस में से लगभग 5000 करोड़ रुपये IPL से आएंगे।
BCCI के खर्चे:
BCCI ने महिला घरेलू टूर्नामेंटों के लिए 96 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो महिला प्रीमियर लीग से होने वाली आय का सिर्फ 26% है। इसमें अंतरराष्ट्रीय मैचों के मीडिया अधिकार शुल्क शामिल नहीं है। ध्यान देने वाली बात है कि WPL 350 करोड़ रुपये से अधिक का अधिशेष कमा रहा है। पिछले साल WPL ने 390 करोड़ रुपये का अधिशेष कमाया था, जबकि 2025-26 के लिए बोर्ड ने 358 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया है।
पुरुषों के घरेलू क्रिकेट पर BCCI 344 करोड़ रुपये खर्च करने वाला है, जिसमें अकेले रणजी ट्रॉफी पर 111 करोड़ रुपये खर्च होंगे। महिला क्रिकेट में रणजी जैसी कोई संरचित अंतर-राज्यीय प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट नहीं है। इसके बजाय BCCI ने एक अंतर-क्षेत्रीय बहु-दिवसीय टूर्नामेंट तय किया है, जबकि बाकी सभी महिला टूर्नामेंट एक दिवसीय और टी20 फॉर्मेट में खेलेंगे।
विकासात्मक क्रिकेट पर बढ़ाया खर्च:
BCCI ने भारत ए और जूनियर क्रिकेट जैसे विकासात्मक कार्यक्रमों पर खर्च लगभग साढ़े तीन गुना बढ़ा दिया है। इस वित्तीय वर्ष में बोर्ड 42 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है, जबकि पिछले साल यह 12.9 करोड़ रुपये था।
BCCI ने माना है कि 2021 में राहुल द्रविड़ के राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी और विकासात्मक टीमों के प्रभारी से भारत के मुख्य कोच बनने के बाद इन कार्यक्रमों में गिरावट आई थी। कोविड-19 से पहले, 2020 में, BCCI लगातार भारत ए और युवा टीमों के दौरे आयोजित करता था। एक जानकारी के अनुसार, NCA के वर्तमान प्रमुख VVS लक्ष्मण और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने इस साल ए दौरों को पुनर्जीवित किया है।
बोर्ड का भविष्य हो सकता है अस्थिर:
पिछले साल जियो और स्टार के विलय के बाद से IPL का मूल्यांकन काफी कम हो गया है, जिससे बोर्ड का भविष्य अस्थिर हो सकता है। D&P एडवाइजरी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो सालों में IPL के मूल्यांकन में 16,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स पर प्रतिबंध, जो पहले बड़ी प्रायोजन राशि लाते थे, ने भी इसका असर डाला है। बोर्ड के विकास में अगले मीडिया अधिकार चक्र (जो 2028 में समाप्त होगा) में मंदी देखने को मिल सकती है।
इस साल का एशिया कप रहा विवादों से घिरा:
इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण एशिया कप विवादों में घिर गया। सरकार ने सिर्फ बहुराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पाकिस्तान के साथ खेलने की अनुमति दी, जिसके बाद टूर्नामेंट को संयुक्त अरब अमीरात में स्थानांतरित कर दिया गया। अंत में एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख और पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, ने विजेता भारत को ट्रॉफी देने से इनकार कर दिया, क्योंकि भारतीय टीम ने उनसे ट्रॉफी लेने से इनकार किया था।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बारे में:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) भारत में क्रिकेट का प्रमुख शासी निकाय है। इसका मुख्यालय मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में स्थित है। BCCI के पहले अध्यक्ष आर.ई. ग्रांट गोवन और पहले सचिव एंथनी डी. मेलो थे।
BCCI दुनिया का सबसे धनी क्रिकेट शासी निकाय है और इसका राजस्व 9,700 करोड़ रुपये (लगभग 1.1 बिलियन डॉलर) से अधिक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में BCCI ने 18,700 करोड़ रुपये कमाए। 2022-23 में इसने 4,298 करोड़ रुपये करों के रूप में दिए।
BCCI के कार्य:
यह संगठन क्रिकेट अकादमियों और जमीनी स्तर के कार्यक्रमों के जरिए प्रतिभा विकास में लगा हुआ है। इसकी पहल में कोचिंग, बुनियादी ढांचा विकास और खिलाड़ी कल्याण कार्यक्रम शामिल हैं, ताकि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रहे और प्रदर्शन बेहतर हो।
BCCI का इतिहास:
BCCI की स्थापना 1 दिसंबर 1928 को मद्रास में हुई थी। इसे मद्रास के अधिनियम XXI, 1860 के तहत बनाया गया और बाद में तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1975 के तहत फिर से पंजीकृत किया गया।
BCCI एक स्वायत्त, निजी संगठन है और यह भारत सरकार के राष्ट्रीय खेल महासंघ के दायरे में नहीं आता। इसे युवा मामले और खेल मंत्रालय से कोई अनुदान नहीं मिलता। BCCI अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बहुत प्रभावशाली है, और ICC अपना सबसे बड़ा राजस्व हिस्सा इसके साथ साझा करता है। BCCI द्वारा आयोजित इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) दुनिया की सबसे धनी खेल लीगों में से एक है।
निष्कर्ष:
BCCI ने वित्तीय और खेल दोनों क्षेत्रों में बड़ी सफलता हासिल की है। महिला क्रिकेट और विकासात्मक कार्यक्रमों में निवेश से भविष्य मजबूत हुआ है। हालांकि, IPL के मूल्यांकन में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय विवाद बोर्ड के सामने चुनौतियाँ हैं। फिर भी, मजबूत वित्तीय ढांचा और विकासात्मक पहल BCCI को भारत और विश्व क्रिकेट में प्रभावशाली बनाए रखती हैं।