चीन की बड़ी टेक कंपनियां अलीबाबा और बायडू अब अपने AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए खुद बनाए हुए चिप्स का इस्तेमाल कर रही हैं। इससे पहले वे मुख्य रूप से Nvidia के चिप्स पर निर्भर थीं, लेकिन अब ये कंपनियां अपने खुद के चिप्स के जरिए AI मॉडल को तेज़ और किफायती तरीके से विकसित कर रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार,
- अलीबाबा इस साल की शुरुआत से छोटे AI मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए अपने स्वयं के चिप्स का उपयोग कर रहा है।
- बायडू अपने “कुनलुन पी800” चिप का इस्तेमाल करके एर्नी Ernie AI के नए संस्करणों के प्रशिक्षण में प्रयोग कर रहा है।
चीन के लिए कितना महत्वपूर्ण:
यह कदम चीन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अब देश की बड़ी कंपनियां AI विकास में विदेशी चिप्स पर कम निर्भर होंगी। इससे चीन की तकनीकी स्वायत्तता बढ़ेगी और एनवीडिया जैसे विदेशी कंपनियों के लिए चीन में व्यापार करना कठिन होगा। सरल शब्दों में, यह चीन को AI क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अमेरिकी कंपनियों के लिए कितनी बड़ी चुनौती?
अमेरिकी कंपनियों के लिए यह बड़ी चुनौती है, क्योंकि चीन अब धीरे-धीरे अपने ही चिप्स बनाने और इस्तेमाल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अमेरिका के निर्यात प्रतिबंधों से चीनी कंपनियां मजबूर हुईं कि वे अपनी तकनीक पर भरोसा करें। अगर यह रफ्तार बढ़ी, तो अमेरिकी कंपनियों जैसे Nvidia का चीन में बाजार छोटा हो सकता है और उनकी कमाई पर सीधा असर पड़ेगा।
Nvidia को चुनौती: चीन में AI की नई दिशा:
- Nvidia (H20 चिप): जो कि चीन में बेचने के लिए अनुमति प्राप्त सबसे शक्तिशाली एआई प्रोसेसर है यह अभी भी चीनी कंपनियों के चिप्स से ज्यादा शक्तिशाली और बेहतर प्रदर्शन करने वाली मानी जाती है। लेकिन इसमें उतनी ताकत नहीं है जितनी Nvidia की सबसे उन्नत H100 या Blackwell सीरीज़ में होती है।
- Alibaba (AI चिप): पहले इसे Nvidia की टक्कर का नहीं माना जाता था, लेकिन अब यह इतनी अच्छी हो गई है कि H20 जैसी चिप्स से प्रतिस्पर्धा कर सकती है और छोटे-मंझोले AI मॉडल ट्रेन करने के लिए काफी सक्षम है।
- Baidu के तीसरी पीढ़ी के P800 कुनलुन चिप्स बड़े पैमाने पर AI मॉडल, जैसे DeepSeek, को ट्रेन करने की क्षमता रखते हैं। ये चिप्स Nvidia के CUDA सॉफ़्टवेयर के साथ अच्छी संगतता प्रदान करते हैं। जिस वजह से चीन में ये चिप्स Nvidia के विकल्प के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
गौरतलब है की अलीबाबा और बायडू ने अपने खुद के चिप्स बनाकर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, लेकिन उन्होंने Nvidia को पूरी तरह नहीं छोड़ा है। अपने सबसे बड़े और उन्नत AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए वे अब भी Nvidia के ज़्यादा ताकतवर और भरोसेमंद चिप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अमेरिका के लिए चीनी बाज़ार कितना महत्वपूर्ण:
अमेरिका के लिए चीन का बाज़ार बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया में सबसे ज़्यादा चिप्स की मांग वहीं से आती है। पिछले साल अकेले चीन ने अमेरिका की 36% सेमीकंडक्टर खरीद की थी। यही कमाई अमेरिकी कंपनियां रिसर्च और नई तकनीक बनाने में लगाती हैं, जिससे वे दुनिया में आगे रहती हैं। अगर चीन का बाज़ार हाथ से निकल गया, तो अमेरिकी कंपनियों की कमाई कम होगी और उनकी तकनीकी बढ़त भी खतरे में पड़ सकती है।
Nvidia का 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को:
Nvidia को चीन में अपने H20 चिप्स बेचने की सीमित अनुमति मिली है, लेकिन इसके बदले कंपनी को अपनी बिक्री का लगभग 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को देना होगा। यह समझौता दिखाता है कि अमेरिका, एक तरफ चीन पर उन्नत एआई चिप्स की आपूर्ति पर नियंत्रण बनाए रखना चाहता है, वहीं दूसरी ओर Nvidia जैसी कंपनियों को चीन के विशाल बाजार से पूरी तरह दूर भी नहीं करना चाहता।
AI चिप्स क्या हैं?
