BSNL 4G लॉन्च: PM मोदी ने की BSNL के स्वदेशी 4G नेटवर्क की शुरुआत, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा से BSNL के स्वदेशी 4G नेटवर्क का औपचारिक उद्घाटन किया। इसके साथ ही देशभर में इस नेटवर्क की उपलब्धता की घोषणा की गई। BSNL 4G अब देश के 98,000 लोकेशंस पर उपलब्ध है और यह पूरी तरह भारतीय तकनीक पर आधारित है। इस लॉन्च के बाद भारत के सभी प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर अब 4G सेवा प्रदान करने में सक्षम हो गए हैं। पहले से Jio, Airtel और Vodafone-Idea (VI) 4G और 5G नेटवर्क पर काम कर रहे हैं।

BSNL 4G Launch

25 साल का खास अवसर:

BSNL ने अपने 25 साल पूरे होने के मौके पर यह नेटवर्क लॉन्च किया। इसका उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े इलाकों तक बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुँचाना है। जबकि प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर लंबे समय से 4G सर्विस दे रहे थे और अब 5G में अपग्रेड कर रहे हैं, BSNL इस रेस में थोड़ी देर से शामिल हुआ है।

 

BSNL ने क्या कहा?

BSNL ने प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि, यह तेज इंटरनेट से कहीं बढ़कर है, यह नई आशा, नए अवसर और नया भारत है. बीएसएनएल भारत में निर्मित और स्वामित्व वाले अपने 4जी नेटवर्क से देश को रोशन कर रहा है।

देशभर में 98,000 केंद्रों पर होगा नेटवर्क का विस्तार:

बीएसएनएल का यह 4G नेटवर्क देशभर में लगभग 98,000 केंद्रों पर शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही कई राज्यों में भी इसकी शुरुआत होगी. सिंधिया खुद इस दौरान गुवाहाटी में मौजूद रहेंगे।

 

परियोजना के तहत 30,000 गांव होंगे डिजिटल:

प्रधानमंत्री डिजिटल भारत निधि के तहत देश के 100% 4G संतृप्ति नेटवर्क का भी अनावरण करेंगे, इस परियोजना के तहत 29,000 से 30,000 गांवों को मिशन मोड में जोड़ने का लक्ष्य है।

 

BSNL 4G लॉन्च में भारतीय कंपनियों का बड़ा योगदान:

BSNL 4G नेटवर्क के लॉन्च में भारतीय कंपनियों की अहम भूमिका रही है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने इस नेटवर्क के रोलआउट और इंटीग्रेशन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नेटवर्क के रेडियो एक्सेस हिस्से को तेजस नेटवर्क्स ने विकसित किया, जबकि पूरे सिस्टम को इंटीग्रेट करने का काम ने इंटीग्रेट कंपनी ने संभाला। इस प्रकार, BSNL 4G पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक और भारतीय विशेषज्ञता पर आधारित है।

 

BSNL 4G नेटवर्क: भारत का सबसे बड़ा ग्रीन टेलीकॉम नेटवर्क:

इस नेटवर्क को तैयार करने में लगभग 37,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

  • सोलर पावर से संचालित टावर: नए टावरों को सौर ऊर्जा (Solar Power) से ऑपरेट करने की सुविधा दी गई है, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा ग्रीन टेलीकॉम नेटवर्क बन जाएगा।
  • ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण: इस पहल से ऊर्जा की बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
  • सतत विकास और डिजिटल इंडिया: BSNL 4G नेटवर्क की यह पहल सतत विकास और डिजिटल इंडिया दोनों को मजबूत करने में मदद करेगी।

 

भारत भी बना स्वदेशी टेलीकॉम बनाने वाले देशों की सूची में:

जो देश खुद टेलीकॉम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बनाते हैं, उनमें पहले से स्वीडन, डेनमार्क, चीन और दक्षिण कोरिया शामिल थे। BSNL 4G के लॉन्च होते ही भारत का भी नाम इस सूची में जुड़ गया है।

  • 5G की तैयारियां: BSNL 4G के काम पूरा होते ही 5G नेटवर्क की तैयारी भी शुरू हो गई है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में जल्द ही 5G सेवा शुरू की जा सकती है।
  • वायरलेस सब्सक्राइबर्स को लाभ: इस 4G रोलआउट से BSNL के 9 करोड़ से अधिक वायरलेस सब्सक्राइबर्स को फायदा मिलने की उम्मीद है।

 

जुलाई 2025 में BSNL और MTNL के सब्सक्राइबर घटे, जियो और एयरटेल ने बढ़ाया बाजार हिस्सा:

टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के जुलाई 2025 के आंकड़ों के अनुसार, BSNL और MTNL लगातार सब्सक्राइबर खो रही हैं। जुलाई में BSNL के 1.01 लाख ग्राहक कम हुए, वहीं MTNL के भी सब्सक्राइबर घटे। अब सार्वजनिक क्षेत्र की टेलिकॉम कंपनियों का मार्केट शेयर 8% से भी कम रह गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जियो ने जुलाई में सबसे ज्यादा 4.83 लाख नए मोबाइल ग्राहक जोड़े। इसके साथ ही एयरटेल ने भी 4.64 लाख नए यूजर्स जोड़े।

