बिहार एग्जिट पोल परिणाम 2025: नतीजों से पहले NDA की जीत का अनुमान, प्रशांत किशोर की पार्टी को भी बेहद सीमित सफलता..

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान मंगलवार, 11 नवंबर को पूरा हो गया। अब सभी की निगाहें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। मतदान खत्म होते ही आए एग्ज़िट पोल्स में NDA को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि महागठबंधन दूसरे स्थान पर है। लगभग सभी सर्वे बताते हैं कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन सकती है। वहीं, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM को बेहद सीमित सफलता मिलने का अनुमान है।

bihar exit poll results 2025

बिहार चुनाव में रिकॉर्ड मतदान:

 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ है। दोनों चरणों को मिलाकर कुल 66.91% वोट पड़े, जो अब तक का सबसे ज़्यादा है। चुनाव आयोग के मुताबिक, पुरुषों ने 62.8% और महिलाओं ने 71.6% मतदान किया। खास बात यह रही कि दूसरे चरण में पहले चरण की तुलना में ज़्यादा लोगों ने वोट डाले।

 

बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबले में कौन ?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीधा मुकाबला NDA और महागठबंधन के बीच है। NDA में भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं। वहीं, महागठबंधन की अगुवाई राजद कर रही है, जिसमें कांग्रेस, CPI-ML, CPI, CPM और विकासशील इंसान पार्टी भी शामिल हैं।

इसके अलावा प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी सभी सीटों पर अकेले मैदान में है। NDA दोबारा सत्ता में लौटने की कोशिश में है, जबकि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद-कांग्रेस गठबंधन नीतीश कुमार के लंबे शासन को चुनौती देने की उम्मीद कर रहा है।

 

एग्जिट पोल क्या हैं?

एग्जिट पोल वो सर्वे होते हैं, जो मतदान खत्म होने के बाद वोट डालकर बाहर निकल रहे लोगों से किए जाते हैं। इनका मकसद यह जानना होता है कि लोगों ने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट दिया। इससे चुनाव परिणामों के बारे में शुरुआती अंदाज़ा लगाया जाता है, यानी किसकी जीत या हार हो सकती है। भारत में पहला एग्जिट पोल 1957 में दूसरे लोकसभा चुनाव के दौरान किया गया था।

आमतौर पर मीडिया या सर्वे एजेंसियों के लोग अलग-अलग इलाकों में मतदाताओं से बात करके यह आंकड़े जुटाते हैं और फिर उनका विश्लेषण करके नतीजों का अनुमान लगाते हैं।

 

अब तक आए एग्जिट पोल ने क्या बताया ?

अब तक आए ज़्यादातर एग्जिट पोल्स में बिहार में NDA की वापसी के संकेत मिले हैं। जबकि जन सुराज और अन्य दलों को बहुत कम सीटें मिलने की संभावना बताई गई है।

  • पोल-ऑफ-पोल्स: NDA को करीब 148 सीटें मिल सकती हैं, जबकि राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को लगभग 88 सीटें मिलने का अनुमान है।
  • पीपुल्स पल्स: NDA को 133 से 159 सीटें और महागठबंधन को 75 से 101 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
  • दैनिक भास्कर: NDA को 145-160 सीटें और महागठबंधन को 73-91 सीटें मिल सकती हैं।
  • JVC-पोल: NDA को 135-150 और महागठबंधन को 88-103 सीटों के बीच बताया है।
  • मैट्रिज़: NDA को 147-167 सीटों और महागठबंधन को 70-90 सीटों का अनुमान लगाया गया है।
  • पीपुल्स इनसाइट: NDA को 133-148 और महागठबंधन को 87-102 सीटें मिल सकती हैं।

 

वोट शेयरिंग में कौन सी पार्टी आगे ?

सीटों के मामले में भले ही एनडीए आगे दिख रहा हो, लेकिन वोट शेयर यानी कुल वोट प्रतिशत में महागठबंधन थोड़ा आगे नजर आ रहा है। एग्जिट पोल के मुताबिक, महागठबंधन को लगभग 39.2% वोट मिल सकते हैं, जबकि NDA को 38.4% वोट मिलने का अनुमान है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को करीब 12.7% वोट और अन्य दलों को लगभग 9.8% वोट मिलने की संभावना जताई गई है।

 

एग्जिट पोल को लेकर उठे कई सवाल ?