AI चिप्स खास कंप्यूटर चिप्स होते हैं जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से जुड़ी गणनाओं को तेज़ और आसान बनाने के लिए बनाए जाते हैं। ये सामान्य CPU की तरह ही काम करते हैं, लेकिन इनमें कुछ खास डिज़ाइन फीचर्स होते हैं जो AI एल्गोरिदम चलाने के लिए बेहतर होते हैं।
- इनमें छोटे और तेज़ ट्रांजिस्टर होते हैं, जो कम ऊर्जा खर्च करके ज़्यादा गति से काम करते हैं।
- ये एक साथ अरबों बार चालू और बंद (on-off) सिग्नल बदल सकते हैं, जिससे जटिल डेटा और गणनाएँ जल्दी हो जाती हैं।
- AI चिप्स का इस्तेमाल बड़े डेटा को प्रोसेस करने, पैटर्न पहचानने और मशीन लर्निंग मॉडल ट्रेन करने में होता है।
AI चिप्स के प्रमुख प्रकार:
- FPGAs: इन्हें तुरंत बदला और दोबारा प्रोग्राम किया जा सकता है, जिससे ये अलग-अलग एआई मॉडल चलाने में बहुत लचीले होते हैं।
- NPUs: खासतौर पर डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क के लिए बने चिप्स, जो सीपीयू को एआई काम करने में मदद करते हैं।
- ASICs: ये सिर्फ एआई जैसे विशेष काम के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं, बहुत तेज़ होते हैं लेकिन दोबारा प्रोग्राम नहीं किए जा सकते।
- GPUs: पहले ग्राफ़िक्स के लिए बनाए गए थे, लेकिन अब एआई मॉडल ट्रेनिंग में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं।
AI चिप विकास में प्रमुख कम्पनिया:
- क्वालकॉम (Qualcomm): स्मार्टफोन के लिए मशहूर, इसके Snapdragon प्रोसेसर में बिल्ट-इन एआई इंजन होते हैं जो तेज़ और सुरक्षित मशीन लर्निंग की सुविधा देते हैं।
- इंटेल (Intel): लंबे समय से कंप्यूटर चिप्स में अग्रणी, अब Gaudi2 AI प्रोसेसर के जरिए बड़े भाषा मॉडल और जनरेटिव एआई के प्रशिक्षण पर फोकस कर रहा है।
- अमेज़न (Amazon/AWS): Trainium 2 और Inferentia जैसी एआई चिप्स बनाता है, जो बड़े पैमाने पर मॉडल ट्रेनिंग और कम लागत पर हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग के लिए उपयोगी हैं।
- एएमडी (AMD): CPU, GPU और AI एक्सेलेरेटर डिज़ाइन करता है। इसके डेटा सेंटर एक्सेलेरेटर कार्ड लाखों डेटा पॉइंट्स को मिलीसेकंड्स में प्रोसेस कर सकते हैं।
- एनवीडिया (NVIDIA): एआई चिप्स का सबसे बड़ा नाम, जिसके GPU (जैसे Volta, Xavier, Tesla) एआई ट्रेनिंग और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग के लिए उद्योग मानक बन चुके हैं।
- एप्पल (Apple): अभी थोड़ा पीछे है लेकिन अपने AI-विशेष M4 CPU के साथ मैक कंप्यूटर्स में नई एआई क्षमताएँ जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
निष्कर्ष:
यदि चीन अपने घरेलू चिप निर्माण में सफलता प्राप्त करता है, तो वह न केवल अमेरिकी कंपनियों की बाज़ार हिस्सेदारी को चुनौती देगा बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में शक्ति संतुलन को भी बदल सकता है। यह स्थिति अमेरिका की तकनीकी बढ़त के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है और चिप बाज़ार में एक नए प्रतिस्पर्धी दौर की शुरुआत कर सकती है।