चेतेश्वर पुजारा ने सभी फॉर्मेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया,

भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने रविवार, 24 अगस्त 2025 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी। पुजारा का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच टीम इंडिया के लिए 7 जून 2023 को था, जिसके बाद उन्हें टीम में कोई अवसर नहीं मिला।

अपने संन्यास की घोषणा पुजारा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भावुक संदेश के माध्यम से की। उन्होंने लिखा कि भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना उनके लिए गर्व की बात रही है। साथ ही उन्होंने अपने प्रशंसकों के प्यार और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

 

पुजारा ने अपने करियर में सभी का धन्यवाद किया

 

पुजारा ने अपने संदेश में बीसीसीआई, सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन, और उन सभी घरेलू, विदेशी टीमों व फ्रेंचाइजियों का धन्यवाद किया जिनके लिए उन्होंने खेला। इसके अलावा उन्होंने अपने करियर में अहम भूमिका निभाने वाले कोचों, साथी खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ और अपने परिवार माता-पिता, पत्नी और बेटी—का भी शुक्रिया अदा किया।

चेतेश्वर पुजारा को भारतीय क्रिकेट में बल्कि बल्लेबाजी की रीढ़ माना जाता है। उन्होंने 2010 में अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया और आखिरी टेस्ट जून 2023 में खेला। उनके संन्यास से भारतीय क्रिकेट में एक युग का समापन हुआ है।

 

चेतेश्वर पुजारा के बारे में:

  • चेतेश्वर पुजारा का जन्म 25 जनवरी 1988 को राजकोट, गुजरात में एक हिंदू परिवार में हुआ।
  • उनके पिता अरविंद पुजारा और चाचा बिपिन पुजारा सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी में खेल चुके हैं।
  • उनके माता-पिता, विशेष रूप से पिता अरविंद और माता रीमा पुजारा ने उनकी प्रतिभा को प्रारंभ से ही पहचाना और चेतेश्वर ने अपने पिता के साथ क्रिकेट का अभ्यास किया।
  • चेतेश्वर की माता रीमा पुजारा का 2005 में कैंसर के कारण निधन हो गया, उस समय उनकी उम्र केवल 17 वर्ष थी।
  • उन्होंने बीबीए की पढ़ाई J. कुंडलिया कॉलेज से पूरी की।
  • चेतेश्वर पुजारा ने 13 फरवरी 2013 को राजकोट में पुजा पाबरी से विवाह किया।

 

चेतेश्वर पुजारा का अंतरराष्ट्रीय और घरेलू करियर

अंतरराष्ट्रीय करियर:

चेतेश्वर पुजारा ने अपना अंतरराष्ट्रीय करियर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में टेस्ट मैच से शुरू किया। उनका वनडे डेब्यू 2013 में जिम्बाब्वे के खिलाफ बुलावायो में हुआ। हालांकि वनडे करियर ज्यादा लंबा नहीं चला, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में पुजारा ने 13 साल तक लगातार छाप छोड़ी। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जून 2023 में खेला।

पुजारा ने 103 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेलते हुए भारत के लिए कुल 7,200 से अधिक रन बनाए। टेस्ट में उनके 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं, जिसमें सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 206 रन है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण के बाद उन्होंने टेस्ट में 43.60 की औसत से 7,195 रन बनाए।

उनके आंकड़े उनके योगदान को दर्शाते हैं, लेकिन उनकी असली विरासत दबाव में टिकने, विश्वस्तरीय गेंदबाज़ी का सामना करने और भारत की यादगार जीतों में अहम भूमिका निभाने की क्षमता में निहित है।

Cheteshwar Pujara announces retirement from international cricket

घरेलू और फर्स्ट-क्लास करियर:

पुजारा ने 20 वर्षों में 278 फर्स्ट क्लास, 130 लिस्ट ए और 71 T20 मैच खेले। फर्स्ट क्लास में उन्होंने 21,301 रन 66 शतकों के साथ, लिस्ट ए में 5,759 रन 16 शतकों के साथ, और T20 में 1,556 रन 1 शतक के साथ बनाए।

घरेलू क्रिकेट में उनके शतकों ने टीम को मजबूत किया और विदेशी परिस्थितियों में उनका साहस टीम के आत्मविश्वास का स्रोत रहा। यादगार पारियों में शामिल हैं:

  • 2012: इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में 206 रन*
  • 2017: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में 92 रन, और हैदराबाद व रांची में क्रमशः 204 और 202 रन

विदेशी टेस्ट मैचों में भी पुजारा कठिन परिस्थितियों में डटे रहे। 2018-19 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उन्होंने 1,200 से अधिक गेंदों का सामना करते हुए 521 रन बनाए और भारत की ऑस्ट्रेलिया में पहली सीरीज़ जीत में अहम योगदान दिया। एडिलेड में लगभग 11 घंटे बल्लेबाजी और 2021 में ब्रिस्बेन में 56 रन की पारी उनके साहस और धैर्य का परिचायक बनी।

 

रोहित, विराट और पुजारा का संन्यास

चेतेश्वर पुजारा के संन्यास से पहले इस साल ही रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया था। रोहित शर्मा ने 7 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया, जबकि विराट कोहली ने इसके पांच दिन बाद, 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने की घोषणा की। एक समय में ये तीनों खिलाड़ी टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर की रीढ़ माने जाते थे और टीम की बल्लेबाजी को मजबूती प्रदान करते थे। अब ये तीनों दिग्गज खिलाड़ी क्रमशः टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, जिससे भारतीय क्रिकेट के लिए यह एक युग का अंत माना जा रहा है।