बिटकॉइन ने रविवार को ऐतिहासिक $125,000 (करीब 1.11 करोड़ रुपये) के स्तर को पार कर नया सर्वकालिक हाई दर्ज किया। फिलहाल यह करीब 2.7% बढ़कर $125,245.57 पर कारोबार कर रही है, जो अगस्त के मध्य में बने $124,480 के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ गया।
एशियाई बाजार में बिटकॉइन ने $125,689 तक का उच्च स्तर छुआ, जबकि अमेरिकी सरकार के शटडाउन को लेकर निवेशकों में सुरक्षित संपत्ति की मांग बढ़ी। अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी और बिटकॉइन-लिंक्ड ईटीएफ में नए निवेश ने भी इस उछाल को और मजबूती दी।

बिटकॉइन ने अमेजन को पीछे छोड़ा, बना दुनिया की सातवीं सबसे मूल्यवान संपत्ति
बिटकॉइन ने मार्केट वैल्यू के मामले में ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन को भी पीछे छोड़ दिया है। अब बिटकॉइन का मार्केट कैप 2.4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया, जबकि अमेजन का मार्केट कैप 2.37 ट्रिलियन डॉलर था।
इस उछाल के साथ बिटकॉइन दुनिया की सातवीं सबसे मूल्यवान संपत्ति बन गई है। इसकी मार्केट वैल्यू अब ऐप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, सऊदी अरामको और सोने जैसी बड़ी संपत्तियों के करीब पहुँच चुकी है।
बिटकॉइन के ऑल-टाइम हाई के पीछे क्या कारण हैं?
बिटकॉइन के हालिया $125,000 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँचने के पीछे कई आर्थिक, राजनीतिक और बाजारीय कारक हैं:
- ट्रम्प की नीति: राष्ट्रपति ट्रम्प ने क्रिप्टो के अनुकूल नीतियाँ लागू की हैं, जैसे बैंकों पर क्रिप्टो कंपनियों के साथ काम करने पर लगी पाबंदी हटाना।
- क्रिप्टो मार्केट में बढ़ती स्वीकार्यता: लंदन और थाईलैंड जैसे बाजारों में क्रिप्टो ETFs को मंजूरी मिलने से इसकी स्वीकार्यता और निवेशकों का विश्वास बढ़ा।
- संस्थागत निवेश में बढ़ोतरी: बड़े संस्थागत निवेशकों ने बिटकॉइन-लिंक्ड ETFs में अरबों डॉलर का निवेश किया, जिससे मांग में भारी इजाफा हुआ।
- ‘अप्टोबर इफेक्ट’: अक्टूबर महीना क्रिप्टो बाजार में ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहा है। पिछले दस सालों में नौ बार अक्टूबर में बिटकॉइन की कीमतों में तेज़ी देखी गई। इस साल भी बिटकॉइन ने अक्टूबर में 30% से अधिक वृद्धि दर्ज की, जिससे इसे निवेशकों के लिए आकर्षक माह बनाया गया।
क्रिप्टो बाजार में व्यापक सुधार:
स्पॉट बिटकॉइन ईटीएफ में निरंतर निवेश और एथेरियम जैसे ऑल्टकॉइन में सकारात्मक बदलाव से बाजार में व्यापक सुधार देखा गया है। हालांकि, क्रिप्टो बाजार अत्यधिक अस्थिर है और कीमतों में अचानक गिरावट आ सकती है, क्योंकि व्यापारी इस तेजी का फायदा उठाकर मुनाफा कमा रहे हैं।
क्रिप्टो रैली में ट्रंप की भूमिका-
क्रिप्टो में हालिया तेजी का एक बड़ा कारण अमेरिका में ट्रंप सरकार की वापसी भी है। ट्रंप की क्रिप्टो-समर्थक नीतियों ने बाजार में निवेशकों का उत्साह बढ़ाया है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को “क्रिप्टो प्रेसिडेंट” के रूप में ब्रांड किया है।
- उन्होंने हाल ही में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिससे 401(के) रिटायरमेंट योजनाओं में क्रिप्टोकरेंसी को शामिल करने का रास्ता खुल गया।
- इस आदेश से अमेरिकियों को अपने रिटायरमेंट खातों में बिटकॉइन और अन्य डिजिटल संपत्तियों में निवेश करने की अनुमति मिल गई है।
इस कदम ने निवेशकों को उत्साहित किया और बिटकॉइन सहित क्रिप्टो मार्केट में तेजी का समर्थन किया।