वहीं, वोडाफोन आइडिया (Vi) के सब्सक्राइबर्स में गिरावट रही, जुलाई में उनके 3.59 लाख मोबाइल ग्राहक घट गए।

BSNL सब्सक्राइबर बेस और 4G कवरेज:

  • सब्सक्राइबर काउंट: BSNL के सब्सक्राइबर की संख्या साल के दौरान 7 करोड़ से बढ़कर 9.1 करोड़ हो गई। कुल मिलाकर, कंपनी अब पूरे देश में 22 मिलियन से अधिक यूज़र्स को सेवा दे रही है। स्किंदिया के अनुसार, यह हाल के वर्षों में पहली बार है जब सब्सक्राइबर संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है।
  • 4G कवरेज विस्तार: जून 2023 में BSNL के लगभग 9,000 4G साइट्स थे, जो अब बढ़कर 98,000 साइट्स हो गए हैं। यह विस्तार कंपनी की टेलीकॉम सेवाओं को मजबूत बनाने की बड़ी योजना का हिस्सा है।

 

BSNL 4G से आसानी से अपग्रेड होगा 5G, सस्ते रिचार्ज प्लान से वापसी की संभावना:

रिपोर्ट्स के अनुसार, BSNL का 4G नेटवर्क इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इसे आसानी से 5G नेटवर्क में अपग्रेड किया जा सकता है। कंपनी इस साल के अंत तक दिल्ली और मुंबई से अपनी 5G सेवाओं की शुरुआत करने का प्रयास कर रही है।

इसके अलावा, जिन यूजर्स ने कनेक्टिविटी की समस्याओं के कारण BSNL छोड़ा था, वे अब सरकारी नेटवर्क पर लौट सकते हैं, क्योंकि BSNL का रिचार्ज प्लान प्राइवेट ऑपरेटर्स की तुलना में काफी सस्ता है।

 

2030 तक भारत में आ सकता है 6G नेटवर्क:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लिए 6G नेटवर्क का रोडमैप लॉन्च कर दिया है। विशेषज्ञों की उम्मीद है कि साल 2030 तक भारत में 6G सेवा उपलब्ध हो जाएगी। हालांकि, इस दौड़ में BSNL निजी टेलीकॉम कंपनियों से पीछे रह गया है। Jio और Airtel जैसी कंपनियों ने तो साल 2022 में ही 5G सेवा लॉन्च कर दी थी।

 

BSNL का सफर: स्वर्णिम काल से संकट तक

प्रारंभिक सफलता और लोकप्रियता:

1 अक्टूबर 2000 को स्थापित हुई BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) टेलीकॉम सेक्टर में एक समय पर एकछत्र (single-handedly) राज करती थी। उस दौर में मोबाइल फोन दुर्लभ थे और घरों में ज्यादातर लोग लैंडलाइन पर ही निर्भर थे। BSNL की सिम पाने के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े रहते थे, और कॉलिंग की दर केवल 1 रुपये प्रति मिनट थी। इसके कारण कंपनी ने शुरुआती वर्षों में लोगों के बीच विशाल लोकप्रियता हासिल की।

 

प्राइवेट कंपनियों की चुनौती और घाटे का दौर:

2009-10 से BSNL धीरे-धीरे घाटे में जाने लगी, जब मार्केट में रिलायंस और एयरटेल जैसे प्राइवेट ऑपरेटर आए। स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती मांग में BSNL 4G नेटवर्क रोलआउट में पिछड़ गई। कर्मचारियों पर भारी खर्च और प्रबंधन के धीमे फैसले कंपनी के घाटे को बढ़ाते रहे। वित्त वर्ष 2019-20 में नुकसान 15,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

 

सरकारी प्रयास और राहत पैकेज:

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 में सरकारी दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम (एमटीएनएल) को वित्तीय रूप से पुनर्जीवित करने के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। यह धनराशि सरकार की उस व्यापक पहल का हिस्सा है जिसके तहत बढ़ती परिचालन लागत, घटते उपयोगकर्ता आधार और बढ़ते कर्ज के कारण वित्तीय संकट से जूझ रही सरकारी कंपनियों को उबारा जाएगा। एमटीएनएल ने कथित तौर पर सात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 8,346 करोड़ रुपये के ऋणों का भुगतान नहीं किया है। 31 मार्च, 2025 तक इसकी कुल देनदारी 33,000 करोड़ रुपये थी। दूसरी ओर, पिछले साल नवंबर तक बीएसएनएल का कर्ज लगभग 23,297 करोड़ रुपये था। 

 

निष्कर्ष:

BSNL 4G Stack आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है. इससे न केवल ग्लोबल स्तर पर भारत की कंपेटीशन ताकत बढ़ेगी बल्कि इससे तकनीकी क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी. बीएसएनएल अब जल्द 5जी रोलआउट कर एडवांस टेक्नोलॉजी की एक मजबूत नींव रखेगा.

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