एग्जिट पोल को लेकर अक्सर कई सवाल उठते हैं। अगर इन्हें करने वाली एजेंसी पक्षपाती हो, तो नतीजे विवादास्पद हो सकते हैं। ये सर्वे कई बार पूछे गए सवालों के तरीके, उनके शब्दों, समय और चुने गए नमूने की प्रकृति से प्रभावित होते हैं। आलोचकों का कहना है कि कुछ एग्जिट पोल और सर्वे राजनीतिक दलों या उनके समर्थकों द्वारा करवाए जाते हैं, जिससे वे जनता की असली राय दिखाने के बजाय मतदाताओं के फैसले को प्रभावित करने का काम कर सकते हैं।

 

एग्जिट पोल की सटीकता कैसे तय की जाती है ?

  • नमूना चयन की गुणवत्ता: एग्जिट पोल की सटीकता इस बात पर निर्भर करती है कि सर्वे के लिए चुने गए लोगों का नमूना कितना सही और प्रतिनिधि है। अगर नमूना राज्य या इलाके की पूरी आबादी को ठीक से दर्शाता है, तो नतीजे ज़्यादा सटीक होते हैं।
  • नमूने का आकार और विविधता: बड़ा और अलग-अलग वर्गों को शामिल करने वाला नमूना (जैसे – ग्रामीण-शहरी, पुरुष-महिला, युवा-बुजुर्ग आदि) सही नतीजे देने में मदद करता है।
  • संरचित प्रश्नावली: सर्वे में पूछे गए सवाल साफ, एक जैसे और बिना पक्षपात के होने चाहिए। एक सही तरह से तैयार की गई प्रश्नावली से डेटा सटीक और तुलना योग्य बनता है।
  • जनसांख्यिकीय प्रतिनिधित्व: एग्जिट पोल में हर वर्ग – जाति, उम्र, लिंग, क्षेत्र और आर्थिक स्थिति का सही अनुपात में प्रतिनिधित्व होना ज़रूरी है। अगर किसी वर्ग को ज़्यादा या कम शामिल किया गया, तो नतीजे गलत हो सकते हैं।
  • डेटा विश्लेषण की प्रक्रिया: जुटाए गए आंकड़ों का सही और निष्पक्ष विश्लेषण किया जाए, तभी वोट शेयर और सीट अनुमान सटीक बनते हैं।

 

2020 और 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों का एग्जिट पोल कितना सही ?

  • 2020: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ज़्यादातर एग्जिट पोल्स ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को बढ़त दी थी। टाइम्स नाउ-सीवोटर के सर्वे में महागठबंधन को 120 और NDA को 116 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था, जबकि इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ने तो महागठबंधन को 150 सीटें तक मिलने की भविष्यवाणी की थी। हालांकि नतीजों में तस्वीर उलट गई। NDA ने 125 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं। यानी एग्जिट पोल्स ने NDA की सीटें लगभग 17 कम और महागठबंधन की सीटें करीब 15 ज़्यादा आंकी थीं।
  • 2015: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में अधिकांश एग्जिट पोल्स ने महागठबंधन को मामूली बढ़त का अनुमान दिया था, औसतन करीब 122 सीटों का। लेकिन नतीजों में महागठबंधन ने 178 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया, जबकि NDA को केवल 58 सीटें मिलीं। एग्जिट पोल्स ने NDA को औसतन 114 सीटें दी थीं, जो वास्तविक परिणाम से कहीं अधिक थीं। छह में से तीन सर्वे महागठबंधन की जीत के अनुमान में सही दिशा में थे, दो ने NDA को आगे बताया और एक ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की थी। यानी अधिकांश एग्जिट पोल्स ने महागठबंधन की सीटें लगभग 55 कम और NDA की सीटें करीब 56 ज़्यादा आंकी थीं।

 

बिहार में मतदाताओं की संख्या:

30 सितंबर 2025 को जारी बिहार की अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, राज्य में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जो 24 जून 2025 के 7.89 करोड़ मतदाताओं से करीब 6% कम हैं। यह कमी चुनाव आयोग के तीन महीने लंबे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद हुई है।

 

मुख्य बिंदु:

  • बिहार में कुल 42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।
  • इनमें से 14 लाख लोग पहली बार वोट डालेंगे।
  • राज्य में 4 लाख वरिष्ठ नागरिक मतदाता हैं।
  • करीब 14,000 मतदाता 100 साल से अधिक उम्र के हैं।

 

निष्कर्ष:

एग्जिट पोल्स के मुताबिक, बिहार में एक बार फिर NDA की सरकार बनने के संकेत मिल रहे हैं, जबकि महागठबंधन पीछे दिखाई दे रहा है। जन सुराज पार्टी और AIMIM को सीमित सफलता मिलने की उम्मीद है। अब 14 नवंबर की मतगणना ही तय करेगी कि एग्जिट पोल्स कितने सही साबित होते हैं।