दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम 06:52 बजे एक भयानक कार बम धमाका हुआ, जिसमें कम से कम दस लोगों की मौत हो गई और 24 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाके के बाद लगी आग ने आसपास खड़ी कई कारों और ऑटो-रिक्शों को भी अपनी चपेट में ले लिया। दिल्ली पुलिस और अग्निशमन विभाग ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। यह घटना स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास हुई थी, जिसने इलाके में दहशत और अफरातफरी मचा दी।
कितना भयानक था हमला ?
चांदनी चौक ट्रेडर्स एसोसिएशन द्वारा साझा किए गए वीडियो में विस्फोट की भयानकता साफ़ दिखाई दे रही है। एक वीडियो में शव वाहन पर पड़ा दिख रहा है, जबकि दूसरे में सड़क पर शव नजर आ रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट स्थल के पास मानव अवशेष बिखरे हुए हैं। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आग में छह कारें, दो ई-रिक्शा और एक ऑटोरिक्शा जलकर खाक हो गए।
विस्फोट के बाद राजधानी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि बड़ी संख्या में घायलों को LNJP अस्पताल ले जाया गया। मौके पर दमकल की सात गाड़ियां और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम भी पहुंच चुकी है। अभी तक विस्फोट के पीछे का कारण पता नहीं चला है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा ?
स्थानीय निवासी राजधर पांडे ने बताया, “मैंने अपने घर से आग की लपटें देखीं और नीचे आकर देखा तो एक ज़ोरदार धमाका हुआ था। मैं पास में ही रहता हूँ।”
एक दुकानदार ने कहा, “मैंने अपने जीवन में इतना तेज़ धमाका कभी नहीं सुना। धमाके की वजह से मैं तीन बार गिर पड़ा। ऐसा लगा जैसे हम सब मर जाएंगे।”
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “जब हम मौके पर पहुँचे, तो सड़क पर शवों के अंग बिखरे पड़े थे। कोई समझ नहीं पा रहा था कि क्या हुआ। कई कारें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।” उसने आगे कहा, “जब हमने सड़क पर किसी का हाथ देखा, तो हम स्तब्ध रह गए। यह दृश्य बहुत डरावना था, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
गृह मंत्री अमित शाह ने किया घटनास्थल का दौरा:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस महानिदेशक के साथ विस्फोट स्थल का दौरा किया। घटनास्थल पर जाने से पहले उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रारंभिक जानकारी दे दी है और कल सुबह गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, ताकि विस्फोट की पूरी जानकारी हासिल की जा सके।
इससे पहले अमित शाह लोक नायक अस्पताल पहुंचे और वहां दिल्ली पुलिस के पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विस्फोट के पीड़ितों से भी मुलाकात की और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हमारी एजेंसियां जल्द ही विस्फोट के कारणों का पता लगा लेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर एक पोस्ट में मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
विस्फोट के कारणों की जाँच जारी:
अधिकारियों ने इलाके को घेर लिया है और फोरेंसिक टीमें विस्फोट के कारणों की जांच कर रही हैं। घटना के बाद दिल्ली, धार्मिक स्थल और उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। दिल्ली पुलिस ने जांच के दौरान आतंकवाद विरोधी कानून, जिसमें गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम भी शामिल है, लागू किया है।
जांच में कहाँ तक पहुँची दिल्ली पुलिस ?
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को उस हुंडई i20 कार के मालिक मोहम्मद सलमान को हिरासत में लिया, जिसमें लाल किले के पास विस्फोट हुआ था। वह हरियाणा के गुरुग्राम का निवासी है। पुलिस के अनुसार, सलमान ने अपनी कार ओखला में देवेंद्र नाम के व्यक्ति को बेची थी। कार उसके नाम पर पंजीकृत थी और हरियाणा की नंबर प्लेट थी।
पुलिस ने बताया कि बाद में यह कार अंबाला में किसी और को बेच दी गई थी और अब पुलिस उन सभी लोगों का पता लगा रही है। दिल्ली पुलिस गुरुग्राम पुलिस के साथ मिलकर सलमान से कार और उसके मालिकों के बारे में पूछताछ कर रही है।
हमले की सुबह फरीदाबाद में पकड़ा गया था विस्फोटक:
हमले की सुबह, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से फरीदाबाद में एक बड़ी कार्रवाई की गई। इस दौरान करीब 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई, जिसमें रसायन, ज्वलनशील पदार्थ और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट शामिल थे।
पुलिस के अनुसार, यह सामान दो डॉक्टरों का था — पुलवामा के मुजम्मिल अहमद गनई और काजीगुंड के अदील मजीद राथर। दोनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े एक “अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क” का हिस्सा थे। पुलिस ने बताया कि फरीदाबाद के धौज इलाके से 358 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट भी बरामद किया गया। तलाशी के दौरान AK-47 राइफल, एक बेरेटा पिस्तौल और AK-56 राइफल समेत कई हथियार भी मिले।
विस्फोट के बाद अन्य राज्य भी हाई अलर्ट पर:
लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके के बाद उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि सभी जिलों में पुलिस को सतर्क रहने और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। लखनऊ समेत कई इलाकों में गश्त और जांच तेज कर दी गई है।
महाराष्ट्र, उत्तराखंड, बिहार, चंडीगढ़, केरल और हरियाणा में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने और सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। बिहार में प्रमुख स्थानों पर जांच बढ़ाई गई है, जबकि चंडीगढ़ और केरल में भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हरियाणा में सभी जिलाधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने को कहा गया है।
अन्य देशों की प्रतिक्रिया:
- अमेरिका: अमेरिका ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर अपने नागरिकों को मदद देगा। उसने धमाके को “भयावह” बताया और प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों को लाल किला और आसपास के इलाकों से दूर रहने की सलाह दी।
- ब्रिटेन: ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरन ने पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए नई यात्रा सलाह जारी की।
- यूरोपीय संघ: यूरोपीय संघ के राजदूत ने कहा कि वे पीड़ित परिवारों के साथ हैं और इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया।
- फ्रांस: फ्रांस ने पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
- जापान: जापान ने विस्फोट को “अक्षम्य आतंकवादी कृत्य” बताया और इसकी कड़ी निंदा की।
- ईरान, मिस्र और श्रीलंका: तीनों देशों ने भारत सरकार और जनता के प्रति गहरी संवेदना जताई। श्रीलंका ने कहा कि वह भारत के साथ एकजुटता में खड़ा है।
- अर्जेंटीना और रूस: अर्जेंटीना ने पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जताई, जबकि रूस ने यह जांच शुरू की है कि क्या कोई रूसी नागरिक प्रभावित हुआ है।
निष्कर्ष:
लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ यह विस्फोट राजधानी दिल्ली के लिए एक गंभीर सुरक्षा चेतावनी साबित हुआ है। घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि आतंकी और आपराधिक तत्व किस हद तक पहुँच सकते हैं। फिलहाल जांच एजेंसियां इस विस्फोट के हर पहलू की गहन जांच में जुटी हैं, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं।