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जिसे क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है। यह विकेंद्रीकृत मुद्रा है, यानी इसे किसी सरकार या केंद्रीय संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता। बिटकॉइन लेनदेन ब्लॉकचेन नामक सार्वजनिक बहीखाते में दर्ज होते हैं, जो सुरक्षित और पारदर्शी प्रणाली है। लोग इसे भुगतान या निवेश दोनों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। बिटकॉइन को डिजिटल दुनिया का “सोना” भी कहा जाता है।
ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित:
बिटकॉइन ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करता है। ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता है जिसमें सभी बिटकॉइन लेनदेन दर्ज होते हैं और यह हजारों कंप्यूटरों पर एक साथ मौजूद रहता है। इसे कोई बदल या मिटा नहीं सकता।
जब कोई बिटकॉइन भेजता है, तो यह लेनदेन ब्लॉकचेन में दर्ज होता है। इसे सुरक्षित करने का काम “माइनर्स” करते हैं, जो गणितीय समस्याएं हल करके नए बिटकॉइन कमाते हैं।
ब्लॉकचेन का खास फायदा यह है कि इसमें कोई एक संस्था पूरी तरह नियंत्रण नहीं रखती। बैंक के मुकाबले, जहां गलती या दिवालियापन में पैसे का जोखिम रहता है, ब्लॉकचेन हर लेनदेन को सुरक्षित और पारदर्शी रखता है।
ब्लॉकचेन कैसे काम करता है?
ब्लॉकचेन एक सुरक्षित और पारदर्शी प्रणाली है, जो निम्नलिखित चरणों में काम करती है:
- लेन-देन (Transactions): जब कोई उपयोगकर्ता बिटकॉइन भेजता है, तो यह एक लेन-देन बन जाता है। इसमें भेजने वाले और प्राप्तकर्ता का पता, तथा राशि जैसी जानकारी शामिल होती है।
- ब्लॉक बनाना (Block Creation): कई लेन-देन एकत्र करके एक ब्लॉक बनाया जाता है। हर ब्लॉक में पिछले ब्लॉक का क्रिप्टोग्राफ़िक हैश होता है, जो ब्लॉकों को चेन में जोड़ता है।
- माइनिंग (Mining): ब्लॉक को ब्लॉकचेन में जोड़ने के लिए “माइनर्स” जटिल गणितीय पहेली हल करते हैं। इसे प्रूफ-ऑफ-वर्क कहते हैं। सबसे पहले पहेली हल करने वाले माइनर को ब्लॉक जोड़ने और नए बिटकॉइन प्राप्त करने का इनाम मिलता है।
- सहमति (Consensus): माइनर ब्लॉक जोड़ने के बाद नेटवर्क के सभी नोड्स (कंप्यूटर) को भेजता है। नेटवर्क के अधिकांश सदस्य लेन-देन की वैधता की पुष्टि करते हैं और सहमति बनती है।
- चेन में जोड़ना: सहमति के बाद, नए ब्लॉक को मौजूदा ब्लॉकचेन में जोड़ा जाता है। अब, लेन-देन स्थायी रूप से दर्ज हो जाता है और इसे बदला नहीं जा सकता।
- वितरित लेजर (Distributed Ledger): हर नोड के पास ब्लॉकचेन की पूरी कॉपी होती है। जब एक नया ब्लॉक जुड़ता है, तो सभी कॉपी अपडेट हो जाती हैं। इससे रिकॉर्ड को सुरक्षित और पारदर्शी बनाए रखने में मदद मिलती है, क्योंकि रिकॉर्ड बदलने के लिए नेटवर्क के अधिकांश नोड्स को एक साथ बदलना होगा, जो कि लगभग असंभव है।
बिटकॉइन मजबूत होता जा रहा है-
CoinMarketCap के विश्लेषण के मुताबिक, बिटकॉइन ETF में लगातार निवेश बाजार में उपलब्ध बिटकॉइन की सप्लाई को घटा रहा है, जिससे कीमतों पर ऊपर का दबाव बढ़ रहा है।
- बिटकॉइन का मार्केट कैप अब चांदी (Silver) के बराबर पहुंच गया है, जिससे इसका “डिजिटल गोल्ड” वाला स्टेटस और मजबूत हुआ है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी FOMO (Fear of Missing Out) के कारण $1,35,000 तक जा सकती है, लेकिन इसके बाद सुधार (Correction) का खतरा भी बना रहता है।
इस प्रकार, मांग और बाजार दबाव बिटकॉइन को मजबूत बना रहे हैं, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।